उर्मिला भाभी लखनऊ वाली-1

बदनाम 2013-10-11 Comments

रोहित पुणे वाले

बात अभी कुछ ही दिनों पहले की है, मैंने एक वयस्कों की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन किया था और वहाँ सभी के साथ अपनी कहानियों एंड वीडियो को शेयर किया।

कुछ ही दिनों में मुझसे कई लोगों ने बात की। ज्यादातर उसमें मुझसे मेरी दोस्तों का नम्बर या ईमेल माँगते थे। माफ़ करना दोस्तो, आप सब भी यह समझ सकते है कि यह मुमकिन नहीं है।

हम सभी को एक दूसरे की इज़्ज़त का ख्याल रखना होता है। अगर उसने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए तो यह ज़रूरी नहीं होता कि वो एक रंडी है। उम्मीद है आप सभी भी मेरी बात से सहमत होंगे।

खैर वापिस कहानी पर आते हैं। कुछ ही दिनों में मुझे 2-3 शादीशुदा भाभी और कुछ लड़की ने भी जोड़ा। उसमें से एक लखनऊ से थी, उमर होगी कोई 38 साल की।

उनसे बात करने के बात पता चला कि वो एक बड़े ही अच्छे घराने से ताल्लुक रखती हैं और मुझ से बात करने के बारे में उनके पति को भी मालूम था।

उन्होंने मुझे बताया कि कैसे उन्होंने अपनी जवानी का लंबा हिस्सा एक शरीफ लड़की की तरह बिताया था और शादी के बाद पूरे घर की सेवा में। लेकिन अब इस उमर में उनके पति थोड़े ढीले हो गये हैं और उन दोनों का सोचना है कि अब जिंदगी में थोड़ी मस्ती करनी चाहिए।

पूरी जिंदगी एक सीधा-साधा जीवन बिताने के बाद जब उन्होंने आज की दुनिया के वीडियो देखे और कहानियाँ पढ़ीं, तो उन दोनों के मन में भी कुछ नया करने की इच्छा हुई, लेकिन इन सबमें उन्हें अपनी इज़्ज़त का ख्याल रखने की भी बड़ी चिंता थी।

उन दोनों का नाम था उर्मिला और सत्येन्द्र। मेरी उनसे रोज बातें होने लगीं।

थोड़ी ही बातें करने के बाद मैंने उनसे उनका कैम देखने के लिए कहा लेकिन उन दोनों ने मना कर दिया।

जब मैंने उन्हें समझाया कि बहुत से लोग नकली आईडी बनाकर परेशान करते हैं। मैं बस यह यकीन करना चाहता हूँ कि आप दोनों सच में एक युगल हो। उन्होंने मेरी बात को समझा और अगली रात में उन्होंने मुझे अपना कैम दिखाया, और तस्वीरें भी।

मैंने पहली बार उर्मिला को देखा। लाल साड़ी में किसी शादी समारोह की फ़ोटो थी। करीब 5’4″ की लंबाई और बहुत सुंदर लग रही थी, उस साड़ी में वो एकदम सीधी-साधी दिख रही थी।

पूरे शरीर को साड़ी से अच्छी तरह ढक रखा था। देख कर लग ही नहीं रहा था कि ये उर्मिला कभी कुछ ग़लत काम के बारे में सोच भी सकती है।

उस दिन के बाद मेरी उर्मिला से काफ़ी बातें हुई। उसने मुझे बताया कि सत्येन्द्र को इन सबमें अब कोई रुचि नहीं बची, और उन्होंने मुझे पूरी आज़ादी दे दी है।

कुछ ही दिनों में हम दोनों ने वीडियो चैट्स करनी शुरू कर दी। वो देर रात ही ऑनलाइन आती थी, क्योंकि उन्हें घर के सभी लोगों के सोने के बाद ही वक्त मिलता था।

मैं उनके व्यक्तित्व का कायल सा हो गया। कुछ ही दिनों में हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। हमारे बीच सेक्स के बारे में कभी बात नहीं होती थी।

हम दोनों देवर-भाभी की तरह मज़ाक मस्ती करने लगे। मैं उनको दोहरे मतलब वाले मज़ाक से छेड़ता था और वो भी उतनी ही मस्ती से मुझे छेड़ती थी।

कुछ दिन यूँ ही बीत गए। अब मेरे दिल में भी उनसे मिलने की इच्छा हो रही थी, लेकिन मैं पुणे में वो लखनऊ में, फासला बहुत था।

एक दिन मैंने उनसे मिलने की इच्छा जताई तो वो भी बोलीं- मिलना तो मैं भी चाहती हूँ लेकिन मुझे बहुत डर लगता है। एक अजीब सा डर लगता है। इन सब के बारे में कहीं ग़लती से भी किसी को पता चल गया तो मेरा क्या होगा? मैं तो जीते जी मर जाऊँगी।

मैंने भी उनकी बात समझी और बोला- जब आपको लगे कि आप मिलना चाहती हो। आप बता देना, हम ज़रूर कुछ सोचेंगे। और यकीन कीजिए मैं एक समझदार आदमी हूँ और आपकी दिक्कतें समझता हूँ।

कुछ ही दिन बीते थे कि एक दिन उन्होंने मुझ से मेरा मोबाइल नंबर माँगा। कुछ ही देर में मुझे एक कॉल आया। उठाया, तो उधर से कोई आदमी को आवाज़ आई।

ये सत्येन्द्र जी थे। मेरी उनसे काफ़ी देर तक बात हुई। बड़े ही गंभीर किस्म के आदमी थे। बातों से यूँ लग रहा था, मानो मुझे परख रहे थे कि यह आदमी भरोसे के काबिल है या नहीं।

बात ख़त्म हुई और 1-2 दिन बाद ही मुझे फिर से उनका कॉल आया। उन्होंने मुझसे मिलने की इच्छा जताई।

मैंने भी हाँ कर दी। लेकिन अब दिक्कत यह थी कि मैं पुणे में रहता हूँ और वो दोनों लखनऊ में।

आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी बताना ज़रूर।

कहानी जारी रहेगी।

 

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