सोनू से ननदोई तक-5
(Sonu Se Nanadoi Tak-5)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left सोनू से ननदोई तक-4
-
keyboard_arrow_right सोनू से ननदोई तक-6
-
View all stories in series
जैसे कि मैंने अन्तर्वासना पर पिछले भाग में बताया :
उन्होंने एक नेपकिन पर अपने मोबाइल नंबर लिख मेरे पाँव में फेंक दिया, मौका देख कर मैंने उठा लिया।
वो खुश होकर दोबारा नाचने लगे।
मैं लग ही इतनी पटाखा रही थी !
क्या करूँ ! भगवान ने ऐसे मम्मे दिए जिन्हें देख बुड्ढे का लौड़ा खड़ा हो जाए।
जवानी चढ़ी थी, मैं उठकर बाहर निकल गई हाल से बाहर पार्क में !
बाथरूम जाने के लिए निकली थी, वो भी मेरे पीछे पीछे आने लगे।
मुझे डर था कि कहीं माँ ना देख ले। उनके पास खड़ा होना भी खतरे भरा था। वो कार स्टैंड की तरफ चल पड़े, उनके पास बड़ी कार थी। उसमें बैठ कर मुझे बुलाने लगे। चाहते हुए भी मैं नहीं जा पा रही थी। फ़िर मौका देख भाग कर कार में बैठ गई।
क्या कार थी वो ! आलीशान कार !
दोनों ने पी रखी थी।
हाँ ! क्यूँ बुलाया मुझे ?
एक कार चलने लगा, दूसरे ने मेरी कमीज़ उतार दी।
बोले- तेरी जवानी का मजा लेने के लिए !
छोड़ दो ! मुझे क्या समझ रखा है?
साली, अब नखरे छोड़ दे !
वो मेरे मम्मे दबाने लगा। उसने ब्रा का हुक भी खोल दिया मेरे कबूतर फड़फड़ा कर बाहर निकल आये। वो मेरा चुचूक चूसने लगा।
देखो, वहाँ मेरी माँ देख रही होगी कि कहाँ चली गई ! प्लीज़ मुझे जाने दो ! कल मिल लेना !
उसने लौड़ा निकाल लिया।
हाय यह कितना बड़ा है !
चूस दे रानी ! चल आज सिर्फ चूस दे !
कार एक खाली जगह में लगा दी, बोले- हम जर्मनी में रहते हैं, वहाँ यह सब होता है।
वो दूसरे वाले ने भी लौड़ा निकाल लिया कभी एक मुँह में देता, कभी दूसरा देता। दोनों के बड़े-बड़े लौड़े थे, मैं जल्दी-जल्दी चूसने लगी। वो मेरे चुचूकों को चुटकी से मसल रहे थे, दोनों ने मुझ से खूब लौड़े चुसवाये और मुझे दबाया-मसला।
हम अगले दिन मिलने का कह वापस आ गये।
अगले दिन वो मुझे होटल में लेकर गए और पूरा दिन चोदा, मोटे-मोटे लौड़ों से चोदा। उन्होंने मुझे बीयर पिला दी, नशे में दबाकर चोदा।
एक ने कहा कि उसकी तरफ पीठ करके उसके लौड़े पर बैठूं, उसने लौड़ा मेरी गांड के छेद पर टिकाया।
यह कहाँ?
साली, तेरी गांड में ! वो मर्द क्या जो लड़की का हर छेद ना छेदे !
गीला कर लो !
उसने थूक से गीला किया और गांड में घुसा दिया। दूसरे को बोला- तू इसकी फुद्दी मार !
नहीं ! कमीनो मारोगे मुझे ?
शट अप ! चल आ तू इसके ऊपर !
वो लौड़ा हिलाता हुआ आया और मेरी फुद्दी पर रख दिया, हलके से झटका दिया तो लौड़ा घुसने लगा।
यह पहला मौका था कि मेरे दोनों छेद चुद रहे थे।
कमीनो, मेरी शादी होने वाली है ! पहली रात पकड़ी जाऊंगी, तुम दोनों के घोड़े जितने मोटे लंबे हैं ! क्या करूंगी मैं ?
बोले- डर मत ! हमारे पास एक जैल है, उसको रात सोने से पहले ठीक से ऊँगली से अपनी फुद्दी पर लगा कर थोड़ी फुद्दी की फ़ांको में लगा लेना।
कब दोगे?
जब अगली बार अपनी फुद्दी देने आओगी।
आज तो पूरी फाड़ दी ! अभी कसर है कोई ?
उस दिन तो दोनों ने मेरी हालत बहुत पतली कर दी थी।
जाने से पहले एक बार तो तुझे आना होगा ! हमारी परसों शाम की फ़्लाईट है !
मैं उस दिन मिलने गई, उन दोनों ने मुझे खूब चोदा और जाते हुए एक जैल दी। रोज़ मालिश करने से फर्क दिखा, फुद्दी में कसाव लौटने लगा। मेरी शादी तय हो गई।
माँ बोली- करमजली ! अब लड़कों के साथ ख़ाक मत खाना !
सभी कार्यक्र्म निश्चित हो गए। मैंने जिस पार्लर में शादी वाले दिन तैयार होना था, उसने मुझे शादी से पहले दो बार प्री-ब्राईडल के लिए बुलाया।
सोनू को पता चल गया कि मैं घर से निकलने वाली हूँ। वो मिंटू को साथ लेकर पार्लर पहुँच गया, उसको ज्यादा पैसे देकर दोनों मुझे पिछले कैबिन में लेजा कर सहलाने लगे।
साली शादी करवा रही है? हमारा क्या होगा? हमें क्यूँ नहीं बताया रंडी साली ! जल्दी से नंगी होकर हमें अपनी चिकनी चिकनी हुई फुद्दी दिखा और हमारे लौड़ों से खेल ! कुतिया कहीं की ! तुझे हम कभी नहीं छोड़ने वाले ! मायके आकर हमें ही पति बनाएगी।
चल कमीना कहीं का ! मुझे नहीं मरवानी आज ! सुहागरात पर उसके लिए भी कुछ रखना है !
तेरी माँ की चूत !
दोनों मुझ पर टूट पड़े, कुछ ही पलों में उनके लौड़े मेरे मुँह में थे। दोनों ने मुझे वहीं ठंडी कर दिया।
क्या करती, पहले खुद उनको मुँह लगाया था। मुझे तो यहाँ तक डर था कि कहीं काला भी मुझे चोदने के मूड में हो तो?
उधर सोहन भी शादी में शरीक होने वहाँ आने वाला था, बेचारी एक मेरी फुद्दी जैल से कितनी कसी रहेगी !
खैर वही हुआ भी !
एक रात मैं भाभी के पास सो रही थी शादी से तीन दिन पहले !
रात को मेरी रजाई में मैंने किसी को पाया, उसने दबी आवाज़ में कहा- मैं हूँ काला ! चुप रह !
यहाँ क्यूँ आये हो? मैं धीरे से बोली।
रात के दो बज रहे हैं ! घोड़े बेच सो रहे हैं सभी !
बाकी अगले भाग में !
पढ़ना मत भूलना।
आपकी चुदक्कड़ नंदिनी
[email protected]
What did you think of this story??
Comments