सोनिया की सहेली-2
प्रेषक : शिमत
सोनिया मुझ से चुद कर अपनी सहेली ॠचा से बात करवाने का वायदा करके चली गई।
अगले दिन सोनिया का फ़ोन आया मेरे पास और मुझे एक काफ़ी शॉप में आने को कहा।
मैं भी चला गया एकदम बन-ठन कर !
मैंने वहाँ देखा कि वहाँ पर सोनिया और ऋचा दोनों थी।
सोनिया ने मेरा परिचय ऋचा से करवाया, बोली- यह शिमत है मेरी भाभी के भाई !
तो ऋचा बोली- मुझे पता है, कल ही तो गई थी मैं इनके घर !
मैं बोला- आप वहाँ पर कुछ बोली ही नहीं ?
तो ऋचा बोली- आप भी तो नहीं बोले मुझ से?
तो मैंने कहा- मुझे लगा कि आपको शायद हमारा घर पसंद नहीं आया या शायद हम पसंद नहीं आये !
तो वो बोली- ऐसी कोई बात नहीं है ! मैं तो बस ऐसे ही चुप थी।
तो मैंने इशारे से सोनिया को जाने के लिए कहा तो वो बोली- मैं अभी आती हूँ थोड़ी देर में ! मुझे कुछ काम याद आ गया !
और वो वहाँ से चली गई।
तो मैंने ऋचा से पूछा- आप क्या लेना चाहोगी?
वो बोली- कोल्ड काफ़ी और कुछ खाने के लिए !
तो मैंने आर्डर दे दिया और ऋचा से बातें करने लगा।
मैंने पूछा- आप कोई जॉब करती हैं क्या? तो वो बोली- हाँ, मैं एक कंपनी में सहायक मैनेजर हूँ।
मैंने कहा- अच्छी बात है !
तो वो बोली- मैं तो बस आगे पढ़ना चाहती थी लेकिन घर में काफी परेशानी थी इसलिए मुझे नौकरी करनी पड़ी। मैंने कहा- कोई बात नहीं ! आज कल नौकरी वाले भी पढ़ सकते हैं ! तुम भी आगे पढ़ सकती हो।
वो बोली- मैं इस बार फॉर्म भरूंगी।
मैंने कहा- ठीक है।
मेरे दिमाग मैं तो बस ऋचा की चूत घूम रही थी, मैंने अपना मोबाइल नीचे गिरा दिया ऋचा की टाँगें देखने के लिए।
मैंने देखा : क्या चीज़ थी यार वो ! उसने मुझे शायद देख लिया था या पता नहीं मुझे ऐसा कुछ लगा।
फिर मैंने कहा- आप इतनी खूबसूरत हैं ! मॉडलिंग में क्यों नहीं कोशिश करती?
तो वो बोली- इतनी भी खूबसूरत नहीं हूँ मैं !
मैंने कहा- मैं कह रहा हूँ ना ! सच में !
वो बोली- यार, ये सब फ़ालतू की बातें छोड़ो और यह बताओ कि तुम्हारा कॉलेज कैसा है?
मैं बोला- अच्छा है !
तो वो बोली- तुम्हारी कितनी गर्ल फ़्रेंड हैं?
मैं बोला- एक भी नहीं !
वो बोली- झूठ मत बोलो ! एक तो जरूर होगी !
मैं बोला- कभी जरूरत ही नहीं हुई !
वो बोली- क्यों ? ऐसे क्यों बोल रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस ऐसे ही !
वो बोली- मुझे सोनिया ने सब कुछ बताया है कि तुम और सोनिया एक साथ क्या करते हो।
तो मैंने कहा- की इसमें क्या गलत है?
तो वो बोली- नहीं, मैं ऐसा कुछ नहीं कह रही हूँ।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, यह सब चलता रहता है ! कोई बड़ी बात नहीं है।
तो वो बोली- तुमने आज तक कितनी बार किया है?
मैंने कहा- पता नहीं ! वो बोली- क्या बात है ! तुम तो प्ले बॉय बन गए हो !
मैंने कहा- कुछ नहीं ! जिंदगी बहुत छोटी है ! बस मज़े करो !
फिर मैंने ऋचा से पूछा- तुमने कभी किया है क्या?
तो वो बोली- नहीं !
मैंने कहा- क्यों झूठ बोल रही हो?
तो वो बोली- मैं झूठ नहीं बोल रही हूँ।
मैंने कहा- मेरा अनुभव कह रहा है कि तुम झूठ बोल रही हो !
वो शरमा सी गई।
तो मैंने कहा- यार, अब हम दोस्त हैं ! कोई बात नहीं ! बता दो, तुम्हें भी मेरे बारे में पता है !
तो वो बोली- प्लीज, किसी को बताना ! मैंने एक बार किया था अपने चाचा के लड़के के साथ !
तो मैंने कहा- फिर क्या हुआ? मैंने भी तो अपनी ममेरी बहन को चोदा है !
तो वो एकदम हैरान रह गई और बोली- तुम तो बहुत छुपे रुस्तम निकले?
तो मैंने कहा- सब चलता है !
मैं बोला- अब तुम्हारा कभी दिल नहीं करता यह सब करने को?
तो वो शरमा कर बोली- करता तो बहुत है, पर क्या करूँ ! कण्ट्रोल कर लेती हूँ।
तो मैंने कहा- कण्ट्रोल करने की कोई जरुरत नहीं है, मैं हूँ ना ! जब भी दिल करे तो मैं आ जाऊंगा।
तो वो बोली- आज रात को ही मेरे घर वाले बाहर जा रहे हैं, आज आ सकते हो तो मेरे घर आ जाओ !
तो मैंने कहा- ठीक है !
इतने में सोनिया आ गई और बोली- क्या हो रहा है?
मैं बोला- कुछ नहीं ! आज रात का कार्यक्र्म तय किया जा रहा है !
तो वो बोली- मैं भी आऊँगी ! मुझे मत भूलना !
तो मैंने कहा- ठीक है ! हम तीनों रात को मिलते हैं ऋचा के घर !
मैंने ॠचा से उसके घर का पता लिया। फिर मैं रात को ऋचा के घर गया वहाँ पर सोनिया और ऋचा दोनों थी। मुझे देखते ही सोनिया ने भाग कर मुझे पकड़ लिया और कहा- पहले मेरा नंबर है !
तो मैंने कहा- सोनिया, तुम कल सुबह भी नंबर लगा चुकी हो ! अब ऋचा की बारी है ! फिर इसके बाद तुम्हारी !
ऋचा चौंक गई और बोली- सोनिया को तुमने कल घर पर भी किया था क्या?
मैं बोला- हाँ !
तो फिर सोनिया नाराज़ होकर बोली- मैं जा रही हूँ।
मैंने कहा- कोई बात नहीं ! मैं दोनों को एक साथ करूँगा।
सोनिया खुश हो गई और बोली- ठीक है, जल्दी करो ! मेरा मन बहुत कर रहा है !
मैंने कहा- सब्र करो…..
फिर मैंने पहले ऋचा के होंटों को चूमना शुरू किया, दोनों के होंठ ऐसे जुड़ गए कि छूटने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूस रहा था,
फिर मैंने अपनी जीभ से उसके सारे बदन को चाटना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मैं उसकी चूत तक पहुंच गया। क्या मुलायम चूत थी !
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी और जोर-जोर से चाटने लगा। फिर मैंने उसके हाथों को पकड़ा और उसके मम्मों को चूसने लगा।
“आहाऽऽ… आऽऽ.. आआह… आह… ऐसे आवाज निकल रही थी उसके मुँह से !
इतने में सोनिया बोली- मेरे साथ भी करो !
तो मैंने तुरंत अपने होंठ उसके होंठो से मिलाये और चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसको नंगी किया और अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और चाटना शुरु कर दिया।
वो सिसकारिययाँ लेने लगी, वो आआअ ईईई सीईइस्स्सीईईइ ऊउईइ ऊऊऊऊओ कर रही थी।
और मैं जोर-जोर से चाटने में लगा हुआ था। फिर मैंने उसकी गांड को चाटना शुरू कर दिया। वो तो एकदम पागल सी हो गई और बोली- मुझे चोद दे ! नहीं तो मैं मर जाऊँगी !
मैंने भी देर न करते हुए अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर रख दिया और हल्का सा धक्का मारा तो मेरा लौड़ा सोनिया की चूत में था और मेरा मुँह ऋचा की चुत पर !
फिर मैंने ऋचा की गांड को चाटना शुरू कर दिया।
क्या मस्त गोरी गांड थी यार !
मैं तो बस पागल की तरह ऋचा की गांड चाट रहा था।
फिर मैंने अपना लौड़ा ऋचा की चूत में डाल दिया और अपना मुह सोनिया की चूत में !
अब मैंने जोर-जोर लण्ड को अन्दर-बाहर करना शुरु किया। उसे बहुत मजा आ रहा था, वो अपनी गाण्ड उठा-उठा कर चुदाई का मजा लूट रही थी।
उसके मुँह से ओह्ह्ह्ह ऊऊऊऊ यस्स्स आआअ सीईईई आह आह आह्ह्ह्ह निकल रही थी। फिर ॠचा कुछ ढीली होने लगी तो मैंने अपना लौड़ा फिर से सोनिया की चूत में घुसा दिया और जोर-जोर से झटके मारने लगा।
फिर मैं भी कुछ ढीला हो गया था और मेरा वीर्ये छुटने वाला था।
मैंने कहा- मेरा छुटने वाला है !
तो सोनिया बोली- मेरे ऊपर छोड़ना !
मैंने कहा- कोई बात नहीं ! मैं दोनों पर छोड़ देता हूँ। फिर मैंने दोनों पर छोड़ दिया और ढीला हो गया, उस रात को हमने तीन बार किया और जिंदगी का मज़ा लिया।
आगे क्या हुआ अगली कहानी में बताऊंगा।
मुझे अपने जवाब भेजते रहिएगा।
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