सर की बीवी

मैं आप सब के सामने पहली बार एक स्टोरी पेश करने जा रहा हूं।
उम्मीद है यह स्टोरी मेरे सभी पढ़ने वालों को बेहद पसंद आयेगी।
और खास कर लड़कियों और आंटियों को।

तो सबसे पहले मैं अपना परिचय दे दूं।
मैं रोहित कोलकाता, बंगाल से.

मुझे क्लास 10 से ही सेक्स करने की इच्छा बहुत ज़ोर की थी।
मैं हमेशा एक शादीशुदा औरत के साथ ही पहली बार सेक्स करना चाहता था क्योंकि वे बहुत एक्सपेरिएंस और सहयोगी होती हैं।

बात उस समय की है जब मैं 12वीं में पढ़ा करता था।

मैं अंगरेजी के ट्यूशन के लिये एक सर के घर जाता था।
हम लड़के 5 दोस्त एक साथ जाते थे।

टीचर हम सब को दोपहर 3 बजे बुलाते थे और 5 बजे छोड़ते थे। हम लोग रोज ट्यूशन जाते थे।

सर भी शादीशुदा थे और सर की बीवी एकदम मस्त थी और बहुत ही खूबसूरत थी।
जिस दिन से मैंने उसे देखा था, मैं बस उसी के बारे में सोचता था।

उसका नाम रूपा था।
वो एक बंगाली टीचर था।

मैं आपको बता दूं कि रूपा हर दोपहर अपने बेडरूम में सोती थी और सर हमें हॉल में पढ़ाते थे।
उसके उठने का समय शाम साढ़े चार बजे का था।
वो हर रोज सोकर उठती थी और गाउन पहन कर बाथरूम के लिये जाती थी जो एक कोमन बाथरूम था हॉल में।

हम जहां पढ़ते थे वो प्लेस बाथरूम के जस्ट पास ही था। और वो टोइलेट करती थी तो उसका मूत इतना प्रेशर के साथ निकलता था कि उसकी आवाज़ हमारे कानों तक जाती थी।
बस यही तमन्ना मन में होती थी कि एक बार उसके साथ सेक्स करने को मिल जाये तो ज़िंदगी हसीन हो जाये।

ऐसे ही दिन गुज़रते गये, और कुछ दिन बाद हमारे सर जो वहां के एक स्कूल में टीचर थे, उनका ट्रांसफ़र हो गया।

तभी सर ने हमें कहा कि उनका ट्रांसफ़र हो गया है इस लिये हम किसी और टीचर का बंदोबस्त कर लें।

फ़िर सर ने एक ओप्शन और रखा कि उनकी बीवी भी वोही सब्जेक्ट पढ़ाती है, अगर हम चाहे तो उनसे ट्यूशन ले सकते हैं।
क्योंकि सर का ट्रान्सफर टैमपरेरी बेसिस पर हुआ था और उन्हें अभी फ़ैमिली ले जाने का ओर्डर और फ़्लैट नहीं मिला था इसलिये सर अकेले जा रहे थे।

मेरे सभी दोस्तों ने मना कर दिया और दूसरे टीचर को ज्वोइन कर लिये।

मगर मैं रूपा मैडम से ट्यूशन लेने को राजी हो गया।
सर ने भी मुझे थेंक्स कहा।

जब सर जाने लगे तो उन्होने मुझे कुछ बाते बताईं कि मैं अपनी टीचर का ध्यान रखुं, अगर उन्हे कोई चीज़ चाहिये तो उन्हे ला दूं।
और मैंने सर को भरोसा दिलाया कि मैं ऐसा ही करुंगा।

फ़िर सर चले गये।

मैडम घर में एकदम अकेली।
उनको कोई बच्चा भी नहीं था।

फ़िर मैं मैडम से ट्यूशन लेना शुरु कर दिया और कुछ ही दिन में मैं मैडम का दोस्त भी बन गया और मैडम मेरी दोस्त बन गयी।

मैं मैडम का बहुत ख्याल रखता था और मैडम मुझे एक स्टुडेंट की तरह बहुत प्यार भी करती थी।

धीरे धीरे 1 महीना बीत गया।

फ़िर एक दिन मैंने मैडम से कहा- मैडम आपको सर की याद नहीं आती?
मैडम ने कहा- याद तो बहुत आती है मगर कोई और रास्ता भी तो नहीं है।

फ़िर मैंने मैडम को हिम्मत करके कहा- मैडम एक बात पूछूं?
तो मैडम ने कहा- तुम मुझसे कुछ बोलो उससे पहले मैं तुम्हें एक बात बोलना चाहती हूं।

मैडम ने कहा- जब हम दोनों एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हैं और दोस्त भी हैं तो फ़िर आज से तुम मुझे मैडम नहीं बल्कि रूपा बोलोगे। और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर में ही तो रहते हो इसलिये मुझे मैडम सुनना अच्छा नहीं लगता।” मैं राज़ी हो गया।

फ़िर रूपा ने कहा कि तुम कुछ पूछ रहे थे तो मैंने बहुत हिम्मत कर के कहा कि रूपा …। फ़िर मैं चुप हो गया और आधी बात में ही रुक गया।
तो रूपा बोली- क्या बात है?
और मैंने कुछ नहीं कहा।

फ़िर उसने मुझे अपनी कसम दी और बोली- कहो ना … नहीं तो मुझसे बात मत करना और मुझसे ट्यूशन भी मत पढ़ने आना।
मैंने फ़िर कहा- तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
तो उसने कहा- नहीं!

फ़िर मैं बोला- तुम्हें क्या सेक्स करने का मन नहीं करता।
ऐसा केहने पर रूपा चुप हो गयी और मेरी तरफ़ आश्चर्य से देखी।
मैं डर गया था और मैंने उसे सोरी कहा.

तो उसने कहा कि तुम्हें सोरी नहीं बल्कि मुझे तुम्हें थैंक्स कहना चाहिये। तुम्हें मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ख्याल नहीं। और उसने मुझे मेरे गाल पर एक किस दिया। फ़िर हमने साथ में डिनर किया और मैं अपने घर चला गया।

कुछ दिन बाद, मैं एक दिन रूपा के घर गया मगर वो घर में दिखाई नहीं दे रही थी।
मैं हर एक रूम देख रहा था मगर वो कहीं नहीं थी.

फ़िर मैंने एक बाथरूम का दरवाजा खोला और मैंने वो देखा जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था।

बाथरूम का दरवाजा लोक नहीं था और जैसे ही मैंने गेट खोला तो देखा कि रूपा अपने बाथरूम के कमोड पेन में बैठी थी।
उसका गाउन, ब्रा और पेंटी पास ही में रखी थी।

वो एक दम न्युड थी और उसने अपने लेफ़्ट हैंड की तीन उंगलियां अपनी चूत में घुसा रखी थी और राइट हैंड से अपनी चूची को दबा रही थी।
उसकी आंखें बंद थी और वो मज़ा ले रही थी।

मैं करीब 5 मिनट तक बिना कुछ कहे उसे देखता रहा।

मेरा लंड पूरा खड़ा और हार्ड हो गया था और मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे चोद दूं।
मगर मैंने अपने आप को सम्भाल कर रखा।

कुछ देर बाद मैंने कहा- रूपा … यह क्या?
रूपा बिल्कुल डर गई और अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने गाउन से अपने जिस्म को ढकने लगी और मेरी तरफ़ देखती हुई अपने रूम में चली गयी।

मैं हॉल में एक सोफ़े पर बैठ गया।

कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आयी और मेरे पास बैठ गयी और कहने लगी- तुम्हें क्या पता एक शादीशुदा औरत इतने दिन अपने पति के बगैर कैसे रह सकती है। सेक्स तो हर एक को चाहिये!
और ऐसा कह कर मुझ से लिपट कर रोने लगी।

मैंने उसे सम्भाला।

फ़िर उसने मुझे यह बात किसी से नहीं कहने को कहा, उसके पति से भी नहीं।
मैं राज़ी हो गया।

फ़िर मैंने कहा- अगर तुम्हें सेक्स की इतनी ही चाहत है तो मैं तुम्हारी यह चाहत पूरी कर सकता हूं।

ऐसा कहने पर वो और ज़ोर से मुझसे लिपट गयी और मुझे फ़िर से एक चुम्मी दी और कहा- सच? क्या तुम मुझे प्यार करोगे। और मेरे पति को भी नहीं बताओगे। तुम कितने अच्छे हो।

ऐसा कह कर वो मुझे चूमने लगी और मैं भी उसे कस कर अपनी बाहों में दबाने लगा।

कुछ देर तक हम वैसे ही रहे।

फ़िर मैं जाने के लिये उठने लगा तो उसने कहा- कहां जा रहे हो? और मुझे कब प्यार करोगे।
मैंने कहा- मैं शाम को 8 बजे आउंगा।

और फ़िर मैं चला गया।

मैं शाम को उसके घर पहुंचा और अंदर गया तो देखा कि उसने एक बहुत ही सुंदर ट्रांसपेरेंट साड़ी पहन रखी है।
उसकी बड़ी बड़ी चूची उसके ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रही थी।
उसका पेट पूरा दिखाई दे रहा था।

क्योंकि वो शादी शुदा थी, उसका जिस्म पूरा हरा भरा था।
और मुझे ऐसी ही औरत अच्छी लगती थी।
उसकी कमर बड़ी बड़ी थी और गोल भी थी।
वो पूरी गोरी नहीं थी पर उसका रंग बहुत ही मस्त था।
वह बहुत ही सुंदर और गरम औरत थी।
उसका होंठ बड़े बड़े और आंख मोटी मोटी थी।
उसकी उंगली लम्बी लम्बी थी।

वो सर से पैर तक चोदने लायक थी।
उसे देख कर ऐसा लगता था जैसे वो चुदवाने के लिये बिल्कुल तैयार है।

वो मुझे अपने कमरे में ले गयी और अपना बेडरूम लोक कर लिया।
उसके बाल खुले थे।

मैंने उसे कहा- आज मैं उसे हर तरह से खुश और उसकी सेक्स की गरमी को थंडा कर दूंगा।
वो मुस्कुरा कर बोली- चलो देखते हैं।

उसके ऐसा कहने पर मेरा लंड और गरम हो गया और मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होठों को चूमने लगा।

फ़िर मैंने उसे बेड पर बिठाया और उसके पेट पर अपना हाथ फ़ेरने लगा।
वो भी फ़िर जोश में आने लगी और मेरे सिर के बाल को सहलाने लगी।

मैंने उसकी चूचियों को अपने एक हाथ से जोर से पकड़ लिया और दबाने लगा।

वो पहले तो थोड़ा दर्द से कराहने लगी फ़िर शांत हो गयी.
और मैं उसे दबाता रहा और ऐसा करते करते उसके साड़ी के पल्लू को ऊपर से गिरा दिया और धीरे धीरे उसकी साड़ी खोल दी।
वो अपने लहंगे में और ब्लाउज में थी।

फ़िर उसने मेरे शर्ट और पैंट को उतार दिया।
मैं सिर्फ़ अंडरपैंट में था।

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर लेट गयी और मेरी छाती को चूमने और चाटने लगी।
उसके ऐसा करने पर मुझे लगा कि ये पूरी अनुभवी है।

और मुझे फ़िर उसके चूत की गर्मी का भी अंदाजा हो गया।

वो मुझे कुछ देर तक चूमती रही और कहा- तुम मेरी चूची का मज़ा नहीं लेना चाहते?
और ऐसा कहते कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया।

उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूची को देख कर मैं हैरान रह गया।
उसके निप्पल ब्राउन रंग की थे और उसकी चूची का रंग बिल्कुल गोरा था।

मैंने उसे एक बार में बेड पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर उसकी एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को दबाने लगा।
वो ज़ोर से आहैं भरने लगी और मुझे और ज़ोर से दबाने को कहा।
मैंने ऐसा ही किया।

उसने मेरे सिर को पीछे से पकड़ कर जोर से अपनी चूची पर रगड़ने लगी।
ऐसा लगता था जैसे वो अपनी पूरी चूची मेरे मुंह में भर देना चाहती हो।

कुछ देर बाद मैंने उसके लहंगे का नाड़ा खोल दिया और उसे उतार कर फ़ेंक दिया।
वो एक सुंदर फूलों वाली गुलाबी रंग की पेंटी पहनी हुई थी।

उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि अभी अपना गरम लंड उसकी चूत में घुसा दूं।
उसकी गोरी जांघे मोटी मोटी और अच्छी शेप में थी।

मैंने उससे पूछा- तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो?
तो उसने कहा- वो मुझे ज्यादा मज़ा नहीं देते। मेरी चूची को कुछ देर चूसते हैं और अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और कुछ ही देर में झड़ जाते हैं। मुझे तो झड़ने का मौका ही नहीं मिलता। तुमने मुझे जिस दिन बाथरूम में उंगली करते देखा था वो तो मैं उनके होते हुए भी करती हूं।

मैंने कहा- और कुछ नहीं करती हो।
उसने कहा- और होता ही क्या है?
तो मैंने उसे कहा- तुम्हें तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
उसने कहा- सच? अगर ऐसा है तो जल्दी करो न!

और ऐसा कहने पर मैंने उसकी पेंटी को धीरे धीरे उतार दिया।
मैंने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया था।

मैंने पहली बार किसी औरत की चूत को ऐसे देखा था।
उसकी चूत बिल्कुल कड़ी थी। उसपर हल्के हल्के ब्राउन रंग के बाल चारों तरफ़ थे।

मैंने फ़िर अपना अंडरपैंट उतारा तो मेरा भी मोटा और ७” लम्बा लंड देख कर वो बोली कि ऐसे लंड से चुदवाने का मज़ा मुझे पहली बार आयेगा।
मैंने कहा- इसे टेस्ट करना चाहोगी।
उसने कहा- मुझे घिन आयेगी।
तो मैंने कहा कर के तो देखो।

फ़िर मैंने उसे बिना कुछ कहे उसके दोनों पैर को चौड़ा किया और उसके पैरों के बीच बैठ कर उसकी चूत में एक चुम्मी दे दी।
ऐसा करने पर उसने कहा, तुम ऐसा मत करो। तुम्हें घिन आयेगी। मैंने कहा, इसी में तो सारा मज़ा है।

फ़िर मैंने उसे अपनी जीभ से चाटना शुरु किया और उंगली से उसको फ़ैलाने लगा।
ऐसा करने पर उसे बहुत दर्द हो रहा था।
उसने मुझे ऐसा नहीं करने को कहा मगर मैं कहां सुनने वाला था।
वो जोर जोर से सिसकियां भर रही थी और मैं पूरे जोर से उसके चूत को चूस रहा था।

उसकी चूत में एक बहुत ही सुंदर खुशबू आ रही थी। उसकी चूत बहुत गरम थी।
मैं करीब 15 मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा।

कुछ देर बाद उसे अच्छा लगने लगा।

मैंने उससे पूछा- अब कैसा लग रहा है?
तो उसने कहा- अब कुछ अच्छा लग रहा है।

मैंने फ़िर अपनी दो उंगली उसकी गरम चूत में घुसा दी मगर उसकी चूत इतनी कड़ी थी कि वो अंदर नहीं जा रही थी।
मैं आप सब को एक बात बता दूं। मैं बहुत सारी ब्लु फ़िल्म देखता हूं और मुझे मालूम है कि किस लड़की को किस तरह चोदना चाहिये। तो चूंकि उसकी चूत में मेरी उंगली नहीं जा रही थी तो मैंने उसकी चूत पर अपना थोड़ा सा मूत गिरा दिया।
उसने पूछा ये क्यों
तो मैंने कहा ये इसलिये ताकि तुम्हें दर्द नहीं हो। और ऐसा करने पर उसकी सूखी चूत गीली हो गयी और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गयी और मैं उसे जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा।
ऐसा करते करते उसका जिस्म काँपने लगा और उसने कहा कि तुम अपना मुंह और उंगली वहां से हटा लो, मैं अब झड़ने वाली हूं।
मैंने कहा मैं उसे पीना चाहता हूं इतना कहते कहते वो झड़ गयी और मैं उसके पूरे रस को पी गया और एक बूंद भी नहीं गिराया।

उसने कहा तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया है और मैं भी अब तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूं।
उसने भी मेरा लंड अपने मुंह में लिया और उसकी चमड़ी को पीछे करके उसके अंदर वाले सेंसिटिव पार्ट को अपने जीभ से रगड़ने लगी।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरा पूरा ७” लम्बा लंड अपने मुंह में लेना चाहती थी।
उसके चूसते कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था इस लिये मैंने अपना लंड उसके मुंह से निकालना चाहा मगर वो भी वही करना चाहती थी जो मैंने किया मगर मेरे थोड़ा तनने से मेरा लंड उसके मुंह से बाहर निकल गया और मैं वहीं झड़ गया और मेरा सारा रस उसके पूरे मुंह में पिचकारी की तरह छिटक गया, कुछ उसके होठों पर, कुछ उसके गाल पर और चारों तरफ़।

वो उस पूरे रस को अपने होठों और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी।
फ़िर उसने मुझे थेंक्स कहा और मेरे लंड को अपने होठों से चाट कर साफ़ कर दिया और अब मुझे अपना लंड चूत में घुसाने को कहा।
मैंने ऐसा ही किया।

मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसके चूत में घुसाने लगा मगर उसके घुसने से पहले ही वो चीख पड़ी।
फ़िर मैंने थोड़ा और जोर लगाया और ४” उसके चूत में डाला। उसका दर्द और बढ़ गया। वो और जोर से छटपटाने लगी और मुझे बस करने को कहा।
उसने कहा “मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ ५” का ही है और अब मैं तुम्हारा ९” लम्बा लंड कैसे घुसाउंगी।”
मैंने कहा तुम उसकी चिंता मत करो और एक और झटका लगाया और मेरा ७” लंड उसकी चूत में समा गया।
उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े मगर मैं रुका नहीं और धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
उसकी चूत बहुत गरम थी।
मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा।
कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी।
चूंकि हम दोनों अभी अभी झड़े थे इसलिये दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुम्किन नहीं था। इस लिये मज़ा और ज्यादा आने लगा। ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झड़ गयी। उसकी गरम चूत गीली हो गयी। और वो शांत पड़ गयी। मगर मैं रुका नहीं और मैं उसे चोदता रहा।
उसने मुझे अब रुकने को कहा मगर मैं रुका नहीं और अपना काम करता रहा।

लगभग १० मिनट के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा माल उसकी चूत में गिरा कर शांत हो कर उसकी बाहों में सो गया।
वोह मुझे चूमती रही और मेरे ऊपर लेट गयी।

कुछ देर बाद मैंने उसे कहा, अभी तो और एक मज़ा बाकी है।
उसने कहा वो क्या।
तो मैंने कहा, अभी मैं तुम्हारी गांड मारूंगा जिसमे तुम्हें बहुत मज़ा आयेगा।
उसे उसके बारे में कुछ नहीं मालुम था। उसे लगा इसमे भी बहुत मज़ा आयेगा और वो राज़ी हो गयी।
फ़िर मैंने उसे उसके बेड के एक कोने में कुत्ते की तरह खड़े होने को कहा और उसके दोनों हाथ बेड के ऊपर रख दिये। उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच में।

फ़िर मैंने उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया ताकि वो कुछ गीली हो जाये। फ़िर मैं अपने होठों से उसकी गांड चाटने लगा और उसे पूरी तरह गीली कर दिया।
उसे अच्छा लग रहा था।
फ़िर मैंने अपना लंड अपने हाथों में लेकर उसके गांड के छेद पर लगाया और अपने हाथों से पकड़ कर एक धक्का मारा।
मेरे धक्के मारते ही वो चीख पड़ी और कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने कहा थोड़ा सहन करो। पहली बार है ना। और फ़िर बार बार धक्का लगाता रहा, बार बार वो चीखती रही और बार बार मेरा लंड कुछ अंदर जाता रहा।
ऐसा करते करते मेरा लंड ४” अंदर चला गया।
उसने मुझसे रोते हुए उसे छोड़ देने को कहा।
मगर मैंने उसे समझाया कि बस कुछ देर बाद है उसे मज़ा आयेगा।

ऐसा कहने पर वो मान गयी और मैंने फ़िर एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लंड १.५” और अंदर ठेला।

ऐसा करते करते मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया और वो जोर जोर से सिसकियां भरने लगी।

फ़िर मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरु किया और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा।
फ़िर मैंने उसकी चूची को पीछे से पकड़ कर दबाने लगा और उसकी गांड भी मारने लगा।

ऐसा करते करते मैं फ़िर से झड़ गया और अपना पूरा रस उसकी गांड में दाल दिया और फ़िर उसे बेड में लेकर लेट गया और उसकी चूची चूसने लगा।

फ़िर मैं बेड पर लेट गया और उसे मैंने अपने लंड पर बैठाया और रूपा ने धीरे धीरे मेरा सारा लंड अपनी गांड में घुसवा लिया। वो मेरे लंड पर नाचने लगी और मज़ा लेने लगी। उसने फ़िर अपनी लम्बी उंगली की बड़े बड़े नैल्स से मेरे गांड के आस पास के एरिया को खरोंचने लगी। ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम लग रहा था। फ़िर उसने मेरी गांड के छेद पर अपने मुंह का थूक गिराया और अपनी उंगली मेरे मुंह से गीली कर के मेरी गांड में अपनी उंगली घुसाने लगी। मुझे पहली बार बहुत दर्द हुआ और कुछ देर बाद मज़ा आने लगा और वो करीब १५ मिनट तक ऐसा करती रही।

ऐसा करते करते हम दोनों कब सो गये हमे मालूम ही नहीं चला। फ़िर सुबह हुई और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए उठे। और जब भी मौका मिलता मैं उसे दिन में भी चोदने लगता। हम दोनों फ़िर हर रोज़ एक साथ सोने लगे और मैंने उसे हर एक पोस में चोदा और मज़ा दिया। हम ब्लुफ़िल्म भी साथ देखते और उस स्टाइल में एक दूसरे को चोदते। मैंने उसकी गांड मार मार कर उसकी कमर को चौड़ा कर दिया था जिससे वो और भी सुंदर लगती थी।

मैंने अपनी एक पुरानी ख्वाइस भी पूरी करनी चाही। मैंने उसे कहा कि जब मैं सर से पढ़ता था और जब तुम दोपहर को सोने के बाद टोइलेट करने जाती थी तो तुम्हारा प्रेसर सुनकर मुझे तुम्हारे चूत को चाटने का मन करता था। तब उसने कहा कि तुम अपनी इच्छा अभी पूरी कर लो। और फ़िर वो बाथरूम में गयी, उसने मूतना शुरु किया उसी प्रेसर के साथ और मैंने उसके मूतते हुए अपना मुंह उसके चूत से सटाया। उसका सारा मूत मेरे मुंह पर गिरने लगा और मैं उसका मज़ा लेने लगा।

इस तरह जब मेरा मन करता मैं रूपा को चोदने लगता और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे चुदवाती।

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