शालिनी और उसकी सहेलियाँ

हेलो दोस्तो, मैं मोहित, आपको तहे दिल से और सभी कन्याओं और लड़कियों को लंड खड़ा करके नमस्कार करता हूँ।

मेरी पिछली कहानी

जेब में सांप-1
जेब में सांप-2

पढ़ कर आप सभी ने मझे बहुत प्यार दिया, इसके लिए धन्यवाद।

मेरी कहानी जन अन्तरवासना पर आई तो उसके बाद मेरे पास बहुत से मेल आये, उनसे बातचीत चलती रही।

इसी दौरान मुझे एक लड़की की मेल आई जिसका नाम निशा है

मैं उससे रोज पूरे दिन चैट करता, उसे नई नई कहानियाँ सुनाता।

वो मुंबई से थी, मैंने उससे अपनी सारी दिल की कहानियों को शेयर किया। वो बड़ी कमसिन थी।

मैं फेसबुक और गूगल प्लस पर दिन भर सेक्स चैट करता, लगातार बात करते करते मेरा लंड तो पागल हो जाता था।

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।

इस बीच मैं मेरी एक दोस्त शालिनी से मिला, वो रंग से सांवली थी लेकिन यार उसके बूब्स बड़े मस्त थे !
उसे देख कर मेरा तो दिल डोलने लगता था, मैंने उसके घर जाना शुरू कर दिया था, कभी कभी तो मैं रात में उसके घर ही रूक जाता था।

मैंने काफी बार शालिनी को किस किया और एक बार तो मैंने उसके साथ ओरल सेक्स करने का प्रस्ताव रखा पर शालिनी ने मना कर दिया।

एक दिन वो कुछ उदास थी, मुझे उसने बुलाया अपने घर !

घर पर कोई नहीं था तो मैंने उसे किस किया और उसे धीरे धीरे बेड पर ले गया और मैंने उसे धीरे धीरे नंगी कर दिया, उसके चुचे खूब चूसे-चाटे, बड़ा मजा आया।

और उसके बाद मैंने उसकी पैन्टी उतार दी, मैंने उसकी चूत पर किस किया तो वो मचल गई।

उस दिन मैंने उसकी बहुत चूत चाटी, बड़ा मजा आने लगा था, मैंने उसकी चूत का पानी निकाल दिया, वो थोड़ा खुश लग रही थी।

मैंने उस दिन तो उसकी चूत चाट कर निकाल दिया लेकिन इसी बीच मैं उसकी मम्मी से भी काफी घुलमिल गया था, कई बार उसकी मम्मी की भी मैंने मालिश की थी कमर की।

तो बस ऐसे ही एक दिन की बात है, रात को शालिनी ने बुलाया मुझे क्यूंकि उसके मम्मी-पापा पार्टी में जा रहे थे, उन्हें अगले दिन लौटना था और शालिनी का जाने का मन नहीं था। तो मैं वह रात को 8 बजे पहुँचा।

वहाँ मैंने अंदर जाने पर देखा कि वहाँ शालिनी और उसकी दो सहेलियाँ अफसाना और पूजा भी थी। मैं जाकर सबसे मिला और सभी को एक स्माइल दी। उसके बाद हमने खाना खाया और जा कर हम टीवी देखने लगे।

शालिनी मुझे दूसरे कमरे में लेकर गई और कहने लगी- तुम यहाँ सो जाना !

मैं सोने ही वाला था कि शालिनी अंदर आई और कहने लगी- मैं भी तुम्हारे साथ ही सो जाऊँ? लेकिन कुछ मत करना !

मैंने कहा- ठीक है।

वो मेरे साथ लेट गयी और कुछ देर बाद वो मेरे लंड पर हाथ लगाने लगी।

मैंने उसे हटाया तो वो और चिपकाने लगी।

मैंने कहा- ना जान, ऐसे मत करो। मेरा खड़ा हो जाएगा !

उसने कहा- मैं वो ही तो कर रही हूँ।

फिर मैंने उससे कहा- जान मुझे सू सू करने दो पहले !

फिर वो मेरी साथ गई हमने सूसू किया और फिर अंदर आ गये और उसके बाद उसने मेरी पेंट उतार दी और वो मेरे साथ चिपक गई।

मैंने उसे पकड़ लिया और उसका टॉप उतार दिया और उससे खूब चुम्मा चाटी की।

मैंने उसके उरोजों को खूब चूसा और उसके बाकी कपड़े उतार दिए।

फिर मैंने कहा- अब तुम मेरे कपड़े भी उतारि।

उसने जल्दी से मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मुझे पूरी शरीर पर किस किया।

मैंने कहा- जान, मुझे तुम्हारी चूत को चाटने दो !

तो उसने अपनी चूत पर उंगली लगाई और मेरे ऊपर आकर बैठ गई। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को खूब चाटा और मजा लिया।

तभी मैंने देखा कि वो दोनों सालियाँ मत्लब शालिनी की सहेलियाँ हमें देख रही थी और मस्ती कर रही थी।

मैंने उन्हें भी बुला लिया और हम चारों मिलकर मस्ती करने लगे। मैंने तीनों की चूत चाटी और उन्होंने मेरा लंड भी खूब चूस चूस कर तीन बार झड़वाया। उसके बाद भी वो उसे चूस रही थी।

मैंने कहा- अब मुझे चूत के अंदर भी डालने दो !

तो शालिनी ने कहा- न बाबा न ! ये काम नहीं करना !

फिर मैंने अफसाना को कहा- मुझे मुस्लिम लड़की को चोदने की इच्छा है।

उसने हाँ कर दी और फिर तो मैंने उसे बहुत देर तक चोदा क्योंकि मेरा निकल ही नहीं रहा था।

मैंने अफसाना के साथ भी बड़ी मस्ती की ! बड़ा मजा आया !

और मैंने तो अफसाना की चूची चूसते चूसते ही उसको पागल बना दिया था…

फ़िर हम सो गए। सुबह जब मैंने अफ़साना से पूछा- तू पहले भी किसी से चुद चुकी है क्या?

तो उसने बताया कि हमारे घरों में रिश्तेदारी में ही सेक्स चलता है।

अभी बस इतना ही.. मेरे लंड के स्वाद के बारे में शालिनी और अफसाना की जुबानी में अगली कहानी का इन्तजार करो..

..अन्तरवासना मेरे लिए बहुत मस्त है यार ! आई लव अन्तरवासना…

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