शादी में अनजान लड़की
(Shadi Mein Anjaan Ladki)
नमस्कार दोस्तो, आप लोगो ने मेरी कहानियाँ
को बहुत सराहा, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
अब प्रस्तुत कहानी वास्तव में मेरे एक दोस्त की है, उसे लिखने में कुछ दिक्कत हो रही थी तो मैंने यह कहानी मैंने ही लिखी उसके कहने के अनुसार !
तो दोस्तो, कहानी शुरु करता हूँ उसी की जुबानी :
आज मैं आपको अपने जीवन की एक सच्ची घटना बताता हूँ।
जब मैं 18 साल का था तो मुझे पता तो था कि सेक्स क्या होता है पर यह नहीं पता था कि कैसे करते हैं।
मेरा कद 5.8″ है, रंग गोरा है मेरे लंड का आकार 6″ है। मैं पहले अन्तर्वासना पर हिंदी कहानियाँ पढ़ा करता था। कहानी पढ़ते-पढ़ते मुठ मारता था और मेरा मन भी चूत फाड़ने को करता था। पर क्या करूँ, कोई रास्ता नहीं था मेरे पास !
मेरी भी किस्मत खुल गई एक दिन !
एक बार मैं अपने दोस्त की शादी में गया हुआ था तो मैं और मेरा दोस्त एक साथ बैठे हुए थे। वहां पर कुछ लड़कियाँ आई, उनसे मेरे दोस्त ने मेरा परिचय करवा दिया तो वे सब वहीं बैठ गई। कुछ देर बाद वो जाने लगी तो उनमें से एक लड़की ने मुझे देखा और मुस्कुरा कर चली गई।
मैं सोचने लगा कि क्या करूँ?
कहते हैं “हंसी तो फंसी”
पर डर लग रहा था कि कहीं किसी ने देख लिया तो बहुत बुरा होगा।
पर शायद भगवान भी यही चाहता था कि उस दिन तो मुझे चूत मिलेगी।
शाम को नाच-गाने का कार्यक्रम था तो मैं कुछ देर देख कर कमरे में चला गया। कुछ देर बाद वो लड़की आई और वहाँ कुछ ढूंढने लग गई।
मैंने पूछा- क्या चाहिए आपको?
उसने कहा- कुछ नहीं ! आप जाओ, मैं ढूंढ लूंगी।
मैंने कहा- ठीक है।
फ़िर मैंने कहा- आप बहुत सुन्दर लग रही हो ! कसम से, आप जैसी मैंने कभी लड़की नहीं देखी।
वो फिर से हंस कर चली गई !
वो फिर दोबारा आई और मेरे पास वाली कुर्सी पर बैठ गई। कुछ देर हमने सामान्य बातें की, फिर उसने मुझसे पूछा- कोई गर्ल फ्रेंड है तुम्हारी?
मैंने कहा- नहीं !
तो उसने कहा- झूठ बोल रहा हो !
मैंने कहा- जी नहीं ! मैं सच बोल रहा हूँ !
फिर मैंने पूछा- तुम्हारा बॉय फ्रेंड है?
उसने कहा- था ! पर अब नहीं है !
तो मैंने कहा- क्यों, क्या हुआ?
उसने कहा- छोड़ो !
मैंने कहा- बता भी दो?
वो आनाकानी करने लगी।
हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और उसने कहा- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं ! आप बहुत सुन्दर हैं !
तो उसने कहा- क्यों मजाक करते हो?
मैंने कहा- नहीं, सच में तुम बहुत सुन्दर हो !
फिर उसने कहा- क्या अच्छा लगा मुझ में तुम्हें?
मैंने कहा- तुम्हारे होंठ, तुम्हारी आँखें और तुम्हारा चेहरा !
यह सुनते ही उसने कहा- मेरा वक्ष कैसा है?
उफ़्फ़ दोस्तो ! मैं बताना भूल गया उसकी तनाकृति 32-30-34 थी, पूरी मस्त माल थी ! सच में गजब की लगती थी ! मोटे मोटे कूल्हे उसके ! जब चलती थी तो दोनों आपस में टकराते थे तो कयामत ही आ जाती थी मेरे दिल में !
फिर उसने मुझसे अचानक पूछ लिया- तुमने कभी वो किया है?
मैंने कहा- क्या?
उसने कहा- ~ शादी के बाद जो करते हैं ~ !
तो मैंने कहा- नहीं !
वो कहने लगी- चल झूठा कहीं का !
मैंने कहा- सच में !
फिर मैंने भी पूछ लिया- तुमने किया है?
उसने कहा- हाँ, किया है दो बार !
फिर मैंने पूछा- किसके साथ?
उसने कहा- बॉयफ्रेंड के साथ !
मैंने कहा- अब मन नही करता करने को?
उसने कहा- करता है, पर अब कोई नहीं है !
मैंने मजाक में कहा- मैं हूँ ना !
उसने कहा- तुम करोगे?
मैंने कहा- क्यों नहीं ! नेकी और पूछ-पूछ ?
वो हंसने लगी और कहा- कहाँ? यहाँ कोई आ जाएगा ! तुम ऊपर वाले कमरे में आ जाओ !
मैंने कहा- ठीक है, तुम चलो !
मैं वहाँ से ऊपर चला गया और दोस्त को कह दिया- मैं ऊपर सोने जा रहा हूँ !
दोस्त ने कहा- ठीक है, जाओ !
फिर मैं ऊपर गया और कमरे में चला गया।
उसने तुरन्त कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और मुझसे चिपक गई। मैंने भी उसे जोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके होंटों को चूसने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
उसकी साँसें गर्म हो चुकी थी, उसने जोर से मुझे जकड़ लिया। मैं धीरे-धीरे उसके स्तन दबाने लगा और उसके कपड़े उतारने लगा।
उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, गजब की अप्सरा लग रही थी।
मैंने धीरे से उसकी ब्रा उतार दी तो ब्रा से दो बड़े बड़े कबूतर आजाद हो गए। मोटी-मोटी चूचियाँ थी और उन पर गुलाबी रंग के चुचूक ! लाजवाब !
मेरे मुँह में तो पानी भर आया।
मैंने कभी भी किसी लड़की को इतने करीब से नंगी नहीं देखा था। मैंने उसके एक चुचूक को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा।
और कभी एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहला देता था।
थोड़ी देर मैंने उसके चूचे चूसे। वो भी अब पूरी गर्म हो गई थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी।
साली ने पैंटी भी काले रंग की पहनी हुई थी। और चूत पर बाल भी थे, शायद काफी दिन हो गए थे बाल साफ़ किए ! पर मस्त लग रही थी उसकी चूत !
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा। उसकी चूत से कुछ लिसलिसा सा पानी निकल रहा था, नमकीन सा स्वाद था !
अब उससे रहा नही गया, वो बेताबी से मेरा लण्ड पकड़ पर दबाने लगी और फ़िर अपने मुँह में लेकर चूसने लगी जैसे कोई आइसक्रीम चूसता है।
मुझे बहुत मजा आ रहा था कसम से ! मैंने कहा- छोड़ो, नहीं तो तुम्हारे मुँह में ही मेरा गिर जाएगा !
उसने छोड़ दिया और कहा- जल्दी से चूत में घुसा ! अब बर्दाश्त नहीं होता !
मैंने कहा- रुको !
फिर मैं उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर करने लगा तो बोली- पागल हो क्या? पहले थूक लगा दो मेरी चूत और अपने लण्ड पर ! नहीं तो दर्द होगा !
मैंने झट से थूक अपने लण्ड और उसकी चूत पर लगाया और लंड को उसकी चूत में घुसाने लगा।
मेरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया, उसको थोड़ी तकलीफ हुई, उसने कहा- उई ईई ईए थोड़ा धीरे से करो न ! कितने दिनों बाद चुदवा रही हूँ।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में दबा दिया।
उसने कहा- थोड़ा रुक जाओ, अभी थोड़ा दर्द हो रहा है, लण्ड को अन्दर ही रहने दो !
फिर दो मिनट के बाद उसने कहा- अब करो !
उसे थोड़ा दर्द हो रहा था। फिर मैं उसकी चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी नीचे से अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरे लण्ड के ठुमकों को जवाब दे रही थी। मस्त चुद रही थी वो ! उई ई ई ई ई ई आ आ आह्ह उफ्फ की आवाजें निकल रही थी उसके मुँह से ! कभी कभी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी गड़ा देती ! वो पूरे जोश में चुदवा रही थी मेरे नीचे लेट कर मजे से !
उसने कहा- हई ई ई मजे से चोदो राजा ! कितने दिनों बाद मिला है लण्ड ! मजे से जोर-जोर से चोदो मुझे !
वो फिर जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी, मेरे लण्ड को धक्के मारने लगी, पूरी मस्ती में थी वो, कह रही थी- जोर से चोदो ! जोर से ! और जोर से !
मैं भी जोर जोर से चुदाई कर रहा था उसकी, मुझे भी बहुत मजा जा रहा था।
फिर उसका शरीर अकड़ने लगा। वो मुझे जोर से पकड़ कर झरने लगी, फ़िर वो झर कर शांत हो गई, पर मेरा माल नहीं निकला था अभी, मैं अभी भी लगा हुआ था।
उसके कहा- जल्दी करो, अब दुख रहा है !
मैंने कहा- थोड़ी देर और लगेगी।
उसने कहा- ठीक है, जल्दी करो !
मैंने भी अब अपने धक्के तेज कर दिए और अब मेरी भी बारी झरने की थी। मैंने कहा- कहाँ निकालूँ अपना माल?
तो उसने कहा- निकल दो मेरी चूत में ही ! कितने दिन हो गए हैं चूत को माल खाए !
फिर मैं भी आहा आआ आ उह़ा कर के उसकी चूत में झर गया।
सच में दोस्तो, बहुत ही मजा आया उसकी चूत मारने में ! हम दोनों ने करीब बीस मिनट तक चुदाई की थी।
पर उसके बाद वो मुझे कभी नहीं मिली। मैं अपने घर आ गया उसकी यादें ही रह गई है अब बस !
उसके बाद मुझे कभी मौका नहीं मिला !
दोस्तो, यह थी मेरी कहानी !
आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके बताना और मेरे दोस्त हैरी को भी बताना उनकी मदद से ही मैं यह कहानी लिख पाया हूँ। तो हैरी को भी मेल करके बताना कि कहानी कैसी लगी।
What did you think of this story??
Comments