पायल की चुदाई-2

कहानी का पिछला भाग: पायल की चुदाई-1

मैंने पायल को फोन करके मैसेंजर पर आने कहा। वो आई, उसे बताया कि मैंने आपके पास आने का इंतजाम कर लिया हैं। परसों दोपहर को अहमदाबाद एक्सप्रेस यहाँ से निकलेगी यह अगले दिन शाम तक पहुँच जाएगी। यानि फिर मैं तुम्हारे पास होऊँगा।

पायल खुश हुई, और उसने कहा- आप सूरत के स्टेशन ही आप मुझे फोन करना, मैं आपको लेने स्टेशन पहुँच जाऊँगी।

अब दो दिन हम यूँ ही विडियो व वॉयस चैट करते रहे, पायल की विडियो चैट मैंने स्नेहा के साथ भी कराई।

अगले दिन ट्रेन में बैठने के बाद मैंने उसे बता दिया कि यहाँ से निकल गया हूँ।

सफर बढ़िया कटा। सूरत पहुँचने पर मैंने उसे फोन किया। आधे घंटे के भीतर पायल का फोन आया। उसने मुझसे बाहर आने को कहा। मैं बाहर निकला, पायल मुझे देखकर झूम उठी। मेरे हाथों सामान छीनकर खुद पकड़ा और आगे बढ़ी। स्टेशन के ही स्टैंड में जाकर उसने अपनी कार निकाली, और मुझे लेकर घर की ओर चल पड़ी। हम आगे बढ़े इससे पहले ही पायल ने एक खाली जगह पर कार रोकी। यहाँ सूनेपन का मैंने फायदा उठाया और पायल को अपनी ओर खींचकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

पायल भी मुझसे यही उम्मीद लगाए हुई थी इसलिए मेरे चुम्बन का जवाब उसने भी व्यग्रता के साथ दिया।

मैं उसके निचले होंठ को चूसकर उनका स्वाद ले रहा था और वह अपनी जीभ मेरे होंठों पर लहरा रही थी। थोड़ी ही देर में वह मुझसे छुटी और बोली- यह था आपका ‘वेलकम किस’ अब इससे आगे की बात घर में ! ओके…?

मैं ओके बोलकर अपनी सीट में सीधे बैठ गया। उसने कार स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी। पायल अब मुझे सूरत के रास्तों व दूसरी प्रसिद्ध स्थानों के बारे में बताने लगी। कुछ देर बाद ही हम उनके फ्लैट वाली बिल्डिंग में पहुँच गए।

गैरेज में अपनी कार पार्क करने के बाद वो मुझे लेकर ग्राउंड फ्लोर के अपने फ्लैट में पहुँची। यहाँ मेरे भीतर घुसते ही दरवाजा बंद किया, फिर मेरे गले से ऐसे लिपट गई मानो मैं सच में उनका पति हूँ।

मैंने भी उसे अपने से चिपका लिया और उसके मस्त होंठों पर अपने होंठ रख दिए। इस प्रकार मौका मिलते ही पायल ने बिना देर किए अपना प्यार मुझे दिया। हमारा इस बार का चुम्बन देर तक चला। उसके दोनों होंठों को चूसते समय ही मुझे लगा कि यह सैक्स के लिए तैयार हो गई है पर मैं अभी लंबे सफर से आ रहा था, मुझे स्नान की जरूरत महसूस हो रही थी, मैंने कहा- पहले मैं नहा लेता हूँ ! फिर तुम्हें जमकर मजा दूंगा ना।

अब वह अलग हुई और बोली- मैं चाय चढ़ा देती हूँ, आप जल्दी से फ्रेश हो जाइए।

उसने मुझे बाथरूम व टायलेट दिखा दी। मैं नहाकर जैसे ही बाहर निकला, पायल ने मेरा तौलिया खींच दिया। मैंने अभी बनियान-अंडरवियर नहीं पहना था तो मैं पायल के सामने पूरा नंगा खड़ा था। अब खुले में और मस्त नजर की जद में होने के कारण लंड पूरा तन गया। पायल मेरे तने हुए लंड को एकटक घूरे जा रही थी।

मैं आगे बढ़ा और पायल को अपनी बाहों की गिरफ्त में ले लिया, बोला- यह कैसा तरीका है मैडम? हमें अपने घर बुलाकर नंगा कर दिया, जबकि आप पूरे कपड़े पहनी हुई हैं।यह बोलकर मैंने पायल के कुर्ते का हुक खोलने शुरू कर दिए। अभी मैं कुरते के पूरे हुक खोल भी नहीं पाया था कि पायल का मोबाइल बज उठा। बेमन से उसने वहीं सोफे पर रखा अपना पर्स लाकर फोन निकाला। पर आने वाला नंबर देखकर वो घबरा गई।

मैंने पूछा- क्या हुआ? कौन है?

पायल ने अपने होंठों पर उंगली रखकर मुझे शांत रहने कहा और फोन उठाकर बोली- हाँ डियर सुरेन्द्र, कैसे हो?

अब चौंकने की बारी मेरी थी। सुरेन्द्र यानि पायल का पति… आ गए क्या वो? मैं अब पायल की बात सुनने लगा। पायल थोड़ी देर घर का हाल बताती रही, फिर बोली- ठीक है, जब आपका मूड नहीं हो रहा, तो आ जाइए। मैं इंतजार कर रही हूँ।

यह बोलकर उसने फोन रख दिया।

मैं बोला- क्या हुआ? वो कब आ रहे हैं?

पायल बोली- वो अपने किसी बड़े दुकानदार से पैसे लेने महाराष्ट्र गए थे पर वह व्यापारी कुछ और माल लेने व पेमेंट करने खुद ही सूरत के लिए निकल गया है। इस कारण सुरेन्द्र भी अब कल सुबह तक वापस आ रहे हैं।

मैं बोला- अब कैसा होगा? मैं होटल में रूक जाता हूँ।

पायल बोली- अरे नहीं डार्लिंग, आप मुझसे मिलने इतना लंबा सफर करके आए हो, आप यहीं रहोगे इसके लिए हमें थोड़ा झूठ बोलना पड़ेगा। पर वह सब बाद की बात है, आजकी चुदाई तो हम कर लें, कल की कल देखी जाएगी।

यह बोलकर उसने कुर्ते व सलवार को उतार फेंका। अब वो ब्रा-पैन्टी में थी, यह मेरून रंग में डिजाइनर सेट था जो उसने नया ही लिया था शायद आज के ही लिए, यह उस पर फब भी बहुत रहा था।

अब मुझसे खुद पर काबू नहीं हुआ, मैंने आगे बढ़कर उसे अपनी बाहों में लेकर गोद में उठाया और वहीं बैठक के दीवान पर लाकर लिटा दिया। अब तक वह अपनी ब्रा खोल चुकी थी, उसके उरोज तने हुए थे।मैं उसके एक निप्पल को अपनी उंगलियों से सहलाने और दूसरे पर जीभ घुमाकर चूसने लगा। पायल पलंग पर घुटने के बल बैठकर अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को ऐसे पकड़े हुए थी मानो छोड़ेगी ही नहीं। बायाँ निप्पल को चूसने के बाद मैंने दाएं निप्पल को काफी देर तक चूसकर दोनों बूब्स को चाटा।

मुझे अब लग रहा था कि पायल सैक्स के लिए बेचैन हो रही हैं। लिहाजा जीभ को नीचे सरकाते हुए उसकी नाभि फिर चूत के पास तक आ गया।

पायल अब तक बैठे हुए ही दोनों हाथों को पीछे टेककर दोनों पैरों को फैला चुकी थी। चूत के ऊपरी भाग पर मैंने जीभ को घुमाना शुरू किया तो पायल ने अपनी कमर उठाकर चूत की भूख को दर्शाया।

कुछ देर में वह बिस्तर पर लेट गई। अब मैं अपनी जीभ को चूत के उपरी हिस्से से लेकर नीचे तक फ़िरा कर उसका मजा लेने लगा। चूत के छिद्र में जीभ अंदर तक डालकर जीभ से ही उसे चोदने लगा। अब मुझे उसकी चूत से निकलने वाले रज की मात्रा ज्यादा लगी। मैंने मुँह उठाकर उसे देखा, तो वह अपने दोनों हाथों को तकिया के नीचे रखे थी, उसका मुँह एक ओर मुड़ा था और दोनों आँखें बंद थी। चूत से जीभ का स्पर्श हटते ही उसने चेहरा सीधा कर आँखें खोली।

अब मैं उसके चेहरे पर झुका हुआ था। उसने अपने हाथ बढ़ाकर मेरे सिर को दोनों ओर से पकड़कर अपनी ओर खींचा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रखकर चूसने लगी। थोड़ी ही देर में वह मेरे मुँह में अपनी जीभ घुमाने लगी। उसके हालिया प्यार का ढंग बहुत बेताबी वाला था, ऐसा लग रहा था मानो वह मुझे खा जाना चाहती हो।

होंठ से शुरू हुए उसके प्यार ने तेजी पकड़ी, उसने मेरे सिर को पकड़े हुए ही मुझे पलटा दिया। अब मैं नीचे हो गया और वो मेरे ऊपर आ गई, मुझे लेटाकर उसने मेरी छाती पर अपने होंठ लगाए और मेरे स्तन की घुंडी को चूसने लगी, फिर नीचे आई और मेरे लौड़े को हाथों में पकड़कर प्यार करने लगी। यह करते हुए ही उसने मेरे लंड ले गुलाबी अग्र भाग को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, थोड़ी देर बाद ही उसने मेरे लौड़े को अपने मुँह में पूरा लेने का प्रयास किया, उसके छोटे से मुँह में पूरा सुपारा भी समा नहीं पाया।

कुछ देर पूरा लौड़ा अपने मुख में समा लेने की बाद वह अपनी जीभ से लंड को चाटने लगी।

मैं अब गरमा चुका था, मुझे लगा कि अभी यदि पायल को नहीं हटाया तो मेरा वीर्यपतन हो जाएगा। मैं उठा और पायल को पकड़कर तकिए में उसका सिर रखा। अब अपने लंड को उसकी चूत में ऊपर से नीचे रगड़ कर छेद में लगाया, हल्के से झटके से लंड थोड़ा सा भीतर हुआ, मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया, पर अब उसका मन नीचे लगा था तो उसने अपनी कमर को उछाला और लंड को और भीतर लेने की कोशिश करने लगी।

उसकी बेताबी को समझकर मैंने भी झटका दिया, वह हल्के से कराही और थोड़ी देर में उसने फिर झटका मारा। अबकी बार मेरा लंड पूरा उसकी चूत में समा गया। नीचे से उसकी उछाल और ऊपर से मेरे झटके ज्यादा देर तक नहीं चले। वह मुझसे जोर से चिपकी, तभी मेरा फव्वारा भी उसकी चूत में छूट गया।

मैं उसके ऊपर ही निढाल पड़ा था।

कुछ ही देर में वह उठी और बोली चलिए- खाना खाते हैं फिर और लगेंगे।

यह बोलकर उसने पलंग के पास ही रखी अलमारी से अपना गाउन निकालकर पहना और रसोई की ओर बढ़ ली।

मैं भी वाशरूम गया और फ्रेश होकर लोअर टीशर्ट पहन लिया।

वह रसोई में खाना गरम कर रही थी, मुझे वहीं पास में रखे डायनिंग टेबल पर बिठाने के बाद वह अचार सैट बाउल लेकर आई।

वह रसोई से पूरा खाना लेकर आई, मैंने उसे भी बैठने कहा, वह बोली- बस दो मिनट !

सारा खाना मेज पर सजाने के बाद मेरे लिए प्लेट में भोजन परोसने लगी।

मैं बोला- खाना तो लजीज़ होगा, इसकी खुशबू से भूख और बढ़ गई है।

उसने हंसकर बात टाल दी।

खाना वाकई लाजवाब बना था। खाना खाते समय भी हमारी मस्ती चलती रही। आखिर में श्रीखंड खाकर तो मजा ही आ गया।

हम खाने के बर्तन मेज पर ही छोड़कर चूमाचाटी में लग गए।

अब पायल ने कहा- जवाहरजी, मेरी एक इच्छा है।

मैं बोला- हाँ बोलो !

वह बोली- आप यहीं पर अपने पूरे कपड़े उतारकर नंगे ही पलंग तक चल कर दिखाइए ना मुझे।

मैं बोला- ठीक है, पर नंगी आप भी रहेंगी।

वह हाँ बोली, तो मैंने अपने कपड़े उतारकर वहीं कुर्सी पर रख दिए और नंगा ही पलंग के आखिर तक गया।

पायल भी गाउन उतारकर नंगी बैठ गई। मैं दो तीन बार वहाँ चला, पायल ने मुझे बुलाया तो मैं उसके पास गया।

पायल ने मेरे थोड़ा खड़े लंड को हाथ और मुँह से सहलाना शुरू कर दिया। अब मेरा लौड़ा पूरा तन गया। उसने वहीं कुर्सी पर बैठे बैठे मेरा लौड़ा तान दिया।

अब मैंने उसका कंधा पकड़ कर उठाया और होंठों पर होंठ रखकर लंबा चुम्बन लिया। इसके बाद वहीं घुटना मोड़कर बैठा और उसकी चूत को प्यार करने लगा। वह गर्म हो रही थी, बोली- चलिए ना, बिस्तर पर चलते हैं।

मैं बोला- अब एक बार तुम भी कैट वाक करके दिखा दो।

वह अपने गदराए बदन को सीधा करके खड़ी हुई और पलंग की ओर चल दी। उसे इस तरह पूरी नंगी देखना मेरे लिए मस्त कर देने वाला अनुभव रहा। हाँ उसकी एक खास बात आपसे शेयर कर रहा हूँ, यह भी मैंने उसके पीछे घू्म कर चलते समय देखा। यह कि उसकी गांड के दोनों ओर बीच में डिंपल पड़ता है, वैसा ही जैसे हममें से कई लड़के लड़कियों के गाल पर पड़ता हैं। यह देखकर मेरा मूड उसे तुरंत चोदने का होने लगा।

तो उसके पलंग के पास पहुँचते ही मैं उसके पीछे आ गया और उसे पलंग पर गिरा दिया।

इसके बाद पायल को मैंने कैसे चोदा, उसका पति पहुँच रहा हैं, तो मैं कहाँ जाऊँगा, जैसी और भी कई मजेदार बातें कहानी के अगले भाग में।

कहानी कैसी लगी कृपया बताएँ।
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