मुझे रण्डी बनना है-7

(Mujhe Randi Banna Hai-7)

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जूली- चलो छोड़ो ! अच्छा यह बताओ कि राजा बाबू अभी तक मौसी को चोद रहे हैं क्या? और जाहिदा भी नहीं दिखती?

सुशी- अरे जीजू ने उसके लिए मस्त भड़वा, मेरा मतलब कि कस्टमर लाकर दिया है, 2 घण्टे के 1500 रुपए मिलेंगे। साली दबा के चुदवा रही है जिससे वो कस्टमर दुबारा उसके पास ही आएगा। साली ने बहुत पैसे जमा किए हैं अगले महीने गाँव जाने वाली है ना !

सुनीता- सुशी, तू कुछ मत बोल ! मेरे इनको आधा प्यासा छोड़ कर चली गई ! कभी उनकी प्यास तो बुझा तो वो तेरे लिए भी कुछ कस्टमर ला देंगे।

सुशी- क्या दीदी, तुम्हें मालूम है ना कि जीजू ने मुझे सबसे ज्यादा चोदा ! और कस्टमर वो जाहिदा के लिए लाते हैं।

इतने में मैं पहुँच जाता हूँ और मेरे साथ चार ग्राहक थे। मैंने अन्दर जाते ही सब रण्डियों को एक तरफ़ खड़े रहने को कहा।

मैं- चलो सब एक बाजू में खड़ी हो जाओ। जिससे ये तुम सबको देख कर बाद में अपने लायक माल चुन सकें।

हाँ तो यारो, ये रही सारी सेक्स की महारानियाँ। पसन्द करो अपने हिसाब से ! आप इनको छू सकते हैं उनकी छाती भी देख लेना।

वो चारों एक एक करके सबके पास जाकर देखते हैं। एक ने तो पहली ही रानी को पसंद किया और कमरे में लेकर चला गया। दूसरा जूली पे फिदा हुआ और तीसरे और चौथे ने सुशी को पसंद किया। सुशी ने आकर मेरे हाथ में हाथ डाल कर थैंक्यू कहा।

सुशी- जीजू, आज तो मेरे भाग खुल गए, पर सीमा क्या करेगी?

सुनीता- टेन्शन मत ले ! मैंने बहुत दबा के चुदवाया आज राजा बाबू से ! अब बस आराम ! और न जाने मौसी क्या कर रही है?

इतने में मौसी राजा बाबू के हाथो में हाथ डाल कर आ गई।

मौसी- कहाँ गई साली सारी रण्डियाँ धन्धा छोड़ कर? टीवी देखने क्या? कल से टीवी की तार ही निकाल देती हूँ।

मैं- मौसी क्या तुम भी? सारी अभी अभी कस्टमर को लेकर चुदवाने गई हैं हर एक को तीन घण्टे के लिए ग्राहक मिला है।

मौसी- कहाँ से आए?

मैं- मौसी मैं लेकर आया उनको ! पान वाले के यहाँ खड़े थे, सोच रहे थे कि कहाँ जाएँ? उसमें दो तो एकदम नए हैं। डर रहे थे, मैंने हिम्मत देकर बुला लिया ! साले मालदार हैं ! हमेशा आयेंगे अब।

मौसी- राजू, तू तो साला बड़ा काम का भड़वा है रे? मेरे भड़वों को जो नहीं जम रहा, वो तू आसानी से कर रहा है.. राजा बाबू, यह है उस सीमा का भड़वा मतलब उसका पति ! देखना दोनों कैसे चुदक्कड़ हैं?

राजा बाबू- मौसी, तू साली नसीब वाली है। तुझे किसी से जबरदस्ती नहीं करनी पड़ती। सब खुद रण्डी बनने आ जाती हैं।

मौसी- क्योंकि मैंने खुद यह धंधा अपनी मरजी से किया और मुझे जबरदस्ती लाई हुई लड़कियों को रण्डी बनाना अच्छा नहीं लगता ! वो फिर कस्टमर को खुश नहीं कर सकती। ये सीमा ने कैसे तुम्हें खुश किया, वैसे वो नहीं कर पाएँगी।

राजा बाबू- सच है। चलो मैं चलता हूँ अब अगले महीने आऊँगा।

सुनीता- जरूर आना (डोना का फोटो दिखाते हुए) यह जूली की सहेली है, वो आने वाली है। वो थोड़े नखरे करेगी मगर बड़े प्यार से लौड़े लेगी, देखना !

मौसी- साली, तुझे कैसे मालूम?

सुनीता- जब तू राजा से चुद रही थी तब हमारी नीचे बात हुई। बड़ी छाती है उसकी। छाती देखकर कस्टमर आएगा।

मौसी- मैं आज ही जूली से बात करती हूँ।

राजा बाबू- उसके आते ही मुझे फोन करना। मैं तुरंत आऊँगा।

इतना कहकर राजा चला जाता है। और सिर्फ सुनीता और मैं ही रहते हैं। मौसी कपड़े बदलकर हिसाब के पैसे ठिकाने लगाने में जुट जाती है..

सुनीता- कल एक दिन और धंधा कर लेती हूँ। कल मैं आधे घंटे के हिसाब से कस्टमर लेती हूँ। मेरा दिल नहीं भरा। मुझे बहुत चुदवाना है।

मैं- तेरा भोसड़ा ढीला पड़ जाएगा फिर मुझे क्या मज़ा मिलेगा?

सुनीता- ऐसा कुछ नहीं होगा। कल मैं जो मिला वो कस्टमर ले लूंगी। दस तो चाहिएँ ही।

मैं- तू क्या मशीन है? थक जायेगी।

सुनीता- अरे जिंदगी में एक बार तो करना है। फिर कौन यह सब करेगा। मुझे यहाँ सब रण्डी कहकर बुलाते हैं तो बहुत अच्छा लगता है और भोसड़े में अजीब खुजली शुरू हो जाती है। और लगता है कोई तुरंत मुझे लौड़ा दे दे।

मैं- मुझे नहीं मालूम था कि तुम इतनी चुदक्कड़ हो। घर जाकर तो नहीं करोगी ना?

सुनीता- पागल हो क्या? सहेलियों में मेरी नाक कट जायेगी। यहाँ की सारी बातें यहाँ छोड़ देनी पड़ेगी। नहीं तो हमें जबरन यहाँ वापस आना पड़ेगा और दुनियादारी नहीं कर पायेंगे।

मैं- हाँ मेरी प्यारी रण्डी रानी !

सुनीता- तुम ऐसा मत कहो। तुम्हारे मुँह से यह अच्छा नहीं लगता। तुम मेरे पति हो। अच्छा, तुमने कितना मज़ा किया?

मैं- देख, मैं इनके लिए कस्टमर लाता हूँ और बदले में चाहे तो पैसे नहीं तो चोदने को मिलता है। सबको चोद चुका हूँ। सिर्फ जूली बाकी है, वो भी आज मेरे लौड़े के नीचे आ जायेगी। मैं उससे पैसे नहीं लूँगा, बदले में चोद लूँगा। तुम अब क्या करोगी?

सुनीता- मैं और मौसी पहले एक डीवीडी पर फिल्म देखेंगे और बाद में अंग्रेजी ब्लू फिल्म यानि कि चुदवाने की फिल्म जिससे हमें भी पता चले कि और किस तरह हम मज़े ले सकते हैं।

मैं- हाँ ठीक है। जूली के फ्री होते ही उसके साथ मैं जाता हूँ। मैं भी वीडियो देखकर चोदना चाहता हूँ। कुछ बंदोबस्त करता हूँ..

मैंने एक डीवीडी और टीवी का बंदोबस्त किया। जैसे ही जूली का कस्टमर गया, मैंने सारा इन्तजाम कर लिया। जूली सिर्फ ब्रेजियर और चड्डी पहने थी।

मैं- हाँ तो अब तू फ्री है? अब हम फिल्म देंखे?

जूली- हाँ जल्दी लगाओ ना !

मैंने जैसे फिल्म चालू की, उसमें हिरोइन ने आते ही मर्द के गले में हाथ डाल दिया और उसको अपने कपड़े उतारने को कहा। कपड़े उतारते ही हिरोइन ने उसका गोरा लौड़ा लॉलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया। यह देखकर जूली ने मेरे कपड़े निकाल कर नीचे बैठकर लौड़ा चाटना शुरू किया। थोड़ी देर बाद मर्द ने उस गोरी मेम के गोलों को नंगा किया और बड़े प्यार से मसलना शुरू किया।

जूली- देखो कैसे दबा रहा है। इंडियन मर्द तो हमारी छाती को तो कुचल ही डालते हैं और फिर कहते हैं तुम्हारी छाती नर्म हो गई.. लो अब तुम भी इसी तरह प्यार से खेलो मेरे गोलों के साथ।

मैंने छाती के साथ साथ उसकी गाण्ड भी प्यार से दबाई और वो धीरे धीरे मस्त होने लगी। उसने मेरे हाथ हटा कर मुझे पलंग पर लेटने को कहा और हम 69 की पोजिशन में आ गए। वहाँ वीडियो में भी वही हो रहा था। गोरी मेम ने मर्द का लौड़े का रसपान शुरू किया और मर्द ने भोसड़े का। बस हमने भी यही शुरू कर दिया। अभी अभी चुदे हुए भोसड़े की खुशबू कुछ अजीब ही थी, बड़ी मस्त कर रही थी। मैं भी उसके चूसने से मस्त हो रहा था। वीडियो वाला मर्द सिसकारियाँ लेने लगा और यहाँ जूली कराहने लगी।

जूली- जीजू, जी…जू ! जी…जू ! सहन नहीं होता ! और जोर से चाटो।

मैं- और तुम मेरे लौड़े को चाटो। मैं भी बेकरार हूँ।

मैंने उठकर जूली को खड़ा किया और उल्टा करके घोड़ी बनके उसके गाण्ड में घुसेड़ दिया और धक्के चल्लू कर दिए। फिर लौड़ा निकाल कर भोसड़े में घुसेड़ा और चोदना शुरू किया और दोनों हाथों से थोड़ा झुक कर गेंदों को हाथ में लिया।

जूली- जीजू, जरा कसके पकड़ो इन गेंदों को ! बहुत बेताब थी तुम्हारे हाथों के स्पर्श के लिए। आ… आ… आ… आआ ! चुदाई चालू रखो। अन्दर तक आने दो। कस्टमर तो आते हैं और पानी छोड़कर चले जाते हैं। कोई हमें समझता नहीं। हमें भी बहुत बार ऐसे चुदवाने का दिल होता है पर हमें भी पैसे की भूख होती है और जल्द से जल्द दूसरा कस्टमर पकड़ने की जरूरत होती है। आप बस ऐसे ही लौड़ा अन्दर डाले रखो।

थोड़ी देर बाद मैंने पुनः धक्के देना शुरू किया। जूली को सकून मिल रहा था और सकून से कराह रही थी..

मैंने कामसूत्र के पाँच दाँव आजमाए और आखिर में उसे पलंग पर लेटा कर चोदना शुरू किया।

जूली- जी… जू ! पागल कर दोगे आप मुझे ! बहुत प्यार से चोद रहे हो ! अच्छा लगता है। चोदो, चोदो, चोदो मुझे चोद डालो और इस भोंसड़े को दिखा दो कि इसे कहते हैं चुदवाना।

मेरे धक्के बढ़ गए और आखिर में मेरा पानी उसके भोसड़े में छूट गया। इससे तृप्त होकर उसने अपनी टांगों से मेरी गाण्ड को लपेट लिया जिससे मैं छूट नहीं पाया और उसने कस कर पकड़े रखा।

जूली- हा…श… कुछ मज़ा आया ! जीजू… तुमको आया या नहीं?

मैं- बहुत मज़ा आया !

जूली- कल आपका आखिरी दिन है तो वादा करो कि कल दिन भर आप मेरी गोद में लिपटे रहोगे ! और किसी के पास नहीं जाओगे?

मैं- कल का तो मैं बता नहीं सकता।

जूली- नहीं ! आपको कल भी मुझे चोदना है। मेरा दिल भरने तक !

मैं- किसी और ने बुलाया तो?

जूली- उसे भी साथ ले लो ! तुमको तो क्या? पाँचों उंगलियाँ घी में।

फिर हम नंगे ही एक दूसरे की बांहों में हाथ डालकर सो गए। सुबह होते ही हम कपड़े पहनकर नीचे नहाने धोने गए, तैयार हो गए। और फ़िर चाय नाश्ते के लिए गए।

सबने योजना बनाई थी कि आज कोठे में सब रण्डियाँ सिर्फ ब्रेज़ियर और हाफ़ पैंट ही पहनेंगी।

पढ़ते रहिए ! कहानी जारी रहेगी !

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2007

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