मेरी जवानी की गलतियाँ-3
प्रेषिका : सिमरन सोधी
मैं सेकण्ड इयर में थी और काफी सेक्सी दिखती थी। लड़कों को तो छोड़ो, कोलेज के प्रोफेसर भी बुरी नियत से मुझे देखते थे। यह तो रोज का काम था।
मेरी सहेली नेहा की सगाई थी। उसकी अगले साल शादी होने वाली थी। नेहा की सगाई के कार्यक्रम में उसका भाई विशाल मेरे ऊपर काफी लट्टू हो गया था। हम दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त भी हो गए थे और एक दूसरे के साथ काफी फ्लर्ट भी किया। वो मुंबई में बड़ी कंपनी में काम करता था।
कुछ दिन बाद मुझे बैंक की परिक्षा देने के लिए मुंबई जाना पड़ा। नेहा ने उसकी सगाई की फोटो-अल्बम मुझे दी और उसे विशाल को देने को कहा।
मैं मुंबई अकेली ही चली गई। मेरी परीक्षा रविवार को थी और दोपहर 1 बजे ही ख़त्म हो गई। विशाल मुझे लेने को आ गया। मैं उसकी कार में बैठ कर उसके आलिशान फ्लेट में गई। वो 3 बीएचके फ्लेट में रहता था। उसकी शान देख मैं दंग रह गई।
उनके फ्लेट में वो अपने तीन दोस्तों के साथ रहता था, कुल 4 लोग रहते थे। बाहर काफी बारिश हो रही थी तो मुझे विशाल ने रात को रुकने को कहा। क्योंकि सारी रेलगाड़ियाँ और बसें भी बंद थी पूरा ट्रेफिक जाम हुआ था।मैं रुक गई। हम दोनों ने बहुत बातें की। विशाल और उसके दोस्त मुझसे फ्लर्ट कर रहे थे। उनकी बातों से मुझे लगा कि वो मुझे चोदना चाहता है। लेकिन यह तो रोज का ही था हर कोई मुझे चोदना चाहता था। रात को विशाल ने मुझे मेरा बेडरूम दिखाया और विशाल अपने रूम में चला गया।
थोड़ी देर बाद मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी। मैं बेडरूम के बाहर आई तो विशाल ने मुझे कहा- मेरे दो रूमपार्टनर अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ अपने अपने बेडरूम में हैं।
यह सुकर मैं हैरान रह गई और अचानक विशाल ने मुझे पकड़ लिया और चूमने लगा, मैं भी उसके होटों को चूसने लगी।
फिर क्या हमेशा की तरह मेरी चूत उसने चाटी, उसके लण्ड को मैंने चूसा। उसने मुझे 30-35 मिनट चोदा।
उसके बाद मैं विशाल के ऊपर लेटी हुई थी और उसका लंड अन्दर-बाहर करके खेल रही थी अचानक उसका चौथा रूम पार्टनर नंगा ही रूम में आया और मेरे पीछे से मेरी गाण्ड में अपना लंड डाल दिया और तेजी से मेरी गांड मारने लगा। और दोनों तेज-तेज मुझे चोदने लगे। विशाल मेरी चूत चोद रहा था और उसका चौथा रूम पार्टनर केतन मेरी गांड मार रहा था दोनों ने मुझे प्रतिकार करने का मौका ही नहीं दिया।
मेरे मुँह से उह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज आ रही थी। मैं अपने आपको उनसे नहीं छुड़ा पा रही थी या छुड़ाना नहीं चाहती थी।
15 मिनट में ही दोनों झड़ गए और 5-10 मिनट मुझे चूमते रहे, मेरे चूचे दबाते रहे और चूसते रहे।
बाद में मैंने विशाल से कहा- तुम दोनों ने यह क्या किया?
विशाल ने मुझे यह बात किसी को न बताने का वादा किया। रात के 11 बज चुके थे। विशाल ने लाईट बंद की और हम वैसे ही सो गए।
2 बजे मुझे अहसास हुआ कि दोनों मुझे फिर से चोद रहे है। दोनों ने मिलकर मुझे एक घंटे बहुत चोदा। एक का लंड चूत फाड़ता तो दूसरे का लंड मेरी गांड मारता। उस रात दोनों ने मुझे 3-3 बार चोदा। 2-2 बार मेरी चूत में और 1-1 बार मेरी गांड में अपना वीर्य डाला।
सुबह जब मैं उठी तो मेरी चूत से चिकना पानी निकल रहा था तो मैं उठ के बाथरूम नहाने चली गई। दोनों अन्दर आ गए और फिर से मुझे 30-40 मिनट तक चोदा।
बारिश रुक ही चुकी थी, मैंने उन्हें यह बात किसी को न कहने को कहा और मैं वापस पूना लौट आई। महीने में 1-2 बार विशाल और केतन पूना आते तो मुझे मिलते थे। अगर कभी चांस मिला तो मैं उनसे चुदवाती थी और वो दोनों मेरी जम कर मेरी चुदाई करते। कभी विशाल तो कभी केतन अकेले आता।
केतन ने चोदते वक़्त मुझे कहा था कि विशाल की बहन जो नेहा जो मेरी सहेली थी उसे भी उसने खूब चोदा था।
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