माँ-बेटियों ने एक-दूसरे के सामने मुझसे चुदवाया-9

(Maa Betiyon Ne Ek Dusri Ke Samne Mujhse Chudvaya-9)

गबरू 2014-03-31 Comments

This story is part of a series:

मैंने बाजार में ही रीना को इसका इशारा कर दिया था कि आज की रात मैं उसको रंडियों को जैसे चोदा जाता है वैसे चोदूँगा।

मैंने उससे कहा- रीना बेटी, आज की रात तुम्हारी स्पेशल है। आज मैं तुम्हें सब के सामने एक रंडी को जैसे हम मर्द चोदते हैं वैसे चोदूँगा। अभी तक मैं तुम्हें अपनी बेटी की तरह से चोद रहा था और तुम्हें भी मजा मिले इसका ख्याल रख रहा था, पर आज की रात मैं तुम्हारे मजे की बात भूल कर केवल एक मर्द बन कर एक जवान लड़की के बदन को भोगूंगा तो तुम इस बात के लिए तैयार रहना। शहर में लोगों को तुम्हारे खुशी का ख्याल नहीं रहेगा। उन्हें तो सिर्फ़ तुम्हारे बदन से अपना पैसा वसूल करना रहेगा।

करीब 2 बजे हम लोग घर आए और फ़िर खाना खा कर आराम करने लगे। रीना अपनी माँ और बहनों के पास थी और रागिनी मेरे पास। हम दोनों अब आगे की बात पर विचार कर रहे थे।

मैंने कहा- अब अगले एक सप्ताह तक मुझे काम से छुट्टी नहीं मिलेगी सो आज रात मैं अपना कोटा पूरा कर लूँगा।

तब रागिनी बोली- हाँ, और नहीं तो क्या…! अब वहाँ जाने के बाद सूरी तो रीना की लगातार बुकिंग कर देगा, जब उसको पता चलेगा कि यह शहर सिर्फ़ कॉल-गर्ल बनने आई है। एक तरह से ठीक ही है, आज रात में रीना को जरा जम कर चोद दीजिए कि उसको सब पता चल जाए कि वहाँ हम लोग क्या-क्या झेलते हैं अपने बदन पर।

मैंने आज शाम की चाय के समय ही सब को कह दिया कि आज रात में मैं रीना को बिल्कुल जैसे एक रंडी को कस्टमर चोदता है, वैसे से चोदूँगा और आप सब वहाँ देखिएगा और रागिनी मेरे रूम में रीना को वैसे ही लाएगी, जैसे रीना को दलाल लोग मर्दों की रुम तक छोड़ कर आएँगे।

सबसे पहले सबसे छोटी बहन रीता की मुँह से निकला- वाह… मजा आएगा आज तो !

फ़िर मैंने बिन्दा को कहा- अपनी बेटी की पहली दुकानदारी के समय वहाँ रहोगी तो उसका हौसला रहेगा… अगर साथ में घर वाले हों तो लड़की पूरे आत्मविश्वास से चुदेगी।

उसके चेहरे से लगा कि अब वो भी अपना सिद्धान्त वगैरह भूल कर, ‘जो हो रहा है अच्छा हो रहा है’ समझ कर सब स्वीकार करने लगी है। उन सब के आश्वस्त चेहरों के देख मैं मन ही मन खुश हुआ। आजकल मेरी चाँदी है, अब एक बार फ़िर मैं एक माँ के सामने उसकी बेटी को चोदने वाला था और ऐसी चुदाई के बारे में सोच-सोच कर ही लण्ड पलटी खाने लगा था।

मैंने करीब 8 बजे खाना खाया हल्का सा और रीना को भी हल्का खाना खाने को कहा। फ़िर करीब 9 बजे मैंने वियाग्रा की एक गोली खा ली, रागिनी मुझे वियाग्रा खाते देख मुस्कुराई। वो समझ गई थी कि आज कम से कम 7-8 घन्टे का शो मैं जरुर दिखाने वाला हूँ उसकी मौसी और मौसेरी बहनों को।

करीब पौने दस बजे मैंने रीना को आवाज लगाई जो अपनी बहनों के साथ अपना सामान पैक कर रही थी। जल्द ही जब सब समेट कर वो आई तो मैंने उसी को जाकर सब को बुला लाने को कहा और फ़िर खुद सब के लिए नीचे जमीन पर ही दरी बिछाने लगा। कमरे में एक तरफ़ मैंने बेड को बिछा दिया था। करीब दस मिनट में सब आ गए, सबसे बिस्तर से लगे दरी पर बैठ गए तब रागिनी अपने साथ रीना को लाई।

रागिनी एकदम सूरी के अंदाज में बोली- लीजिए सर जी, एकदम नया माल है। आपके लिए ही इसको बुलाया है सर जी, पहाड़न की बेटी है… खूब मजा देगी। रात भर चोदिएगा तब भी सुबह कड़क ही मिलेगी। अभी तो इसकी चूचियाँ भी नहीं खिली हैं देखिए कैसी कसक रही है !

कह कर उसने रीना की बायीं चूची को जोर से दबा दिया।

वहाँ बैठी सभी लोग रागिनी की ऐसी भाषा सुन कर सन्न थे और मैं उसकी अदाकारी का फ़ैन हो रहा था। फ़िर उसने रीना को मेरी तरफ़ ठेल दिया, जिसे मैंने बिना देर किए अपनी तरफ़ खींचा। वियाग्रा खाए करीब एक घन्टा हो गया था, सो मेरा लण्ड लगभग टनटनाया हुआ था।

बिना देर किए मैंने रीना के बदन से कपड़े उतारने शुरु कर दिए। पहले दुपट्टा, फ़िर कुर्ती इसके बाद सलवार। रीना को ऐसी उम्मीद न थी सो मेरी फ़ुर्ती पर वो हैरान थी और बिना देर किए मैंने उसकी पैन्टी नीचे सरका दी और जब तक वो समझे मैंने उस पैन्टी को उसके टाँगों से निकाल दिया और एक धक्के के साथ उसे नीचे बिछे बिछावन पर लिटा दिया। उसकी दोनों टाँगों को घुटने के पास से पकड़कर खोल दिया और फ़िर उसकी चूत में अपना टनटनाया हुआ लण्ड घुसा कर चोदने लगा।

बेचारी सही से गीली भी नहीं हुई थी और उसको मेरे लण्ड पर लगे मेरे थूक के सहारे ही अपनी चूत मरानी पड़ी, सो वो कराह उठी। पर लौन्डिया नई-नई जवान हुई थी सो 5-6 धक्के के बाद ही गीली होने लगी और मेरा लण्ड अब खुश होकर मस्ती करने लगा।

रीना की माँ और उसकी दोनों बहनें वहीं बैठ कर सब देख रही थीं। करीब 10 मिनट तक लगातार कभी धीरे तो कभी जोर से मैं उसको चोदा और फ़िर उसकी चूत में झड़ गया। किसी को इसका अंदाजा न था, पर जब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो रीना की चूत में से मेरा सफ़ेद माल बह चला।

मैंने बिना देरी किए रीना के मुँह में अपना लण्ड घुसा दिया जो इशारा था उसके लिए, जिसको समझ कर वो मेरे लण्ड को चूस-चाट कर साफ़ किया तो मैंने उसको पलट दिया और फ़िर उसकी गाण्ड मारने लगा। उस दिन लगातार चार बार मैं झड़ा, दो बार उसकी चूत में और एक-एक बार उसकी गाण्ड और मुँह में। इसके बाद मैंने पानी माँगा। बेचारी रीना थक कर चूर थी और वो मुँह से न बोल कर इशारे से अपने लिए भी पानी माँगा।

बिन्दा हमारे लिए पानी लेने चली गई तो मैंने इशारा किया और रीता मेरे पास आकर मेरे लण्ड को चूसने लगी। बिन्दा जब पानी लेकर आई तो यह देख सन्न रह गई कि उसकी सबसे लाड़ली और छोटी बेटी अपने से 21-22 साल बड़े एक मर्द का लण्ड चूस रही है, वो भी उस मर्द का जो उसकी माँ के साथ अभी-अभी उसके सामने उसकी बड़ी बहन को चोदा चुका था।

उसने गुस्से से भर कर रीता को मेरे ऊपर से हटाया, तो रागिनी मेरे सामने बैठ कर लण्ड चूसने लगी और जैसे ही बिन्दा ने एक थप्पड़ रीता को लगाया, वो रुँआसी हो कर बोल पड़ी- ये सब देख कर मन अजीब हो गया, तो मैं क्या करूँ, तुम तो अंकल से चुदा लीं और दीदी को भी चुदा दिया और मुझे जो मन में हो रहा है उसका क्या? एक बार अंकल का छू लिया तो कौन सा पाप कर दिया, कुछ समय के बाद मुझे भी तो ऐसे ही चुदाना होगा तो आज क्यों नहीं?

अब रीना को तो मैं अगले दौर के लिए खींच लिया था और रागिनी उन माँ-बेटी में सुलह कराने के ख्याल से बोली- रीता, अभी तुम छोटी हो, अभी कुछ और बड़ी हो जाओ फ़िर तो यह सब जिन्दगी भी करना ही है। अभी से उतावली होगी तो तुम्हारा सामान समय से पहले ही ढीला हो जाएगा, फ़िर किसी को मजा नहीं आएगा, न तुमको और न ही जो तुमको चोदेगा उसको। अभी तो तुम्हारी ठीक से झाँट भी नहीं निकली है।

मैंने कहा- देख बिंदा, आज मैंने वियाग्रा खाई है। मेरा लंड अभी शांत नहीं होगा। आपकी रीना तो अभी ही पस्त हो गई है। अब मैं किसे चोदूँ?

बिंदा ने कहा- आप मुझे चोद लीजिये।

मैंने कहा- आजा, कपड़े उतार कर आकर नीचे लेट जा।

बिंदा ने सिर्फ साड़ी पहन रखी थी। उसने झट अपनी साड़ी उतारी। साड़ी के नीचे उसने ना ब्रा पहनी थी ना ही पैन्टी। वो रागिनी और अपनी सभी बेटियों के सामने नंगी होकर मेरे लंड को चूसने लगी। रीना ने लेटे-लेटे ही अपनी चूत में अपनी उंगली डाल कर अपनी माँ को मेरा लंड चूसते हुए देख रही थी।

अब मैंने देर करना उचित नहीं समझा। मैंने बिंदा को पटक कर जमीन पर लिटाया और उसकी टांगों को मोड़ कर अलग कर उसके बुर को फैलाया और अपना विशाल लंड उसके चूत में ‘घचाक’ से डाल दिया। कई मर्दों से चुदा चुकी बिंदा को भी मेरे इस मोटे लंड का अहसास नहीं था। वो दर्द के मारे बिलबिला गई। लेकिन वो मेरे झटके को सह गई।

अब मैंने उसकी चूत को पेलना चालू कर दिया। उसकी बेटियाँ अपनी माँ की चुदाई काफी मन से देख रही थी। करीब 15 मिनट की चुदाई में बिंदा ने 3 बार पानी छोड़ा। लेकिन मेरे लंड से 15 वें मिनट पर माल निकला जो उसकी चूत में ही समा गया। अब बिंदा भी पस्त हो कर जमीन पर लेट गई थी।

लेकिन मैं पस्त नहीं हुआ था। अब रागिनी की बारी थी। वो तो पेशेवर रंडी थी। मैंने सिर्फ उसे इशारा किया और वो बिंदा के बगल में जमीन पर नंगी लेट गई।

लेकिन मैंने कहा- रागिनी तेरी गांड मारनी है मेरे को।

कहानी जारी रहेगी।

मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें।

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top