लंड कन्याएं

बृज शर्मा 2007-04-13 Comments

दोस्तो,

मेरा नाम अशोक है। मेरी आयु चौबीस साल है। मैं अजमेर में पिछले तीन सालों से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहा हूँ, मेरा काम टूरिस्टों को होटलों में ठहराने और शहर घुमाने का है। कई बार विदेशी टूरिस्ट भी मिल जाते हैं जिनसे काफी कमाई हो जाती है इसलिए मैंने अंग्रेजी, स्पेनिश और इटालियन भाषा भी सीख रखी है। मैं टूरिस्टों की तलाश में रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर चक्कर लगाता रहता हूँ।

काफी दिनों से मेरी इच्छा किसी विदेशी लड़की को चोदने की थी लेकिन आज तक कोई ऐसा मौका नहीं मिला था। वैसे मैंने अपने ही शहर की कई लड़कियों को चोदा है। मेरा लंड भी नौ इंच का है जिसे लड़कियाँ बहुत पसंद करती हैं।

एक दिन मैंने रेलवे स्टेशन पर दो विदेशी लड़कियों को देखा जो काफी परेशान दिखाई दे रही थीं और फोन पर किसी से जोर जोर से बातें कर रही थीं। मैंने हिम्मत करके उनसे पूछा- क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?

मैंने उन्हें अपना आई-कार्ड दिखाया और उनकी समस्या के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जिस होटल में अपना कमरा बुक किया था वह कन्फर्म नहीं हो सका है इसलिए उन्हें सिर्फ़ दो दिनों के लिए ठहरने की व्यवस्था चाहिए।

मैंने दो-तीन होटलों से पता किया लेकिन कहीं जगह नहीं मिल सकी। इससे दोनों लडकियाँ काफी निराश हो गई। उन में एक लड़की काली और दूसरी गोरी थी। जब मैंने उनके बारे में पूछा तो काली ने अपना नाम फ्रेंकी बताया और आयु चौबीस साल बताई, दूसरी लड़की ने अपना नाम ब्रियाना बताया, आयु बाईस साल। ब्रियाना अमेरिकन थी, फ्रेंकी ब्राजीलियन थी। दोनों अजमेर का पुष्कर मेला देखने आई थीं और उन्हें दो दिन बाद ही अपने देश वापिस जाना था। मेले के कारण सभी होटलों के सारे कमरे भरे हुए थे।

तभी मुझे अचानक याद आया कि मेरे दोस्त बंटी का अजमेर से बीस मील दूर ख़ुद का एक फार्म हाउस है, जिसका बंगला खाली पड़ा हुआ है। मैंने लड़कियों से पूछा कि अगर वह चाहें तो में उस बंगले में उनके रहने की व्यवस्था करा सकता हूँ, ऐसी दशा में और कोई उपाय नहीं है। मैंने लड़कियों को भरोसा दिलाया कि उन्हें मेरे दोस्त के बंगले में कोई डर नहीं होगा, वह आराम से जितने दिन चाहें रह सकतीं हैं। उनके लिए सारा इंतज़ाम कर दिया जाएगा और उन्हें इसके लिए कोई पैसा भी नहीं देना पड़ेगा।

दोनों फ़ौरन तैयार हो गई। मैंने उनका सामान टैक्सी में रखवाया और बंटी को फोन से बताया कि वह जल्दी से खाने पीने का सारा सामान और दो बोतल व्हिस्की लेकर जल्दी से अपने फार्म हाउस वाले बंगले पर पहुँच जाए, आज मैंने दो विदेशी लड़कियाँ फांस ली हैं, जिनमें एक गोरी और एक काली है। अगर किस्मत ने साथ दिया तो मिल कर दोनों की चुदाई करेंगे। मेरा दोस्त बंटी भी विदेशी चूत का दीवाना है, उसकी उमर बाईस साल है। वह थोड़ी अंग्रेजी भी जानता है।

वह एक घंटे में ही सारा सामान लेकर आ गया। यह देख कर लड़कियाँ बहत खुश हो गई और धन्यवाद देने लगीं।

फ्रेश होने के बाद हम सब सोफे पर बैठ गए। मैंने चार पैग बनाए और प्लेट में चिप्स और काजू रख दिए। फ़िर हम बातें करने लगे। मैंने लड़कियों से पूछा कि क्या वे अपने देश में जाकर शादी करने जा रही हैं?

तो वह बोलीं- ऐसा नहीं है ! हम लोग लोग शादी में विश्वास नहीं रखते, हम तो खुले-सेक्स में विश्वास रखते हैं। हमारा मानना है कि हमारा जीवन सिर्फ़ सेक्स के लिए ही बना है। हर इंसान को मरते दम तक सेक्स करना चाहिए। दुनिया में इससे अच्छा कुछ भी नहीं है। हमारा शरीर मौजमस्ती के लिए ही बना है।

इतना सुनते ही बंटी ने फ्रेंकी को चूम लिया और बाहों में ले लिया। फ्रेंकी ने भी मेरे दोस्त को चूम कर उसके मुँह में अपनी जीभ घुसा दी। बंटी का लंड खड़ा हो गया था, उसका लण्ड दस इंच का है। फ्रेंकी ने उसकी पैंट को खोल कर लण्ड बाहर निकाला और चूसने लगी।

लड़कियों ने भी अपनी अपनी शर्ट निकाल दी। उनके बड़े बड़े गोरे काले स्तन बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैं ब्रियाना के मम्मे दबाने लगा और चूसने लगा। मेरा दोस्त फ्रेंकी को नंगा करना चाहता था और चोदना चाहता था। जब उसने फ्रेंकी के कपड़े उतारे तो वह भौंचक्का रह गया। लड़की की जाँघों के बीच में चूत की जगह बारह इंची लंबा मोटा लंड लटक रहा था। यह देख कर मैंने भी ब्रियाना के कपड़े उतार दिए। वहाँ भी लंबा लंड चमक रहा था, जिसका सुपारा खुला हुआ था।

बंटी को समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या माजरा है। वह मेरी तरफ़ देखने लगा, मैंने उसे समझाया कि ये लड़कियां नहीं बल्कि लंड-कन्याएँ हैं, इन्हें विदेशों में शीमेल या लेडी-बॉय कहते हैं। दुनिया में ऐसी लाखों लेडी-बॉय हैं, ये अक्सर गांड मरवाती हैं और मार भी सकती हैं, यह लड़कियों की चुदाई भी कर सकती हैं। अगर कोई एक बार इनकी गांड मार लेगा तो वह चूत को भूल जाएगा क्योंकि इनकी गांड काफी कसी होती है जिसमे लंड पूरी तरह से फिट हो जाता है, इनसे गांड मरवाने से भी बहुत मजा आता है और मारने वाले को चूत से दस गुना आनंद आता है।

तभी फ्रेंकी ने मेरे दोस्त को झुकने कहा जिससे बंटी की गांड साफ़ दिखाई देने लगी। फ़िर फ्रेंकी ने अपने बैग से एक क्रीम निकाली और बंटी की गांड पर लगा दी। बंटी की गांड लपलपा रही थी। फ्रेंकी ने अपने लंबे मोटे काले लंड का सुपारा बंटी की गांड के छेद पर रख दिया। सुपारा गांड में घुस गया। फ़िर धीमे धीमे आधा लंड अन्दर उतार दिया और जोर का एक ऐसा धक्का मारा कि सारा लंड गांड फाड़ कर भीतर चला गया।

बंटी चिल्लाया- अशोक मेरी गांड फट रही है ! इसने मेरी गांड में मूसल घुसा दिया है !

मैंने कहा- ज़रा हिम्मत रखो, कुछ नहीं होगा!

पाँच मिनट बाद फ्रेंकी ने लंड की स्पीड तेज कर दी और दनादन गांड मारने लगी। बंटी की गांड ढीली हो चुकी थी, वह मज़े से गांड मरवाने लगा, उसे मजा आने लगा।

बीस मिनट तक गांड मारने के बाद फ्रेंकी ने लंड बाहर निकालाऔर अपना सारा वीर्य मेरे दोस्त के मुँह में निकाल दिया जिसे वह बड़े मजे से पी गया। फ़िर फ्रेंकी ने बंटी का लंड चूस कर उसे खड़ा किया और अपनी गांड सामने कर दी।

बंटी ने भी दबादब फ्रेंकी गांड मारना शुरू कर दी। उसे अपना बदला भी लेना था, उसने फ्रेंकी की इतनी जोर से गांड मारी कि वह हर धक्के पर ओह ओह ओ माय फक .फक मी .फक मी.उ उ उ कर रही थी। करीब चालीस मिनट तक गांड मारने बाद ही मेरा दोस्त झड़ सका।

इसी तरह ब्रियाना मेरी और मैंने उसकी रात तक गांड मारी। इतना मजा हमने जिन्दगी में नहीं पाया था।

सवेरे जब हम सो कर उठे तो हमारी गांड सूजी हुई थीं। लेकिन हम बहुत खुश थे, हम अजमेर के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने लंड-कन्याओं की गांड मारी और उनसे गांड भी मरवाई थी। बाद में हम सब एक साथ बैठे और अपना वीर्य निकाल कर एक ग्लास में डाला और व्हिस्की में मिला कर सबने पिया और हमेशा के लिए दोस्ती पक्की कर ली।

आज भी हमें ऐसी और लंड-कन्याओं की तलाश है। अगर आपको मिलें तो गांड जरूर मरवा लें।

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