लिव इन कैरोल-1
(Live In Carole-1)
मुकेश कुमार
प्यारे पाठको,
मेरी पहली आपबीती हैप्पी चोदिंग ! पढ़ी,
उस कहानी में मैंने आपको एक रिसेप्शनिस्ट कैरोल के बारे में बताया था।
आज मैं मेरे और मेरी लिव-इन-पार्टनर (मेरी एक्स गर्लफ्रेंड ) कैरोल के साथ बिताये मधुर और गर्मागर्म पल बिना मिर्च मसाला और बिना शर्म के साथ बता रहा हूँ।
मैं मुंबई नौकरी की तलाश में आया था जिस कंपनी में पहली नौकरी लगी, कैरोल वहीं पर रिसेप्शनिस्ट थी। कैरोल गेहुंए रंग की तीखे नक्श की मालकिन थी। उसकी बड़ी बड़ी आँखें मदहोश कर देती थी, चुचे, चूतड़ सब मस्त थे।
जबकि मैं साधारण व्यकित्व वाला 7″ लंबे लंड का मालिक हूँ पर औरतें-लडकियाँ सूरत पर जाती है इसलिए मेरे से एकाएक दोस्ती नहीं करती, पर जब एक बार चुदवा लेती है तो फिर बार बार आती हैं।
मैं मुंबई में अकेला रहता हूँ एक छोटे से फ्लैट में। पहले 4-6 हफ्ते कैरोल से सिर्फ गुड मोर्निंग, हाय, हेल्लो ही होती थी। हमारा ऑफिस सोमवार से शुक्रवार ही चलता था।
एक शनिवार तक़रीबन 11 बजे उठा और चाय पीने निकला, सोचा थोड़ी भाजी और अंडे ले लूँ, कमरे पर ही खाना बनाऊँ, बाहर खाकर बोर हो गया था। सिगरेट पीते पीते सब्जी वाले के यहाँ गया आलू, कांदा, वगैरह लेकर पैसे दे कर मुड़ा और एकदम से कैरोल से टकरा गया।
वो पहले सॉरी बोली, फिर मुझे देख मुस्करा दी।
“आप यहाँ कैसे?”
“मैं तो यही पास की बिल्डिंग में किराये पर रहता हूँ !” मैंने कहा, “और आप?”
“मैं भी पास में पेइंग गेस्ट रहती हूँ, यह मेरी फ्रेंड मारिया है, एक और है सूसन, वो रूम पर ही है। पास ही में एक क्रिस्चियन ओल्ड आंटी हैं, उनके साथ रहते हैं।”
मैंने मारिया को देखा, एकदम गोरी दूध की तरह, वह भी सही जगह उभार लिए थी। मेरी नज़र बार बार मारिया के मम्मों पर ही अटक जाती।
कैरोल ने यह नोटिस किया।
“आपकी शादी हो गई?” मारिया ने पूछा।
“नो डियर, ही इस बैचलर !” कैरोल तपाक से बोली। मैं भी आश्चर्य से देखने लगा।
झेंपते हुए कैरोल बोली, “आपकी फाइल में पढ़ा था।”
“तो यह भाजी?” मारिया बोली।
“मैं पकाऊँगा !”
“तो आज शाम को हम तीनों आपके घर आ रही हैं, पार्टी एट योर प्लेस, म्यूज़िक, डांस, बज़ एंड एग करी !” मारिया ने ऐलान किया।
कैरोल ने मेरी सकपकाहट भांप ली, बोली, “मारिया वेट ! सूसन को पूछ लेते हैं…!”
“नो इट्स ओके ! पार्टी इस ओन ! एक ही प्रॉब्लम है, आइ डोंट हैव म्यूजिक प्लेयर !”
“डोंट वरी, मोबाइल पर प्ले कर लेंगे, और व्हिस्की मैं लेकर आऊँगी, माय ब्रांड !” मारिया बोली।
शाम को वो तीनों आई, हमने बहुत मस्ती की, कोई सेक्स नहीं।
उन दिनों मेरे पास फ्रिज नहीं था। बर्फ का बन्दोबस्त पड़ोसन से किया था, इसलिए बची हुई एग करी तीनों ले गई।
अगली सुबह दस बजे घंटी बजी, मैं सिर्फ शॉर्ट्स में सो रहा था, उन दिनों ए सी भी नहीं था।
दरवाजा खोला तो मारिया खड़ी थी।
“गुड मोर्निंग, क्या मैं अन्दर आ जाऊँ?”
मेरी नंगी छाती पर अपने कोमल हाथ रख कर हल्का धक्का दिया और अपने चूचे मेरी छाती से रगड़ते हुए अन्दर चली गई। मैं बाहर देखने लगा कैरोल और सूसन को। हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !
“वो दोनों चर्च गई है, जेनिफ़र आंटी के साथ, तीन बजे तक आएंगी। मुझे तो हैंगओवर हो रहा था, सोचा जो थोड़ी व्हिस्की बची थी दोनों पीकर हैंगओवर उतार देते हैं।”
यह कह कर उसने एक सिगरेट जलाई और मुझे आँख मारते हुए बोली, “कम डिअर, सिट !”
और मुझे मेरी ही सिगरेट पेश की।
सिर्फ कल ही दोस्ती हुई और आज इतना खुलापन। मैं जिस शहर से आया था, उसके लिए यह माहौल एकदम नया था। बाद में कैरोल ने बताया कि मारिया एक नंबर की चुदासी है और नए लंड तलाशती रहती है।
मैंने सिगरेट का एक कश लिया और फिर उसे लौटा दी।
वह बोली- व्हिस्की निकालो, हैंगओवर उतारते हैं, फिर कल की एग करी आज के पाव के साथ खा लेंगे।
मैं अपना टी-शर्ट पहनने बाथरूम जाने लगा तो मारिया ने हाथ पकड़ कर पास में बिठा दिया। सिगरेट का धुआं मेरी छाती पर छोड़ते हुए मुझे सिगरेट दी पीने के लिए और अपनी टांग पर टांग रख मेरे शरीर से अपने शरीर को सहारा दे कर बैठ गई।
“तो तुम प्लेबॉय पढ़ते हो?” मारिया आँखों में लालच लाते हुए बोली।
“तो लैपटॉप में वीडियो भी होंगे?”
मुझे भी शरारत सूझी, बोला- मेरी लैप की टॉप पर तो तुम हो तुम्हारा वीडियो कहाँ देखूँ। वैसे तुमने प्लेबॉय कब देखी?
“कल शाम को सुसू करने गई थी तब … और यह भी देखा की नंगी लड़कियों की तस्वीरों पर…”
“क्या करूँ, जवान लड़का हूँ।” मैंने कहा।
उसने मेरी टांगों के बीच में देखा और हरकत में आते लौड़े को देख मुस्कराई।
मेरे शॉर्ट्स पर हाथ से उत्तेजित करते हुए होंट से होंट लगा चूमने लगी।
मेरी शर्म भी सिगरेट के धुए में उड़ गई, मैंने मारिया को बाहुपाश में जकड़ लिया और उसकी जीह्वा को चूस चूस कर साथ देने लगा।
मेरे दोनों हाथ उसके चूतड़ों से लेकर पूरी पीठ पर घूम रहे थे इस आशा में कि कब मारिया थोड़ी जगह दे और कब हाथ चूचे मसलें।
मारिया का एक हाथ मेरे लौड़े को कड़क कर रहा था तो दूसरा बालों में फिर कर रसीले चुम्बन को लम्बा करने में मदद कर रहा था।
दस मिनट के बाद मारिया अलग हुई तो मेरी नज़र उसके वक्ष पर पड़ी।
उसने भी देख लिया और टी-शर्ट निकलते हुए बोली- बहुत गर्मी है आज !
“कहाँ ! भट्टी के नज़ारे तो अब हुए हैं।” कहते हुए मैं मम्मे मसलने लगा, फिर ब्रा के हुक खोले तो पहली बार प्लेबॉय के बाहर गुलाबी चुचे देख रहा था, आँखें फटी की फटी रह गई।
मारिया बोली- क्या पहली बार कर रहे हो? प्लेबॉय की प्लेमेटस की तस्वीरों को तो अपनी कम (वीर्य) से गन्दा किया, अब इन्हें भी कर दो !
“पहली बार नहीं, पर गुलाबी निप्पल पहली बार देखे !” और उनका रसपान करने लगा।
मारिया सी सी सी की आवाज़ करने लगी और एक हाथ से स्कर्ट में हाथ डाल पेंटी पर रगड़ने लगी, फिर थोड़ी संभल कर दोनों हाथों से मेरी शॉर्ट्स उतार दी, घुटनों के बल बैठ मेरे लौड़े को ललचाई नज़र से देखा। मेरा लंड भी मारिया की मस्त जवानी को सलामी दे रहा था। मारिया ने झट से मुँह में लेकर चूसना चालू किया।
दोस्तों अब तक जितनी रंडियों से चुसवाया, वो मारिया के सामने बच्ची थी। मारिया टट्टे चूसती, जबान लौड़े के नीचे से शुरु करते हुए शिखर तक ले गई, फिर क्राउन को मुँह में लेकर चूसा। मारिया पूरी मस्ती से मेरे लौड़े को चूस रही थी और अपने पैर चौड़े कर एक हाथ से पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत सहला रही थी।
“मारिया मेरा निकल जायेगा, प्लीज चूत मारने दो डार्लिंग !” मैंने बोला।
“नहीं जान, मेरे बूब्स पर अपना माल निकाल दो, चुदाई सेकंड राउंड में कर लेना।”
इतना कह कर फिर चूसना जारी रखा। मेरे लंड पर थूका और मुठ मारने लगी। मारिया एक प्यासी चुदक्कड़ के जैसे मेरे लंड से खेल रही थी।
तभी मेरी पिचकारी चल गई। थोड़ा वीर्य मारिया के मुँह में गया बाकी उसने बूब्स पर निकलवाया।
कहानी के अगले भाग की प्रतीक्षा कीजिए।
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