कयामत थी यारो-1

प्रेषक : विशाल

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार। सभी फड़कती हुई चूतों को और लण्डों को भी मेरा नमस्कार !

मेरा नाम विशाल है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ, उम्र बीस साल है और मैं कालेज का छात्र हूँ।

यह अन्तर्वासना पर चुदाई की मेरी पहली कहानी है।

बात जनवरी, 2011 की है मेरा परीक्षा परिणाम बहुत बेकार आया था तो मैंने दोस्तों के साथ मिल कर शराब पीने का कार्यक्रम बनाया और कार्यक्रम के मुताबिक मैं उस जगह पर जा रहा था कि मेरी मोटर साइकिल ख़राब हो गई।

मैंने सोचा किसी से लिफ्ट ले लूँ !

मैं सड़क पर खड़ा ही था कि एक कार मेरे पास आकर रुकी और एक सुंदर सी लड़की ने कार की खिड़की का शीशा हटा कर पूछा- मे आई हेल्प यू इन एनि वे?(क्या मैं

आप की कोई मदद कर सकती हूँ)

अब क्या कहूँ दोस्तो !

लड़की नहीं क़यामत थी ! उसे देख कर लग रहा था कि भगवान सच में कभी तो फुर्सत में बैठा ही होगा !

खैर मैंने उससे कहा- आप मुझे आगे ड्रॉप कर सकती हैं?

तो उसने कहा- क्यूं नहीं ! माय प्लेज़र !

मेरे तो जैसे भाग ही खुल गए।

उसके हाँ कहने का अंदाज़ भी कुछ अलग ही था, जैसे उसे भी मुझसे कुछ काम हो।

मैंने बात करना शुरू किया और धीरे धीरे वो मेरे बारे में सब जान गई और मैं उसके बारे में !

पर मैं उसमें कुछ ज्यादा ही रुचि ले रहा था। अब एक सुंदर लड़की आपके पास बैठी हो और वो भी जींस-टॉप में तो कोई कैसे आरामदायक हो सकता है? पर उससे बात करके मेरा मूड ठीक सा हो गया, अब तो मेरे मन में उसे निचोड़ कर उसका रस पीने का कर रहा था।

उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रंड है क्या?

मैंने मना कर दिया तो वो मुझे लगातार देखने लगी।

मैंने पूछा-ऐसे क्यूँ देख रही हो?

तो वो बोली- कुछ नहीं !

मैंने भी पूछा- और तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?

तो उसने कहा- एक नहीं कई सारे हैं, पर मैं बदलती रहती हूँ !

यह सुन कर मैं तो जैसे डर ही गया। फिर मैंने किसी तरह हिम्मत करके उसे बोल ही दिया- तुम बहुत सुन्दर हो ! इसमें उस सब लड़कों का क्या कसूर है?

तो वो हंस पड़ी और बस उसने गेयर लगाने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाया, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा- क्या मैं आपको किस कर सकता हूँ?

उसने झट से ब्रेक लगा कर अपना गाल मेरे आगे कर दिया जैसे वो मेरे कहने का ही इन्तजार कर रही थी और मैं जैसे ही उसे किस करने के लिए आगे बढ़ा तो उसने एकदम अपने होंट मेरे आगे कर दिए।

क्या कहूँ दोस्तो ! बस जन्नत सी नसीब हो गई थी और मैं उसे घूरने लगा।

वो बोली- क्या हुआ? तुमने किस के लिए कहा था, दे दिया ! कुछ और भी चाहिए?

मैंने कहा- मतलब?

वो बोली- मतलब !

और आँख मार दी।

मैं समझ गया कि आज तो भगवान मेहरबान है, मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया और… क्या ?

यार, होंठों को तो वो ऐसे चूस रही थी जैसे आज तो खा ही जाएगी !

मैंने धीरे से उसके वक्ष दबा दिए।

इतने मुलायम स्तन थे कि बस मज़ा आ गया और उसने भी कुछ मना नहीं किया।

मैंने सोचा कि मौका है, मैदान मारा जा सकता है। मैंने हाथ उसके टॉप में डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा। वो गर्म होने लगी थी और उसके मुँह से आ… आ आआ…आई ईई… ईई ई आआ…आआ ई ऊ… ऊऊऊऊ इ…स्स्स की आवाजें निकल रही थी जो मुझे और भी पागल सा कर रही थी।

उसने भी मेरे लण्ड पर हाथ लगाया, वो तो अपने असली रूप में आ चुका था, वो बोली- चलो कहीं चलते हैं।

मैंने कहा- ठीक है !

औरपास ही के एक होटल में हम चले गए। वहाँ पर कमरा लेकर वो बोली- तुम कमरे में चलो, मैं कार लॉक करके आती हूँ, मैं कार लॉक करना भूल गई हूँ।

और वो जब कमरे में आई तो उसके हाथ में एक बैग था !

उसने आते ही कमरा बन्द किया और मेरे से लिपट गई, मेरे होंठों को जैसे खा जाना चाहती थी।

फिर अचानक वो मेरी पैंट उतारने लगी और अंडरवीयर के ऊपर से ही मेरे लण्ड को चूसने लगी। एक मीठा सा अहसास मुझे होने लगा, उसने मेरा अंडरवीयर उतर दिया और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

मैंने भी उसके स्तनों को आजाद कर दिया और ब्रा भी उतार दी, मैं उन्हें सहलाने लगा।

फिर अचानक उसने वो बैग खोला जो वो कार से बाद में लाई थी और बीयर की बोतल निकाल कर मुझे कहा- इसे लण्ड पर गिराओ !

और वो नीचे बैठ कर चाटने लगी !

हाय ! क्या बात थी उस अहसास में ! उसने तो मुझे अपना दीवाना सा कर दिया।

और तभी अचानक मुझे लगा कि मेरा छुटने वाला है, मैंने उसे बताया।

उसने कहा- मेरे मुँह में ही छोड़ दो !

और मैंने सारा उसके मुँह में ही छोड़ दिया और उसने मेरा लण्ड चाट कर एकदम साफ़ कर दिया। अब मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया, उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके चुचूक चूसने लगा। बची हुई बीयर उसने अपने वक्ष पर डालनी शुरू कर दी और मैं मादक कुत्ते की तरह उसे चाटने लगा और उसकी चूचियों को मैंने चाट कर लाल कर दिया और साथ ही उसकी जींस में भी हाथ डाल दिया।

उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, मैंने बड़े प्यार से उसकी जींस उसकी टाँगों से अलग कर दी।

अब वो जालीदार काली कच्छी में खूब मस्त लग रही थी।

एक तो क्या रूप था उसका और ऊपर से ऐसे खतरनाक तरीके से लण्ड चूसा उसने !

क्या बात थी !

और फिर मैंने उसकी कच्छी भी हटा दी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था जैसे अभी अभी साफ़ की हो !

आगे की कहानी आपको मैं दूसरे भाग में बताऊंगा !

आपकी राय और मेल का इन्तजार रहेगा।

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