ज़िम वाली की सेवा

neetuarora10 2004-11-13 Comments

प्रेषक : नीतू अरोड़ा

हेलो,

मेरा नाम नीतू है। हम दिल्ली के पास रहते हैं। मैं एक जिम में जाता हूँ, वहाँ पर महिलाएँ और पुरुष दोनों आते हैं।

कुछ दिन पहले एक बहुत ही मासूम चेहरे वाली महिला ने आना शुरू किया, उसने पहली नज़र में ही दिल को छू लिया।

मैने तो दिल ही दिल में उसके बारे में सोचना शुरू किया, हर समय उसके ख़यालों में रहने लगा। हर समय उसकी उभरी हुई छातियों के बारे में सोचता रहता कि कब इनका रस पी सकूँगा।

आख़िर वो दिन आ गया।

एक दिन जिम में उसके पाँव में मोच आ गई। जिम वाले के पास कोई कार ना होने के कारण जिम वाले ने मुझे उसको छोड़ कर आने के लिए कहा। २-३ महिलाओं ने उसको सहारा देकर मेरी कार में बैठाया। हम धीरे धीरे उसके घर की तरफ चले।

मैंने बहुत हिम्मत करके बातचीत शुरू की, उसका हालचाल पूछा, उसने धन्यवाद किया। फिर वो पूछने लगी कि आप हर समय मुझे देखते क्यों रहते हो?

मैंने कहा- ये आप अपने आप से पूछ सकती हैं।

वो समझ गई कि वो मुझे बहुत पसंद है।

बात करते करते उसका घर आ गया, उसने मुझे डोर बेल बजाने को कहा, पर बार बजाने के बावजूद अंदर से कोई नहीं आया। फिर उसने मुझे प्रार्थना वाले अंदाज में पूछा कि आप मुझे अंदर तक छोड़ देंगे?

मेरे मन में लड्डू फूटने लग गये कि उसके बदन को छूने का मौका तो मिला। मैने धीरे से उसका हाथ थामा और अंदर ले गया। अन्दर जाकर उसने बेडरूम में लेजाकर बेड पे लिटाने को कहा।

वो कहने लगी- प्लीज़ क्रीम उठा कर देते जाओ !

पर उसको दर्द हो रहा था, मेरे से रहा नहीं गया, मैंने उसको आग्रह किया कि अगर आप बुरा ना माने तो मैं आपके पैर पर थोड़ी सी क्रीम लगा देता हूँ, उसने इनकार नहीं किया। मैंने थोड़ी क्रीम हाथ में ली और धीरे धीरे उसके पैर पर लगा कर सहलाना चालू किया मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही उसके गले से सिसकारियाँ निकलने लगी।

मैं मौके को भाँपते हुए बेड के ऊपर बैठ गया और आराम करने के अंदाज में लेट गया। मुझे यह पता करना था कि आग दोनो तरफ है या एक तरफ?

वो देखते ही देखते मेरे साथ बराबर में आ के लेट गयी और कहने लगी- जो भी चाहते हो कर लो सब तुम्हारा है। मेरे पति ने मुझे बीच में ला के खड़ा कर दिया है। काम के सिलसिले मे वो अक्सर बाहर रहते हैं और हम यों ही प्यासे रह जाते हैं ! आज जी भर के हमें प्यार करो, हम बहुत प्यासे हैं। उसने मुझे नंगा कर दिया और अपना भी ट्रैक-सूट उतार कर फेंक दिया और मेरे लंड को जी कार में तन कर मोटा हो गया था, उसको बुरी तरह चूसना चालू कर दिया। वो मेरे लंड महाराज को इस तरह चूस रही थी मानो जन्मों-२ से प्यासी हो फिर उसने अपनी टांगे फैला कर इशारा किया कि आज इसकी प्यास मिटा दो।

मैने लंड को दोनों लाइन बीच में रख कर ज़ोर झटका मारा लंड सीधा उसकी गर्मागर्म आग की तरह तपती हुई गांड में गया। उसके मुँह से अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी। पूरे १५ मिनट बाद वो खल्लास हो गयी। हम फटाफट फ्रेश हुए, उसने मुहे जाने का इशारा किया क्योंकि उसकी सास का मंदिर से आने का टाइम हो गया था।

उसकी मेरी बहुत अच्छी निभती रही, हमने खूब सारा आनंद लिया।

अभी हम फोन पर प्यार कर लेते हैं।

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ज़िम वाली की सेवा

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