दो की प्यास बुझाई
मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, मेरा कद 5 फ़ुट 9 इन्च है। मेरे शरीर का रंग गोरा है और 7″ का लंड है. मेरी उमर 26 साल है। मैं अपनी एक कहानी आप लोगों के सामने पेश कर रहा हूँ जो मेरे साथ एक हफ्ते पहले हुई थी। मेरे घर में सब शादी की तैयारी के लिए बाहर गए थे और मैं अकेला घर पर था।
उसी समय लड़के वालों के घर से एक लड़की आई। उसने दरवाजे की घण्टी बजाई तो मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो वो मिठाई लेकर आई थी। मैंने उसे अन्दर बुलाया और बैठने को कहा। वो बैठ गई। मैं उसके लिए एक ग्लास पानी लेकर आया। लड़की का नाम रीफा था, वो देखने में तो बहुत सुंदर थी और उसकी उम्र लगभग बीस साल की लग रही थी। मैं उसे देखते ही बेचैन हो गया। वो बहुत शरमा रही थी पर वो मुझे लाइन भी मार रही थी, इतना मैं दावे के साथ कह सकता हूँ।
फिर मैं भी उसके साथ बैठकर बातें करने लगा। मैंने कुछ देर बाद उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है क्या?
उसने ना में जवाब दिया। फिर वो जाने के लिए खड़ी हो गई। मैंने जल्दी से उसका फ़ोन नंबर पूछ लिया। फ़ोन नम्बर बोलकर वो चली गई। मैं तो उसे देखकर बेताब हो गया था।
हमारे घर की नौकरानी का आने का समय हो रहा था और मुझे काफी नींद आ रही थी। मैं फिर अपने कमरे में जाकर सो गया। मैं अपने कमरे का दरवाजा बंद करने भूल गया था और मैं बनियान- चड्डी में सो गया(बिना पैंट और शर्ट के)। हमारी नौकरानी को पूरे घर का झाड़ू-पोचा करना था। वो मेरे कमरे में आ गई, मुझे तब तक नींद नहीं आई थी। मैं सिर्फ लेटा था। नौकरानी सिर्फ एक साड़ी पहने थी। वो मेरे बेड के पास आकर खड़ी हो गई और मेरी चड्डी उतारने लगी पर मैं उठा नहीं, मैं सोने का नाटक कर रहा था। वो मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे हाथ को पकड़कर अपनी बुर में लगाने लगी। उसकी बुर और साड़ी पूरी तरह गीली हो गई थी।
फिर मैंने अपना नाटक ख़त्म किया और उठ गया। नौकरानी डर गई थी। मैंने उठते ही उसे ब्लाऊज़ उतारने को कहा, उसने उतार दिया।
बाप रे बाप ! इतनी बड़ी उसकी चूचियाँ थी कि पूछो मत ! भले ही वो सुंदर न थी पर उसकी काली चूची मुझे बहुत पसंद आई और चूची पर बड़े बड़े चुचूक थे। मैं उन्हें बहुत देर तक चूसता रहा।
फिर मैंने नौकरानी को बोला- चलो, अब बस करते हैं।
वो एक विधवा औरत थी और कहने लगी- मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझा दो ना !
मैंने कहा- हाँ, बुझा दूंगा ! पर आज नहीं कल !
फिर मैं सो गया और शाम को मैंने उस लड़की रीफ़ा दो फ़ोन किया जो आई थी और अपने घर बुलाया। पहले तो वो मना कर रही थी पर कुछ देर में मान गई।
शाम सात बजे वो घर पर आई। मैं इस बार उसे अपने बेडरूम में ले गया और उसे लेटने को कहा। वो लेट गई।
मैंने फिर हिम्मत करके उसे पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है ?
वो बोली- नहीं !
मैंने फिर पूछा- तुम फिर अपने पति के साथ सुहागरात कैसे करोगी? कुछ तो एक्सपेरिएंस रहना चाहिए ना?
वो भी प्यासी थी, उसने मेरे इस सवाल का जवाब नहीं दिया और अचानक मुझसे चिपक गई और होठों को चूमने लगी। मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था। यह सब 5 मिनट चलता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। उसकी ब्रा बहुत कसी थी। जैसे मैंने उसकी ब्रा उतारी तो मैं पागल हो गया। उसकी चूची बहुत बड़ी थी, हमारी नौकरानी से भी बड़ी ! और दूध के से जैसे सफ़ेद रंग की थी। चुचूक गुलाबी रंग के थे।
फिर मैं उन्हें दस मिनट तक चूसता रहा। फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था। मैंने फिर उसकी सलवार उतार दी और पैंटी दोनों भी। मैं फिर उसकी चूत चाटने लगा।
वह बोली- अब बस करो और मेरी इच्छा पूरी करो !
फिर मैने उसकी चूत में अपना लंड रखा और एक जोर का धक्का मारा। उसकी सील टूटी नहीं थी इसके कारण उसे बहुत दर्द हो रहा था।
वह चिल्लाई- बस बस ! निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, अहहहहहहहहहहह !!!!!!!! निकालो जल्दी।
दर्द के कारण उसकी आँखों में आंसू आ गए। मैंने फिर एक जोर का धक्का मारा और वो फिर चिल्लाई। उसका गोरा रंग होने के कारण उसकी चूत पूरी गुलाब के जैसी लाल हो गई थी और उसमें से खून आ रहा था।
जब मैंने तीसरा धक्का मारा तो उससे रहा ना गया और उसने अपनी चूत टाईट कर ली और मेरा लंड बुरी तरह अटक गया था, अब मुझे भी दर्द होने लगा।
फिर मैंने धीरे-धीरे करके लंड निकला और लगातार पाँच-छः धक्के मारे। वो चिल्ला-चिल्ला कर पागल हो गई थी। फिर कुछ देर में उसे भी मज़ा आने लगा और मुझे भी।
कुछ देर बाद वो झड़ गई और मेरा लंड पूरा गीला हो गया पर हम दोनों अभी भी कर रहे थे। फिर मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। वो टेंशन में आ गई और कहने लगी- कहीं मैं प्रेग्नंट हो गई तो ? मैं बोला- तुम फिकर मत करो, मैं तुम्हें दवाई ला दूँगा।
हम दोनों फिर एक साथ बाथरूम में गए और लंड और चूत को साफ़ करके अपने कपड़े पहन लिए।
अगले दिन सुबह हमारी नौकरानी आ गई अपनी प्यास बुझवाने !
उसके साथ भी बहुत मज़ा किया !
और जानने के लिए मुझे मेल करो दोस्तो !
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