दिल्ली से लखनऊ-1

आशीष 2009-01-11 Comments

प्रेषक : रिन्कू

प्रिय पाठको,

मेरा नाम रिंकू है, मैं 24 का हूँ। मैं दिल्ली में जनकपुरी में रहता हूँ। सबसे पहले मैं आपको अपने फिज़ीक के बारे में बता दूं- मेरी लम्बाई 5’6″ है। रंग साफ़ और बदन छरहरा है। मैं एक कंपनी में जॉब करता हूँ, अक्सर कंपनी मुझे टूर पर भेजती रहती है।

एक दिन की बात है ऑफिस में मुझे पता चला कि मुझे दस दिन के लिए लखनऊ जाना है, वहाँ पर कुछ तकनीकी सहायता देनी है। मेरा मन जाने को नहीं था पर ऑफिस का काम था, मना नहीं कर सकता था। फिर मैंने जाने का फैसला कर लिया। चूंकि मेरी योजना अचानक बनी थी इसलिए ट्रेन टिकट भी बुक नहीं हो पाया था। अब मुझे ही फ़ैसला करना था कि मुझे कैसे जाना होगा।

मैं ऑफिस से लंच के बाद निकल आया और शाम को जाने की तैयारी कर रहा था, मैंने बस से जाने का मन बना लिया था। मैं शाम को आनंद विहार बस स्टैंड पहुँच गया और लखनऊ जाने वाली एसी बस का टिकट ले लिया। मुझे पीछे की सीट मिली, मैं सोच रहा था कि आज रात कैसे कटेगी। बस का समय दस बजे का था, मैं अपनी सीट पर जाकर बैठ गया। सिर्फ दो सीट खाली थी, एक मेरी थी और दूसरी मेरे बगल वाली खाली थी। मैं सोच रहा था- पता नहीं कौन आएगा इस पर?

मैं ईश्वर से यही कह रहा था कि आज रात अच्छी कट जाये। मैं पहले बार बस से इतनी दूर जा रहा था। अभी कुछ उल्टा-सीधा सोच ही रहा था कि एक सुन्दर सी लड़की बस में चढ़ी। मैं उसे देखता ही रह गया। उसके उम्र करीब 22 साल रही होगी। वह मेरे पास आकर बोली- एक्सक्यूज़ मी ! आप अपना बैग हटायेंगे सीट से?

मैंने कहा- जी। श्योर !

और वो मेरी बगल वाली सीट पर बैठ गई। मैंने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया और सोचा आज रात तो मस्त कटनी चाहिए।

उसके पास एक बैग था जो उसने सीट के नीचे सरका दिया था। अब बस चलने वाली थी।

थोड़ी देर में बस चल पड़ी।

मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे, क्या मस्त लड़की आई है। मैं उससे बात शुरू करने के लिए कुछ सोच रहा था कि उसने मेरी तरफ चुपके से झुकी हुए नजरों से देखा। वैसे मुझे कोई भी पहली बार देखता है तो दोबारा जरूर देखता है।

मैंने अपना लैपटॉप ऑन कर लिया और फेसबुक पर लग गया।

थोड़ी देर बाद उसने पूछा- आप कहाँ तक जा रहे हो?

मैंने कहा- लखनऊ।

और फिर मैं लग गया फेसबुक में। पर मुझे लगा शायद वो खिड़की वाली सीट पर आना चाहती थी। थोड़ी देर बाद मैंने ही उसे वो सीट ऑफर कर दी वो मेरी सीट पर आ गई और मैं उसकी सीट पर। फिर मैंने उससे पूछा- आपको कहाँ तक जाना है?

वो बोली- लखनऊ तक।

अब हम दोनों की बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। मैंने पूछा- आप दिल्ली में रहती हैं या लखनऊ में?

वो बोली- दिल्ली में ! लखनऊ में मैं इंजीनियरिंग कर रही हूँ, लास्ट ईयर में हूँ।

दोस्तों मैं आपको बता दूं कि उसने जींस और टी-शर्ट पहनी हुए थी और उसकी चूचियाँ बड़ी थी और कमर पतली। आप खुद ही कल्पना कर सकते हैं कि वो कैसी दिख रही होगी।.

मेरे मन में बस यही चल रहा था- काश यह मेरी गर्ल फ्रेंड होती तो आज रात कितनी हसीन होती।

खैर बात और आगे बढ़ी और मैंने पूछा- लखनऊ कैसा शहर है?

वो बोली- काफी खूबसूरत है ! शाम को काफी अच्छा लगता है। मैं और मेरी फ्रेंड्स जाते है कभी-कभी घूमने !

मैंने पूछा- बॉयफ़्रेन्ड के साथ नहीं जाती हो?

वो बोली- मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।

मैंने पूछा- क्यों?

वो बोली- था ! पर वो अब कनाडा चला गया है तो अभी सिंगल हूँ।

उसने पूछा- आपकी कितनी गर्लफ्रेंड हैं?

मैंने कहा- कितनी क्या ? एक भी नहीं है।

उसने पूछा- क्यों?

मैंने कहा- समय ही नहीं दे पाता हूँ ! जॉब ही ऐसी है, ब्रेकअप हो गया है।

अब यह तो सुनिश्चित हो चुका था कि दोनों सिंगल ही थे। अब रात भी काफी हो चुकी थी, करीब बारह बज चुके थे, बस की बत्ती भी बंद कर दी थी ड्राईवर ने। बस में अँधेरा था और हम दोनों पीछे की डबल सीटर पर थे। लखनऊ-दिल्ली हाई-वे का काम चल रहा था जिससे काफी झटके लग रहे थे।

एसी से काफी ठंडी हो गई थी और ठण्ड लगने लगी थी। मैंने बैग से चादर निकली और डाल ली अपने ऊपर ! मुझे अहसास हुआ उसे भी ठण्ड लग रही है पर उसका बैग सीट के नीचे फंसा हुआ था जिससे उसकी चादर नहीं निकल पा रही थी।

मैंने उससे कहा- अगर तुम्हें बुरा न लगे तो तुम मेरी चादर ले लो।

उसने कहा- नहीं, ठीक है।

पर मुझे लगा कि उसे ठण्ड लग रही है तो मैंने दोबारा उससे पूछा।

फिर उसने भी चादर ओढ़ ली, अब हम दोनों एक ही चादर को शेयर कर रहे थे। मैंने अपने पैर सीट पर ही फोल्ड कर लिए थे जिससे ठण्ड कम लगे।

मैंने उससे पूछा- तुमने कभी अपने बॉयफ्रेंड से क्लोज रिलेशन बनाया है या नहीं?

वो बोली- नहीं।

वो पूछने लगी- तुम यह सब कर चुके हो क्या?

मैं बोला- नहीं ! पर दोस्तों से खूब बातें हुई हैं।

मुझे लगा कि यह लड़की उसके साथ सब कुछ शेयर करने को तैयार थी पर उसका बॉयफ्रेंड ही कुछ नहीं कर पाया होगा।

फिर मैंने पूछा- कभी किसिंग भी नहीं हुई?

वो बोली- एक-दो बार जब मैं सेकंड इयर में थी ! तब से अब तक कुछ नहीं हुआ।

अब मैं समझ चुका था कि अब कुछ हो सकता है। ये सारी बातें चल ही रही थी कि बस में एक तेज झटका लगा और वो मेरी तरफ झुक गई। चूंकि मैंने एक हाथ चादर में ही अन्दर कर रखा था, वो उसके चूची से जा टकराया और दोनों को एक जोर का करंट लगा।

वो शरमा गई पर कुछ बोली नहीं।

मैंने उसे सॉरी बोला..

पर दोस्तों जब उसकी चूची मेरे हाथ से लगी थी तो लगा कि बस अभी इन्हें दबा दूं ! चूची काफी कसी हुई थी, ऐसा लग रहा था अभी तक किसी को भी नसीब न हुई हो।

फिर हम दोनों बातों में लग गये। अब हम और ज्यादा खुल गये थे और सेक्स की बातों की तरफ़ बढ़ रहे थे।

उसने पूछा- तुमने कभी कुछ किया है?

मैंने कहा- मौका तो मिला पर सब कुछ नहीं हो पाया ! कोई न कोई रूकावट आ जाती थी।

वो बोली- ओह !

और धीरे से मुस्कुराई।

इतने में हमारी चादर नीचे सरक गई और मैं उसे ऊपर उठा रहा था कि एक बार फिर मेरी कोहनी उसकी चूचियों से छू गई पर वो कुछ नहीं बोली। फिर मुझे लगा- यार इस लड़की के मन में कुछ न कुछ चल रहा है, बार बार मौका दे रही है।

मेरा हौसला बढ़ गया।

रात के करीब डेढ़ बज चुके थे और काफी लोग सो चुके थे, आगे के कुछ लोग ही जग रहे होंगे। जिनको पीछे का कुछ भी पता नहीं चल रहा था।

मैंने इतने में ठण्ड के बहाने अपने दोनों हाथों को आपस रगड़ना शुरू कर दिया और बोला- आज कुछ ज्यादा ही ठण्ड लग रही है।

वो बोली- हाँ मेरे को भी लग रही है !

फिर क्या था, मैं उसका हाथ अपने हाथ से रगड़ने लगा और बोला- अभी देखो, कैसे गरमी आती है।

उसने ऐसा करने पर मना भी नहीं किया।

कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ उसके सीट के पीछे वाली बैक पर रख लिया और बोला- यार, बस की सीट आराम दायक नहीं है।

वो बोली- बैक सीट ऐसे ही होती है।

मैं कुछ सोच ही रहा था, वो बोली- मुझे नींद आ रही है !

मैं बोला- ठीक है, सो जाओ।

उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख लिया और आँखें बंद कर ली।

इधर मेरे लंड खड़ा हो गया और फनफ़नाने लगा कि बस अब सब कुछ हो जाये।

वो मेरे से सटी हुई थी और मेरे धड़कनें तेज थी। अब मेरा दिलो-दिमाग मेरे काबू में नहीं था।

मैंने धीरे से अपना हाथ उसके चूचियों से सटा दिया। बस जब जब झटके लेती, तब तब चूची दबती। मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी।

पढ़ते रहिए ! कहानी जारी रहेगी।

अपनी राय मुझे जरूर भेजें कि आपको कहानी कैसी लग रही है !

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category कोई मिल गया or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

दिल्ली से लखनऊ-1

Comments

Scroll To Top