31 दिसम्बर की रात

अमित यंग 2011-05-04 Comments

प्रेषक : अमित कुमार

यह कहानी बिल्कुल सच्ची है। मेरा काम कंप्यूटर ठीक करने का है।

31 दिसम्बर की शाम आठ बजे के बाद मेरे पास एक कॉल आया, एक लड़की बोली- भैया, आप कंप्यूटर वाले भैया बोल रहे हो ना?

मैं बोला- हाँ बोल रहा हूँ।

वो बोली- भैया, मैं सेक्टर 40 से डिम्पल बोल रही हूँ (नाम बदला हुआ है) आप मेरे यहाँ कंप्यूटर ठीक करने आते हैं, मेरा लैपटॉप ख़राब हो गया है, इसे आज ही ठीक कर दो।

मैं बोला- ठीक है, मैं कल देख लूँगा।

मैं उसका कंप्यूटर और लैपटॉप करीब चार साल से देखता हूँ।

वो रिकवेस्ट करने लगी- नहीं, आप एक बार आज ही देख लो, प्लीज़ भैया ! आज नेट पर बहुत काम करना है।

मैं बोला- ठीक है, अभी आता हूँ।

मैं गया, सवा नौ बजे मैं उसके घर पहुँचा, मैंने कॉल बेल बजाई, डिम्पल की मम्मी ने दरवाज़ा खोला, मैं अन्दर आया, मुझे बैठने बोला, मैं बैठा, उसकी मम्मी मेरे सामने बैठी, डिम्पल काफी लेकर आई और काजू वाली नमकीन !

मेरी मजाक करने की आदत है, मैं डिम्पल की मम्मी को बोला- क्या आँटी, आज भी सिर्फ काफी से कम चलेगा?

उसकी मम्मी बहुत ही सेक्सी है, उनकी उम्र करीब 45 साल है, बहुत ही सेक्सी है और हेल्दी है, देखने में सांवली हैं, वो साड़ी पहनती हैं साड़ी से उनके बूब्स आराम से दिख रहे थे क्योंकि उसका साइज़ बहुत बड़ा है।

डिम्पल ने कसी जीन्स और स्वेटर पहना था, उसके वक्ष का आकार भी बहुत बड़ा था और जांघें भी मोटी थी, वो बोली- मेरा काम कर दो, फिर जो बोलोगे वो खिला दूँगी।

मैं बोला- आज खाने की नहीं, आज पीने का दिन है।

आंटी बोली- ठीक है।

इतने में डिम्पल लैपटॉप उठा कर ले आई और मेरे बगल में आकर मेरी जांघ से जांघ सटा कर बैठ गई।

डिम्पल ने मुझसे पूछा- भैया, भाभी यही है?

मैं बोला- नहीं !

इतना कहते ही दोनों माँ बेटी की आपस में क्या इशारेबाजी हुई, पता नहीं चला।

डिम्पल बोली- तब तो भैया आज खाना खाकर ही जाना।

मैं बोला- ठीक है !

मैं तब तक नहीं समझ सका कि आज इन लोगों का क्या प्रोग्राम है।

मैं लैपटॉप चला कर देखने लगा। मैं लैपटॉप चला रहा था लेकिन कोई प्रॉब्लम दिखाई दे नहीं रही था।

मैं बोला- मैडम, इसमें तो कोई प्रॉब्लम नहीं दिख रहा है, कितना अच्छा चल रहा है, लो अपना लैपटॉप, मैं अब जाता हूँ, बहुत रात हो गई है।

उसने कहा- रुको भैया, मैं चेक करती हूँ।

इतने में दरवाजे की बेल बजी, डिम्पल की मम्मी गेट पर गई, कोई खाना देने आया था। मैंने देखा 4 बोतल बीयर की और खाने का पैकेत लेकर आंटी अंदर आई और किचन में लेकर चली गई।

डिम्पल मेरे पास आई, बोली- देखो भैया, मैंने आपके लिए कितनी व्यवस्था की है, आज 31 दिसम्बर है, यही मना कर जाना !

मेरा भी मन करने लगा रुकने का क्योंकि रात के गयारह बज गए थे।

इतने में आंटी सबके लिए गिलास, बीयर लेकर आई और साथ में काजू वाली नमकीन।

मैं लेने से मना करने लगा, डिम्पल की मम्मी कहने लगी- ले लो बेटा, आज तो सब लेते हैं।

मुझे भी कुछ शरारत सूझी, मैं बोल उठा- डिम्पल मेरे साथ लेगी तो मैं लूँगा।

इतना कहते ही डिम्पल मेरे पास आकर बैठ गई और एक बीयर का गिलास उठा कर मेरे साथ चीयर्स करके पीने लगी। एक ग्लास ख़तम होने के बाद दूसरा ग्लास भर कर मुझे कह कर चली गई- मैं कपड़े बदल कर आती हूँ।

तब तक उसकी मम्मी और हम धीरे धीरे पीने लगे वो जल्दी से कपड़े पहन कर आ गई। कपड़े क्या थे, सिर्फ काले रंग की छोटी नाइटी पहन कर आई। उसकी मम्मी चुपचाप उठ कर वहाँ से चली गई। डिम्पल मेरे से सट कर बीयर पीने लगी। मेरा भी दिमाग ख़राब होने लगा, मैं उससे किस मांगी तो उसने मुझे चुम्मी दे दी।

इतने में उसकी मम्मी खाना ले कर आई तो हमें देख कर बोली- बेटा, खाना खा लो फ़िर करना, मना लेना 31 दिसम्बर !

हमने खाना खाया तो मैं उन दोनों के बीच में बैठा था। खाना कह्त्म करने के बाद डिम्पल ने लैपटॉप चैक करने के बहाने उसमें ब्लू फ़िल्म लगा दी और अपनी मम्मी को कहने लगी- देखो मम्मी, लैपटॉप ठीक चल रहा है।

आंटी बोली- तुम देखो, मैं बर्तन रख कर आती हूं।

कुछ देर देखने के बाद डिम्पल मेरे से चिपक गई उसका चेहरा देखा तो पूरा लाल, इस ठण्ड में उसे पसीना आ रहा था, मैं उसके बूब्स दबाने लगा, वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहलाने लगी।

फिर क्या था, मैं और डिम्पल दोनों पूरे जोश में आ गये, सारे कपड़े हटा दिये और मैं उसकी चूत को चाटने लगा। इतना चाटा कि वो परेशान हो गई, वो अपने चूतड़ उठा उठा कर कहने लगी- प्लीज़ डाल दो, कर दो !

मैं भी ज्यादा टाइम नहीं रुक सका और उसकी जम कर चुदाई कर दी और उसके बूब्स पर सारा पानी डाल दिया, फिर दोनों शांत हो गए, फ़िर दोनों हंसते हुए उठ कर बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए, फिर डिम्पल बोली- मम्मी को भी कर दो !

फ़िर हम दोनों उसकी मम्मी के बेडरूम में गए और वहाँ भी उसी तरह चूत को चाटने के बाद पूरी चुदाई चली। फिर एक बार डिम्पल को उसकी मम्मी के सामने चोदा, फिर हम लोग सो गए, कब सुबह हुई, हमें पता भी नहीं चला।

सुबह १० बजे मेरी नींद खुली तो दोनों माँ बेटी मेरे पास नंगी सोई हुई थी।

मैंने सोती हुई डिम्पल के होंठों को चूमा और फ़िर उसके होंठ खोल कर उनके बीच अपना लौड़ा घुसा दिया और उसकी मम्मी के होंठों को चूमने लगा।

डिम्पल जाग गई और वह मेरे लण्ड को चूसने लगी।

फ़िर चुदाई का एक छोटा दौर चला और हम तीनों खुश थे।

आंटी ने मुझे फिर आने के लिए बोला।

मैंने भी बोल दिया- जब जरुरत हो बुला लेना।

मेरा कहानी कैसी लगी, मुझे मेरे ईमेल पर बताएँ।

धन्यवाद

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category कोई मिल गया or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

31 दिसम्बर की रात

Comments

Scroll To Top