दोस्त की मां चोद दी- 2
(Jawan Aunty Porn Kahani)
जवान आंटी पोर्न कहानी में मैं अपने दोस्त के घर गया तो उसकी मॅाम ने गले लगाकर अपनी वासना दिखा दी. मौक़ा मिलते ही मैंने उन आंटी की चुदाई का मजा भी लिया.
फ्रेंड्स, मैं समर्थ उर्फ सैम एक बार फिर से आप सबका अपनी चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
दोस्त की मम्मी को लंड दिखाया
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि समीर की मॉम की चुदासी नजरों से मेरे लौड़े को देख कर इशारे से ही अपनी चुदास मुझे बता दी थी.
अब आगे जवान आंटी पोर्न कहानी:
हॉल में समीर ने टीवी ऑन कर दिया था.
ज़ी सिनिमा पर हेट स्टोरी मूवी चल रही थी.
मैं- यार, ये मूवी मैंने तीन बार देखी है … पर हर बार अधूरी ही देखी.
समीर- यार मूवी है बहुत अच्छी, पर बहुत हॉट भी है.
मैं- हां यार पता है!
समीर- मॉम, हमारे लिए चाय बना दो ना प्लीज!
मॉम- स्ट्रॉंग चाय बनाऊं या लाइट?
मैं- थोड़ी स्ट्रॉंग चाय बनाना!
मॉम- तुमको स्ट्रॉंग चाय अच्छी लगती है?
मैं- हां.
समीर- मुंबई वालों की सब बात हट के होती है.
मैं- हां, मुंबई में ज्यादातर लोग स्ट्रॉंग चाय पसंद करते हैं.
हम दोनों मूवी देखने लगे.
मूवी काफ़ी हॉट थी.
समय का पता ही नहीं चला और समीर की मॉम चाय लेकर हमारे सामने खड़ी थीं.
हम दोनों ने अपना अपना चाय का मग लिया और चाय की चुस्की लेने लगे.
कुछ समय बाद:
मॉम- समीर, तुम बियर और फरसन (एक गुजराती नमकीन) तो लाए ही नहीं. आज शाम में ऋतु मौसी और उनके हज़्बेंड आने वाले हैं.
समीर- मुझे याद ही नहीं रहा. सैम चल साथ चलते हैं.
मैं- यार, आज मैं ये मूवी पूरी देखना चाहता हूँ. तू लेकर आ जा, फिर साथ में खाना खाते हैं.
समीर- चल ठीक है.
मॉम- समीर आते समय शर्मिला को भी कॉलेज से लेते आना.
समीर- ओके मॉम लेकिन उसका कॉलेज तो 4.00 तक खत्म होगा!
मॉम- अभी 03.00 तो हो ही चुके हैं, तुम सब चीज़ें खरीदोगे तो टाइम हो जाएगा.
समीर- ओके मॉम.
उसकी एक बात बहुत अच्छी थी कि वह कभी भी बहस नहीं करता था- ओके सैम, मैं आता हूँ, बाइ एण्ड एंजाय युवर मूवी.
मैं- बाइ, टेक केयर … और हां गाड़ी ज़रा धीरे चलाना.
तब मैं मूवी देखता रहा और 20 मिनट बाद मूवी खत्म हो गयी.
समीर की मॉम किचन में काम कर रही थीं और उनकी गांड मेरी ओर थी.
मैं किचन में जाकर उनके पीछे खड़ा हो गया.
समीर की मॉम अपने काम में इतनी व्यस्त थीं कि उन्हें पता भी नहीं चला कि कब मैंने टीवी स्विच ऑफ किया और उनके पीछे किचन में आ गया.
मैं- आप तो पूरी पसीने में भीग गई हैं.
मॉम ने एकदम से चौंकते हुए मुझे देखा और मुस्कुराती हुई बोलीं- मैं अभी काम खत्म करके फ्रेश हो जाऊंगी.
मैं- क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ.
मॉम- नहीं, तुम आराम से बैठ कर मूवी देखो.
मैं- आपका पूरा शरीर पसीने में भीग चुका है.
इतना बोल कर मैं समीर की मॉम के एकदम निकट आ चुका था.
समीर की मॉम मेरी सांसों को अपनी पीठ पर महसूस कर रही थीं.
मैं अपने होंठों से उनकी पीठ को टच करने लगा.
वे सिहरने लगीं.
मैंने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर उनके मम्मों पर रख दिए और उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा.
मेरे हाथ रखते ही समीर की मॉम के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी. वे थोड़ा सा पीछे हुईं और मेरा खड़ा लंड उनकी गांड में टच हो गया.
समीर की मॉम ने अपने आप को रोकने की कोशिश की.
पर मैंने अपने एक हाथ से उन्हें और पीछे की तरफ खींच लिया.
अब मैं अपने लंड को उनकी गांड से सटा कर घिसने लगा.
वे कसमसाने लगीं.
मैंने धीरे से उनकी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया.
समीर की मॉम ने गैस के चूल्हे को बंद कर दिया और अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया.
समीर की मॉम का ये करना मेरे लिए हरी झंडी के समान था.
मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों को उनके मम्मों पर रख दिए और उन्हें मसलने लगा.
समीर की मॉम की सांसें भारी होने लगीं.
मैं- आपका फिगर तो बड़ा कातिलाना है!
मॉम- मतलब?
मैं- आपका शरीर किसी के भी शरीर में आग लगा सकता है.
मॉम- तुमने अभी मेरा शरीर देखा ही कहां है?
मैं- जितना देखा है, उतना ही आग लगाने के लिए काफ़ी है.
मॉम- पूरा शरीर देखोगे, तो जल जाओगे.
मैं- तो आज मैं जलने के लिए तैयार हूँ. आपके बूब्स और आस इज टू गुड!
मॉम- मैंने तुमसे कहा न कि मुझे अंग्रेज़ी थोड़ी कम समझ में आती है.
मैंने खुल कर कहा- आपकी चूचियां और गांड बहुत खूबसूरत हैं.
मॉम- तुमने तो अभी तक दोनों को ही खोल कर नहीं देखा है?
मैं- मैं तो कबसे बेकरार हूँ उन्हें देखने के लिए!
मॉम- मैं इस समय सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, तुम जो भी चाहो, देख सकते हो … और जो चाहो, कर भी सकते हो!
मैंने अपना सीधा हाथ समीर की मॉम की सलवार के नाड़े पर रखा और एक झटके में उसे ढीला कर दिया.
नाड़ा खींचते ही उनकी सलवार ज़मीन पर गिर गई.
समीर की मॉम अब सिर्फ़ पैंटी और कमीज़ में थीं.
मैंने अगला कदम उठाने में पल भर की देर नहीं की और उनकी कमीज़ की ज़िप को अपने होंठों से नीचे खींच दिया.
उनकी नंगी पीठ अब मेरी आंखों के सामने थी.
समीर की मॉम ने अपने दोनों हाथ नीचे किए और अपनी कमीज़ को पैरों में नीचे गिर जाने दिया.
अब समीर की मॉम इस समय सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं.
समीर की मॉम का शरीर एकदम गोरा था और इस समय वे लाल रंग की ब्रा और पैंटी में एक अप्सरा लग रही थीं.
उन पर उनकी उम्र का जरा सा भी प्रभाव नहीं दिख रहा था.
मैंने समय नष्ट ना करते हुए ब्रा का हुक खोल दिया और समीर की मॉम को अपनी ओर घुमा लिया.
समीर की मॉम ने मेरी तरफ होने के साथ ही मेरी टी-शर्ट को ऊपर उठाते हुए निकाल दिया और मेरी ट्रैक पैंट में अपना हाथ डाल दिया.
अन्दर हाथ डालते ही समीर की मॉम हैरान हो गईं.
मॉम- वाउ, तुम्हारा लंड तो समीर के लंड से भी बड़ा है!
मैं- ये अब मेरा कहां रहा, ये आप का हो चुका है!
मॉम- आज बहुत दिनों के बाद ऐसा लंड मिला है.
मैं- क्यों समीर का लंड इतना बड़ा नहीं है क्या?
मॉम- नहीं, समीर का लंड इससे छोटा है, वह सिर्फ़ ढाई इंच मोटा है. तुम्हारा तो काफी लंबा और साढ़े तीन इंच से भी ज्यादा मोटा लग रहा है.
मैं- आपको लंड टटोलने का बड़ा अनुभव है आंटी जी … सच में मेरे लंड की साइज़ का आपने एकदम सटीक अंदाज लगाया है.
मॉम- मेरी उम्र 36 साल ऐसे ही नहीं हो गई है. जानते हो कि मुझे चुदाई का अनुभव पिछले कितने सालों का है?
मैं- नहीं आंटी, आप ही बताओ कि अब तक कितने ले चुकी हो … और आपकी चूत का छेद कितना बड़ा हो गया है!
समीर की मॉम- कम उम्र में तो मेरी शादी हो गई थी.
इन्हीं सब बातों ही बातों में मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी.
समीर की मॉम की चूत एकदम क्लीन थी और उस पर झांट का एक बाल भी नहीं था.
मैंने अपने सीधे हाथ की बीच की उंगली को उनकी चूत में डाल दिया.
उंगली के अन्दर जाते ही समीर की मॉम कराह उठीं- आह ज़रा धीरे … पिछले दो महीने से नहीं चुदी हूँ!
मैं- ओह क्या हुआ आंटी आपका इतना खूबसूरत शरीर और इतनी ज्यादा प्यास! आज मैं आपकी चूत की सारी प्यास बुझा दूँगा.
मॉम- मैं भी बेकरार हूँ.
मैंने समीर की मॉम को अपनी बांहों में उठा लिया और बेडरूम की ओर चल दिया.
मॉम- ज़रा संभाल कर, दो महीने पहले समीर ने भी मुझे गोद में उठाया था … और उसकी कमर में दर्द होने लगा था. उसी वक्त से डॉक्टर ने उसे चुदाई करने से मना किया है!
मैं- कोई प्राब्लम नहीं, मैं हूँ ना आपके लिए!
मैंने समीर की मॉम को धीरे से बेड पर बिठा दिया और मैं ज़मीन पर बैठ गया.
मैंने उनके एक निप्पल को एक हाथ से पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा. मैं अपने दूसरे हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा.
मॉम- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.
मैं- ये आप ही का है.
मैंने तुरंत अपनी ट्रैक पैंट उतार दी और अपना लंड समीर की मॉम के मुँह में दे दिया.
मैं अपने हाथों से उनके बूब्स दबा रहा था.
समीर की मॉम मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थीं.
वे बेड पर बैठी थीं और मैं खड़ा था.
कुछ देर बाद मैंने समीर की मॉम को बेड पर लिटा दिया और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
समीर की मॉम की चूत का दाना किशमिशी रंग का था और रस से भरा हुआ था.
जैसे ही मैं समीर की मॉम के दाने को मुँह में लेकर चूसने लगा, उनके मुँह से तेज आवाज़ निकल गयी- आह सैम ज़रा धीरे … बहुत दर्द हो रहा है!
उनके दाने में बहुत रस भरा हुआ था.
कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत को फैलाया और अपनी जीभ नुकीली करके उनकी चूत में पेल दी.
समीर की मॉम की चूत अन्दर से बिल्कुल गुलाबी रंग की थी.
मैंने अपने दोनों होंठ उनकी चूत पर चिपका दिए और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा.
वे एक बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगीं और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं.
कुछ समय बाद समीर की मॉम की चूत फड़कने लगी तो मैं समझ गया कि अब वे झड़ने वाली हैं.
अगले ही मिनट वे झड़ गईं और उनकी चूत का सारा पानी मेरे मुँह में आ गया.
मैं उनके रस को गटक गया.
समीर की मॉम का शरीर पूरा पसीने में भीग चुका था और अब वे एकदम रिलॅक्स होकर मेरा लंड चूस रही थीं.
अगले कुछ मिनट बाद मेरा लंड एकदम कड़क हो गया और मेरे लंड से एक ज़ोरदार पिचकारी निकल गई.
मैंने अपना सारा माल समीर की मॉम के मुँह में डाल दिया. आंटी ने भी सारा माल गटक लिया.
अब आंटी और मैं दोनों बेड पर नंगे पड़े थे.
कुछ देर बाद मैं फिर से समीर की मॉम के बूब्स को सहलाने लगा और वे मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर सहला रही थीं.
मॉम- तुमने अपना लंड मेरी चूत में क्यों नहीं डाला?
मैं- आपकी चूत चोदने का मज़ा दूसरे राउंड में ज़्यादा आएगा.
मॉम- तुम्हारे लंड का पानी बहुत गाढ़ा था … ऐसा क्यों?
समीर- मैंने पिछले तीन हफ्ते से किसी को भी नहीं चोदा है. यहां काम में इतना बिज़ी था कि चूत के बारे में सोचने का टाइम ही नहीं मिला.
वे मुस्कुराने लगीं.
मैंने आगे कहा- आंटी, मैं आपसे एक बात कहना चाहता हूँ!
मॉम- हां बोलो न!
मैं- आपको देख कर नहीं लगता कि आपके इतने बड़े बच्चे होंगे.
मॉम- मेरी कम उम्र में शादी हो गयी थी और मैंने जल्द ही अपने पूर्व पति से छुटकारा पाकर समीर के पापा से शादी कर ली थी. इधर मुझे एक बेटी हुई है.
मैं- आपका शरीर एकदम कसा हुआ है … और आपकी चूत का मुँह बहुत छोटा है, ऐसा क्यों?
मॉम- मैं जब छोटी थी तो समीर के दादाजी के खेत में नौकरी करती थी. मेरा बदन बचपन से ही आकर्षक रहा है. जब मैं खेत में काम पर जाती थी तो समीर के पिताजी ने मुझे एक दिन खेत में काम करते हुए देखा और अपने पिता जी से कहा कि मुझे इस लड़की से विवाह करना है. समीर के पिताजी बहुत कमज़ोर किस्म की आदमी थे, उनकी पहली बीवी मर गई थी और एक बेटा समीर उसी से था. समीर के दादा जी ज़मींदार थे. कौन सी लड़की ऐसे रिश्ते के लिए ना कहेगी. जल्द ही मैं समीर के पापा से शादी करके इनके घर आ गई. शर्मिला भी पैदा हो गई. शादी के बाद भी मैं अक्सर खेत में काम करती थी. आज भी मैं अपने घर का सारा काम मैं अकेली ही करती हूँ.
कुछ समय बातें करने के बात समीर की मॉम ने मेरे सोए हुए लंड को फिर से अपने मुँह में भर लिया और वे लंड चूसने लगीं.
मैं भी उनकी चूत को बड़े मज़े से चाट रहा था.
कुछ समय बाद मेरा लंड एकदम कड़क हो गया तो समीर की मॉम बोलीं- सैम अब तू मेरी प्यास बुझा दे.
मैं- हां मैं आपकी चूत का भोसड़ा बना दूँगा.
तब मैं उठा और समीर की मॉम की दोनों टांगों के बीच में बैठ गया.
मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और लंड को समीर को मॉम की चूत के द्वार पर रख दिया.
मॉम- प्लीज़, अब और मत तड़फाओ … जल्दी से बुझा दो मेरी इस प्यासी चूत की प्यास को!
मैं- जो आज्ञा रानी साहिबा, ये रहा आपके आदेश का पालन!
ये शब्द बोलते ही मैंने अपने लंड से एक जोरदार झटका मारा और मेरा लंड पूरा का पूरा समीर की मॉम की चूत को चीरता हुआ चला गया.
जवान आंटी पोर्न सेक्स का मजा लेती हुई बोली- हे भगवान मेरी चूत फट गयी. मुझे बहुत पीड़ा हो रही है. तुम अपना लंड बाहर निकालो!
मैं- कुछ समय प्रतीक्षा करो, सब कुछ ठीक हो जाएगा.
मॉम- तुम्हारा लंड आदमी का है या गधे का … आह साले बड़ा दर्द दे रहा है!
मैं- जो भी है आंटी जी, अब यह लंड आपका ही है.
मॉम- इतने साल की चुदाई में मुझे कभी इतनी पीढ़ा आज तक नहीं हुई है.
मैं- इतने साल तक आप कभी किसी मर्द से नहीं चुदी थीं.
मॉम- हां अब कुछ अच्छा लग रहा है.
मैं- थोड़ा समय रुक जाओ, सब दर्द दूर हो जाएगा.
समीर की मॉम का ध्यान बंटाने के लिए मैंने उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और वे भी मेरा साथ देने लगीं.
मैंने देखा कि अब समीर की मॉम का पूरा ध्यान किसिंग पर है, तो मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
फिर कुछ ही समय में समीर की मॉम की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
मैं धीरे धीरे उनके बूब्स चूसता और उनके निप्पल को अपने दाँत से काट लेता.
समीर की मॉम भी इस चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थीं.
कुछ समय बाद समीर की मॉम कुछ ढीली सी पड़ गईं और मैं अकेले ही धक्के मारने में लगा रहा.
मैं- क्या हुआ आंटी ढीली क्यों पड़ गईं आप?
मॉम- अब तेरी जैसी जवान तो हूँ नहीं, जो अब तक तेरा साथ देती रहती. तू मेरी शर्मिला के लिए बिल्कुल पर्फेक्ट है.
मैं- ठीक है उसे भी देख परख लूँगा.
मैंने समीर की मॉम की चुदाई जारी रखी और 15 मिनट बाद मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.
फिर मेरे लंड से ढेर सारा वीर्य निकल गया. समीर की मॉम की चूत में बाढ़ आ गयी थी.
हम दोनों थक कर एक दूसरे की बांहों में सो गए थे.
कुछ मिनट बाद समीर की मॉम उठीं और मुझे उठाने लगीं.
हम दोनों उठ कर शॉवर लेने चले गए.
दोस्तो, इस जवान आंटी पोर्न कहानी में आपको कितना मजा आया, यह आप मुझे लिखें. उसके बाद मैं समीर की बहन शर्मिला की चुदाई की कहानी आपके सामने पेश करूंगा.
धन्यवाद.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments