सहेली के पापा ने मेरी मम्मी को चोदा- 1

(Indian Randi Mom Sex Kahani)

इंडियन रण्डी मॉम सेक्स कहानी में मैंने अपनी चुदक्कड़ मम्मी को अपनी सहेली के पापा से चूत मरवाती देखा. मेरी मम्मी बहुत चालू औरत है, किसी से भी चुदाई कर लेती है.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम प्रीति है. यह एक सच्ची घटना है.

आपको मेरी पिछली सेक्स कहानी
मेरे एडमिशन के लिए मम्मी सेक्रेटरी से चुदीं
से मालूम चल गया था कि मैं नर्सिंग की पढ़ाई के लिए एडमिशन लेने के लिए गई थी.

उस समय मुझे कैसे एडमिशन मिला था, वो सब आपने मेरी सेक्स कहानी में पढ़ा था.

मेरे एडमिशन के वक्त मुझे एक लड़की मिली थी.
वह भी बाहर गांव से आई थी.

ये बात मैंने अपनी मम्मी को बताई और उनसे कहा कि उसने खुद के रहने के लिए एक रूम देखा है. क्या हम भी चल कर उसका रूम देख लें.
उस पर मम्मी ने हामी भर दी और उसका कमरा देखने जाने के लिए राजी हो गईं.

मम्मी के हां कहने के बाद मैं और मम्मी, उस नई लड़की सीमा और उसके पापा से मिले.

यहीं से इंडियन रण्डी मॉम सेक्स कहानी शुरू होती है.

मम्मी ने सीमा के पापा को देखा और कहा- नमस्कार, मैं प्रीति की मम्मी शोभना हूँ. आज इसका एडमिशन हो गया है. अभी उसका रहने का देखना है, तो प्रीति मुझको बोली कि आपने सीमा के लिए रूम देखा है. अगर आप बुरा ना माने तो क्या प्रीति और सीमा एक साथ रह सकती हैं. रूम का किराया और खाने के लिए जो भी खर्च लगेगा, उसका आधा-आधा हम दोनों साझा कर सकते हैं. हम लोग ज्यादा धनवान नहीं हैं. अलग रूम का किराया और मेस के पैसे ज्यादा लगेंगे, वो हमारी सामर्थ्य के बाहर होगा.

सीमा के पापा- नमस्कार, मेरा नाम राजू है और मैं एक सिक्योरिटी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की जॉब करता हूं. बेटी की अच्छी पढ़ाई के लिए मैंने उसको इधर भेज दिया है. इधर हमारे एक दूर के रिश्तेदार हैं. कॉलेज के पीछे की तरफ एक घर है. वहां पर हमने एक कमरा देखा है. अगर आप कहेंगी तो हम सब जाकर उसे देख लेंगे. हमारा भी खर्च कम हो, इसके लिए मैं भी अपनी बेटी के साथ किसी एक लड़की को रखना चाहूँगा.

मम्मी ने सीमा के पापा की बात सुनकर झट से हां कह दिया.

फिर हम सब कॉलेज के पीछे झोपड़पट्टी का एरिया था, उधर गए.
उधर हमें सीमा के रिश्तेदार अंकल ने रूम दिखाया. उन अंकल का नाम संजू था.

आप सोच सकते हो कि झोपड़पट्टी वाले इलाके में कैसे रूम रहते हैं. बस हमें एक छोटा सा कमरा मिला और उसका रेंट भी कम था, केवल 700 था. उसमें अन्दर ही नहाने के लिए छोटी सी जगह थी, लेकिन बाकी लेट्रिन आदि के लिए सार्वजनिक शौचालय यूज़ करना था.

मम्मी और सीमा के पापा ने हां बोल दिया.
हमने भी ज्यादा नहीं सोचा क्योंकि हमारे पास पैसे की तंगी थी.

मैं बताना भूल ही गई कि हम दोनों को भी गवर्नमेंट से स्कॉलरशिप मिलने वाली थी, इसलिए कॉलेज की फीस का कुछ टेंशन नहीं था और सेक्रेटरी सर भी मम्मी के लपेटे में थे तो वो तो वैसे भी कोई समस्या नहीं थी.

उन तीनों ने मिलकर हमसे पूछा- तो फाइनल है … इधर ही रहोगी न?
हम दोनों ने उनको हां बोल दिया.

हम सब वहां पर बातचीत करने लगे.
मैंने ध्यान दिया की सीमा के पापा और अंकल, दोनों लोग मेरी मम्मी को घूर रहे थे.

हम दोनों के लिए जो खाने का सामान चाहिए था, वह मम्मी और अंकल में बात हो गई.
उनके बीच ये तय हो गया कि मम्मी क्या क्या सामान लाने वाली थीं और अंकल कौन सा सामान लाने वाले थे.

सीमा और उसके पापा पुणे जाने के लिए निकल गए और हम वापस कोल्हापुर आ गए.

दो दिन में मम्मी ने राशन वालों से खाने का पूरा सामान ले लिया.
अब आपको तो पता ही है कि मम्मी ने यह सामान लेने के लिए क्या किया होगा.

हां आप सही सोच रहे हैं. मम्मी ने ठीक वैसे ही अपनी फुद्दी चुदवाई थी जैसे वो हमेशा मम्मी राशन लेते समय उससे अपनी फुद्दी मरवाती थीं.

अब हमने खाने-पीने का पूरा सामान और मेरे कपड़े आदि लगा लिए थे और वापस कॉलेज वाले शहर आ गए.

मम्मी, सीमा के पापा व हम दोनों एक साथ चार दिन के लिए रहने वाले थे.
सीमा के पापा ने भी अपने काम से छुट्टी ले ली और गए थे.

जब हम वहां पहुंचे, तो सीमा, उसके पापा और अंकल तीनों पहले से ही वहां मौजूद थे और सामान सैट कर रहे थे.
हम दोनों ने भी वहां जाकर पूरा सामान सैट करवाने में सहयोग किया.

सामान आदि लग गया था थोड़ा बहुत बचा था, तो राजू अंकल और संजू अंकल बाहर निकल गए.
वो थोड़ी देर में ही घूम फिर कर आ गए.

आते समय वो दोनों देसी दारू लेकर आए थे. कमरे पर आकर उन्होंने वहां पर पीना चालू कर दिया.
राजू अंकल लगभग 45 साल के थे और उनका कुछ पेट बाहर आ गया था.

उनका वजन कम से कम 120 किलो रहा होगा.
उनके अन्दर सब बुरी आदतें थीं, जैसे कि सिगरेट तंबाकू दारू रंडी बाजी.

वे मम्मी को घूर रहे थे और मेरी तरफ भी देख रहे थे.

वहीं संजू अंकल 40 साल के थे. वे भी एक काले सांड के जैसे थे.
उनके मुँह में हमेशा पान घुसा रहता था और उनकी आदतें भी राजू अंकल के जैसी ही थीं.

हम सब खाना खा रहे थे.
तभी संजू अंकल की बीवी अंकिता वहां पर आ गई.

अंकल तो दारू के नशे में थे, तो आंटी उनको लेकर अपने घर जाने लगीं.
तभी नशे की हालत में अंकल ने अंकिता आंटी की गांड के ऊपर जोर से चमाट मारी.

उसकी आवाज हमें सुनाई दे गई थी.
हम अब उनकी ये हरकत देख रहे थे.

तभी मेरी मम्मी चुटकी लेती हुई संजू अंकल से बोलीं- आपकी आज खैर नहीं … आज आपका घोड़ा बहुत दौड़ेगा.
अंकिता आंटी- मेरे पास तो घोड़ा है वह दौड़ेगा भी, लेकिन आपके पास तो घोड़ा नहीं है. आपकी तो आज मुश्किल है.

यह बोलकर आंटी ने हंस कर हम सबके सामने संजू अंकल को किस कर लिया.
मैं और सीमा यह देख कर हैरान थे.

अंकिता आंटी- बच्चो, तुम ज्यादा टेंशन मत लो और सो जाओ. तुम दोनों की शादी होने के बाद तुम भी मजे करोगी.
इतना कह कर वो अंकल को लेकर चली गईं.

हमारा खाना होने के बाद अब हम सोने लगे.
मैं और सीमा बीच में सोईं.

राजू अंकल सीमा के बाजू में … और मम्मी मेरी बाजू में सो गईं.

सुबह हम तीनों जल्दी उठ गए और शौचालय के लिए बाहर गए.
शौचालय के आगे लाइन में लग गए, उसकी हमें आदत थी.

सबसे पहले मम्मी शौचालय चली गईं.
बाहर आने के बाद वह बोलीं- मैं कुछ नाश्ता और खाने के लिए बनाती हूं, तुम दोनों फ्रेश होने के बाद रूम में आ जाना.

मेरा नंबर आने तक और शौचालय से निवृत होने तक 30 मिनट हो गए.
मैं सीमा से बोली- मैं घर जाकर मम्मी को हेल्प करती हूँ. अभी तेरा नंबर आने में और शौचालय से फ्री होने में तुझे आधा घंटा लगेगा.

उसने हां में सर हिला दिया.
मैं घर की तरफ गई.

घर का दरवाजा अन्दर से बंद था.
मैं दरवाजा में खटखटाने वाली थी, उतने में मुझको आवाज आई.

राजू अंकल- अरे शोभना रानी, मम्मे तो चूसने दो, जब तक लड़कियां नहीं आतीं, तब तक मैं चूस लेता हूँ. चुदाई तो हम लड़कियों कॉलेज जाने के बाद करेंगे.
मम्मी- अभी नहीं, दो दिन के बाद कर लेना.

अंकल कहां मानने वाले थे, उन्होंने जबरदस्ती से मम्मी के बॉल दबाने चालू कर दिए.

मम्मी- मर्द लोगों का यही प्रॉब्लम है, आप कंट्रोल नहीं करते और आपकी वजह से हम औरतें कंट्रोल नहीं कर पातीं. अभी खाली बूब्स चूसने का वादा करो.
अंकल- वादा रहा जानेमन अभी सिर्फ मम्मे ही चूसूंगा. तेरी चूत का कबाड़ा तो बाद में तसल्ली से करूंगा.

यह बोलकर उन्होंने मम्मी के बूब्स के ऊपर एक तमाचा मारा.
वो तमाचा इतना जोर से लगा था कि मुझको मारने तेज आवाज सुनाई दी.

मम्मी के मुँह से आवाज निकली और उतने में ही मैंने दरवाजा खटखटा दिया.

अंकल ने दरवाजा खोला और मैं अन्दर जाने लगी.
अंकल ने मुझको किस किया.

मैं अन्दर आ गई.
मम्मी- सीमा कहां है?
मैं- मेरा हो गया था, इसके लिए मैं आपकी मदद करने के लिए आ गई.

इसी तरह से 15 मिनट में सीमा और उसके बाद राजू अंकल भी फ्रेश होकर आ गए.

हम चारों ने मिलकर नाश्ता किया और बैठ कर बातें करने लगे.
मैंने ध्यान दिया कि राजू अंकल डबल मीनिंग वाली बात करते थे.

मम्मी भी उनके जोक्स के ऊपर हंस देती थीं.
हम सबके बीच अभी हंसी मजाक चल ही रहा था कि तभी अंकिता आंटी आ गईं.

अब मैं आपको अंकिता आंटी के बारे में बताती हूं.
आंटी 5 फुट 5 इंच की 30-28-32 के फिगर वाली माल महिला थीं. वो करीब 35 साल की थीं और उनके दो बच्चे थे.

दिखने में आंटी आलिया भट्ट जैसी थीं. वह जब हंसती थीं, तब उनके गाल में गड्डे पढ़ते थे, उससे उनकी खूबसूरती और निखर रही थी.
आंटी उस इलाके में रानी की तरह थीं. नौजवान लड़के, अंकल और बूढ़े सबके मुँह से पानी टपकता था.

जैसे ही अंकिता आंटी आईं. उनकी चाल में थकान सी थी.

मम्मी- लगता है कल रात घोड़ी को घोड़े ने बहुत दौड़ाया! दूसरा घोड़े की चाल आने से ही रही.
आंटी- अरे नहीं … मेरा घोड़ा है तो बहुत बड़ा … लेकिन घोड़ी को अभी दूसरा घोड़ा भी चाहिए. तुम अपनी सुनाओ, तुमने भी तो कल दूसरा घोड़ा लिया होगा?

मेरी मम्मी कुछ नहीं बोलीं.
मगर अंकल बोल पड़े- रात को लिया तो नहीं लेकिन सुबह घोड़े ने घोड़ी का दूध पिया. अगर दो घोड़ी एक साथ मिल गईं, तो घोड़े को मजा आ जाएगा. एक घोड़ी 90 किलो की और एक घोड़ी 60 किलो की … सच में क्या मस्त मजा आएगा.

ये सब बातें करते हुए वह तीनों हंसने लगे.
हमें भी उनकी बातें समझ में आ गई थीं.

आंटी- देखो, कहीं दो घोड़ी के चक्कर में घोड़े का दम ना निकल जाए.

अंकल बीड़ी पीते हुए बोले- जब तक घोड़ी घोड़ा चलाना चाहेगी, तब तक वह दौड़ेगा … यह मेरा वादा रहा.

अंकल ये कहते हुए अपने पजामे के ऊपर से ही अपने लंड को दबाने लगे थे.
उनका लंड बहुत बड़ा दिख रहा था. पजामा एकदम फूल गया था.

इंडियन रण्डी आंटी और मम्मी दोनों ने उनके फूलते पजामे को देखा और एक साथ बोलीं- अच्छा ऐसा क्या … चलो कभी देखेंगे.

ये कह कर वो दोनों हंसने लगीं.
हम दोनों भी एक दूसरे की आंखों में देख कर मुस्करा रही थीं.

तभी सीमा ने मुझको आंख मारी, मैंने भी उसकी फितरत को समझ लिया कि साली ये भी पूरी रांड है. इसके साथ मैं पक्के में चुद जाऊंगी.
आपको तो मालूम ही है कि मेरी चूत अभी तक सील पैक है.

अभी मैं अपनी चुदक्कड़ मम्मी की चुदाई की कहानी सुना रही हूँ, बाद में मैं अपनी सील फाड़ चुदाई की कहानी भी लिखूँगी.

आपको मेरी इंडियन रण्डी मॉम सेक्स कहानी पढ़ कर कैसा लग रहा है, प्लीज़ मुझे मेल करें.
[email protected]

इंडियन रण्डी मॉम सेक्स कहानी का अगला भाग: सहेली के पापा ने मेरी मम्मी को चोदा- 2

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