पति ने दिया पत्नी की चुदाई का ऑफर- 1

(Hot Lady Ki Sexy Kahani)

भोगी राज 2023-03-03 Comments

हॉट लेडी की सेक्सी कहानी में पढ़ें कि कैसे एक डॉक्टर की कार से से मेरी दुर्घटना हो गयी. वे मुझे अपने घर ले गए इलाज के लिए. वहां उनकी पत्नी पर मेरी नजर टिक गयी.

दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं अंतर्वासना पर भोगी राज के नाम से लिखता हूं।
मैं भोपाल के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं।
भोपाल शहर में एक प्राइवेट कंपनी में एक छोटी सी नौकरी करता हूं।

मेरी उम्र 22 वर्ष है, और मैं एकदम चोदू किस्म का आदमी हूं। मैंने बहुत सारी सेक्सी भाभियों और आंटियों को चोदा है।

दोस्तो, यह तो मेरी अंतर्वासना पर पहली कहानी है, पर चुदाई पहली नहीं है।

आज जो कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूं उसमें चुदाई का ऑफर मुझे सामने से मिला और एक वाला की खूबसूरत और मिल्की बॉडी वाली विवाहित स्त्री को चोदने का मौका मिला।

दरअसल हुआ यूं कि मैं अपना शिफ्ट खत्म करके जल्दी से अपने घर जा रहा था तभी मैं एक कार से टकरा गया।
मुझे हल्की चोट आई और मैं वहीं गिर गया।

तभी कार में से एक सज्जन बाहर निकले.
उन्होंने मुझे उठाया और पूछा कि कहीं आपको ज्यादा चोट तो नहीं लग गई।
तो मैंने कहा- नहीं बस थोड़ा बहुत लगी है।

उस पर उन्होंने कहा- नहीं तुम्हारे पैर और हाथ में तो बहुत ज्यादा चोट लग गई है. तुम एक काम करो, मेरे साथ चलो। पास ही में मेरा घर है। मैं एक डॉक्टर हूं, मैं तुम्हारे अच्छे से मरहम-पट्टी कर दूंगा। नहीं तो इंफेक्शन फैल सकता है, और घाव भी हो सकता है।

दरअसल दोस्तो, मैं कीचड़ में गिर गया था और मेरे पैर से बहते हुए खून में कीचड़ भी लग गया था।
मैंने उनकी बात मान ली और उनके साथ उनके घर चला गया।

जैसे ही दरवाजा खुला, डॉक्टर की बीवी ने हमारा स्वागत किया।
पर मुझे देखते ही वह पूछ पड़ी कि यह कौन है।

तभी डॉक्टर साहब ने जवाब दिया- गीत, यह एक राह चलते मुसाफिर है जो मेरे गाड़ी से टकरा गया था और इसे चोट लग गई है। तुम एक काम करो जल्दी से फर्स्ट किट लेकर आओ। इनकी जल्दी से जल्दी पट्टी करनी पड़ेगी।

इस पर वह भागती हुई घर के अंदर चली गई।

दोस्तो, जैसे ही मैंने डॉक्टर की बीवी गीत को देखा तो देखता ही रह गया।
क्या मालदार बदन की मालकिन थी वो!

हल्के नीले रंग की पारदर्शी साड़ी में उनका लाजवाब बदन देख मेरे अंदर की वासना को भड़क गई।

जैसे ही वह घर के अंदर की ओर गई, तब उनकी हल्के नीले रंग की बैकलेस ब्लाउज ने तो मेरे दिल में हलचल मचा दी।
एक पल के लिए मन किया कि पीछे से उनकी ब्लाउज की डोरी को खींच दूं; उसके बाद उन्हें पीछे से अपनी बाहों में भर लूं।

डॉक्टर साहब ने मुझे हॉल में सोफे पर बिठाया और तभी उनकी पत्नी गीत फर्स्ट ऐड किट लेकर आ गई।
डॉक्टर साहब मेरी मरहम-पट्टी कर रहे थे लेकिन मेरा ध्यान तो गीत पर था।
कभी कभी डॉक्टर साहब से नजरें बचाकर मैं उनकी पत्नी को वासना भरी नजरों से देख लेता था।

डॉक्टर मुझे बता रहे थे- तुम जल्दी ठीक हो जाओगे ज्यादा घबराने की बात नहीं है। मैंने पट्टी लगा दी है।
मैं तो बस उनकी हां में हां मिला रहा था और चुपके से उनकी पत्नी को देख रहा था।

तभी डॉक्टर साहब ने कहा- चलो तुम्हारी पट्टी पूरी हो चुकी है और तुम बिल्कुल ठीक हो। अब तुम घर जा सकते हो।

जाते हुए उन्होंने अपना कार्ड भी मुझे दिया और कहा- कभी जरूरत पड़े तो फोन करना।
तभी मैंने उनके कार्ड से उनका नंबर लिया और उन्हें तुरंत उसी वक्त फोन कर दिया और कहा- कार्ड देने की क्या जरूरत है. लीजिए मेरा नंबर आपके फोन में आ गया उसे सेव कर लीजिए. मैं भी कर लेता हूं।

उसके बाद मैं अपने रूम ( किराए का ) में चला गया और खाना खाकर सोने की कोशिश करने लगा।

पर आज मुझे नींद कहां आने वाली थी। मैं बार-बार गीत के बारे में सोच रहा था, उसके सेक्सी फिगर को याद कर रहा था।

जितना मैंने उसको देखा, मैं उतना ही आपको बताता हूं।
उसकी उम्र लगभग 27 या 28 साल होगी। गोरा रंग, सुंदर चांद सा मुखड़ा, रस भरे गुलाबी होंठ, मखमली कमर और बलखाती अदाएं।
बिल्कुल टीवी एक्ट्रेस दृष्टि धामी की तरह दिखती है।

यह सब सोच कर मेरा 6 इंच लंड खड़ा हो गया। मैं तो उस हॉट लेडी का दीवाना हो गया।
पर मैं क्या कर सकता था … बस मुठ मारा और सो गया।

लेकिन ठीक एक दिन बाद मुझे डॉक्टर साहब का फोन आया और उन्होंने मुझे क्लीनिक आने को कहा।
मुझे लगा कि आखिर ऐसी क्या बात है।

मैं उनसे मिलने उनके क्लीनिक पर चला गया।

उन्होंने मुझे अपने केबिन में बिठाया और और मेरा हाल चाल पूछा।
मैंने कहा- मैं बिल्कुल ठीक हूं। आपने मुझे क्यों बुलाया है यह बताइए?

तो डॉक्टर साहब ने बात को थोड़ा घुमाते हुए कहा- मैंने तो बस तुम्हें इसलिए बुलाया था कि तुम ठीक हो कि नहीं बस यह देख लूं।
मुझे थोड़ा अजीब लगा।

तब मैंने उनसे डायरेक्ट पूछा- आखिर बात क्या है? आप सिर्फ यह पता करने के लिए तो मुझे बुलाया नहीं कि मैं ठीक हूं कि नहीं। जरूर कोई और बात है, बताइए क्या बात है?
डॉक्टर साहब- हां, तुम सच कह रहे हो. दरअसल मुझे तुमसे कुछ और बात करनी है। लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि कैसे कहूं। अच्छा राज तुम मुझे पहले यह बताओ कि मेरी पत्नी गीत तुम्हें कैसी लगती है?

यह सुनकर तो दोस्तो, मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई।
मैं चौक गया कि डॉक्टर साहब मुझसे यह क्या बात कर रहे हैं।
तो मैं थोड़ा घबराते हुए अंदाज में बोला- क्या … यह आप क्या बोल रहे हैं?

डाक्टर साहब- देखो राज, ज्यादा छुपाने की जरूरत नहीं है। मैं अच्छी तरह से जानता हूं, कि तुम मेरी बीवी को पसंद करते हो, और तुम्हारे मन में उसके लिए कुछ अच्छे ख्याल नहीं हैं।
मैं- मतलब?
डाक्टर साहब- देखो, मैं एक डॉक्टर हूं. मैं चेहरे के हावभाव अच्छी तरह से पहचान लेता हूं। तुम जब मेरे घर पर थे तो मेरी पत्नी गीत को बहुत ही हवस भरी नजरों से देख रहे थे। उसके लिए तुम्हारी नजर बहुत ही गंदी थी। यह मैंने कल नोटिस किया था। उसके बारे में तुम गलत चीजें भी सोचते होंगे! क्यों है न?

मैं- नहीं नहीं सर, ऐसी कोई बात नहीं, आपको गलतफहमी हुई है।

डाक्टर साहब- नहीं, मुझे कोई गलतफहमी नहीं है। मैं डॉक्टर हूं, और अच्छे से समझता हूं। सच बताओ क्या तुम कल मेरी पत्नी को चोदने के बारे में नहीं सोच रहे थे।
उनके मुंह से यूं अचानक चोदने शब्द सुनकर मैं चौंक गया।

फिर मैंने थोड़ा धीमी आवाज में कहा- हां … लेकिन अब से मैं ऐसा कुछ नहीं सोचूंगा। आई एम सॉरी!
डाक्टर साहब- ठीक है कोई बात नहीं। तुम्हारी उम्र में कभी कभी ऐसा होता है। और ऐसे भी मेरी पत्नी तो है ही बला की खूबसूरत … बिल्कुल टीवी एक्ट्रेस दृष्टि धामी की तरह दिखती है।
मैं- सच कहा आपने … वह बिल्कुल दृष्टि धामी की तरह सुंदर है।

डाक्टर साहब- सिर्फ सुंदर और सेक्सी नहीं?
मैं चौंकते हुए- हां हां बिल्कुल!
डाक्टर साहब- तो बोलो क्या तैयार हो मेरी बीवी की लेने के लिए। मैं तो तैयार हूं उसे तुम्हारी बाहों का हार बनाने के लिए।

मैं समझ गया कि जरूर डॉक्टर साहब मेरा टेस्ट ले रहे हैं और जैसे ही मैं हां बोलूंगा वह मुझे बाद में बहुत डांटेगे.
इसलिए मैंने कहा- अब छोड़ दो न सर … मुझे जाने दो। मुझे माफ कर दीजिए, मुझसे गलती हो गई।

डॉक्टर साहब- अरे यार तुम यह क्या बात कर रहे हो। मैं गीत को तुम्हारी गोद में बिठाना चाहता हूं और तुम मना कर रहे हो। ऐसा मत करो, मेरी आखरी आस अब तुम ही हो।
मैं- क्या मतलब सर?

डॉक्टर साहब- लगता है अब तुम्हें सब सच-सच बताना ही पड़ेगा। राज मेरी बात ध्यान से सुनो और वादा करो कि यह बात तुम किसी को नहीं बोलोगे।
मैं- ठीक है।

डाक्टर साहब- राज, दरअसल बात यह है कि मैं और गीत पिछले 2 साल से काफी परेशान है। दरअसल ठीक 2 साल पहले मेरा एक एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें मैं मरते मरते बचा। मैं तो बच गया लेकिन अपने बाप बनने की शक्ति मैंने खो दी। तब से लेकर आज तक मैं ढेर सारी दवाइयों से अपना उपचार कर रहा हूं, पर अब तक कोई भी फायदा नहीं हुआ। मेरी फैमिली का गांव में बहुत बड़ा जमीन जायदाद है। अगर उन्हें पता चल जाएगा कि मैं बाप नहीं बन सकता तो सारी जायदाद मेरे छोटे भाई के नाम हो जाएगी। और ऐसे भी जिंदगी भर में और गीत अकेले नहीं रहना चाहते। तो इसीलिए जो बच्चा मैं गीत को नहीं दे पाया वही अब तुम दोगे। अब तुम उसे मां बनाओगे।

मैंने चौंकते हुए कहा- क्या मैं?
डॉक्टर साहब- क्यों क्या हुआ। तुम जवान हो, हट्टे कट्टे हो, खूबसूरत हो। क्या तुम नहीं कर पाओगे?
मैं- अरे नहीं नहीं … बिल्कुल कर पाऊंगा। और ऐसे भी इससे आपकी परेशानियां खत्म हो जाती हैं तो मैं तैयार हूं।

मेरे अंदर तो लड्डू फूट रहे थे। मेरा लिंग तो उसी वक्त यह सोच कर खड़ा हो गया कि अब मैं गीत के मालदार बदन का रसपान करूंगा, उसके मनमोहक शरीर के ऊपर चढ़ाई करूंगा, उसे दबाऊंगा, कुचलूंगा, रौंदूँगा। जब गीत मेरे नीचे आएगी तब उसके मुस्कुराते हुए चहरे को मैं बेतहाशा चूसूंगा, चाटूंगा। बहुत मजा आएगा।

लेकिन तभी मैंने डॉक्टर साहब से पूछा- क्या इसके लिए गीत भी तैयार है?
डॉक्टर साहब- नहीं, उसे अभी कुछ नहीं मालूम! पर तुम यह सब मुझ पर छोड़ दो, मैं उसे मना लूंगा।

उसके बाद गीत के लाजवाब बदन के सपने देखते हुए मैं वहां से चला गया।

बहुत दिन बाद शनिवार को डॉक्टर साहब का कॉल आया, उन्होंने मुझे कहा- राज, आज अपना काम ख़त्म करके सीधा मेरे घर आ जाना। आज रात डिनर मेरे घर पर ही करना और कल सुबह चले जाना।
इस पर मैं अच्छी तरह से समझ गया कि आज रात गीत मेरी बाहों में होगी।

मैं झट से काम खत्म करके शाम 7 बजे उनके घर चला गया।
दरवाजा डॉक्टर साहब ने खोला और मुझे अंदर आने को कहा।
गीत का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था।

डॉक्टर साहब- चलो डिनर करते हैं। अरे डार्लिंग … जरा हमारे मेहमान के लिए डिनर तो लगाइए।

तभी गीत अंदर किचन से पारदर्शी लाल साड़ी और ब्लाउज में बाहर आई और डाइनिंग टेबल पर हम दोनों के लिए डिनर लगाने लगी।
सचमुच आज वह बहुत गजब ढा रही थी।

आज मुझे कोई पाबंदी नहीं थी इसलिए मैं बड़े ही गौर से उसे ऊपर से नीचे तक घूरे जा रहा था।
मैं उसके शरीर के एक-एक अंग को बड़े ही गहराई से देख रहा था।

वाह … क्या सेक्सी फिगर है।
ऊपर से नीचे तक पूरा दूधिया शरीर … गुम्बद जैसा छाती पर उभरे गोल और बड़े मम्मे!
ऐसा लग रहा था कि बस अभी जाऊं और पीछे से उसे पकड़ कर उसके रसभरे उसके चूचे को दबा दूं और वहीं पर उसका ब्लाउज खोल करके स्तनपान करूं।

तभी डॉक्टर साहब ने चुटकी बजाते हुए मुझे कहा- क्यों कहां खो गए मेरे दोस्त? मिलेगा … सब मिलेगा जो भी तुम सोच रहे हो। चलो पहले डिनर करते हैं क्योंकि पहले भोजन उसके बाद चोदन।
इस पर हम दोनों हंसते हुए डाइनिंग टेबल पर बैठे और डिनर करने लगे।

तभी गीत वहां से जाने लगी।
इस पर डॉक्टर साहब ने कहा- अरे डार्लिंग, कहां जा रही हो, यहीं बैठो।

उसके बाद गीत थोड़ा सा हमारे साथ बैठी लेकिन फिर उठकर जाने लगी।
फिर जब डॉक्टर साहब ने कहा- कहां जा रही हो?
तो भी थोड़ा सा गुस्से में मुंह बनाते हुए बोली- आपका सारा काम तो मैं कर ही रही हूं ना! और क्या चाहिए?
और यह कहते हुए वह अपने कमरे में चली गई।

इस पर डॉक्टर साहब ने मुझे समझाते हुए कहा- तुम टेंशन मत लो. बस ऐसे ही उसका थोड़ा सा मूड खराब है। लेकिन तुम आज उसकी अच्छे से मूड बना देना, खूब मजे करना। वह भी तुम्हारी रात रंगीन कर देगी, तुम्हें खूब मजा देगी।

मैं- पर वह तो अभी गुस्सा करके गई है। आपने उससे पहले से बात कर रखी है ना?

डाक्टर साहब- हां मेरे दोस्त, मैंने उससे बात की थी और मुश्किल से ही सही आखिरकार वह तैयार हो गई। पर अब तुम ही सोचो राज, जब किसी पत्नी को बच्चे के लिए किसी गैर मर्द के साथ संभोग करना पड़े तो उसे कैसा लगेगा। और वह भी अपने से कम उम्र की लड़के के साथ! वैसे भी मेरी पत्नी कोई वेश्या तो है नहीं कि वह खुशी मन के साथ तुरंत तैयार हो जाएगी। और ना ही मेरी पत्नी ने पहले कभी किसी गैर मर्द के साथ सेक्स किया है। उसका यह पहली बार है इसीलिए उसको थोड़ा अजीब सा लग रहा है। बस और कोई बात नहीं है।

इसके बाद वे बोले- अब क्या मेरे साथ यही समय बर्बाद करोगे, अरे गीत अंदर कमरे में तुम्हारा इंतजार कर रही है, उसके पास जाओ और उसकी अच्छे से ठुकाई करो। चीखें निकल जानी चाहियें मेरी बीवी की। और हां राज गीत काफी ना नुकर करते हुए मानी … तो जरा संभल के और सही तरीके से शुरुआत करना एकदम जाते ही उस पर कूद मत जाना। अब जाओ।

फिर मैं वहां से उठा और गीत के कमरे में अंदर चला गया।
कमरे में हल्के लाइट की रोशनी थी। पूरे बेड पर गुलाब की पंखुड़ियां बिखरी हुई थी और गीत बेड पर लेटी हुई थी।

तभी बाहर से डॉक्टर साहब की आवाज आई- अरे भाई, दरवाजा तो अंदर से लगा लो।
मैंने झट से दरवाजा अंदर से लगा दिया।

तभी गीत ने मेरी तरफ देखा और फिर से सोने का नाटक करने लगी।

मैं गीत के पास जाकर खड़ा हो गया।
गीत मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी।
मैं गीत को बहुत वासना भरी निगाहों से ऊपर से लेकर नीचे तक बड़ी अच्छे से देख रहा था।

मेरा मन किया कि अभी इसके ऊपर पीछे से चढ़ जाऊं।
पर मुझे डॉक्टर साहब की बात याद थी कि मुझे कोई जल्दबाजी नहीं करनी है।

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