चूत में आलू की चाट और मूत भरी पानी-पूरी
(Hot Girl Xxx Dirty Story)
हॉट गर्ल Xxx डर्टी स्टोरी में मैं और मेरी बहन सेक्स का मजा लेने के अलग अलग तरीके ढूंढते हैं. इस बार हम दोनों भीड़ से दूर चाट की दुकान पर गए. वहां हमने क्या किया?
नमस्कार दोस्तो, मेरी पिछली सेक्स कहानी
बुड्ढे ने दीदी की गांड मार ली जंगल में
को आप लोगों का बहुत ही ज्यादा प्यार मिला, उसके लिए मेरे खड़े हुए लंड और शिखा दीदी की गहरी चूत की तरफ से प्यार भरा धन्यवाद.
इस बार आपको एक और मजेदार कहानी बताता हूं.
यह हॉट गर्ल Xxx डर्टी स्टोरी बूढ़े वाली कहानी के बाद की है.
एक दिन शिखा दीदी ऐसे ही घर में बोर हो रही थीं तो आलू की चाट व गुपचुप (पानी पूरी, गोलगप्पे, फुल्ले, पुचके) खाने जाने का प्लान बनाया.
बस हम लोग चाट व गुपचुप खाने निकल गए.
रास्ते में हम दोनों सेक्स की बातें करने लगे.
मैंने दीदी से आज कुछ एक्साइटिंग करने का कहा.
दीदी मान गईं और हम दोनों सोचने लगे कि ऐसा क्या करें कि कुछ नया, कुछ अलग सा हो.
तभी मेरे खुराफाती दिमाग में एक आइडिया आया.
मैंने दीदी से कहा- एकदम सुनसान जगह पर किसी वाले चाट के ठेले पर चाट खाने चलते हैं, जहां ज्यादा ग्राहक न आते हों. फिर खाने के बाद मैं पैसे न होने का बहाना बना कर चला जाऊंगा और उसके बाद मजा आएगा.
दीदी बोली- क्या मजा आएगा?
मैंने उन्हें बताया कि किस तरह से हम दोनों चाट वाले के साथ मस्ती कर सकते हैं!
दीदी मेरी तरफ देख कर आंख दबाती हुई बोलीं- यदि उसका मन तेरे ऊपर भी आ गया तो?
मैंने उनकी बात का अर्थ समझते हुए अपनी खींसें निपोर दीं.
कुछ देर तक हम दोनों ने अपने प्लान को हर तरह से समझा और फिर उसे फाइनल करके आगे बढ़ गए.
अब दीदी मेरी बात मान गई थीं और जल्द ही हमें एक कोने में छोटा सा चाट का ठेला दिखाई दे गया.
शायद उसका घर भी पीछे ही था.
मैंने दीदी से कहा- तुम खाते समय चाट वाले को थोड़ी लाइन देना, अपने थोड़े मम्मे दिखाना और उसे गर्म करना.
उन्होंने वैसा ही किया.
गुपचुप वाले ने मन में तो सोचा ही होगा कि आज एक गदरायी हुई चिड़िया जाल में फ़ंस गयी.
हम दोनों ने लगभग तीन सौ रुपए की चाट और गुपचुप खाईं और ठेले वाले को ‘पैसा नहीं है’ करके बोलने लगे.
वह थोड़ा कड़क आवाज में बोला- मुझे तो पैसे चाहिए, नहीं तो मुझे पैसे निकलवाना आता है.
मैं बोला- कल दे देंगे.
पर वह नहीं माना.
फिर वह मुझसे बोला- तू एक काम कर, घर जाकर पैसे लेकर आ जा, तब तक यह लड़की यहीं रहेगी!
मैं मान गया क्योंकि ये सब मेरा ही प्लान था.
और मैं पैसे लेने घर चला गया.
अब आगे क्या हुआ उसकी दास्तान शिखा दीदी की जुबानी सुनें.
रॉकी के जाने के बाद चाट वाला बोला- अब बताओ मेरी चिड़िया रानी, क्या क्या इशारे कर रही थी … बड़ी चुल्ल मची है क्या?
मैं कुछ नहीं बोली.
तो उसका हौसला और बढ़ गया.
उसने मौका देख कर मेरे एक दूध को मसल दिया.
मेरी तो चूत में चींटियां रेंगने लगीं.
मैं उससे झूठ-मूट का गुस्सा दिखाती हुई बोली- ये क्या कर रहे हो, अपनी औकात में रहो!
मेरे ऐसा कहने से वह गुस्सा हो गया और मुझे जबरदस्ती अपने घर के अन्दर ले गया.
उसने मुझे अपने गन्दे बदबूदार बिस्तर में पटक दिया.
मैं घबरा गई.
इतने में वह गुस्से से बोला- तुम्हारी जेब में तीन सौ रुपए भी नहीं है और मुझे मेरा औकात दिखा रही है मादरचोद साली रंडी.
यह कह कर उसने मुझे कसके एक थप्पड़ जड़ दिया.
मेरी तो डर के मारे गांड फट गई कि साला चोदने की जगह मार रहा है.
अब मुझे अपने प्लान पर पछतावा होने लगा.
उस आदमी ने ठेला वैसे ही सड़क पर छोड़ा और घर का दरवाजा बंद कर दिया.
फिर अपना पैंट निकालते हुए मेरे पास आया और बोला- अभी तुझे तेरी औकात दिखाता हूं मादरचोद रंडी.
वह नंगा हो गया.
मैं तो उसके काले लंड को देख कर पागल ही हो गई.
लगभग 7 इंच का जबरदस्त लंड था और मोटा तो इतना ज्यादा कि समझो मेरी कलाई जितना रहा होगा.
मैं तो खुशी से झूम उठी.
अब वह जल्दी जल्दी मेरे कपड़े निकालने लगा.
तो मैं बोली- प्यार से निकालो, मैं कहाँ भागी जा रही हूं.
वह मुस्कुरा दिया.
फिर देखते ही देखते मैं पूरी नंगी हो गई.
मैं उसके लंड को अपने हाथों में लेकर महसूस करने लगी.
उसका लंड भी मेरे हाथों का स्पर्श पाकर धीरे धीरे टाइट होने लगा.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने मुँह खोल कर लंड को चूसना शुरू कर दिया.
वाह क्या स्वाद था … ऐसी मुतैली खुशबू कि मैं उसके काले लंड की दीवानी होते जा रही थी.
ऐसा लौड़ा जो मेरी चूत में खलबली मचाने को तैयार था और उसका अंडे जितना बड़ा कत्थई सुपारा मुझे और रोमांचित कर रहा था.
उसके लंड पर हल्की सी सफेद पपड़ी जमी हुई थी जो मुझे आइसक्रीम की मलाई जैसी लग रही थी.
मैं इतने ज्यादा मूड में आ गई थी कि उस पपड़ी को भी प्यार से चाटने लगी.
मुझसे मेरे मदमस्त होते हुस्न को रोकने का संयम ही नहीं हो पा रहा था.
अब वह भी अपने हाथ बढ़ा कर धीरे धीरे से मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगा.
मैं उसकी आंखों में चुदास भरी वासना से देख रही थी.
वह भी मेरी आंखों में किसी भूखे कामांध मर्द की तरफ खा जाने वाली नजरों से देख रहा था.
मैंने उसे देखते हुए ही एक आंख दबा दी.
तो वह मुस्कुरा दिया और उसके दोनों हाथों में दबे हुए मेरे दोनों मम्मे किसी हॉर्न की तरह मसले जाने लगे.
एक बार तो उसने इतनी जोर से मेरे दूध दबा दिए कि मुझे दर्द हुआ और मैंने लंड को मुँह से निकाल कर ‘आह धीरे दबाओ न …’ की आवाज निकाल दी.
कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद उसने मुझसे लेटने को कहा.
मेरी चूत में पहले की बिजली कौंध रही थी और लंड लेने की ललक हो रही थी.
जैसे ही मैं बिस्तर में लेटी, वह मुझ पर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ा; मेरे गले पर, कान के लौ पर, फिर गाल पर किस करने लगा.
वह जोर जोर से किस करते करते नीचे आता गया और मेरी चूत पर पहुंच गया.
उसने बिना रुके मेरी नंगी चूत की चटाई शुरू कर दी.
मैं तो बिल्कुल पागल सी होने लगी.
मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ, मुझे लगने लगा कि मेरी पेशाब निकल जाएगी.
मैंने जैसे ही उससे यह कहा, तो वह उठ कर गया और दो तीन गुपचुप उठा लाया.
वह उन गुपचुप में मुझसे उस तरह से मूतने को बोला जैसे गुपचुप में खटाई वाले पानी को डालते हैं.
यह वास्तव में एक अनोखा प्रयोग था Xxx डर्टी!
मैं मस्ती से उठ कर बैठी और घुटने मोड़ कर चूत से मूत्र निकालने लगी.
चूत के मुँह पर छेद की हुई गुपचुप लगी थी. मैं निशाना साध कर उस गुपचुप में थोड़ा थोड़ा मूतने लगी.
जैसे ही गुपचुप भर जाती तो मैं उसे पकड़ा देती.
वह चाट वाला मज़े से मेरी स्वर्ण अमृत वाली गुपचुप को खाने लगा.
यह नजारा देखकर मुझसे और बर्दाश्त नहीं हुआ, मैंने उसका चेहरा पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और एक जोरदार फ्रेंच किस ले ली.
उसने मेरे होंठों को इतनी जोर से काटा कि मेरे होंठ में से खून निकलने लगा.
पर मुझे इतने जोश में दर्द का ख्याल ही नहीं रहा था, उल्टा मैं और वाइल्ड होकर उसका साथ देने लगी.
मैं अब और देर बर्दाश्त नहीं कर सकती थी.
मैंने उसका लौड़ा अपने हाथ में पकड़ कर चूत में लगाया और उससे चोदने को बोली.
चाट वाले ने मेरी टांगों को फैलाकर सही पोजीशन बनाई और लौड़े में थूक लगाकर एक ही बार में हॉट गर्ल Xxx डर्टी चूत में पेल दिया.
मैं उसके मूसल लंड के प्रहार से दर्द से बिलबिला उठी.
लेकिन उसने ऐसा गजब का शॉट लगाया था कि शरीर का कोना कोना रोमांचित हो गया.
मुझे इतना मज़ा जिंदगी में पहली बार आया था.
बस अब क्या था … चाट वाले ने मेरी चूत में अपनी राजधानी एक्सप्रेस दौड़ानी शुरू कर दी.
चुदाई की फच फच की आवाज और बिस्तर से चर्र चर्र की आवाज एक साथ आ रही थी जिससे कमरे का माहौल और रोमांटिक हो गया था.
मेरी चूत का अमृत उसके बिस्तर को गीला करता हुआ इस ताबड़तोड़ चुदाई के लिए धन्यवाद कर रहा था.
कुछ ही देर की चुदाई में मेरी चूत आनन्द के सागर में गोते लगा रही थी और मेरी सांसें आह आह आह के नारे लगा रही थीं.
चाट वाला बोला कि मेरी रानी अब मैं तुझे चोदने का तरीका थोड़ा बदलना चाहता हूँ!
तो मैंने पूछा कि और कैसे चोदना चाहते हो?
वह बोला- तेरी चूत में उबला हुआ आलू डाल कर चोदने का मन है, उसमें बड़ा मजा आएगा!
मैं बोली- तो फिर देर किस बात की, ले आओ उबला हुआ आलू!
चाट वाला असल में मेरी चूत में ही चाट बनाना चाह रहा था.
वह आलू लाया और मेरी चूत में एक बड़ा सा उबला हुआ आलू ठूंसने लगा.
पूरा आलू ठूंस कर वह अपना लौड़ा डालने लगा.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन लौड़े ने आलू को तोड़कर अपने लिए जगह बना ली.
चूत के अन्दर आलू बड़ा गुलगुला सा लग रहा था.
उधर चाटवाले ने फिर से धकापेल चुदाई शुरू कर दी.
धीरे धीरे आलू की चटनी बन गई और उसकी चिकनाहट में चुदाई का मज़ा दोगुना हो गया.
चुदाई का ऐसा यूनिक तरीका मैं पहली बार महसूस कर रही थी.
मैं भी अपनी गांड को उठा उठा कर साथ देने लगी थी.
मैंने करीब बीस मिनट तक अपनी चूत और चुदवाई.
फिर पता नहीं क्यों वह रुक गया और लंड बाहर निकाल कर वापस कुछ लेने चला गया.
अबकी बार वह एक चम्मच और प्लेट लाया था.
वह मेरी चूत में से सारा आलू बाहर निकालने लगा.
जब पूरा आलू प्लेट में निकल आया तो उसने उस आलू चाट में एक पापड़ी, थोड़ी सी कटी हुई प्याज, नमक और धनिया डाल कर चाट रेडी कर दी.
अब वह फिर से अपना लौड़ा मेरे मुँह में देकर उसे चूसने को बोला.
मैं मज़े से लंड चूसने लगी.
कुछ ही देर में जब उसका वीर्य निकलने को आया तो उसने दही से भी गाढ़ा ढेर सारा अपना वीर्य उसी प्लेट में निकाला और मुझे मेरी ही चूत से निकले आलू की चाट बना कर दे दी.
मैं चम्मच से चाट खाने लगी.
सच बता रही हूँ दोस्तो, चाट का स्वाद थोड़ा अजीब जरूर था … क्योंकि यह चूत से निकले आलू और लंड से निकले वीर्य से बनी हुई चाट थी … लेकिन मुझे तो सच में बेहतरीन लगी.
वह तो मुझसे अपने मूत वाली गुपचुप खाने को भी बोल रहा था लेकिन मैंने उसे ‘फिर कभी …’ बोल कर बात टाल दी.
ऐसी यूनिक फ्लेवर वाली चाट और चुदाई के लिए उसको धन्यवाद बोल कर मैं अपने कपड़े पहन के बाहर ठेले पर चली गई.
इस सबके बाद मैं वहां से चली गई और कुछ दूरी पर जहां मेरा भाई इंतजार कर रहा था, वहां आ गई.
उधर से हम दोनों घर आ गए.
घर आकर मैंने चूत को अच्छे साफ किया और नहाई.
फिर अपने भाई को वहां का पूरा किस्सा बताया, वह खूब हंसा.
मुझे आशा है कि आपको यह हॉट गर्ल Xxx डर्टी स्टोरी जरूर पसंद आई होगी.
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