चलती ट्रेन में सीलपैक चूत का मजा मिला

(Hot Girl Cute Porn Kahani)

हॉट गर्ल क्यूट पोर्न कहानी में मैं रात की ट्रेन में था. एक लड़की मेरे साथ वाली बर्थ पर थी.उसने मुझे पोर्न वीडियो देखते हुए देखा तो वह भी पोर्न देख कर गर्म हो गयी.

दोस्तो, मेरा नाम संदीप है. मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ.
मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच है, रंग सांवला है.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. उम्मीद है कि आपको मज़ा आएगा.

मेरी हॉट गर्ल क्यूट पोर्न कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जो मेरे साथ हुई थी.

यह घटना अभी की ही है.
29 अप्रैल 2023 को मैं अपनी बहन के लिए रिश्ता देखने जोधपुर राजस्थान गया था.
वहां पर मैंने एक दिन बिताया. वहां से मेरी वापसी की टिकट जोधपुर से साबरमती की थी.

मैं, अपने पापा और बड़े पापा के साथ में था.
हम तीनों लोग ट्रेन में बैठ गए.

साथ ही भगत की कोठी नामक एक स्टेशन आया.
वहां से एक फैमिली ट्रेन में चढ़ी.
उनके साथ एक लड़की भी थी, जिसका नाम शीतल था.

वह भी मेरी ही हाइट व उम्र की थी. वह जरा साँवले से रंग की थी पर दिखने में प्यारी सी और मस्त लग रही थी.

हालांकि उस वक्त मेरी नज़र उस पर नहीं पड़ी थी, मैं बस उसे सरसरी नजर से देखता हुआ वॉशरूम के लिए जा रहा था.

उसकी फैमिली को ट्रेन में बैठाने आए वह लड़की अपने कुछ रिश्तेदारों को बाइ बोलने के लिए ट्रेन के दरवाजे पर खड़ी थी.
तब मैंने उसे पहली बार देखा था.
उसे देखने के बाद मेरे शरीर में अजीब सा करेंट जैसा लगा था.

उस वक्त हुई हलचल को मैं शब्दों में नहीं समझा सकता हूँ, यह तो वही समझ सकता है, जिसको ऐसा फील हुआ होगा.

मैं वॉशरूम की तरफ जा रहा था कि तभी उसने पीछे मुड़कर देखा और हम दोनों की नज़रें मिल गईं.

उसकी क्यूटनेस को देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया.
मैं वॉशरूम से आने के बाद अपनी अपर बर्थ पर लेट गया.

कुछ देर बाद मैंने मोबाइल चलाया.
उसके बाद मैं सो गया.

कुछ देर बाद अचानक से मेरी नींद खुली.

तो मैंने देखा कि बगल में जो लड़की लेटी थी, उसकी फैमिली और उसके कुछ रिलेटिव आ गए.
उसके ये रिलेटिव बगल वाली बोगी से आए थे और बात कर रहे थे.
उनकी बातों की वजह से मेरी नींद टूट गई थी.

कुछ टाइम जाने के बाद वे लोग कुछ शांत हो गए तो मैं वापिस सोने की कोशिश करने लगा.
रात गहराने लगी और तकरीबन 11:00 बजे के आस-पास मुझे ठंड लगना चालू हो गई.

हालांकि अप्रैल माह में गर्मियों का मौसम होता है जिसकी वजह से मैंने कुछ भी ओढ़ने या पहनने के लिए नहीं लिया था.
मैं राजस्थान पहली बार गया था, इसलिए मुझे वहां के मौसम का कोई अंदाजा नहीं था.

हल्की ठंड लगने से मैं उठ कर बैठ गया और अपने आस-पास देखने लगा.
सब लोग सो रहे थे. जो फैमिली नीचे थी, वे लोग अभी भी बातें कर रहे थे.

मुझे लगा कि बाजू की अप्पर बर्थ किसी की नहीं होगी, तो मेरे मन में ख्याल आया और मैंने अपना मोबाइल निकाल लिया.
मैं पॉर्न वीडियो देखने लगा.
चुदाई की वीडियो देखने से मेरी नसों में खून गर्म होकर दौड़ने लगा और मुझे ठंड से थोड़ी राहत मिल गई.

अब मेरा शरीर गर्म हो रहा था, मुझे पता ही नहीं चला कि कब शीतल ऊपर वाली बाजू की बर्थ पर आकर बैठ गई.

हम दोनों के बीच में जाली वाली पर्दा थी, जो सामान्यत: हर ट्रेन में होती है.
मैं पॉर्न की आवाज म्यूट करके उसे देखने में मस्त था.

तभी मुझे अहसास हुआ कि बाजू वाली अपर बर्थ पर कोई है. मैंने तिरछी नज़र से देखा तो शीतल भी जाली की उस बाजू अपनी बर्थ पर बैठ कर देख रही थी.

तब मैं हड़बड़ा गया और मैंने झट से फोन अपनी जेब में रख लिया.

मैं सीधा बैठ कर इधर उधर देखने लगा पर मुझे कोई नहीं दिखा.

दरअसल शीतल भी शर्मा कर अपनी बर्थ पर लेट गई थी.
उसका शर्माता हुआ चेहरा आज भी मेरे दिमाग़ में छपा हुआ है.

दोस्तो, उस वक्त तक मुझे उस लड़की का नाम नहीं मालूम था, तभी उसकी मां ने उसे आवाज़ लगाई- शीतल नीचे आ कर कुछ खा लो, फिर सो जाना!
इस तरह मुझे उसका नाम मालूम पड़ा था.

उसका नाम भी बिल्कुल उसी की तरह बहुत अच्छा था, जो मेरे दिलो दिमाग़ में बस चुका था.

मैं मन ही मन सोच रहा था कि पता नहीं वह मेरे बारे में क्या सोच रही होगी!
फिर वह नीचे गई.

उधर उसने अपनी फैमिली के साथ कुछ खाया पिया होगा और कुछ देर बात करने के बाद वह वापस ऊपर आकर लेट गई.

मैं इस बार मोबाइल में फ़ेसबुक पर रील्स देख रहा था.
ट्रेन में चूंकि इंटरनेट बराबर नहीं चलता तो मैंने मोबाइल बंद कर दिया.

मुझे उसके आने का अहसास भी हो गया था तो मेरा मन भी उससे बात करने के लिए बेचैन था कि मैं उसे किस तरह से समझा पाऊं कि मैं पॉर्न क्यों देख रहा था.
पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.

तभी उसने बीच में लगी जाली के नीचे लकड़ी की दीवार पर अपनी उंगलियों से ठक ठक करना शुरू कर दिया.
मैंने उठ कर देखा तो वह उस तरफ से इशारों ही इशारों में कुछ बता रही थी.
पर मुझे समझ नहीं आ रहा था.

अब तक लगभग 12:30 हो चुके थे और उसके साथ वाले भी अपनी बोगी में जा चुके थे. उसकी फैमिली वाले भी सो गए थे.

मैंने उसे समझाना चाहा कि मैं किस वजह से पॉर्न देख रहा था तो वह समझ गई क्योंकि उसके साथ भी मेरे जैसी ही प्राब्लम थी.
उसकी फैमिली वाले भी कुछ ओढ़ने के लिए नहीं लाए थे.

तो उसने फुसफुसी आवाज़ में कहा- वही वाली वीडियो चालू करो पहले!
मैंने मना कर दिया.

शीतल ने रिक्वेस्ट की- प्लीज़ चालू करो ना, मुझे भी ठंड लग रही है!
अब दोस्तो ठंड तो मुझे भी लग रही थी.

बस फिर क्या था … मैंने पॉर्न चालू कर दिया.
उस वीडियो की आवाज़ मैंने बंद रखी थी क्योंकि मेरे पास इयर-फोन्स नहीं थे, उन्हें मैं घर पर ही भूल आया था.

उसने अपने बैग से इयरफोन निकाल कर दिए.
अब हम दोनों एक साथ पॉर्न देखने लगे.
हमारे बीच में वॉल नहीं होती तो शायद अब तक बहुत कुछ हो जाता.

मेरे मोबाइल में 20 से ज़्यादा पॉर्न वीडियो डाउनलोड थीं.
एक एक करके हम दोनों ने लगभग 8 वीडियो देखे.
हम दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे.

तभी उसने कहा- चलो मेरे साथ!
मैं थोड़ा घबरा गया कि वह किधर जाने को बोल रही है.

मेरे पूछने पर उसने कहा- वाशरूम में चलते हैं.
हम दोनों अपनी अपनी बर्थ से नीचे उतर आए.

उसके रिलेटिव्स वाली बोगी में बहुत कम लोग थे, वह बोगी लगभग खाली थी.
यह बात शीतल को पता थी.

अब लगभग 1:30 बजे का समय हो गया था.
हम दोनों उस बोगी में वॉशरूम के बाहर आ गए.

तभी उसने कहा- चलो ठंडी में गर्मी का अहसास करते हैं.

हम दोनों एक साथ बाथरूम के अन्दर आ गए और दरवाजे को अन्दर से लॉक कर दिया.
दरवाजा बंद होते ही उसने मुझे अपनी तरफ ज़ोर से खींचा और वह मुझसे लिपट गई.

उसने मुझे किस करना चालू कर दिया.
वह बहुत ही जंगली तरीके से मुझे किस कर रही थी.
मैं हैरान था कि कोई लड़की इस तरह से भी किस कर सकती है.

उसने मेरी जींस के ऊपर से ही मेरे लंड को रगड़ना चालू कर दिया.

अब मेरे से भी रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने भी उसे उसी की तरह किस करना चालू कर दिया.

उसके संतरे बहुत ही मुलायम थे.
मैंने एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत को रगड़ना चालू कर दिया.
दूसरे हाथ से मैं उसके मुलायम संतरे दबा रहा था.

ये सब मेरे लिए पहली बार था जब मैं किसी लड़की के साथ इस तरह से कर रहा था.

उस वक्त तो मैं सातवें आसमान पर उड़ रहा था.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे. हम दोनों एक एक करके एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

उसने काले रंग की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.

कुछ ही टाइम में हम दोनों ने पूरे कपड़े उतार दिए.
इस बार शीतल मेरे लंड को ऐसे रगड़ रही थी मानो उसने पहली बार लंड हाथ में लिया हो.

मुझे शक हुआ तो मैंने उससे पूछा कि आपने पहले कभी किया है?
उसने ना में अपने सर को हिलाया और यह बाद में सच भी निकला था.

वह अभी तक वर्जिन थी. उसने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.

उसने कहा- मैंने भी आज तक सिर्फ़ पॉर्न में ही देखा है कि सेक्स कैसे करते हैं.
यानि मेरा भी पहली बार था और उसका भी.

शीतल नीचे बैठ गई और वह मेरे लंड को ऐसे चूसने लगी जैसा पॉर्न में दिखाया जाता है.

क्या बताऊं दोस्तो, मुझे अपने आप पर जरा भी भरोसा नहीं हो रहा था.
पर ये हक़ीकत में हो रहा था.

कोई 10 मिनट बाद मेरा रस निकल गया.
शीतल ने सच में बेस्ट ब्लोजॉब दिया था.

मेरा सारा स्पर्म शीतल के मुँह में ही निकल गया था.
शीतल मेरे वीर्य को पी गई थी.

उसने मुझे आग्रह किया कि मैं भी उसकी चूत को अपने मुँह से चूस कर उसको मज़े दूँ.
बस फिर क्या था, चलती ट्रेन में मैंने भी शुरू कर दिया.
मैंने अपनी जीभ से उसकी गुलाबी चूत को आइसक्रीम के जैसे चाटना शुरू कर दिया.

मैं उसकी चूत की क्लिट को अपनी जीभ से रगड़ रहा था और साथ में दो उंगलियां उसकी चूत में धीरे धीरे डाल रहा था.

उसके सील पैक होने की वजह से चूत में से थोड़ा थोड़ा ब्लड भी आ रहा था, पर शीतल इसे एंजाय कर रही थी.

कुछ ही टाइम में उसकी चूत पूरी तरह से उसके रस से भर गई.
काफी देर के बाद हम दोनों वॉशरूम से बाहर आ गए और अपनी अपनी बर्थ पर आ गए.

शीतल ने फिर से रिक्वेस्ट की कि पॉर्न देखना है.

मैंने इयरफोन्स लगा दिया.
इयरफोन का एक सिरा उसके पास और एक मेरे पास आ गया.

हॉट गर्ल क्यूट पोर्न वीडियो देखने से हम दोनों फिर से चार्ज हो गए.

इस बार फिर से वॉशरूम में गए और जल्दी से पूरे कपड़े निकाल कर रेडी हो गए.
वॉशरूम में वेस्टर्न टॉयलेट था. मैंने शीतल को उस पर बिठा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

उसकी गुलाबी चूत थोड़ी गीली हुई तो मैंने एक ज़ोर का झटका दे मारा.
मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.

शीतल गर्म सिसकारियां ले रही थी और उसे दर्द भी हो रहा था.
मैंने शुरूआत में धीरे धीरे अन्दर बाहर किया, कुछ टाइम बाद जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो हम दोनों चुदाई का मज़ा लेने लगे.

अब हमको नंगे होने पर भी ठंड नहीं लग रही थी बल्कि ठंडी में गर्मी का अहसास हो रहा था.
शीतल पूरी तरह से गर्म हो गई थी और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने को बोलने लगी थी.

मैं भी उसका साथ देने लगा और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा.
लगभग 20 मिनट बाद हम दोनों का रस एक साथ निकल गया.

उसने मुझे अपनी बांहों में ऐसे कस कर पकड़ रखा था जैसे वह मुझे बहुत पहले से जानती हो.

हम दोनों वॉशरूम में फ्रेश हुए और अपने अपने कपड़े पहन कर अपनी अपनी सीट पर आकर लेट गए.

हम दोनों काफ़ी थक चुके थे.
सीट पर आते ही कब नींद आ गई कुछ पता ही नहीं चला.

मेरा स्टेशन साबरमती था, मैं शीतल का मोबाइल नंबर लेना चाहता था. पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

उसकी फैमिली वाले उठ गए थे, पर शीतल अभी भी सो रही थी इसलिए शीतल का नंबर मुझे नहीं मिल पाया.
दोस्तो, ट्रेन का वह सफ़र मेरे लिए हमेशा के लिए यादगार बन गया था.

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