मेरे गोदाम पर आई भाभी से सेटिंग करके चोदा

(Garam Desi Bhabhi Ki Chudai)

गरम देसी भाभी की चुदाई का मौक़ा खुद भाभी ने पहल करके मुझे दिया. वह मेरे गोदाम पर कुछ सामान लेने आई थी. मैंने उसे बहुत सस्ता सामान दिया. उससे मेरी दोस्ती हो गयी.

दोस्तो, मैं आपका समीर एक बार फिर!

मैं उत्तराखंड के एक छोटे से शहर में रहता हूँ, मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच और अच्छे व्यक्तित्व का मालिक हूँ.

मेरी पिछली कहानी थी: प्यासी बुआ की कामवासना

मैं पास के ही शहर मैं अपनी बीवी और दो बच्चों के साथ बहुत खुशहाल जीवन जी रहा हूँ.
पर मेरे साथ घटी एक घटना ने जिसमें मैंने गरम देसी भाभी की चुदाई की, मेरे जीवन में कुछ बदलाव ला दिए.
पेशे से मैं एक बिज़नेस मैन हूँ और प्रोड्क्ट ट्रेडिंग का काम करता हूँ।

वैसे तो मेरा माल छोटी छोटी दुकानें खरीदती हैं।
मगर कई बार लोग रेट कम होने की वजह से आ जाते हैं।
पहले तो हम मना कर दिया करते थे।
मगर एक दोस्त के कहने पर हमने खास लोगों को भी माल देना शुरू कर दिया।

एक दिन मैं आपने ऑफिस में अकेला बैठा था।
मेरे दोनों नौकर माल लेकर गए हुए थे।

अभी एक लेडी उम्र कोई 40–45 साल मेरे ऑफिस आ गई।
मैंने यह कह कर उसे मना कर दिया कि अभी नौकर नहीं है माल निकालने के लिए तो आप बाद में आ जाना। आप मुझे अपना नंबर दे दीजिये मैं कॉल कर दूँगा।

मैंने उसका नाम पूछा.
तो उसने अपना नाम स्मिता बताया, नाम लेकर मैंने नंबर सेव कर लिया।
नंबर देकर वो वापिस चली गयी।

उस समय मेरा उसकी तरफ कोई बुरा इंटेंशन नहीं था।
लेडी पढ़ी लिखी मालूम होती थी।

शाम को जब नौकर आ गए तो मैंने उसे कॉल किया।
थोड़ी ही देर में वो आ गई।
उसका घर पास में ही था।

उसने अपना सामान लिया.
पता नहीं क्यूँ मैंने उन्हें रेट भी कम लगाए।
वो खुश होकर चली गयीं।

मैं आपको उन लेडी के बारे में बता दूँ.
उसकी हाइट करीब पांच फीट पाँच इंच होगी, रंग एकदम गोरा और शरीर ऐसा जैसे किसी सांचे में ढाला गया हो।
ये समझो बेहतरीन हुस्न की मल्लिका या फिल्म हीरोइन!

पूछने पर उसने बताया कि वहीं पास में ही उनका हर्बल आइटम्स का बिज़नेस है।

मैंने उसे अपना नाम बताया- मैं समीर!
वो बोली- मैंने आपके बारे में सुन रखा है। आपके नेचर के बारे में कई बार सुना है।

मैं मज़ाक में बोला- अच्छा या बुरा?
तो वो बोली- जाहिर है अच्छा ही सुना होगा।
यह कह कर वो मुस्कराने लगी.

मैं बोला- अरे मेरे को नहीं मालूम था कि मैं इतना फेमस हूँ.
तो वो हंसने लगी.

मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो मैरिड है दो बच्चे हैं उसके एक 10 साल का बेटा और 6 साल की बेटी।
मैंने अपने बारे में भी हल्का फुल्का बताया।

इतनी बात के बाद हम थोड़ा खुल चुके थे।
जिससे मुझे उनसे जब वो आतीं तो बात करने में कोई झिझक नहीं होती थी।

मैं उसके व्हाट्सप्प स्टेटस देखता और कमेंट करके उत्साह बढ़ाता।
वो भी खुश होतीं।

कभी वो स्टेटस पर कोई शेर डालती तो मैं उसका जवाब शेर से ही दे देता।
मेरे शेर बहुत ही खूबसूरत होते।
क्योंकि मुझे शेरो शायरी का भी शौक है।

ऐसे ही चलता रहा नोर्मल बात होती रहती।
वो भी मेरे स्टेटस का रिप्लाई करती।

उसके फोटो लगाने पर मैं उनकी खूबसूरती की बहुत तारीफ करता।
जो उन्हें अच्छा लगता।

मैं तारीफ क्या करता … वो थी ही बहुत खूबसूरत … यूँ कहें कि बड़ी फुर्सत से बनाया गया कुदरत का करिश्मा हो।

एक दिन तारीफ करते करते मैंने लिख दिया- पास होते तो … और बटन दब गया।
उसने पूछा कि क्या करते?
मैंने टालने की कोशिश की।

मगर उसके बार बार पूछने पर मैंने बोला कि किस कर लेता।
वो बोली- अच्छा बच्चू? घर में बीवी नहीं है क्या?

मैंने उसे बताया- मेरी बीवी को ज़्यादा इंट्रेस्ट नहीं है इन चीजों में
उसे थोड़ा बुरा लगा मेरे लिए।

उसने इतना ही कहा कि देखते हैं।

एक दिन उसने मुझे अपने ऑफिस बुलाया।
मैं चला गया।

जब मैं वहाँ पहुंचा तो ऑफिस में कोई नहीं था।
मैंने पूछा- सब कहाँ हैं?
तो उसने बताया- स्टाफ में किसी की डेथ हो गई है तो सब वहां गए हैं। ऑफिस का कोई माल आ रहा है तो मुझे छोड़ गए हैं।

उसने मुझे पानी दिया.
मैंने पी लिया और बातें करने लगा।

थोड़ी देर बाद उसने वो ही बात छेड़ दी- उस दिन क्या कह रहे थे?
मैंने बोला- मैं अभी भी अपनी बात पर कायम हूँ।

पहले तो उसने मुझे देखा फिर मेरे पास आ गयीं।
मैंने उसे पकड़ा और उनके होंठों पर किस कर दिया।

वो शर्मा गयीं और बोली- लिप्स की बात नहीं हुई थी।
मैं बोला- मुझे जहाँ अच्छा लगा कर दिया।

फिर हम अपनी अपनी जगह पर बैठ गए।

थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि क्या दोबारा किस मिल सकता है?
तो उसने मुझे अपनी ही तरफ बुला लिया क्योकि वहां बाहर से कुछ नहीं दिखता था।

मेरी वहाँ गांड बहुत फट रही थी कि कोई आ ना जाए।

हिम्मत करके मैं उधर गया और हमने किसिंग शुरू कर दी।
किसिंग करते करते मेरा एक हाथ उसके दूध पर पहुँच गया।

मैंने किसिंग के साथ उसके बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया।
उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी।
मैंने भी उसे वहां पड़ी टेबल पर लिटा दिया और ऊपर आ गया।

मैंने किसिंग दोबारा शुरू कर दी।

दोस्तो, मेरी जैसी किसिंग मैंने सिर्फ इमरान हाशमी की ही देखी है। बस वो फ़िल्मी होती हैं और मेरी रियल!

उसे जब ज़्यादा सेक्स चढ़ गया तो उसने झट से अपनी टीशर्ट ऊपर कर दी.
मैंने उसकी ब्रा खुद ऊपर कर दी।
उसके दूध अब बिलकुल आज़ाद थे।

मैंने आज तक इतने खूबसूरत मम्मे नहीं देखे थे, फिल्मों को छोड़ कर!

मैं तो उन पे टूट पड़ा.
मेरे एक मम्मे को मुंह में लेते ही उनकी सिसकारियां निकलने लगी।

अब मेरा हाथ पैंट के ऊपर से ही उनकी चूत पर था।
मैंने उसे रगड़ना शुरू कर दिया।
उसकी तो हल्की चीखें ही निकलने लगीं।

मैंने बिना पैंट खोले अपना हाथ अंदर डाल दिया।
अब मेरा हाथ उनकी नंगी चूत पर था।

मेरे हाथ के स्पर्श मात्र से वो गनगना गयीं।
बहुत जोर से सिसकारी निकली उसकी- उफ्फ … अमम् … ओह.. हम्म … इस्स … समीर … आह!

जब ज़्यादा चढ़ गई तो उसने मुझे हटाते ही एक झटके में अपनी पैंट उतार फेंकी।
अब स्मिता मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।

स्मिता मुझसे ऊपर आने को कहने लगी.
मगर मैं बिना तैयारी के गया था, मेरे पास कॉन्डोम नहीं था।

दूसरे मेरी डर के मारे गांड भी फटी हुई थी।

स्मिता ने बहुत कहा मगर मैंने मना कर दिया।
मगर मैं उसे प्यासा नहीं छोड़ सकता था।
इस लिए मैंने फिंगरिंग (उंगली) चूत में करना शुरू कर दी और जब तक करता रहा जब तक स्मिता झड़ (डिस्चार्ज) नहीं गई।

हमने अपने कपड़े सही किये और सामान्य हो कर फिर से बैठ गए।
स्मिता को मेरा फॉर प्ले बहुत अच्छा लगा।

मुझसे बोली- तुमने किया क्यों नहीं?
तो मैंने सच बता दिया।

उसने मुझे किस करके विदा किया।

अब फ़ोन पे भी हमारी बात दिन में और रात को भी होने लगी और खूब रोमांटिक बातें भी करते.

बहुत ज़िंदा दिल औरत थी वो … हमेशा खिलखिलाती रहती और बहुत बोल्डली कुछ भी बोलती।
कभी कभी हम वीडियो चैट भी करते और फोन सेक्स करते।

इस बीच मैंने उसकी कई बार उसके घर के कामों में हेल्प की।
हम एक दूसरे के लिए हर समय हाजिर रहते।

मैंने उसके घर जाना भी शुरू कर दिया।
उसके पति मेरे पहले से ही परिचित निकले जो मुझे उनसे मिलने के बाद पता चला कि स्मिता उनकी पत्नी है।
स्मिता भी हैरान थी।

इसी तरह से समय बीतता गया, मगर हमें मौका नहीं मिल पा रहा था।

उसका स्टॉफ शाम को जल्दी चला जाता था।
एक दिन स्मिता ने मुझे शाम में ऑफिस बुलाया और मैं पहुंच गया।

ऑफिस में कोई नहीं था, ऑफिस बंद करने वाला भी किसी काम दूसरे शहर गया था और 2 घंटे बाद लौटने वाला था।

ये पता होते ही मैंने उसे झट से पकड़ के बांहों में भर लिया और अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिया।
स्मिता भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने फिर से वही किया जिसमें मैं माहिर हूँ।
मेरा हाथ एक बार फिर उसकी चूत पर था और मेरी उंगली चूत के अंदर!

स्मिता का बुरा हाल था।
एक तो मेरी उंगली … दूसरे बे हिसाब किसिंग। कभी गले पर कभी लिप्स पर, कभी पेट पर!

मैंने जल्दी से उसका शर्ट ऊपर किया.
मगर उसकी ब्रा बहुत टाइट थी जिसे मैं ऊपर नहीं कर पाया।

उसने खुद ही हाथ पीछे ले जाकर अपने हुक खोले।
अब उसके दूध आज़ाद थे।

मैंने पहले एक मम्मे को हाथ में पकड़ा और कुछ देर दबाया।
फिर उसके बाएं निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा।

स्मिता तो कम्पकपाने लगी।
नीचे चूत में उंगली ने तो आग लगा रखी थी, उधर मेरे मुंह ने।

स्मिता ने अपनी सलवार भी नीचे कर दी।
उसने पैंटी नहीं पहनी थी।

सलवार नीचे होते ही मेरे सामने चमचमाती हुई हुस्न की मलिका थी जो चुदाई को तैयार थी।

स्मिता ने हाथ बढ़ा कर मेरे लण्ड पर रख दिया और ऊपर से ही दबाने लगी।
मेरा लण्ड तन कर खड़ा था और पैंट फाड़ने को तैयार था।

मैंने लण्ड को आज़ाद किया और कॉन्डोम चढ़ा लिया।

अब मेरा लण्ड स्मिता के हाथ में था।
वो मेरा लण्ड आगे पीछे करने लगी।

उधर मैं अपने काम में मस्त था।

स्मिता की सिसकारियाँ चरम पर थीं।

थोड़ी देर बाद वो मुझे ऊपर खींचने लगी।
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और एक ही झटके में अन्दर डाल दिया।

वो हल्का सा कुलबुलाई.
काफी समय के बाद वो सेक्स कर रही थी।

उसके पति ने बच्चे होने के बाद उसे चोदना छोड़ दिया था।
इसलिए स्मिता प्यासी रहती थी।

मैंने हल्के हल्के उसे चोदना शुरू कर दिया.
उसकी सिसकारियाँ पीक पर थीं।

मैं उसका एक निप्पल चूस रहा था जिससे उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
अब वो नीचे से खुद धक्के लगा रही थी।
वो इतना उत्तेजित थी कि थोड़ी देर में ही उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई।

मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और धक्के मारते मारते मैं भी अंदर ही झड़ गया।

गरम देसी भाभी की चुदाई के बाद कुछ देर हम ऐसे ही रहे फिर सामान्य होकर अपने कपड़े पहने।

अब ये काम हफ्ते में दो से तीन बार चलने लगा।

मगर हमें खुल का सेक्स करने का मज़ा नहीं आ रहा था।

हम अपनी प्यास तो बुझाते मगर खुल कर बिना कपड़ों के चुदाई नहीं कर पाते।

अब हमें किसी ऐसी जगह की तलाश थी जहां हम खुल कर चुदाई कर सकें।

अभी तक तो मौक़ा नहीं मिला.
कुछ हुआ तो अगली कहानी में बताऊंगा.
गरम देसी भाभी की चुदाई कहानी पर आप अपने विचार लिखें.

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