गर्म भाभी की चुदाई स्टोरी
(Garam Bhabhi Ki Chudai Story)
कैसे हो दोस्तो, मैं शिवम एक बार फिर से हाजिर हूं एक नई चुदाई स्टोरी के साथ.
मेरी पिछली कहानी
मैं उसकी चूत का हीरो
को आपने प्यार दिया, उसके लिए शुक्रिया.
अब मैं सीधा आज की चुदाई स्टोरी पर आता हूँ। यह घटना कुछ दिन पहले ही घटित हुई थी। जैसा कि मैंने पहले बताया है कि मैं नोएडा में रहता हूँ।
ज़रीन से दूर होने के बाद मैं अपनी कॉलेज की पढ़ाई पर ध्यान देने लगा लेकिन मुझे हमेशा उसके साथ गुज़रे लम्हे याद आते थे। उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ, उसकी चूत की खुशबू, उसके होंठों को चूसना मैं भूल नहीं पा रहा था।
मैंने अपना ध्यान हटाने के लिए खाली समय सोशल मीडिया पर बिताना शुरू किया। मैंने एक दिन फेसबुक पर एक नाम देखा ज़रीना और खुद ब खुद मेरे हाथ रिक्वेस्ट बटन की ओर बढ़ गए। मैंने उसकी प्रोफाइल खोल कर देखा तो किसी मॉडल की फ़ोटो लगी हुई थी। मैंने कुछ देर पॉर्न वीडियो देखे, मुठ मारी और सो गया।
अगले दिन रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने का नोटिफिकेशन आया और मैंने तुरंत उसे मैसेज कर दिया और कॉलेज चला गया।
जब मैं कॉलेज से लौटा तो देखा उसका रिप्लाई आया हुआ था। मैं थोड़ी बहुत बातें रोज़ करता था। कुछ दिन में मैं उसके बारे में काफी कुछ जानने लगा था। वह पुरानी दिल्ली में रहती थी और शादीशुदा थी। शादी को 4 साल हो गए थे और उसका पति इंजीनियर था। दोस्ती होने के कुछ समय बाद मैंने उसकी फोटो मांगी, जब मैंने उसकी पिक देखी तो मुझे ज़रीन की याद आ गयी और मैंने उसके नाम की मुठ मारी और सो गया।
जब सुबह नींद खुली तो उसके काफी सारे मैसेज पड़े थे जिनमें उसने मुझसे मेरी फ़ोटो मांगी थी। मैंने उसे शर्टलेस फ़ोटो भेजी। उसका रिप्लाई आया कि आप बहुत हॉट हो. आपकी तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड होंगी.
मैंने उसको रिप्लाई किया कि मुझे अपने से ज्यादा बड़ी उम्र की लड़कियों में रूचि है.
ऐसे ही बात करते करते और एक दूसरे के बारे में जानते हुए मेरी उस नई ज़रीन से काफी अच्छी दोस्ती हो गई.
एक दिन मैंने उसे मिलने के लिए बुलाया और वो मान भी गयी। मैंने उसके साथ दिल्ली के कनॉट प्लेस में लंच किया और थोड़ी बातें की और फिर हम पास के पार्क में चले गए.
वहाँ चारों ओर कपल्स ही थे. दिल्ली शहर की यही बात मुझे पसंद है. यहां पर बड़े पार्कों में शहर के बीचों बीच आप कहीं भी लड़की के साथ बैठ कर हल्की फुल्की मस्ती कर सकते हो. हां लेकिन इतने खुले तौर पर भी नहीं कि वो आम पब्लिक को बेहूदा लगे. मगर थोड़ा छुप कर पेड़ पौधों के पीछे काफी मजा लिया जा सकता है.
सारे ही कपल एक दूसरे की बांहों में थे. मैं ज़रीना के साथ बैठ गया. आस-पास नजर घुमा कर देखने के बाद मेरे मन में भी मस्ती चढ़ने लगी और मैंने सोचा कि ज़रीना पर ट्राई करना चाहिए.
मैंने बहाने से बातों ही बातों में उसके बदन को छूना शुरू कर दिया. मैंने देखा कि उसको मेरी हरकतों से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा था. मैं उसके बदन को यहां-वहां टच कर रहा था और साथ में बात भी किये जा रहा था.
ऐसा करते करते मेरा लंड भी टाइट होने लगा था. ज़रीना भी मेरी पैंट की तरफ बीच-बीच में देख लेती थी लेकिन नजर जमा कर नहीं रख रही थी. उसको पता था कि मेरा लंड खड़ा हुआ है.
उसको टच करते करते मेरे लंड में पूरा तनाव आ गया और मेरा लंड जोश में आकर एक तरफ साइड में निकल कर तन गया. लंड पैंट के अंदर झटके दे रहा था.
मैंने ज़रीना का हाथ पकड़ लिया और उसको सहलाने लगा. तब भी उसने कुछ नहीं कहा. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ ही लिया. उसके हाथ को पकड़ कर मैंने अपने लंड पर रखवा दिया.
फिर मैंने अपने होंठों को उसके होंठों के करीब ले जाने की कोशिश की और फिर उसने मेरी आंखों में देखा. मैंने भी उसकी आंखों में देखते हुए अपने होंठों को उसके होंठों पर रख ही दिया.
वो पहले तो थोड़ा हिचक रही थी लेकिन दो मिनट के बाद ही हम एक दूसरे के होंठों को चूसने में लग गये थे. मैं उसको होंठों को खा ही रहा था कि बीच में उसका फोन बजने लगा. उसने फोन उठाया तो पता चला कि उसके पति का फोन था.
उसका पति उसको घर आने के लिए कह रहा था. मैंने मरे मन से वहां चलने के लिए कहा. वो भी मेरे पास से जाकर खुश नहीं थी.
उस दिन मैंने ज़रीना को उसके घर के पास छोड़ा और फिर अपने रूम पर चला गया.
उस रात मुझे ज़रीना की याद सता रही थी. मैंने उसको कॉल किया तो उसने कॉल नहीं उठाया. कुछ देर बाद उसका मैसेज आया कि उसका पति अभी सोया नहीं है. अपने पति के सोने के बाद वो खुद कॉल करेगी.
इतना कह कर उसने कॉल को बंद कर दिया.
फिर मैं अपने फोन में टाइम पास करते हुए नंगी लड़कियों की चूत और चूचियां देख कर, चुदाई स्टोरी पढ़ कर लंड को सहलाने लगा. अब तक मेरे लंड में तनाव तो आ ही चुका था कि बीच में ही ज़रीना का फोन आ गया. शुरू के एक दो मिनट तक इधर उधर की बातें करने के बाद मैं उसको सेक्स की तरफ मोड़ कर ले आया.
मेरा लंड मेरे हाथ में ही था. मैंने अपने लंड को हिलाते हुए उसके साथ फोन सेक्स करना शुरू कर दिया. मैं लंड को हिलाने लगा और वो अपनी चूत को सहलाने लगी. उस रात हमने फोन सेक्स करके ही खुद को संतुष्ट किया. ज़रीना ने बताया कि उसको ढ़ंग से चुदाई करवाये हुए काफी समय हो चुका है.
मैंने उसको बोल दिया कि बंदा सेवा में हाजिर है.
वो बोली- कहां पर मिल सकते हो?
चूंकि मैं उसको होटल में लेकर नहीं जाना चाहता था इसलिए मैंने उसको अपने फ्लैट पर बुलाना ही ठीक समझा.
पहले तो वो कहने लगी- फ्लैट पर आऊंगी तो आस पास के लोगों को पता चल जायेगा.
फिर मैंने कहा- मैं तुम्हें फ्लैट के बाहर लेने के लिए आ जाऊंगा और तुम मेरे साथ रहोगी तो किसी को शक नहीं होगा. वह मेरी बात मान गयी.
उसको अगले दिन मेरे फ्लैट पर आना था तो मैंने पहले ही पास की दुकान से कंडोम, चॉकलेट और फल खरीदे और सुबह होने का इंतज़ार करने लगा।
अगले दिन सुबह नौ बजे मैं उसको लेने के लिए निकल गया. फिर हम बिना देर किये मेरे फ्लैट पर आ गये.
उसके अंदर आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया और उसने अंदर आते ही बैग साइड में पटका और कहने लगी कि मेरे पास सिर्फ दो ही घंटे का वक्त है. इस दो घंटे में तुम जो करना चाहो वो जल्दी से कर लो.
मैं जानता था कि वो मजे लेने के लिए आई हुई है इसलिए मैं तो पहले से ही पूरी तैयारी करके बैठा हुआ था.
मैंने सीधा उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को पागलों की तरह चूसने लगा. वो भी मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल कर मेरा पूरा साथ दे रही थी. उसकी जीभ मेरे मुंह के अंदर घूम रही थी. उसकी लार मेरे मुंह में आ रही थी और मेरी लार उसके मुंह में जा रही थी.
फिर मैंने अपने हाथ उसकी 34 की साइज की चूचियों पर रखे और जोर से उन्हें दबाने लगा. वो हल्की हल्की सिसकारियां लेने लगी. उसकी कामुक सिसकारियां सुन कर मैं और ज्यादा उत्तेजित होता जा रहा था.
उसने मुझे अपनी बांहों में लपेटना शुरू कर दिया. मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा और उसके पूरे बदन को यहां-वहां किस करने लगा. उसके लम्बे बाल बिखरने लगे. मेरे हाथ उसकी कमर को सहला रहे थे. उसकी ब्रा की पट्टी को छू कर मेरे लंड के अंदर का जोश बढ़ता जा रहा था.
मेरा लंड उसकी जांघों से लगा तो उसने नीचे हाथ ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पैंट के ऊपर से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने उसकी साड़ी का पल्लू गिरा दिया. उसके ब्लाउज में उसके मोटे चूचे भरे हुए थे जिसकी घाटी काफी गहरी थी. मैंने उसके चूचों की घाटी पर किस किया. फिर उसके ब्लाउज को खोलने लगा.
ब्लाउज को उतार देने के बाद मेरी आंखों के सामने उसकी ब्रा आ गई. उसकी ब्रा बहुत ही मस्त तरीके से उसके चूचों पर फंसी हुई थी. उसके चूचों की चोंच एकदम ऐसे लग रही थी जैसे कोई मिसाइल दुश्मन पर हमला करने के लिए तैयार करके रखी गई हो. एकदम से पैनी और तीखी. मैंने उसके चूचों को उसकी ब्रा के ऊपर से ही मसल दिया तो उसने मेरी गांड को अपने हाथों में लेकर दबाना शुरू कर दिया.
अब मैंने उसकी ब्रा को भी खोलना शुरू कर दिया. अगले तीस सेकेण्ड में उसके नर्म मुलायम चूचे मेरे सामने नंगे होकर हवा में झूल गये थे. उसके चूचों के निप्पल बहुत ही प्यारे थे. मैंने उसके निप्पल को मुंह में भरा और एक बच्चे की भांति उनको चूसने लगा.
फिर मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसके बाद अपने कपड़े उतारने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. वो कहने लगी कि मैं तुम्हें अपने हाथों से नंगा करना चाहती हूं.
उसने मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिये. मेरी छाती नंगी हो गई. फिर उसने मेरी पैंट को खोला लेकिन उसको उतारा नहीं. वो मेरी छाती पर चूमने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड जैसे फटने को हो रहा था. मेरी पैंट का हुक खुला हुआ था लेकिन खड़ा होने की वजह से लंड ने अंडवियर को तान दिया था और उसके कारण पैंट भी ऊपर ही फंसी हुई थी.
फिर वो मेरी छाती को किस करते हुए नीचे जाने लगी. मेरे पेट पर चूमते हुए मेरी पैंट के हुक तक पहुंच गई.
उसके बाद उसने मेरी पैंट को धीरे-धीरे नीचे किया तो मेरे तने हुए लंड को देख कर उसने उस पर अंडरवियर के ऊपर से ही होंठ रख दिये. मेरा लंड जैसे मचल उठा उसके मुंह में जाने के लिए लेकिन वो मुझे और ज्यादा तड़पाना चाहती थी.
फिर उसने मेरे अंडरवियर को नीचे किया और मेरे नीचे के बालों को चूमते हुए मेरे अंडरवियर को निकाल दिया. मेरा लंड फनफना कर उसकी आंखों के सामने फुदकने लगा. उसने मेरे तने हुए लंड को अपने कोमल हाथ में भर लिया. फिर वो मेरे लंड के टोपे आगे पीछे करने लगी और सहलाने लगी.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको वहीं बेड पर गिरा लिया और उसकी चूत में मुंह दे दिया. मैं तेजी के साथ उसकी चूत में जीभ डाल कर उसको चूसने लगा.
फिर मैंने उसकी आंखें और हाथ बांध कर उसे दोबारा बेड पर पटक दिया और उसकी चूत में उंगली करने के साथ साथ उसकी चूचियों को काटने लगा। वो पागल हो रही थी. थोड़ी देर में ही उसकी चूत पूरी गीली हो गयी और फिर मैंने उसकी चूत पर चॉकलेट लगाई और उसे चाटने लगा। ज़रीन पूरी गर्म हो चुकी थी और मेरे मुंह में अपनी चूत घुसा रही थी. मैं उसे अपनी जीभ से चोद रहा था।
वह अकड़ रही थी. ऊंहह्ह … ऊंह्ह जैसी आवाज़ें निकालते हुए मेरे मुंह में झड़ गयी.
मैंने चाट चाट कर उसकी चूत को साफ किया और उसके हाथों को आज़ाद कर दिया।
उसकी आंखें अब भी बंद थी और फिर मैंने उसके स्तन के एक अंगूर अपने दाँत से काटा और उसको खिलाने के लिए बढ़ा. उसने अंगूर के साथ मेरे होंठों को भी काटना शुरु कर दिया। मैं उठा और अपना लंड उसके होंठों पर रगड़ने लगा।
उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और पागलों के जैसे चूसने लगी। उसके चूसने से पता चल रहा था कि वह कितनी प्यासी थी चुदाई के लिए।
जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो मैंने उसे घोड़ी बनाकर लंड उसकी चूत पर टिकाया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया। वो जोर से सिसकारियां भरने लगी और मैं धक्के लगाने लगा। फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी चूत चाट कर लंड अंदर बाहर करने लगा। अब ज़रीना की मस्त चुदाई चालू हो गई थी.
ज़रीना के मुंह से आह्ह … श्सस्स … अम्म … आह्ह की आवाजें निकल रही थीं. इस तरह से वो चुदाई के पूरे मजे ले रही थी. उसकी चूत में मेरा लंड पच-पच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. बहुत दिनों के बाद मुझे इतनी गर्म औरत की चुदाई करने का मौका मिला था.
मैंने फिर अपनी स्पीड को बढ़ा दिया. मैं पूरे जोर के साथ उसकी चूत में धक्के लगाने लगा. उसकी चूत में अपने लंड को जड़ तक घुसाने लगा. मैंने उसके चूचे पकड़ लिये और उसकी चूचों को अपनी तरफ खींचते हुए पूरा जोर लगा कर उसकी चूत को फाड़ने लगा.
वो आनंद में बड़बड़ाने लगी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … चोदो … अह्ह … और चोदो!
उसके मुंह से लगातार कामुक आवाजें पूरे माहौल को गर्म कर रही थीं. फिर एकाएक उसने एक जोर की आवाज निकाली और उसकी चूत से उसका गर्म पानी बह निकला.
अब मैं भी झड़ने के करीब पहुंचने ही वाला था. वो धीरे-धीरे ठंडी पड़ने लगी थी लेकिन मेरे धक्के अपनी पूरी स्पीड पर थे, मैंने तीन-चार धक्के जोर से लगाये और उसके साथ ही मैं भी झड़ गया।
हम दोनों के बदन पसीना पसीना हो गये थे. हम दोनों हांफ रहे थे. कुछ देर के बाद जब नॉर्मल हुए तो हमने फिर से किसिंग चालू कर दी. उसके बाद मेरे लंड को खड़ा होने में कई मिनट का समय लग गया. इस बीच में मैं उसकी चूत के साथ खेलता रहा. जब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया तो उसने मेरा लंड फिर से अपने मुंह में लेकर उसको अपने थूक से लबालब चिकना कर दिया.
दूसरे राउंड की चुदाई में मैं पहले झड़ गया और ज़रीना बाद में झड़ी. लेकिन मैं उसको दो बार संतुष्ट करने में कामयाब हो गया.
वो बहुत ही गर्म औरत थी. अब तक दो घंटे का वक्त पूरा हो गया था. वो अपने कपड़े पहनने लगी. मैं बिस्तर पर नंगा ही पड़ा हुआ था. उसने अपना सारा सामान समेटा और फिर बाहर जाने के लिए तैयार हो गई.
ज़रीन जाते जाते मुझसे बोली- घर के कामों के बीच और पैसे कमाने की होड़ में मैं इतनी बिजी रहती थी कि ऐसे पल भूल ही गयी थी. मुझे दोबारा उन पलों को याद दिलाने के लिए थैंक्स शिवम! और इतना कह कर वो बाहर चली गयी।
मैं भी थक गया था और फिर मुझे नींद आ गयी. उसके बाद उसके साथ चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया.
उसके पति से मैं नहीं मिल पाया लेकिन मिलना चाहता हूँ क्योंकि मैं देखना चाहता हूं कि उसका पति कैसा है जो इतनी गर्म औरत की चूत को शांत भी नहीं कर पाता है.
मैंने कई बार भाभी से कहा कि अपने पति से मिलवाओ लेकिन वो हर बार मेरी बात को टाल देती थी.
खैर, मुझे तो उसकी गर्म चूत का मजा मिल ही रहा था. वो जब भी मुझसे मिलती थी हम दोनों एक दूसरे के साथ अलग-अलग तरीकों से चुदाई का मजा लेते थे.
उसको मेरे लंड से चुदाई करवाना बहुत पसंद है. वो अक्सर मुझे बुलाती रहती है. कई बार मैं उसको अपने यहां बुला लेता हूं और कई बार हम बाहर मिल लेते हैं. जब भी वो बोलती है मैं उसकी जरूरत पूरी करता हूं। उसके साथ रहते हुए मुझे भी काफी अच्छा लगता है.
तो दोस्तो, मेरी इस चुदाई स्टोरी पर राय देने के लिए मेल करें. कहानी को समय देने के लिए आपका धन्यवाद. आपके मैसेज का इंतजार रहेगा. अगली चुदाई स्टोरी भी जल्दी ही लेकर आऊंगा.
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