पति ने संतानसुख हेतु पत्नी को चुदवा दिया- 2
(Free Xxx Sex Kahani)
फ्री Xxx सेक्स कहानी में एक देसी भाभी अपने पति के साथ मेरे लंड से संतान पाने के लिए होटल में मेरे साथ गयी. वहां मैंने उसे कैसे चोदा?
दोस्तो, मैं पंकज आपको अपने पेशेंट की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
संतान प्राप्ति के लिए गैर का लंड
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं गीता को लेकर उसे चोदने के लिए एक होटल के कमरे में आ गया था.
अब आगे फ्री Xxx सेक्स कहानी:
मैंने गीता की तरफ देखा तो उसने अपनी नज़रों को झुका लिया.
उसको फ्रेश होने के लिए बोला मैंने … तो वह फ्रेश होने के लिए चली गयी.
इतनी देर में मैंने अपने कपड़े बदल लिए.
मैं अपने साथ अपने लैपटॉप बैग में अपने लिए एक लोवर और टीशर्ट लेकर आया था.
गीता बाथरूम से बाहर आ गयी तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर बेड पर बैठा लिया.
उसको बहुत शर्म आ रही थी.
मैंने उससे कहा- अगर तुमको पसंद नहीं आ रहा है तो कोई बात नहीं. अभी तुम आराम से सो जाओ. मैं तुम्हारे साथ नहीं करूँगा.
इस पर उसने जवाब दिया- मैंने तो उसी दिन आपको पसंद कर लिया था, जब आपको मैंने पहली बार देखा था लेकिन उस दिन यह सोचा नहीं था कि मैं आपके साथ यहां कमरे तक आ जाउंगी.
मैं मुस्कुरा दिया.
मैंने उससे उसकी शादी के बारे में और उसकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वह और उसके पति दोनों ग्रेजुएट हैं. उसके पति एक कम्पनी में काम करते हैं 18000 हजार रुपये महीने कमाते हैं. उसको बहुत प्यार करते हैं. उसने कभी किसी और के साथ सेक्स नहीं किया.
तब मैंने उससे पूछा कि बाइक पर छोड़ने कौन आया था?
उसने कहा- मेरे पति ही मुझे आपके पास तक छोड़ कर गए थे.
मैंने कहा- क्या तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए मन से तैयार हो?
उसने हां में अपना सर हिला दिया.
इस पर मैंने उसको अपने ऊपर खींच लिया और उसको होंठों पर किस किया.
उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया, कहा- बत्ती बंद कर दो.
मैंने कहा- मैं तुमको जी भर कर देखना चाहता हूँ.
वह कुछ नहीं बोली.
मैंने किस करते करते उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे वह गर्म होने लगी.
मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए, देखा कि ब्लाउज के अन्दर उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहन रखी थी.
तब मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके एक निप्पल को अपने होंठों से दबा लिया.
गीता ने मस्ती से अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैंने उसकी साड़ी को भी खोल दिया.
जब ब्लाउज निकालने लगा तो वह बहुत टाईट था.
गीता ने अपने हाथ से अपना ब्लाउज निकाल दिया.
अब वह मेरे सामने पेटीकोट और ब्रा में रह गयी.
मैंने उसके पेट पर किस करते हुए उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया जिससे वह सिर्फ पैंटी में रह गयी थी.
आज गीता एक कमसिन परी जैसी लग रही थी.
मैंने उसके होंठों पर किस करते करते उसकी ब्रा निकाल दी.
उसके बड़े बड़े चूचे मेरे सामने थे.
मैंने एक को दबाना और दूसरे को पीना शुरू कर दिया.
गीता भी मेरी टी-शर्ट को निकालने लगी.
मैं अपनी टी-शर्ट और एक साथ लोवर निकाल कर अंडरवियर और बनियान में रह गया था.
मेरा लंड मेरे अंडरवियर में बुरी तरह से अकड़ गया था; उसमें दर्द होने लगा था.
फिर मैंने अपनी बनियान को निकाल दिया और साथ ही गीता की पैंटी को भी निकाल दिया.
गीता अपनी चूत को एकदम साफ़ करके आई थी और उसकी चुत एकदम गोरी थी. ऐसे लग रहा था जैसे उसकी चूत पर बाल ही नहीं आए हों.
उसकी चुत मेरी पत्नी की चूत से ज्यादा गोरी थी.
ऐसी चूत मैंने पहली बार देखी थी.
ऐसे लग रहा था जैसे एक छोटी से पावरोटी पर छोटा सा चीरा लगाया गया था.
उसको देख कर लग ही नहीं रहा था कि ये चूत पांच साल से चुद रही है.
मैंने उसके दोनों पैर मोड़ दिए.
पहली बार उसकी छोटी सी चूत पर अपनी उंगली से सहलाया तो गीता के पैर कांपने लगे.
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया; चूत से पानी निकल कर उसकी गांड के छेद तक जा रहा था.
सबसे पहले मैंने उसकी चूत पर किस किया.
गीता आंख बंद कर पड़ी बस सिसकारी ले रही थी.
फिर मैंने गीता की चूत के दाने पर अपनी जीभ को रख दिया.
गीता ने छटपटा कर अपना सर बिस्तर पर जोर से पटक दिया, अपने हाथ से बेड की चादर को पकड़ लिया.
मैंने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया, मेरा मोटा लंड बाहर आ गया.
लंड बाहर निकाल देने से मुझे दर्द में थोड़ा आराम मिल गया.
मैंने भी आज अपना लंड क्लीन शेव कर रखा था.
चिकना लंड मैंने गीता के हाथ में दे दिया.
हालांकि यह मेरी आदत में है कि मैं अपना लंड हर सप्ताह साफ़ करता हूँ.
वह मेरा लंड हाथ में लेते ही अपनी आंख खोल कर मेरे लंड को देखने लगी और बोली- हाय इतना बड़ा है आपका? मेरे पति का तो बस 4 इंच का है. पतला सा है.
मैं मुस्कुरा दिया.
फिर मैं 69 की पोजीशन आ गया जिससे गीता मेरा लंड और मैं गीता की चूत चाट सकूँ.
गीता ने कहा कि उसके पति कभी उसकी चूत नहीं चाटते हैं. बस आए दो मिनट किस किया और अन्दर डाल दिया. उसके बाद बस एक मिनट फुछ फुछ की और डिस्चार्ज हो जाते हैं.
मैंने उसकी तरफ मुस्कुरा कर देखा.
वह बोली- लेकिन आज तक इतना फोरप्ले कभी नहीं किया. शादी के 5 साल में उसने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था कि सेक्स में ऐसा मज़ा भी आता है.
मैंने उसकी चूत देख कर अंदाज़ा लगा लिया कि तभी इसकी चुदाई अच्छे से नहीं हुई है. शायद इसी लिए उसकी चूत बहुत टाईट दिख रही थी.
मुझे भी बहुत दिन बाद चूत मिली थी तो मैंने अच्छे से एन्जॉय करने का फैसला किया.
मैं कोई जल्दीबाज़ी नहीं करना चाहता था. वैसे भी मुझे सेक्स में जल्दीबाज़ी पसन्द नहीं है.
मैंने उससे कहा- आज तुम एक डॉक्टर के साथ हो, बिना सेक्स टेबलेट के … सेक्स का मजा लो.
ऐसा बोल कर मैंने उसकी चूत को फिर से तेज़ तेज़ से चूसना शुरू कर दिया.
वह पागल सी हो गयी.
जब मैंने उसकी चूत का दाना अपने दांतों से हल्का सा काटा तो उसकी दर्द भरी सिसकारी निकल गयी.
उसने तड़फ कर कहा- आह … मेरा निकलने वाला है.
मैंने उसको छोड़ दिया.
वह झड़ गई.
अब मैंने उसको सीधा लिटा कर उसकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया.
इससे उसकी चूत खुल कर मेरे लंड के सामने आ गयी.
अब मैं गीता के मुँह के पास अपना लंड लेकर गया.
वह समझ गयी कि उसे क्या करना है.
उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर अच्छे से गीला कर दिया.
फिर मैंने उससे कहा कि आज की चुदाई को तुम पूरी जिंदगी याद रखोगी.
वह हंसने लगी और बोली- हां यह तो है. मैं जब भी अपनी औलाद का मुँह देखूँगी, मुझे आपकी याद खुद ब खुद आ जाएगी.
मैं उसकी दोनों टांगों को फैला कर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
लंड की रगड़ से गीता ने अपनी आंख बंद कर लीं.
मैंने अपना लंड उसकी चूत से हटा लिया तो गीता ने लंड हटने पर हैरानी सी जाहिर की.
और जैसे ही अपनी आंख खोलीं, मैंने एक जोरदार झटका देकर अपना आधा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.
गीता का हलक सूख गया.
वह दर्द से चिल्लाने वाली ही थी कि मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया.
मुझे उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी; मैं समझ रहा था कि चुदी चुदाई है तो लंड लील ही लेगी.
पर जब वह चिल्लाने को हुई तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया.
इससे गीता को थोड़ा आराम हो गया.
लेकिन मैं भी कम हरामी नहीं था, उसको आराम से मुस्कुराते देख कर मैंने फिर से अचानक से एक तेज झटका दे मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया.
मुझे पता था कि इस बार उसके साथ क्या होने वाला था.
एक बार फिर से गीता चिल्ला उठी.
मैंने इस बार अपने होंठों से उसके होंठ बंद कर दिए थे.
उसकी आवाज अन्दर ही रह गयी.
बस उसकी आंखों से आंसू निकल कर उसके दर्द की गवाही देने लगे थे.
कसमसाहट में उसके नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ गए थे.
मैं थोड़ी देर के लिए शांत हो गया.
जैसे ही गीता को आराम मिल गया, मैंने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया.
अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने अपनी रफ्तार को धीरे धीरे बढ़ाना शुरू कर दिया था.
उसकी टाईट चूत में मेरा लंड आराम से आने जाने लगा था.
इतने में ही गीता ने मुझे कस कर पकड़ लिया और उसकी चूत मेरे लंड को कसने लगी.
मैं समझ गया था कि गीता अब झड़ने वाली है.
तब मैं अपनी कमर को फुल स्पीड चलाने लगा.
मेरे हर झटके से गीता के चूचे आगे पीछे हो रहे थे.
मैंने गीता को कुतिया बनने का इशारा किया और अपना लंड बाहर कर दिया.
गीता जल्दी से मेरे आगे कुतिया बन गयी.
मैंने पीछे से उसकी चूत में एक झटके से लंड पेल कर उसके बाल पकड़ लिए और फुल स्पीड में उसको चोदने लगा.
अगले एक मिनट में ही गीता झड़ गयी और उसने निढाल होकर अपना मुँह बेड पर रख दिया.
मैं भी उसके साथ ही झड़ना चाहता था. इसलिए मैं अपनी पूरी ताकत से उसकी चूत फाड़ने लगा.
करीब पांच मिनट में मैं भी आने वाला था.
मैं गीता से बोला- मेरा निकलने वाला है.
वह भी अपनी गांड मेरे लंड पर धक्का देने लगी.
इतने में मेरा फव्वारा छूटने का समय करीब आ गया.
मैंने एक तेज़ झटका दे कर अपना लंड गीता की बच्चेदानी के मुहाने पर लगा दिया और अपना माल उसकी चूत में छोड़ने लगा.
मेरा गर्म गर्म स्पर्म गीता को सुकून दे रहा था.
उसने अपनी आंखों को बंद कर लिया.
जैसे ही मेरा लंड खाली हुआ, मैं औंधे मुँह उसके ऊपर गिर गया.
मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था.
वह उठने लगी तो मैंने उसको उसी पोजीशन में थोड़ी देर के लिए रोक दिया.
कुछ देर बाद मेरा लंड मुरझा कर बाहर आ गया.
मैंने गीता को पेट के बल लिटा दिया और उसके बगल में लेट गया.
फ्री Xxx सेक्स करने के बाद मैंने उससे पूछा- गीता तुम ठीक हो न!
उसने जवाब में मेरे होंठों पर किस कर दिया.
गीता ने कहा- इतना दर्द तो मुझे मेरी सुहागरात में भी नहीं हुआ था. मुझे लग रहा था, किसी ने सरिया गर्म करके मेरे अन्दर डाल दिया हो.
मैंने उसको दर्द देने के लिए माफ़ी मांगी तो उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
वह बोली- काश, आप मेरे पति होते तो मैं रोज ऐसे से सुख का अनुभव करती. कभी भी सेक्स के लिए मना नहीं करती.
उसकी बात सुन कर मुझे मेरी पत्नी की याद आ गयी.
इतने सालों में उसने भी कभी भी मुझे मना नहीं किया था.
दिन हो या रात जब भी मैंने बोला, वह तुरंत तैयार हो जाती थी.
कभी कभी तो वह खुद ही पहल करती थी.
मैंने गीता के बूब्स फिर से अपने हाथ से सहलाने शुरू कर दिए.
गीता फिर से मुझे किस करने लगी.
उसने कहा- क्या बिना किसी दवा के इतनी देर तक सेक्स किया जा सकता है?
मैंने कहा- क्यों नहीं, अपने दिमाग पर नियंत्रण करके सेक्स टाइम को अपनी इच्छा से कम अथवा ज्यादा किया जा सकता है.
बाकी की कहानी अगले भाग में जल्दी ही लेकर आऊंगा. जिसमें मैंने उसकी चूत के साथ गांड भी मारी.
उसको बच्चा हुआ या नहीं? ये अगले भाग में आप लोगों के मांग पर लिखूँगा.
दोस्तो, आप लोगों को मेरी ये सच्ची फ्री Xxx सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करें.
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