सेक्स और प्यार की एक मीठी दास्तां
(Free Bhabhi Sex Story)
फ्री भाभी सेक्स स्टोरी डेटिंग वेबसाइट पर मिली एक भाभी की है। बातचीत के बाद वो मिलन के लिए बेताब थी और एक दिन उसने की अनुपस्थिति में मुझे घर बुलाया। फिर?
दोस्तो मैं साहिल,
मेरी पिछली कहानी थी: एक मस्त लड़की से मुलाकात फ़िर उसकी चूत की चुदाई
आपसे माफ़ी चाहूंगा कि अपना अगला अनुभव आप लोगों तक पहुंचाने में काफी देर हो गई।
मैं काम में कुछ ज्यादा व्यस्त हो गया था इसीलिए कहानी लिखने का समय नहीं मिल पाया।
आज मैं आखिरकार अपनी नयी फ्री भाभी सेक्स स्टोरी आपके लिए लेकर हाजिर हूं।
सबसे पहले तो मैं उन कुछ महापुरुषों से माफ़ी चाहूंगा जिनको मुझसे मेरी कहानी की महिला पात्रों की जानकारी चाहिए।
मैं आपसे कहना चाहूंगा कि मेरी कहानियों के पात्र वास्तविक होते हैं और उनकी निजी जानकारी मैं आपके साथ नहीं बांट सकता हूं। मुझे इसके लिए क्षमा करें।
उन महिलाओं ने अपना भरोसा मुझ पर जताया, मेरे साथ जिन्दगी के निजी पल साझा किए, इसलिए मैं उनके विश्वास को नहीं तोड़ सकता हूं।
इसलिए आपसे गुजारिश है कि ऐसी किसी जानकारी की उम्मीद मुझसे न करें; मैं किसी को धोखा नहीं दे सकता हूं।
मैं उन कुछ महिलाओं तक भी अपनी बात पहुंचाना चाहता हूं जो मुझसे केवल सेक्स संबंधों के लिए मिलना चाहती हैं। मैं आपको बता दूं कि मुझे सेक्स से ज्यादा प्यार की आदत है और प्यार के साथ सेक्स अपने आप हो ही जाता है।
सेक्स का मजा तब तक पूरा नहीं होता है जब तक कि आपके दिल में किसी के लिए प्यार की भावना न हो।
नये दोस्तों के लिए बता दूं कि मैं साहिल हूं और दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 40 साल है और मैं शादीशुदा हूं। मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत हूं।
आज आपके साथ मैं अपनी जिन्दगी एक और सच्चा किस्सा बांटने जा रहा हूं।
मैं कई बार ऑनलाइन डेटिंग साइट्स पर टाइमपास के लिए विजिट कर लेता हूं।
एक बार मुझे आयशा नाम की एक महिला साइट पर मिल गई।
आयशा दिल्ली की ही थी। उसकी प्रोफाइल की खास बात थी कि उसने अपने पति के साथ अपनी तस्वीरें लगा रखी थीं।
मुझे उसका यह अंदाज पसंद आ गया।
वो युगल काफी अच्छे से घर से लग रहा था और दोनों ही देखने में अच्छे थे।
मैंने उनसे बात करना शुरू की।
सामान्य बातों के बाद हम दोनों ही एक दूसरे को अच्छे लगे तो हमारी बातें साईट के अलावा व्हाट्सऐप पर भी होने लगी।
उसकी शादी को 8 साल हो चुके थे और उसके कोई बच्चा नहीं था।
उसके पति का बहुत बड़ा बिज़नेस था और वो दोनों दिल्ली में अकेले रहते थे।
धीरे धीरे हम दोनों बातें करते करते बहुत करीब आ गए और हम दोनों ही एक दूसरे का प्यार पाने को बेक़रार हो गए।
उसी वक्त मुझे किसी काम से अमेरिका जाना पड़ा, मैं आयशा से वादा करके गया कि वापस आते ही उससे मिलूंगा।
जब मैं अमेरिका से लौटा तो आयशा ने मुझे खाने पर बुलाया।
उसने अपने पति से भी मेरी बात करवाई।
मैं उनके घर पहुंचा तो दोनों ने मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया।
आयशा का पति काफी मिलनसार निकला जिसकी मैंने उम्मीद नहीं की थी।
मैं आयशा के लिए तोहफे भी लाया था जो उसको काफी पसंद आए।
उसके पति के लिए मैं सन ग्लासेज लाया था जो उसको भी बहुत पसंद आए।
खैर … खाना वगैरह खाकर हम लोगों ने बहुत बातें कीं और लगा ही नहीं कि हम पहली बार मिले रहे हैं।
काफी सारी बातें हुईं और फिर मैं लौट आया।
उसके पति को क्रिकेट खेलने का इतना शौक था कि वो रविवार की छुट्टी के दिन सुबह से शाम तक यही खेल खेलता था।
हमने उसी दिन मिलने का प्लान किया और मैं संडे की तैयारियों में लग गया।
मैं उस संडे को धमाकेदार बनाना चाहता था।
शनिवार को ही मैंने अपने नीचे के बाल साफ़ किये और तेल मालिश कर के अपने 6 इंच के औज़ार को चमकाया।
फिर रविवार सुबह 8 बजे ही आयशा का मैसेज आ गया- आ जाओ, मेरा पति घर से खेलने के लिए जा चुका है।
आधे घंटे में ही मैं उसके घर पहुँच गया और आयशा मेरे इंतजार में दरवाजा खोल कर खड़ी थी।
अंदर घुसते ही मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बांहों में ले लिया।
मैंने उसके बदन को अपनी बांहों में महसूस किया जिसका विवरण मैं आपको भी बता देता हूं।
उसके पीठ तक लहराते बाल थे जिन पर गोल्डन कलर किया गया था।
कद 5 फीट 4 इंच और दूध सा गोरा रंग, पंजाबन औरतों की तरह मोटी और टाइट 34 इंच की चूचियां और 30 इंच की मस्तानी कमरिया।
गांड ऐसी कि देखते ही चोदने का मन करे।
उसे छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
इतने में ही उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया।
उसकी जीभ मेरे मुंह में उथल पुथल मचा रही थी।
आयशा ने मेरी शर्ट खींचकर निकाल दी और मुझे मेरा नाम लेकर चूसना और भँभोड़ना शुरू कर दिया था।
उसके मुंह से निकल रहा था- साहिल मेरी जान … मेरे राजा … कहां थे तुम इतने दिन से … कितना तड़पाया है … मेरे असली पति बन जाओ … मुझे आज प्यार करो … बेहिसाब प्यार करो मेरे राजा … आह्ह मुझे अपना बना लो।
मैंने भी मौके का फायदा उठाया और अपनी बनियान और पैंट निकाल दी।
फिर मैंने उसके गदराये बदन को नंगा करना शुरू कर दिया।
जैसे जैसे में उसके कपड़े उतार रहा था अँधेरे कमरे में उसके बदन की रौशनी फ़ैल रही थी।
आह्ह … क्या मक्खन सा बदन था, केले के तने जैसी जांघें, भरे पूरे नितंब!
उसने भी तुरंत मेरे निप्पलों को चुभलाना शुरू कर दिया।
अब मेरा लंड मेरी फ्रेंची में विद्रोह करने लगा था।
मैंने धीमे से उसे अपनी बांहों में लिया और उसकी आँखों में आँखें डालीं और उसे कस कर गले लगा लिया।
उसके बदन की महक जैसे रजनीगंधा सी थी।
अब मुझे उस पर बेपनाह प्यार आ रहा था।
मैंने उसको जी भरकर अपनी बांहों में भींचा और उसके बदन को सहलाया।
अब ये प्यार का खेल अगले पड़ाव पर ले जाना जरूरी था तो मैंने उसकी पैंटी उतार दी।
पैंटी उतारते ही उसकी बची खुची स्त्रीसुलभ लज्जा ने एक जोर मारा और वो अपनी चूत छुपाने लगी।
हम भी खिलाड़ी थे … मैंने उसे बांहों में लिए लिए ही उसके कटिप्रदेश का जायजा लेना शुरू कर दिया।
वो भी मचलने लगी।
इससे पहले वो कुछ करती … उससे पहले मैं उसकी मक्खन जैसी चूत में उंगली उतार चुका था।
उंगली अंदर गई तो उसकी चूत में कामरस हिलौरें मार रहा था।
इतना गाढ़ा चूतरस मुझे बहुत दिनों के बाद किसी चूत में महसूस हुआ था।
मैं उसकी रसीली चूत को चाटने के लिए इंतजार नहीं कर सका और मैंने उसे उठाकर बेड पर पटका और उसकी टांगें खोलकर चूत फैला दी।
सीधा मेरा मुंह उसकी चूत पर जाकर रुका।
चिकनी पाव रोटी की तरह फूली चूत से मादक रस की खुशबू आ रही थी।
जैसे ही मैंने अपनी जुबान का किनारा उसकी चूत में स्पर्श करवाया वो सिहरने लगी।
मैंने धीरे से उसके उन्नत पर्वत जैसे उरोजों को अपने हाथों से मसला … उसकी एलोरा पर जो मूंगफली के दाने जैसे निप्पल थे वो अब मेरी उंगलियों की गिरफ्त में थे।
आयशा की कामवासना अब पूरी तरह से मेरे बस में थी और मैं धीरे धीरे उसकी कामवासना, जो शायद बहुत सालों से दबी थी, को भड़का कर शोले में तबदील कर रहा था।
लेकिन शायद ये मेरी गलती थी क्योंकि मुझे नहीं पता था कि बाद में वो जंगली बिल्ली बनकर मुझे ही नोंच डालेगी।
खैर, मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया।
उसकी चूत का रस मेरे मुंह की प्यास तो बुझा रहा था लेकिन लंड की आग को और ज्यादा भड़का रहा था।
आयशा अब पूरी तरह से भड़क चुकी थी क्योंकि उसकी जुबान अब रंडियों सरीखी हो चुकी थी।
कृपया इसे अन्यथा न लें क्योंकि प्यार के प्रगाढ़ पलों में ऐसा हो जाता है जब औरत की दबी कामवासना पूरी तरह से उस पर हावी हो जाती है।
अब आयशा के मुंह से कुछ ऐसे शब्द निकल रहे थे- आह्ह … चूस मेरे कुत्ते, मेरी प्यास बुझा दे, साहिल जब से तुझसे बात हुई है तेरे लौडे़ के सपने देखे हैं मैंने … साला मेरा पति गांडू है … और अब तू ही मेरा पति है। मुझे चोद दे राजा … आह्ह मुझे चोद दे।
उसकी आवाज़ और बदन दोनों ही कांप रहे थे जो उसके स्खलन का प्रतीक थे।
उसके हाथों ने मेरे सिर को उसकी चूत की तरफ दबाना शुरू कर दिया था।
उसकी टांगें जैसे मेरी गर्दन के दोनों तरफ लिपट गयी थीं।
फिर अचानक एक धमाके के साथ उसकी चूत में विस्फोट हुआ और अत्यंत गाढ़े रस की फुहार से मेरे बाल और मेरा मुंह सब भीग गए।
शायद आयशा ने काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था।
झड़ते हुए वो पस्त हो गई।
चूतरस से भीगा मैं बाथरूम में गया और खुद को साफ किया।
फिर उसके पास लेटकर सासें सामान्य करने लगा।
हम दोनों ही इस क्रिया में थक गए थे तो मैंने आयशा को अपनी बांहों में ले लिया और उसकी जुल्फों में अपनी उंगलियां फिराते हुए उसे नार्मल करने में लग गया।
आयशा ने आंखें अभी तक नहीं खोली थीं लेकिन उसके चेहरे की चमक से लग रहा था कि उसका स्खलन बहुत जोरदार हुआ है।
हम लेटे रहे और फिर 15 मिनट के बाद अचानक उसे कुछ याद आया और वो नंगी ही बाथरूम में भागी।
चलते समय उसके नितम्बों की थिरकन देख कर मेरे लंड ने सलामी दे दी।
फिर कुछ मिनटों के बाद वो शर्माती हुई बाथरूम से निकली।
उसके चेहरे पर मीठी मीठी मुस्कराहट थी जो उसे और हसीन बना रही थी।
खैर, वो मेरे पास बैठी और मेरे हाथों को अपने हाथों में लिया और रोने लगी।
मैं अवाक् सा रह गया, मुझे लगा कि शायद मैंने उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ कर दिया।
मेरे अंदर एक कम्पन सा होने लगा और मैंने उसके हाथों से अपने हाथो को छुड़ाया और उसकी ठोड़ी को उठाकर उसकी आँखों में देखा।
उसकी आंखें इस समय मासूम बच्चे की तरह चमक रही थी।
उससे मैंने प्यार से पूछा- कुछ गलती हो गई है क्या मुझसे?
उसने मेरे होंठों पर अपने होंठों को रखकर एक गहरा चुम्बन लिया और बोली- आज तुमने मुझे औरत होने का अहसास करवा दिया है। मुझे तो पता ही नहीं था कि एक आदमी किसी औरत को इतना सुख भी दे सकता है। मुझे खरीद लिया आपने साहिल … और आप आज से मेरे पति हो।
ये कहने के साथ ही वो मेरे गले लग गयी।
मैं उसकी भावनाओं को स्वीकार कर रहा था।
लेकिन अब मुझे भूख लग आई थी, मैंने उससे कहा तो उसने नाश्ते का इंतजाम किया।
हमने नाश्ता किया, फिर मैंने टाइम देखा और चुदाई के लिए माहौल बनाना शुरू किया।
मैंने उसके चूचकों को सहलाना शुरू किया।
वो भी समझ गई कि अब असली घमासान का वक्त हो गया है।
उसने मेरी फ्रेंची को नीचे खींच दिया और जांघों से निकाल कर मुझे नंगा कर दिया।
मेरे सोये हुए लंड को उसने प्यार से मुंह में लिया और धीरे धीरे चुभलाते हुए मेरे शेर को जगाने लगी।
उसके कोमल होंठों की नर्मी और जीभ की गर्मी से मेरा शेर जल्द अपने आकार में आ गया।
लौड़ा पूरा सख्त हुआ तो वो उसे आइसक्रीम समझ कर चाटने-चूसने लगी।
लौड़ा चूसते हुए उसने मेरी सिसकारियां निकलवा दीं।
मैं उसके लंड चूसने के तरीके से सम्मोहित सा हो गया था।
मैंने कई बार विदेशों में भी अपने लंड को चुसवाया था लेकिन आयशा जैसे मेरा पूरा लंड गटक कर मेरे टोपे को जीभ से मसाज दे रही थी, उससे मेरा लंड बिल्कुल लोहा हो चुका था।
अब हम दोनों ही तैयार थे कि खेल लम्बा चले।
आयशा मेरे लंड की दीवानी हो जाये इसलिए मैंने फ्री-स्टाइल शुरू करते हुए आयशा को कमर तक बिस्तर के कोने पर कर दिया और उसकी टांगें हवा में उठाकर खुद जमीन पर खड़े रहते हुए कसकर लंड उसकी बुर में पेला।
झटके के साथ मैंने लंड का सुपारा अंदर तक ठेल दिया।
आयशा ने एक मस्त सी सिसकारी ली और अपनी गांड थोड़ी सी ऊपर उठा दी।
उसकी बुर अंदर से बिल्कुल चिकनी थी तो लंड ने अपनी जगह तुरंत बना ली और मैंने स्पीड तेज कर दी।
अब आयशा सिसकारी पर सिसकारी ले रही थी।
मेरा लंड बहुत देर से रुका था। ऊपर से नयी और कसी हुई चूत मिली थी तो लंड भी ज्यादा सब्र नहीं कर सकता था लेकिन फिर भी मैंने कंट्रोल बनाए रखा और पूरी स्पीड में चोदता रहा।
कुछ ही देर में मेरा सुपारा पूरा फूल चुका था और झड़ने को तैयार था।
मैंने आसन बदलने की सोची और उसे घोड़ी की पोजीशन में कर लिया।
घोड़ी बनाते ही जैसे ही उसकी गोरी गोरी गांड सामने आई मैं तो दुनिया ही भूल गया।
मन तो उसके छेद को खोलने का था लेकिन उसमें अभी टाइम था।
मैंने दोबारा से चूत की तरफ ध्यान दिया।
घोड़ी पोजीशन मेरी पसंदीदा पोजीशन है क्योंकि इसमें लंड पूरा अंदर जाता है और मजा भी ज्यादा आता है।
मैंने पीछे से आयशा को चोदना शुरू किया।
आयशा भी अपनी पूरी ताक़त लगाकर अपनी गांड को धकेल रही थी जिससे मेरा मज़ा भी दोगुना हो गया था।
वह अब कांप रही थी। लग रहा था किसी भी समय उसका ज्वालामुखी फट सकता है।
मेरा भी हाल यही था।
आयशा के रेशम जैसे बदन ने मेरी कामवासना को चरम पर पहुंचा दिया था.
और तभी अचानक उसने घूम कर मेरी तरफ देखा और मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया।
उसके घूमने से लंड बाहर आ चुका था और मैं प्रश्नवाचक निगाहों से उसकी तरफ देखने लगा।
वो बोली- क्या मैं आपके ऊपर आ जाऊं? ऐसे झड़ने में मुझे ज्यादा मज़ा आएगा।
जब बांहों में ऐसी हसीना हो तो मैं ऐसा आमंत्रण क्यों ठुकराता?
मैं नीचे आ गया और उसने मेरे रस में लिथड़े हुए लंड को एक बार मुंह में लिया और अपनी चूत को अपनी पैंटी से पौंछ कर मेरे ऊपर आयी और एक झटके में मेरा पूरा लंड निगल गयी।
वो मुझे चोदने लगी और मैं पागल सा होने लगा।
ऐसा लग रहा था जैसे उसकी चूत मेरे लंड को उखाड़ कर अंदर ही समा लेगी।
कुछ देर बाद झटके लगाते लगाते आयशा का बदन ऐंठने लगा और अब वो मुझे गालियां देने लगी- मेरे चोदू कुत्ते … मेरे चोदू राजा … मेरे चूत के राजा … आह … और … आहह और अंदर … आईई … और … आह्ह और अंदर … ऊईई … अम्म … गई … आह्ह गई मैं!
आशया का स्खलन होने लगा और उसी वक्त मेरा भी वीर्य निकलने को हो गया।
मैंने उसे इशारा किया तो वो तुरंत संभली और लंड पर से चूत हटाकर एकदम से मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
मेरा लौड़ा उसके मुंह में जाते ही मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया क्योंकि यह स्खलन के नजदीक का टाइम था लंड पर हल्की सी हलचल भी इस वक्त सौ गुना आनंद देती है।
मेरे लंड से इतनी जोर की पिचकारियां छूटीं कि जैसे वीर्य के साथ मेरी जान भी निकल रही हो।
स्खलन में ऐसा आनंद बहुत दिनों के बाद मिला था।
खाली होने के बाद ऐसा लगने लगा कि मेरे बदन में जान ही नहीं बची हो।
मैं उसको बांहों में लेकर बिस्तर पर पसर गया।
आधे घंटे के बाद हम उठे, बाथरूम में जाकर नहाए।
वापस रूम में आते ही मेरे लंड में फिर से तनाव आने लगा और मैंने इस बार मिशनरी पोजीशन में और फिर घोड़ी बनाकर उसे दोबारा चोदा।
दूसरा राउंड खत्म होने तक 2 बज गए थे और फिर से भूख लग आई थी।
खाना बनाने और खाने में फिर 3.30 बज गए।
फ्री भाभी सेक्स के बाद अब मैंने जाने की सोची और आयशा को अपने गले लगा लिया।
वो बहुत खुश थी।
दोस्तो, उसके बाद कई बार मैंने उसे चोदा और हर बार उसकी प्यास बुझाई।
उसकी कोरी गांड भी मैंने चौड़ी की जिसकी कहानी मैं फिर कभी सुनाऊंगा।
आयशा की एक सहेली को भी मैंने उसी के घर में चोदा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 2 सालों में अनगिनत बार मैं उसके घर रुका और उसके पति को शराब पिलाकर और नशे में सुला कर पूरी पूरी रात उसकी बीवी की चुदाई की।
हाल ही में 2 महीने पहले वो बनारस शिफ्ट हो गई।
उम्मीद करता हूं कि आपको कहानी में भरपूर मजा आया होगा।
मैं आगे भी आप लोगों के साथ ऐसी प्यारी, कामुक और रसभरी घटनाएं बांटता रहूंगा और आपके मैसेज कमेंट्स का बेसब्री से इंतजार भी करूंगा।
इसलिए फ्री भाभी सेक्स स्टोरी पर अपना फीडबैक देना न भूलें।
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