पूजा बहकी या मैं-2

रवीश सिंह 2013-11-13 Comments

शाहीन बाहर जाने लगी तो मैं बोल पड़ा, “नहलाया तो है ही नहींं?”

“वाकई मर्द कुत्ते होते हैं।” पूजा मुस्कुराते हुए बोली, “शाहीन, नहला आ !” और बाहर चली गई।

मैं शाहीन को चूमते हुए शावर के नीचे ले गया। शाहीन अभी भी घबराई हुई थी- अगर प्रेग्नेंट हो गii तो घर में क़यामत आ जायेगी !”, शाहीन बोली।

“कुछ नहीं होगा, पूजा ने कहा ना ! पिल ले लेना।” मैंने हौंसला बढ़ाया।

बहरहाल, तय कार्यक्रम के अनुसार मूवी के लिए निकल गए पर टिकट नहीं मिली तो इधर उधर मॉल में घूमने लगे। पूजा भी सहज हो गई और हंसी मज़ाक कर रही थी। थोड़ी देर के लिए बाहर सिगरेट पीने आ गए। धूप से बचने के लिए पार्किंग के पास एक पेड़ की ओट में खड़े होकर सिगरेट पी रहे थे, तभी भावनाओं के वशीभूत तपाक से शाहीन का चुम्बन लेने लगा, शाहीन भी साथ दे रही थी। अलग हुए तो पूजा के साथ होने का एहसास हुआ, मगर पूजा मुस्कुरा रही थी।

शाहीन टॉप ठीक करते हुए बोली, “कमीने हो आप, पूजा बुरा मान जायेगी !”

“पूजा क्यों बुरा मानेगी? मैंने उसकी किस थोड़ी ली?”, मैंने प्रत्युत्तर दिया।

“शायद इसीलिए मान जाऊँ?” पूजा आँख मारते हुए बोली।

मैंने भी मौके पे चौका मरते हुए पूजा के गालों पर हल्की सी पप्पी दे दी। पूजा ने कोई प्रतिकार नहीं किया, बल्कि आँखों से सहमति जताई।

शाहीन के घर जाने का वक़्त हो गया तो मॉल के टॉयलेट में जा कपड़े बदले, हॉट, सेक्सी, मॉडर्न लड़की से फिर घरेलू लड़की हो गई। टैक्सी में मैं दोनों के बीच बैठा, मगर रास्ते भर शाहीन के साथ ही चुहलबाजी कर रहा था, साथ ही चुम्बन भी लेते रहते।

“जानू, थोड़े दिन नहीं मिल पाऊँगी, ऑफिस में काम है, पूजा को सही से एयरपोर्ट छोड़ना और ज्यादा परेशान मत करना !” शाहीन उतरने से पहले बोली, “बाय पूजा, सॉरी अब नहीं मिलूँगी, इंडिया आओ, तो ज़रूर मिलना !”

“थैंक यू शाहीन, तुम नहीं होती तो मेरा क्या होता?” कहा कर पूजा और शाहीन मेरे आगे गले मिल कर रो पड़ी।

शाहीन के जाने के बाद पूजा थोड़ी देर सिसकियाँ भरती रही। थोड़ी दूर जा कर मैं बोला, “चलो, भूलो बुरी यादें, देखो हैप्पी आवर्स चल रहे है, एन्जॉय करते हैं।”

हैप्पी आवर्स बार में वो समय होता है जब कोई नहीं आता इसलिए एक पर एक ड्रिंक फ्री होती है। टैक्सी छोड़ हम बार में बैठ गए। दोनों ने खूब पी। पूजा की जुबान थोड़ी लड़खड़ाने लगी।

“यार रवीश, थोड़ी ज्यादा हो गई है, घर चलते हैं।” पूजा बोली।

सहारा देकर उठाया उसे मैंने और टैक्सी में भी वो मेरे सहारे ही बैठी रही। पूजा ने कुछ ज्यादा ही पी ली थी फ्लैट में घुसते ही सेटी पे बेसुध सी गिर पड़ी, उसकी स्कर्ट ऊपर उठ गई तो उसकी सुडौल जांघें और चूत की चीर में घुसती पेंटी मेरा मन डोला रही थी।

एकाएक पूजा उठी और बाथरूम की और लपकी लेकिन नशे में गिर पड़ी। मैंने तपाक से सम्भाला और बाथरूम में घुसे ही थे कि उसको उलटी हो गई। मेरा टी-शर्ट भी गन्दा हो गया और पूजा का भी। उसको सूसू भी आ गई। लेकिन वमन हो जाने से शराब का असर कम हो गया।

“सॉरी, मैं कंट्रोल नहीं कर पाई, अभी साफ़ कर देती हूँ।” पूजा रुआंसी होते हुए बोली।

“कोई बात नहीं, दो या तीन अलग अलग तरह की शराब मिला देने से कभी कभी हो जाता है। अगर तुम माइंड ना करो तो हम अपने अपने टी-शर्ट्स निकाल शावर के नीचे खड़े हो जाते हैं और बाथरूम भी साफ़ हो जायेगा।” मैंने प्रस्ताव रखा।

पूजा ने तत्काल अपनी टॉप निकाल दी, मैं उसकी हाफ कप ब्रा में कैद बूब्स से नज़र हटा नहीं सका।

“शाहीन सही बोलती है तुम कमीने हो, सवेरे पूरे नंगे देख तो लिए?” पूजा हल्की सी चपत लगते हुए बोली और अपनी स्कर्ट भी निकाल दी, उसकी पेंटी पहले से ही गीली थी सुसू की वजह से। मैं भी अपनी जीन्स निकाल सिर्फ अंडरवियर में था।

पूजा रोक नहीं सकी और मेरी कसरती छाती पे हाथ फेरने लगी। शराब और वासना के नशे में पूजा बोली, “जब से तुम्हें और शाहीन को 69 की पोजीशन में एक दूसरे के चूसते हुए देखा तब से मेरा मन था तुमसे लिपट जाऊँ, फिर वर्कआउट करते देख बड़ी मुश्किल से अपने आप को रोके हुए हूँ।”

“जब सवेरे तुम इसी बाथरूम में शाहीन को चोद रहे थे, बाहर मेरी हालत भी बेकाबू हो रही थी। मैं कमरे में आई और तुम्हारी शॉर्ट्स को सूंघने लगी, उसे चाटने लगी, वहीं बिस्तर पे लेट कर अपनी चूत में उंगली करने लगी।” पूजा बोली।

मैं भी नशे में था और पूजा के आलिंगन और चुम्बन का साथ देने लगा। सबसे पहले ब्रा गई और पूजा के कड़क निपल मेरी छाती में गड़ रहे थे। पूजा के वमन से महकते दो जिस्म वासना से वशीभूत एक दूसरे में सामने को बेताब हो रहे थे। मैंने घुटनों के बल बैठ उसकी गीली पेंटी उतारी और चूत का मुख चोदन करने लगा, साथ ही दोनों हाथों से मम्मे मसलने लगा। पूजा एक हाथ से मेरा सर पकड़ अपनी चूत चटाई को निर्बाध करा रही थी तो दूसरे से मेरी पीठ पर नाखूनों से निशान।

“र… रवीश हटो मेरा मूत निकलने वाला है…” पूजा बोली। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मगर इससे पहले कि मैं हटता, उसके सुसू से मैं भीग गया। पूजा ने मुझे खड़ा कर तड़ातड़ चुम्बन दे दिए। अब वो पंजों पर बैठ मेरी अंडरवियर उतार बोली, “तू भी भिगो दे मुझे !” और मेरा लंड मुह में लेकर चूसने लगी।

थोड़ी देर चूसने के बाद पूजा को उठाया और चुम्बन दे दिया। शावर चालू कर हम भीगने लगे और एक दूसरे की छाती पे साबुन लगाने लगे, “अब नहीं रहा जा रहा ! फाड़ दे मेरी चूत !”

पूजा ने मेरा लौड़ा ले अपनी चूत के मुहाने पे रख दिया, मैंने भी पेलना शुरू किया, पूजा पूरी उन्मुक्तता से साथ दे रही थी, पूरा बाथरूम पूजा की चिलकारियों से गूँज रहा था।

“मेरा निकलने वाला है !” कह कर मैंने पूजा को सावधान किया।

वो पानी से लबालब बाथरूम में घुटनों के बल बैठ फिर लंड चूसने लगी और सारा वीर्य पी गई।

हमने बाथरूम साफ़ किया और बाहर आ बेसुध से नग्न ही लेट गए। सवेरे आँख खुली तो एहसास हुआ की नशे में जो हुआ शाहीन के प्यार के साथ सही नहीं था। पूजा के कनाडा जाने तक हम सहज होने की कोशिश करते रहे पर फिर सम्भोग नहीं किया।

कहानी कैसी लगी?

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category कोई मिल गया or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

पूजा बहकी या मैं-2

Comments

Scroll To Top