दिल्ली की सेक्सी भाभी की चूत

(Dilli Ki Sexy Bhabhi Ki Chut)

सभी भाभी आंटी गर्ल्स को मेरे 7 के लंड से सलाम.. मेरा नाम अभि गुप्ता है। मेरी हाईट 172 सेंटीमीटर है.. मैं जिम जाता हूँ.. इसलिए एकदम फिट हूँ। मैं उ.प्र. का रहने वाला हूँ।
मुझे भाभी.. आंटी.. आदि बहुत पसंद हैं.. खासकर 28 से 38 साल की उम्र की.. कुँवारी लड़कियां भी पसंद हैं।

मैंने पहले भी अन्तर्वासना पर एक कहानी ‘फ़ेसबुक से मिली सरिता की वासना’ लिखी है.. पर मेरी वो वाली ईमेल आईडी बंद हो जाने के कारण काफ़ी दिक्कत हुई.. कई भाभियों और कुंवारी कन्यायों का प्यार इस वजह से बीच में ही कहीं रुक गया.. मुझ तक उनका प्यार पहुँच ही नहीं पाया.. जिससे मुझे बहुत गुस्सा आया.. पर मुझे ख़ुशी इस बात की थी कि मेरी कहानी पढ़ कर मुझे बहुत सारे ईमेल आए थे.. और आशा है कि इस कहानी को पढ़ कर और भी ज़्यादा ईमेल आएँगे।

मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब की तैयारी करने लगा.. इसी सिलसिले में मुझे दिल्ली जाना पड़ा।
वैसे भी मेरी कहानी पढ़ कर दिल्ली की 4-5 शादीशुदा महिलाओं ने मुझे ईमेल किया था.. पर एक ने अपना नम्बर भी दिया था, उसने लिखा था- प्लीज़ कांटेक्ट मी..

मैंने सोचा चल भाई.. यह अच्छा है इसी से बात करता हूँ।
मैंने उससे बात की तो उन्होंने बताया कि वो दिल्ली में जॉब करती है और वो अपने पति के साथ रहती है.. उसकी अभी हाल ही में शादी हुई है।
मैंने आश्चर्य से कहा- वाह.. आप तो देखने में बहुत अच्छी होगी.. और सेक्सी भी होंगी।
उन्होंने कहा- थैंक्स.. मेरे बारे में आपने सही जाना है।

उनका नाम रिया मल्होत्रा था यह नाम बदला हुआ है। उनकी ऊम्र 28 साल है.. रंग ऐश्वर्या की तरह है.. ठीक वैसी ही सेक्सी फिगर.. क्या बताऊँ.. यारों.. बस यूँ समझो कि एकदम मस्त माल थी वो..

वो अब मुझसे रोज फोन पर बातें करती थी। हम एक-दूसरे के बारे में बहुत कुछ जानने लगे थे। वो भी मुझे अच्छे से जानने लगी थी। मेरी पसन्द-नापसंद सब कुछ..

जब भी कभी हमारी बात नहीं हो पाती जिसका कारण उनके पति का घर पर होना होता था.. तो उस दिन मुझे बहुत बुरा लगता था। मतलब मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता था।
ठीक यही उनका भी हाल होता था।

फिर एक दिन उन्होंने कहा- तुम मुझे अपनी पिक नहीं दिखाओगे?
मैंने कहा- क्यों नहीं..

मैंने उनको अपनी पिक ईमेल की.. उन्होंने देखी और बोलीं- नाइस पिक.. बॉडी काफ़ी मेन्टेन की है.. आई लाइक यू.. और उन्होंने मुझे फोन पर किस किया।

मैंने कहा- मेरी तो देख ली.. अपनी नहीं दोगी?
तो वो बोली- मैं तुम्हें वीडियो कॉल करूँगी।
मैंने कहा- ओके..

तो उनकी शाम को कॉल आई.. बोलीं- वेबकैम ऑन करके ऑनलाइन आओ।
मैं झट से ऑनलाइन हुआ।
दोस्तो.. क्या बताऊँ.. पिंक कलर की साड़ी में क्या गजब की माल लग रही थी वो.. कि मेरा लंड देखते ही खड़ा हो गया।
मैंने उनसे बोला- मेरा खड़ा हो गया..
वो हँसने लगी.. बोली- हट झूठे..
मैंने कहा- ये लो.. देख लो..

मैंने उसको अपना आइटम दिखा दिया।
वो मेरा लंड घूरे जा रही थी।
मैंने कहा- क्या हुआ जी?
बोली- कुछ नहीं..
मैंने कहा- अब आप कुछ दिखाओ..
तो बोली- वक़्त आने पर..

जब मैंने काफ़ी फोर्स किया.. तो बस ब्लाउस के 3 हुक खोल कर आधे मम्मों की झलक दिखा दी।
क्या गजब मम्मे थे..
इस तरह हमें बातें करते-करते दो महीने हो गए थे।

तभी मुझे दिल्ली जॉब की तैयारी के लिए जाना पड़ा, मैंने उन्हें बताया कि मैं जॉब के लिए दिल्ली आ रहा हूँ।
वो हँस कर बोली- आइए.. आपका दिल्ली में स्वागत है..
मैं 4 दिन बाद दिल्ली गया.. मेरे लिए दिल्ली एक अंजान शहर था.. अंजान लोग थे..

मैंने पहुँचते ही उसको कॉल की.. तो वो बोली- बस घर से निकल ही रही थी.. आपको स्टेशन पर पिकअप करने आ रही हूँ।
वो आई.. मैं बेसब्री से उसका इन्तजार कर रहा था।

वो ब्लैक कलर की ऑडी में आई.. क्या गजब की माल लग रही थी। वो ऑरेंज कलर का टॉप और ब्लू जीन्स पहने हुई थी..
मुझे देख कर वो मुझसे बोली- तुम्हें अपने घर पर नहीं रख सकती हूँ.. मेरे पति को शक हो जाएगा।

उसने मेरे लिए होटल बुक कर दिया था। मैं वहीं रुका.. वो मुझे उधर ड्रॉप करके 2 घंटे रुकी भी और फिर चली गई..
मुझे थोड़ा बुरा लगा.. फिर मैंने सोचा कोई बात नहीं..

अब मैंने उस रात में कॉल किया.. उसको बोला- अब तो मुझे कुछ करने दो..
तो बोली- ओके… पर सही वक़्त आने तो दो..
मैंने कहा- ठीक है।

फिर तीसरे दिन मालूम हुआ कि उसके पति को 7 दिन के टूर पर मुंबई जाना था.. बस फिर क्या था.. उसके जाते ही मैंने होटल से ‘चैक आउट’ किया.. और सीधे उसके घर पर आ गया।
उसको बाहर से कॉल की.. तो उसने दरवाजा खोला। उस समय वो नाईटी पहने हुई थी।
वो उस वक्त सो कर उठी थी.. फिर भी परी लग रही थी।

मैंने अन्दर आते ही उसको अपनी बाँहों में उठा लिया.. मैं उसको चूमने लगा.. किस करने लगा।
वो बोली- अभि सब.. कुछ करेंगे.. सब तुम्हारा ही है.. आराम से मज़े लेना.. मेरी जान..
उसने मुझे मेरे होंठों पर एक चुम्बन किया।

मैंने उसे छोड़ा.. वो फ्रेश हुई.. नाश्ता बनाया.. हम दोनों ने नाश्ता किया।

फिर मैं उस पर टूट पड़ा.. उसको पागलों की तरह चूमने लगा.. उसके गालों पर.. होंठों पर गले पर.. हर जगह किस करने लगा।
वो तड़पने लगी.. मैं उसे ताबड़तोड़ चुम्बन किए जा रहा था.. वो मचले जा रही थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने अब उसकी नाईटी को उतारना शुरु किया.. उसने नीचे ब्रा डाल रखी थी। मैंने ब्रा के ऊपर से दूध के कलश में मुँह लगा दिया और उसके मम्मों को भभोंड़ते पीने लगा। उसकी झीनी सी ब्रा गीली हो जाने से उसके चूचुक दिखने लगे थे। मैंने ब्रा झटके से खींची.. तो वो फट गई।

अभी भी मैं पूरी दीवानगी से उसके मम्मों को चूस ही रहा था.. और वो मेरे बालों में बेचैनी से अपना हाथ फेरे जा रही थी। मैं उसको गोद में उठा कर उसके मम्मों चूस रहा था.. ये सब नाश्ते की मेज के पास हो रहा था।
फिर मैं उसे वैसे ही किस करते हुए बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर गिरा के चढ़ गया। अब मैं पागलों की तरह उसको चूमने और चूसने लगा।

वो पूरी लाल हो गई थी.. मैं नीचे झुका.. उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चूत को चूसने लगा, उसकी सफाचट चूत में अपनी जीभ अन्दर-बाहर करने लगा।
वो उछलने लगी.. करीब 10 मिनट बाद वो झड़ गई।

फिर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए.. वो मुझे चूमे जा रही थी.. मेरा लंड पैंट में मानो फटा जा रहा था।
मैंने उसे इशारा किया.. वो समझ गई और उसने झुक कर मेरी पैंट खोल दी। फिर मेरा अंडरवियर उतार कर मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड अपने मुँह में ले लिया.. और चूसने लगी।

मस्ती में चूर होकर मैं उसके मुँह को ही चोदने लगा था.. कुछ ही पलों में मैं उसके मुँह में झड़ गया। वो मेरा पूरा पानी पी गई।
अब हम दोनों कुछ मिनट वैसे ही बैठे रहे.. फिर चूमाचाटी शुरु की.. मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा।
वो बोली- अब और ना सताओ.. जब से अन्तर्वासना पर तुम्हारी कहानी पढ़ी थी.. इस लंड को तब से लेना चाहती थी.. प्लीज़ डाल दो..

मैंने लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और शॉट लगाया.. पर लंड फिसल गया.. वो अन्दर जा ही नहीं रहा था।
वो बोली- बहुत बड़ा है..
मैंने कहा- यह बड़ा नहीं.. बल्कि तुम्हारे पति का छोटा था।
वो मुँह बना कर बोली- उसका तो ना के बराबर ही समझो.. पर तुम्हारा तो दमदार है।

मैं तुरंत उठा और उसकी ड्रेसिंग टेबल से क्रीम की डिब्बी निकाली और उसकी चूत पर पलट दी। आधी क्रीम लंड पर अच्छे से मली.. और फिर लंड को चूत पर लगा कर धक्का दिया.. वो चिल्ला उठी। अभी मेरा सिर्फ़ लंड का टोपा ही अन्दर गया था, उसकी आँखों से आंसू आने लगे।

मैंने उसको चुम्बन किया और होंठों को अपने होंठों में दबा कर 2 झटके लगातार ठोक दिए.. मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया था। उसकी आँखों से आँसू रुक ही नहीं रहे थे.. उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था।

मैंने लौड़ा चूत में पेल कर एक मिनट तक कुछ नहीं किया.. ऐसे ही लेटा रहा।
फिर लौड़े ने चूत से दोस्ती कर ली.. तो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई।

अब मैंने शॉट लगाना स्टार्ट किए.. उसको अब मैं चोदे जा रहा था.. वो भी बोल रही थी- आह.. अभि.. और चोदो.. आज तक ऐसा मज़ा मेरे पति ने कभी नहीं दिया.. तुम बहुत अच्छे चोदू हो..

मैं भी उसको दनादन चोदे जा रहा था। वो भी जोश से चुदवा रही थी ‘हह.. उउम्म्म्म.. अऊऊऊ.. राजा..’

देर तक लम्बी चूत चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया, इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी।
वो बहुत खुश थी।
हम लोग उठे.. एक-दूसरे को साफ़ किया.. चुम्बन किए..

अब उसके साथ मेरी चुदाई चलती गई.. इस 7 दिनों में मैंने उसकी गाण्ड और उसकी एक फ्रेण्ड की चूत कैसे ली.. आगे जल्दी ही लिखूंगा।

आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी.. ईमेल ज़रूर करिएगा.. आपके ईमेल का इंतजार रहेगा।
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