बस में मिली अजनबी लड़की को चोदा
(Desi Xxx Girl Fuck Story)
देसी Xxx गर्ल फक़ स्टोरी में पढ़ें कि बस में मिली एक लड़की और उसकी मामी मुझे अपने घर ले गयी. वहां वह लड़की मेरे साथ सेक्स का मजा लेने के लिए मेरे पास सोयी. मैंने उसे कैसे चोदा?
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को हर्षद का प्यार भरा नमस्कार.
मैं आप सभी का फिर से स्वागत करता हूँ.
आपने मेरी पिछली कहानी
बस अजनबी लड़की और उसकी मामी
में पढ़ा था कि बस के सफर में मुझे एक अजनबी लड़की मिली और उसकी मामी के साथ भीड़ में मैंने चुदाई के मजे लिए.
फिर कैसे उस भाभी ने मुझे चोदने के लिए मजबूर किया.
उस मजेदार किस्से को आप इस सेक्स कहानी में पढ़ें.
बस से उतर कर हम लोग रात में उनके घर आ गए और रात में देर हो जाने से मुझे वहीं रहना पड़ा.
हम तीनों ने खाना खाया और मामी ने रवीना से कहा कि ऊपर तुम्हारे पास वाले बेडरूम में हर्षद का बिस्तर लगा दो.
फिर आपको मालूम ही है कि रवीना के ऊपर चले जाने के बाद मामी ने मुझे अपने बेडरूम में बुलाया और मेरा लंबा मोटा लंड देखने की इच्छा जतायी.
अब आगे देसी Xxx गर्ल फक़ स्टोरी:
उस रात को मैं सीढ़ियों से ऊपर गया, तो बाल्कनी में ही रवीना मेरा बेसब्री से इंतजार कर रही थी.
उसकी नजर मेरे ऊपर ही थी.
मेरे करीब पहुंचते ही उसकी आंखें मेरे पैंट के उभार पर टिक गईं.
मामी के चूसे जाने से मेरा लंड अभी भी तना हुआ था.
रवीना बोली- इतनी देर क्यों लगा दी हर्षद? मैं अभी तुम्हें बुलाने ही निकली थी. अब चलो अन्दर!
मैं बेडरूम में चला गया और वह भी मेरे पीछे आ गई.
मेरे अन्दर आते ही उसने झट से दरवाजा बंद कर दिया और बोली- अब बोलो क्या हुआ था?
मैंने उसे बताया कि मामी मुझे अपने बेडरूम में लेकर गईं और बोलीं कि उन्हें मेरा लंबा और मोटा लंड देखना है, जिसने उनकी चूत की प्यास बुझायी है.
रवीना- फिर?
‘फिर मामी ने मेरे लंड को बाहर निकालकर सहलाया और चूम लिया.’
‘अच्छा! बस इतना ही हुआ ना? और कुछ नहीं ना!’
तो मैंने कहा- हां रवीना, फिलहाल बस इतना ही हुआ.
रवीना बोली- अब मुझे भी देखना है तुम्हारा मूसल जैसा लंड!
इतना कहकर उसने झट से मेरी टी-शर्ट निकाल कर फेंकी और मेरी पैंट भी अंडरपैंट के साथ निकाल उतार कर दूर फेंक दी.
अब मैं रवीना के सामने पूरा नंगा था और रवीना की वासना भरी आंखें मेरे नंगे बदन को घूर घूर कर देख रही थीं.
रवीना ने गाउन पहना था, उसके अन्दर कुछ भी नहीं था.
उसके हिलते हुए दूध इस बात की साफ चुगली कर रहे थे कि वह अन्दर से पूरी नंगी है.
मुझसे रहा नहीं गया.
मेरी आंखें भी रवीना का सेक्सी बदन देखने को तरस रही थीं.
मैंने भी झट से उसका गाउन उठाकर
उसके सर के रास्ते बाहर निकाला और फेंक दिया.
अब हम दोनों ही एक दूसरे का नंगा बदन देखकर कामुक हो रहे थे.
मैं उसका कटीला और सेक्सी बदन, उसके गोलमटोल आगे को निकले हुए उभार, पतली सी कमर, गदराई बाहर निकली गांड, मुलायम जांघें और उसमें छिपी हुई गोरी चूत देखकर मेरा लंड फड़फड़ाने लगा.
रवीना का भी हाल मेरे जैसा ही था. वह मेरे गठीले बदन, लंबी चौड़ी छाती, गोरा बदन, गोरा सा करीब दस इंच लंबा और तीन इंच मोटा और लोहे जैसा कड़क लंड देखकर अपने होशो हवास खो बैठी थी.
जैसे ही मैंने रवीना का नंगा बदन देखा, मेरा लंड फड़फड़ाने लगा, तो रवीना झट से मेरे पास आकर सामने घुटनों के बल बैठ गई. उसने अपने दोनों हाथों में मेरा लंड लिया और सहलाने लगी.
रवीना बोली- वाओ हर्षद … यार क्या लंड है तुम्हारा! मैं तो पहली बार इतना गोरा, मोटा और लंबा लंड देख रही हूँ. मेरे ब्वॉयफ्रेंड का तो इससे आधा भी नहीं है और साले का काला है. मेरी तो बस में ही देखने की इच्छा थी लेकिन अंधेरे में देख नहीं पायी थी. अब इस उजाले में जी भरके देखने दो … मुझे इसे बहुत प्यार करना है.
इतना कहकर वह मेरे लंड को दोनों हाथों से दबाने लगी.
मेरा लंड तो उसके कोमल हाथों में आकर लोहे जैसा कड़क हो गया था.
इस वजह से मेरे लंड का सुपारा स्ट्राबेरी की तरह लाल गुलाबी और रसीला होकर चमक रहा था.
उसे देखते ही रवीना अपनी गीली जीभ उस पर गोल गोल घुमाकर अपने गुलाबी होंठों से चूमने लगी.
उसकी इस हरकत से मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी थी.
दो मिनट के बाद रवीना खड़ी हो गयी और उसने अपने गुलाबी होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और चूमने लगी.
उसके उभरे और कसे हुए स्तनों के कड़क खड़े हुए निपल्स मेरे सीने पर रगड़ खाने लगे थे.
नीचे मेरा तना हुआ लंड उसकी नंगी और उभरी हुई चूत पर दस्तक दे रहा था.
रवीना बहुत ही ज्यादा मदहोश होने लगी थी. उससे रहा ना गया और उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया.
मुझसे भी रहा नहीं गया और मैंने भी उसे अपनी बांहों में कस लिया.
रवीना के कड़क हुए स्तनों के सख्त निप्पल मेरे सीने में धंस चुके थे.
मेरा तना हुआ लंड उसने अपनी मुलायम और गदरायी हुई जांघों में जकड़ लिया था.
अब हम दोनों हाथ से एक दूसरे की गांड को दबाते हुए सहला रहे थे.
दो नंगे जिस्म एक जान होकर एक दूसरे के आगोश में ऐसे कसे हुए थे कि हम दोनों के बीच में से हवा भी पास नहीं हो सकती थी.
हम दोनों के जिस्म कामवासना की आग में गर्म होने लगे थे और दोनों ने अपने सर एक दूसरे के कंधे पर रखे हुए थे.
हमारी गर्म सांसें गाल, कान और गर्दन को गर्म करने लगी थीं.
इतने में रवीना ने मेरी गर्दन और कान को अपने दांतों से हल्के से काटते हुए कहा- हर्षद, कैसे बताऊं तुम्हें कि मुझे कितना अच्छा लग रहा है. तुम्हारे जैसे कसे हुए और गठीले बदन वाले मर्द की बांहों में मेरा नंगा बदन लिपटकर एकदम शांत होने लगा है. मैंने तो जब से तुम्हें बस में देखा था, तभी से तड़प रही थी कि कब मैं अपना पूरा शरीर तुम्हारे हवाले करके तुम्हें सब कुछ अर्पण कर दूँ. अब वह पल ज्यादा दूर नहीं है हर्षद. अब और वियोग नहीं सह सकती मैं … अब तो बस तुम मेरी ख्वाहिश को पूरी कर दो जान.
रवीना की बातें सुनकर मैं तो और भी उतावला हो गया था.
मेरे लंड को आज और एक नयी चूत को चोदने का मौका मिल रहा था.
मैंने देर ना करते हुए अपने दोनों हाथों से रवीना को उठाकर बेड पर लिटा दिया.
उसने आंखें बंद करके कहा- हर्षद, अब जल्दी से कुछ करो … मेरे पूरे बदन में आग लगी है. अब और नहीं सहा जाता मुझसे!
मैं उसके ऊपर सीधा लेट गया, उसके होंठों को चूसने लगा और दोनों हाथों से उसके स्तन रगड़ने लगा.
नीचे रवीना की चूत पहले ही मेरे लंड के रगड़ने से गीली हो गयी थी.
अब मेरा लंड सीधे चूत के मुँह पर दस्तक दे रहा था.
हम दोनों ही एक दूसरे के होंठों का रसपान कर रहे थे.
फिर मैं नीचे सरककर रवीना के सेक्सी, कड़क, उभरे हुए स्तनों को बारी बारी से चूसने लगा.
रवीना के मुँह से ‘आहा ऊई आ अम्म हम्म इस्स स्स …’ की मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं.
रवीना अपने दोनों हाथों से मेरा सर अपने स्तनों पर दबा रही थी, अपना सीना ऊपर उठा कर स्तन मेरे मुँह में डाल रही थी.
मैंने भी उसके दूध को जोर जोर से चूसकर और अपने दांतों से हल्के से काटकर उसके गोरे स्तनों को लाल कर दिया था.
अब मैंने और नीचे सरकते हुए उसके पेट, नाभि को चूमते हुए सीधा अपना मुँह उसकी गीली चूत पर रख दिया.
रवीना ने कसमसाकर अपनी जांघें फैला दीं और जोर जोर से कामुक सिसकारियां लेने लगी.
मैं उसकी उभरी हुई चिकनी और मुलायम चूत के बंद होंठों पर चूमने लगा, साथ में अपनी नोकदार जीभ चूत की दरार में आहिस्ता आहिस्ता डालने लगा.
इससे रवीना सीत्कार करने लगी.
वह अपनी गांड उठाकर जीभ को चूत में लेने लगी … साथ में अपने एक हाथ से मेरा सर अपनी चूत पर दबा रही थी.
मैं भी अपनी जीभ उसकी चूत में जड़तक पेलकर अन्दर घुमा रहा था और साथ में अपने दोनों हाथों से उसकी गदरायी, मुलायम गांड और जांघें सहला रहा था.
रवीना मेरी जीभ से अपनी चूत का चोदना सह ना सकी. शायद वह पहली बार ये अनुभव ले रही थी.
वह मेरा सर दबाती हुई झड़ने लगी थी. उसका गर्म चूत रस मैं अपनी जीभ से चूसकर पीने लगा.
बहुत ही स्वाद भरा खट्टा सा रस था.
मैंने पूरा चूत रस पी लिया तो रवीना शांत हो गयी.
उसने मुझे अपने ऊपर ओढ़ सा लिया.
वह मेरे होंठ और जीभ का रसपान करने लगी.
थोड़ी देर बाद रवीना बोली- हर्षद, आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी चूत चूसकर मुझे जन्नत की सैर करवा दी. मुझे तो बहुत ही ज्यादा मजा आया हर्षद. अब मैं तुम्हारा मूसल जैसा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ. मैं तुम्हारा लंड लेने के लिए कब से तड़प रही हूँ हर्षद … प्लीज अब डाल भी दो ना!
वह गिड़गिड़ाकर ये सब बोल रही थी.
मैं उठकर रवीना के बाजू में लेट गया और एक हाथ उसकी चूत पर रखते हुए बोला- मेरा लंड तो कब से तुम्हारी चूत में पनाह लेने के लिए तड़प रहा है. लेकिन क्या तुम्हारी छोटी सी चूत उसे अन्दर आने देगी?
तो रवीना बोली- तो अब मैं क्या करूँ हर्षद … मैंने तो आज तक इतना बड़ा अन्दर लिया ही नहीं है?
मैंने कहा- तो पहली बार इतना बड़ा लेते हुए तुम्हें बहुत दर्द होगा, तुम सह लोगी ये सब? ये सिर्फ एक ही बार होगा, फिर मजे ही मजे लेना रवीना. अब मैं तुम्हारी चूत का मुँह बड़ा करने की कोशिश करता हूँ, ताकि लंड अन्दर घुस जाए. तुम्हारी चूत को अभी ज्यादा चोदा नहीं गया है ना … इसलिए तुम्हें मेरे लंड से दर्द ज्यादा हो सकता है और मुझे पता है कि तुम मेरे लिए ये दर्द सहन कर लोगी!
ये कह कर मैं एक उंगली रवीना की चूत में डालकर अन्दर बाहर करने लगा.
उसे बहुत मजा आने लगा था, वह अपनी गांड उठाकर साथ देने लगी.
फिर मैं दो उंगलियां चूत में डालकर चोदने लगा तो वह कसमसा कर सिसकारियां लेने लगी.
इसके बाद मैं उसका एक स्तन मुँह में लेकर चूसने लगा और साथ में उसकी चूत में तीन उंगलियां आहिस्ता से डालकर अन्दर बाहर करने लगा.
रवीना छटपटाने लगी और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. साथ में वह अपनी जांघें समेटकर झड़ने लगी.
दूसरे हाथ से उसने मेरा सर अपने स्तन पर दबाए रखा और मुँह से ‘ऊई ऊ ऊ आम्म हम्म स्सस स्स आह आह …’ की मादक सिसकारियां लेने लगी थी.
थोड़ी देर बाद वह साधारण स्थिति में आती हुई बोली- हर्षद … अब अपना हथियार भी मेरी चूत में डाल दो, जो होना होगा, वह मैं सह लूँगी.
रवीना की तड़प देखकर मैं भी जोश में आ गया था. मेरा लोहे जैसा कड़क लंड उसकी चूत में प्रवेश करने को बेकरार हो रहा था.
मै वैसे ही उठकर रवीना की जांघों के बीच बैठ गया.
मैंने अपनी उंगलियां उसकी चूत से निकाल दीं, तो मेरा हाथ उसकी चूत से निकले चुतरस से पूरा भीग गया था.
मैंने सारा चूतरस अपने लंड पर अच्छी तरह से मलकर उसे चिकना कर दिया.
फिर एक हाथ से अपना लंड पकड़ा, दूसरे हाथ से उसकी कमर को कसके जकड़ा और खड़ा लंड उसकी चूत के मुँह पर ऊपर से नीचे तक रगड़ने लगा.
इससे रवीना मादक सिसकारियां लेती हुई अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैलाने लगी.
वह बड़ी बेताबी से लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थी.
उसकी नाकाम कोशिश के बाद मैंने उसकी दोनों टांगें और फैला दीं और लंड सही निशाने पर रखकर उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया; फिर पूरी ताकत से एक जोर का धक्का मार दिया.
मेरा तना हुआ आधे से अधिक लंड रवीना की चूत चीरता हुआ अन्दर घुस चुका था.
इस एकाएक हुए प्रहार से रवीना छटपटाती हुई जोर से चिल्लायी- ऊंई माँ … मर गई.
मैंने पलक झपकते ही अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर उसकी आवाज को उसके मुँह में ही दबा दिया.
मैं अपना लंड वैसे ही अन्दर रखते हुए उस पर झुक गया था.
रवीना की आंखों से आंसू बह रहे थे.
वह मेरी कमर पीछे को करके लंड बाहर निकालना चाहती थी.
लेकिन मैंने उसे ऐसे दबाए रखा था कि वह कुछ नहीं कर सकती थी.
थोड़ी देर बाद वह शांत हो गयी और अपनी बांहें खोलने में कामयाब हो आई.
उसने मेरा मुँह अपने हाथों से हटाते हुए कहा- कितने जालिम हो हर्षद … तुमने इतनी जोर से धक्का देकर इतना बडा मूसल मेरी छोटी सी चूत में डाला है कितना दर्द हो रहा है मुझे … पता भी है तुम्हें?
उसकी बात सुनकर मैंने कहा- मैंने तुम्हें पहले ही तुम्हें बोला था कि पहली बार ले रही हो, तो दर्द तो सहना ही पड़ेगा.
इतना कहते हुए मैंने उसकी कमर छोड़ा और उसकी आंखों से आए आंसुओं को पौंछ लिया.
फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसे पकड़ कर उसके माथे, गाल, आंखें और होंठों को बारी बारी चूमा.
फिर मैंने उससे पूछा- अब कैसा लग रहा है रवीना?
तो रवीना अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ, कमर और गांड को सहलाते हुए कहा- अब बहुत अच्छा लग रहा है. जान तुम्हारा मूसल मेरी चूत में बड़ी मस्ती दे रहा है मुझे … आह कितना गर्म और कड़क है तुम्हारा मूसल और देखो न कितना फिक्स बैठ गया है! तुम्हारा ये मोटा, लंबा और गोरा लंड अपनी चूत में पहली बार पाकर मेरा दिल करता है कि इसे ऐसे ही अन्दर घुसेड़े रखूँ. हर्षद, आज मैं बहुत खुश हूँ, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि तुम्हारा मूसल मेरी चूत में है.
रवीना के चेहरे पर अलग सी खुशी दिख रही थी.
उसकी आंखों में चुदास दिख रही थी. वह अब नीचे से अपनी गांड को आहिस्ता से हिलाने लगी थी. साथ में मेरी गांड की दरार में उंगलियां घुमाने लगी थी.
मैंने भी उसके दोनों स्तनों को रगड़ते हुए कहा- रवीना, अब सिर्फ आधा से थोड़ा ज्यादा ही लंड तेरी चूत में घुसा है. अभी मेरा पूरा जाना बाकी है.
मेरी बात सुनकर वह देसी Xxx गर्ल बोली- क्या … बाप रे! मैं तो सोच रही थी कि पूरा घुस गया है. तुम सच बोल रहे हो ना हर्षद?
तो मैंने कहा- तुम खुद ही देख लो रवीना.
रवीना ने अपना सर उठाकर नीचे देखा तो वह सीन देखते ही रह गयी और बोली- सचमुच यार हर्षद … अभी काफी बाहर है शायद … अब क्या होगा?
मैंने उसके होंठों को चूसते हुए कहा- घबराना नहीं मेरी रानी … अब ऐसे अन्दर डालूँगा कि तुम्हें पता ही नहीं चलेगा कि कब पूरा लंड अन्दर घुस गया.
इस बात पर रवीना मुस्कुराती हुई बोली- वैसे तुम तो बहुत शातिर हो हर्षद … तो अब डाल दो पूरा और मुझे संतुष्ट कर दो … बहुत तड़पाया है तुम्हारे लंड ने!
रवीना अब बहुतही चुदासी हो गयी थी. वह नीचे से अपनी गांड हिलाकर लंड पर दबाव डालने लगी थी.
मैं भी अपना लंड आहिस्ता से थोड़ा बाहर निकालकर अन्दर डालने लगा था.
रवीना की चूत अन्दर से भट्टी जैसी गर्म हो गयी थी और ज्यादा गीली भी थी.
अब मैं अपने पोजीशन में आया. मतलब घुटनों के बल आकर मैंने रवीना की गांड और जांघें सहलाते हुए लंड को आहिस्ता आहिस्ता से अन्दर बाहर करने लगा था.
नीचे से रवीना अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी थी … साथ में वह ‘आह ऊ ऊ स्सस आह हम्म …’ जैसी मादक सिसकारियां भी ले रही थी.
मेरा लंड भी पूरी तरह से गीला हो गया था इसलिए वह धीरे धीरे हर धक्के के साथ चूत में अन्दर घुस रहा था.
रवीना की गर्म, गीली चूत उसे अन्दर आने को जगह देकर उसका स्वागत कर रही थी.
आहिस्ता आहिस्ता झटके के साथ लंड, रवीना की चूत की दीवारों को चीरता हुआ अन्दर प्रवेश कर रहा था.
रवीना खूब मजे लेती हुई चुदाई का अनोखा आनन्द ले रही थी.
हर बार लंड बाहर आने से चूतरस भी बाहर आकर उसकी गांड के छेद को गीला करते हुए नीचे टपक रहा था.
मेरी अंडगोटियां हर झटके के साथ उसकी गांड के गीले और खुले छेद पर टकरा रही थीं.
दस मिनट की इस मजेदार मादक चुदाई के बाद मेरा पूरा दस इंच का लंड रवीना की चूत में जड़ तक जाकर खुशी से मजे ले रहा था.
अब मैंने अपने दोनों हाथों से रवीना के दोनों स्तनों को मसल कर उनको हाथों में पकड़ा और जोर से झटके देकर लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
रवीना भी अपनी गांड ऊपर उठाकर मेरा साथ देने लगी थी.
हम दोनों कामुकता से मदहोश होकर चुदाई का आनन्द ले रहे थे.
रवीना मदहोश होकर जोर जोर से मादक सिसकारियां ले रही थी.
‘आह आह हम्म … और जोर से करो हर्षद … आह फाड़ दो मेरी चूत … ये महीनों की प्यासी है … आज इसकी पूरी प्यास बुझा दो मेरे राजा.’
रवीना की चुदासी तड़प देखकर मैंने धक्कों की रफ्तार तेज कर दी और घपाघप लंड को चूत में ठोकने लगा.
रवीना हर धक्के से ऊपर नीचे हो रही थी.
लंड और चूत गीले होने के कारण … और दोनों के घर्षण की वजह से फचाफच पचाक पच पच की मादक आवाज निकल रही थी.
साथ ही हम दोनों के मुँह से निकलने वाली मादक सिसकारियों से पूरा कमरा गूंजने लगा था.
इस मादक कामुक आवाजों से हम दोनों तो मानो जन्नत की सैर कर रहे थे … और ज्यादा उत्तेजित होकर एक दूसरे का साथ देते हुए चुदाई में रत थे.
रवीना की चूत से निकला चुतरस बाहर आकर उसकी गांड के फूले हुए छेद को गीला करते हुए नीचे टपक रहा था.
मेरे हर तेज धक्के के साथ मेरी अंडगोटियां छेद पर टकरातीं, तो रवीना को गांड में गुदगुदी हो रही थी.
वह और जोर से गांड ऊपर उठाकर छेद पर रगड़ती थी.
इस तरह बीस मिनट की इस धुआंधार चुदाई के बाद अब हम दोनों भी चरमसीमा पर पहुँच चुके थे.
रवीना गांड ऊपर उठाती हुई बोली- अब और रुका नहीं जाता हर्षद … अब मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने जोर से धक्के मारते हुए कहा- हां, मैं भी अब खुद को नहीं रोक पा रहा हूँ रवीना … चलो साथ में आ जाते हैं.
मैं पूरी ताकत से धक्के देने लगा, तो रवीना की चूत ने अपना गर्म चुतरस छोड़कर मेरे लंड को नहलाना चालू कर दिया.
मैंने भी चार पाँच जोर के धक्के मार दिए और मेरे लंड ने भी अपनी गर्म वीर्य की पिचकारियां रवीना की चूत में मारना चालू कर दीं.
इसका अहसास होते ही रवीना ने अपनी टांगों से मेरी कमर को कस लिया.
उसने मेरा पूरा लंड अपनी प्यासी चूत में जड़ तक लेते हुए मेरी गांड को चूत पर दबा कर रखा और मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में कस लिया.
रवीना की चूत मेरे लंड से निकले वीर्य की एक एक बूंद को निचोड़ कर पी रही थी.
बाद में रवीना की टांगों की मेरी कमर पर पकड़ ढीली हो गयी थी; हम दोनों भी शांत होकर एक दूसरे की बांहों में समाए हुए थे.
मैंने अपना सर रवीना की गर्दन पर रख दिया था.
हम दोनों पूरी तरह से थक गए थे.
हमारी सांसें तेज चल रही थीं और एक दूसरे को महसूस हो रही थीं.
रवीना आंखें बंद करके लेटी हुई थी.
कुछ मिनट तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे. बाद में रवीना उठ कर अपने कमरे में चली गई और मैं यूं ही नंगा सो गया.
तो दोस्तो, मेरी यह देसी Xxx गर्ल फक़ स्टोरी आपको कैसी लगी, जरूर बताना.
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