जयपुर की मस्त चालू भाभी की चुदाई यात्रा- 2
(Desi Hot Bhabhi Sex Kahani)
देसी हॉट भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि चलती बस में एक विवाहिता गर्म लड़की ने एक अंग्रेज टूरिस्ट का लंड पकड़ लिया. उस टूरिस्ट ने कैसे भाभी को गर्म किया.
यह कहानी सुनें.
कहानी के पिछले भाग
इक लंड चाहिए मेरी चूत के लिए
में आपने पढ़ा कि मैं अपने मायके गयी तो भाभी के भाई के लंड मिलने की उम्मीद लेकर गयी थी. पर मुझे निराश लौटना पड़ा.
लौटते हुए मैंने एक टूरिस्ट बस में थी.
अब आगे देसी हॉट भाभी सेक्स कहानी:
वह मेरे सामने मुस्कुराने लगा.
मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मेरी चोरी पकड़ी गई है और मैंने तुरंत अपना हाथ तुरन्त चूत के ऊपर से हटा दिया.
इतने में अंग्रेज बोलने लगा कि मेरे साथी को नींद आ रही है उसको सोना है.
मुझे पता था कि अगर इसके साथी को ऊपर सोना है तो फिर मुझे नीचे जाना पड़ेगा.
तो मैं अपने कपड़े सही करने लगी और अपना पर्स लेकर नीचे उतरने लगी.
उस अंग्रेज ने पहले मेरा पर्स लिया और फिर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे नीचे उतरने में मदद की.
मेरे नीचे उतरने के बाद उसका साथी सीट से उठकर ऊपर स्लीपर केबिन में चला गया और उसने पर्दा लगा लिया.
अब मेरे लिए केवल उस अंग्रेज के पास वाली खाली सीट पर ही बैठने का विकल्प था.
तो उसने मुझे पहले बैठने का कहा.
मैं खिड़की के पास वाली सीट पर जाकर बैठ गई और वह मेरे पास वाली सीट पर बैठ गया.
थोड़ी देर हम दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई.
लेकिन फिर उसने बातचीत शुरू की और मुझे पूछा- आपको कहां जाना है?
मैंने बताया कि मुझे जयपुर जाना है.
उसने बताया कि हम सब भी जयपुर ही जा रहे हैं.
उस बस वाले लड़के ने पहले ही उन दोनों को झूठ बोला हुआ था कि मैं बस के मालिक की पत्नी हूं.
फिर अंग्रेज ने मुझसे पूछा कि यह बस आपके पति की है?
तो मैंने भी बोल दिया- हां मेरे पति की ही है.
फिर उसने मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना नाम शालिनी राठौड़ बताया उसको!
लेकिन उसको उच्चारण में थोड़ी दिक्कत हुई मेरे नाम को लेकर … तो दो-तीन बार मैंने उसको बताया और मैं मुस्कुराने लगी.
तो वह भी मुस्कुरा कर दो तीन बार मेरे नाम को रिपीट करके बोला.
और फिर सही तरीके से शालिनी राठौड़ बोल दिया उसने!
उसने अपना नाम थॉमस विलियम बताया और अपने साथी का नाम डेविड!
उसने मेरे पति के बारे में और मेरे बच्चों के बारे में पूछा तो मैंने उसको अपने पति और बच्चों का नाम बताया और उनके बारे में जानकारी दी जबकि मैंने उसको यह नहीं बताया कि वह क्या जॉब करते हैं.
मैंने उसको बताया कि मेरे पति का टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस है क्योंकि मुझे झूठ बोलने से ही यह सीट मिली थी.
विलियम ने मुझे बताया कि अमेरिका में उसकी गर्लफ्रेंड है. वह गर्लफ्रेंड को साथ लाना चाहता था लेकिन किसी वजह से वह साथ नहीं आ पाई.
उसने कहा कि मैं उसको विलियम बोल सकती हूं.
इस तरह हमारी बातचीत शुरू हो गई और लगभग आधे घंटे से ज्यादा हम नॉर्मल बातें करते रहे.
वो इंडिया के बारे में मुझसे पूछता रहा और मैं भी उससे अमेरिका के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी लेती रही.
फिर उसने बोला कि भारतीय औरतें बहुत खूबसूरत होती हैं. और जितने भी भारतीय किलों और हवेलियों में घूमा है, सब में भारतीय रानियों की और भारतीय औरतों की खूबसूरती का वर्णन किया गया है. और किताबों में भी भारतीय औरतों को दुनिया की सबसे खूबसूरत औरतें बताया गया है.
मैंने भी मुस्कुरा कर उसकी बात का समर्थन किया और कहा- हां, भारतीय औरतों की खूबसूरती प्रकृति की देन है.
उसने कहा- आप भी बहुत खूबसूरत हो!
मैं थोड़ा शरमा गई और मुस्कुराने लगी.
उसने एकदम मेरे हाथ को अपने हाथ में ले लिया और मुझसे बोला- सच बोल रहा हूं मैं!
मैंने भी थैंक्स बोल कर उसका शुक्रिया अदा किया.
फिर उसने मेरा हाथ छोड़ा नहीं … और इस तरह अपने हाथ में मेरा हाथ लेकर बातें करता रहा.
मैंने भी अपना हाथ उसके हाथ से हटाया नहीं, हम ऐसे ही हंस हंस कर बातें करते रहे.
वह धीरे धीरे मेरे हाथों की उंगलियों को अपने हाथों की उंगलियों में डालकर मेरे हाथ से खेलने लगा.
मुझे भी उसका साथ अच्छा लग रहा था तो मैंने उसको रोका नहीं.
तो उसका भी हौसला बढ़ गया और उसने मुझसे धीरे से कहा- आपके हाथ बहुत ही सुंदर हैं. क्या मैं आपके हाथ को चूम सकता हूँ?
मैं जानती थी कि इस बस में मुझे पहचानने वाला कोई नहीं है, मुझे किसी का डर भी नहीं था.
तो मैंने भी उसको मुस्कुराकर व सर हिला कर स्वीकृति दे दी.
और मेरी स्वीकृति मिलते ही उसने झट से मेरे हाथ को चूम लिया.
फिर हथेली के अंदर भी दो तीन किस कर दिए.
मुझे अपने हाथों पर उसके किस से इतनी खुशी मिली कि मेरी चूत नीचे गीली हो गई.
उसने झट से मेरा दूसरा हाथ भी अपने हाथ में ले लिया और उस पर भी दो-तीन किस कर दिए.
मैं उसके सामने देख कर हंसने लगी तो वह बोला- सच में मैंने किसी भारतीय औरत के हाथों पर पहली बार किस किया है.
अब उसने मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों में ले लिया जिससे मुझे हल्का सा थोड़ा उसकी तरफ घूमना पड़ा.
वह लगातार मेरी प्रशंसा और मेरी खूबसूरती की तारीफ किए जा रहा था.
मैं अपनी तारीफ सुन सुनकर खुश हो रही थी और साथ में मेरी चूत गीली हो रही थी.
जिस तरह भारतीय मर्द और औरतें सब शर्मीले होते हैं लेकिन उसके विपरीत ये गोरे लोग मर्द और औरत सभी खुली प्रवृत्ति के होते हैं.
विलियम ने सोचा जैसे मैंने हाथ पर किस के लिए हाँ बोल दिया था उसी तरह मैं लिप किस के लिए भी हां बोल दूंगी.
तो उसने मुझे बात करते-करते एकदम से पूछ लिया कि क्या वह मुझे किस कर सकता है.
उसके मुंह से यह सुनकर मुझे अजीब नहीं लगा क्योंकि मुझे उसकी बातों से लग ही रहा था कि वह ऐसा कुछ बोलेगा.
लेकिन इस बार मैंने उसे मना कर दिया और बोल दिया- यह सही नहीं रहेगा.
मेरे ना बोलने से उसको बिल्कुल भी बुरा नहीं लगा और उसने झट से ‘इट्स ओके’ बोल दिया.
इससे मैं भी थोड़ा रिलैक्स हो गई.
रात के 1.30 बज रहे थे और अब मुझे भी हल्के हल्के नींद आने लग गई थी.
लेकिन मेरा हाथ अभी भी विलियम के हाथ में ही था.
मैंने अपना सर खिड़की की तरफ कर दिया और आंख बंद करके सोने लग गई.
लेकिन विलियम लगातार मुझे ही देखे जा रहा था.
मैंने थोड़ा अपना सर एडजस्ट करने के लिए आंख खोली तो देखा कि वह लगातार मुझे देखा जा रहा है.
मैं उसके सामने मुस्कुराने लगी और वापस आंखें बंद कर ली.
थोड़ी देर बाद मुझे अपने हाथ पर कुछ महसूस हुआ.
मेरे हाथ के ऊपर अभी भी विलियम का हाथ था और मेरे हाथ से विलियम अपनी पैन्ट के ऊपर से कड़क लंड पर टच करवा रहा था.
उसके लण्ड पर मेरी उंगलियां पड़ते ही उसने अपने हाथ से मेरे हाथ को दबा दिया जिससे मेरा हाथ पूरा उसके लोड़े पर आ गया.
मेरा हाथ उसके कड़क लंड पर रखते ही मेरी नींद खुल गई लेकिन मैंने आंखें नहीं खोली, मैं उसके पैंट के ऊपर से ही उसके लोड़े को पूरा महसूस कर सकती थी.
उसका कड़क लौड़ा बहुत ही मोटा और लंबा लग रहा था, मेरी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी.
मैं भी अभी भी आंखें बंद करके लेटी हुई थी और विलियम सोच रहा था कि मैं अभी भी सो रही हूं.
फिर मैंने नींद में कसमसाने का नाटक किया और अपना सर खिड़की किसी की तरफ से हटाते हुए विलियम के दाएं कंधे की तरफ कर लिया और नींद में धीरे-धीरे अपना सर उसके कंधे पर रख दिया.
मेरा एक हाथ विलियम की पैन्ट के ऊपर से लंड पर रखा हुआ था, दूसरा हाथ विलियम ने छोड़ दिया था.
मैंने अपना वह हाथ विलियम के सीने से होते हुए सीट की दूसरी तरफ कर दिया और विलियम को लगा कि मैं नींद में यह सब कर रही हूँ.
मैं विलियम से थोड़ा चिपक कर सो गई. मेरा हाथ विलियम के सीने पर था और विलियम ने भी अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रखकर मुझे थोड़ा अपने से चिपका लिया.
बस की सभी लाइट बंद हो चुकी थी.
विलियम की सीट सबसे पीछे वाली थी और मैं सबसे पीछे कॉर्नर में बैठी थी तो मुझे इस तरह विलियम से चिपक कर सोते हुए कोई नहीं देख सकता था.
मेरा सर विलियम के कंधे पर था और उसने अपना एक हाथ मेरे गाल पर लगा दिया. वह मेरे गाल को सहलाने लगा और अपनी उंगलियों को मेरे होठों पर घुमाने लगा.
मुझे उसका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था. मैं आंखें बंद करके इस सबके मजे ले रही थी.
मुझे पता था विलियम मेरे होठों को अपने होठों में लेने की देर नहीं करेगा.
उसने अपना एक हाथ मेरी गांड पर रख कर मुझे बिल्कुल अपने से चिपका लिया.
मैं भी पूरी तरह से उससे चिपक गई.
मेरा हाथ जो उसके सीने पर था, उसने उसको चूम लिया और फिर अपना मुंह मेरी तरफ करके मेरे गाल को चूम लिया.
फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर मेरे होंठों को चूम लिया.
उसने केवल मेरे होंठों को एक बार चूमकर अपने होंठ हटा दिए. वह समझ रहा था कि कहीं मैं नींद से जग गई तो बुरा ना मान जाऊंगी.
क्योंकि मैंने पहले ही उसको किस के लिए मना कर दिया था.
लेकिन मुझे उसका होंठों पर किया हुआ और गाल पर किया हुआ किस इतना मजा दे गया कि मन कर रहा था कि वह मेरे होठों को पूरा अपने होठों में चबा ले.
मेरी चुदास बढ़ चुकी थी और मैं विलियम के साथ अब खुल कर मजे लेना चाहती थी.
मेरा एक हाथ पूरा उसके लंड के चारों ओर था और उसका लंड मेरी मुट्ठी में था मैंने हल्का सा अपनी मुट्ठी को कसकर उसके लण्ड को दबा दिया.
लेकिन उसको अभी भी विश्वास था कि मैं नींद में ही हूं और हाथ अनजाने में ही उसके लण्ड पर दबा है.
मेरा सर उसके कंधे पर था और मैं लगभग पूरी उसके आगोश में थी.
उसने मेरे दूसरे हाथ को अपने हाथ में लेकर उस पर दो-तीन किस कर दी और मेरे हाथों को चूमने लगा.
अब उससे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने झट से अपने बेल्ट को अपने दोनों हाथों से खोल दिया.
और दूसरे ही पल अपने पैन्ट का हुक भी खोल दिया.
मेरे हाथ को हल्का सा दूर हटा कर उसने अपनी पैन्ट की जिप को नीचे सरका दिया और पैन्ट को अंडरवियर समेत अपने घुटनों तक नीचे सरका दिया.
अब विलियम नीचे से पूरा नंगा था.
उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी नंगी जांघ पर रखवा दिया.
उसकी नंगी जांघ पर हाथ रखते ही मेरे पूरे तनबदन में चीटियां रेंगने लगी.
मेरा मन कर रहा था कि उसका लंड एक झटके में पकड़ लूं.
लेकिन मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहती थी.
शायद अब उससे भी सहन नहीं हो रहा था, उसने अपने लण्ड को पकड़ा और हल्का हल्का मेरी उंगलियों पर टच करने लगा.
और मैं भी अपना हाथ इधर-उधर हिलाकर उसके लण्ड पर टच करने लगी.
मेरी सहन शक्ति बर्दाश्त से बाहर हो रही थी और मेरी चूत भी अब जवाब देने लग गई थी.
अब मुझे 1 सेकंड भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं उसका लण्ड अपने हाथों में मसलना चाहती थी.
मैंने जोरदार अंगड़ाई ली और अपने सर को उसके कंधे पर एडजस्ट किया, हाथ उसके लण्ड पर जमा दिया और उसको मुट्ठी में कस लिया.
मेरे हाथ का दबाव उसके लण्ड पर बढ़ते ही विलियम के मुख से जोरदार आहह … निकल गई.
उसको लगा कि ये सब अनजाने में हुआ है लेकिन उसकी तो लॉटरी लग गई थी और साथ में मेरी भी!
विलियम ने अपने दांया हाथ हाथ मेरी पीठ के पीछे से होते हुए मेरे दांये कंधे पर रखकर मुझे दोबारा से अपने आगोश में ले लिया.
मुझे अपने से चिपका कर उसने मेरे गाल पर एक जोरदार किस कर दिया.
मेरे हाथ पर उसने अपना हाथ रखकर पूरा लण्ड हाथ से दबा दिया.
उसका नंगा लण्ड मेरी मुट्ठी में था और वो बहुत लंबा और मोटा था.
मैं अपने हाथ से उसके लण्ड की नाप अच्छी तरह ले चुकी थी. वह कम से कम 8 इंच लंबा था, और मोटाई भी काफ़ी थी.
अब मैं भी मन बना चुकी थी कि इस लण्ड को अपनी चूत की गहराई में उतारना है.
लेकिन कितनी देर और लगेगी यह मैं नहीं जानती थी.
विलियम का हाथ मेरे कंधे से नीचे उतरता हुआ मेरे कपड़ों के ऊपर मेरे दाएं बूब आ चुका था.
वो मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरे बूब्स की गोलाइयों को नाप रहा था और अपने हाथ में मेरे बड़े बूब्स को एक हथेली में भरना चाह रहा था.
लेकिन मेरा बड़ा बूब उसके एक हाथ में नहीं आ रहा था.
विलियम का हाथ मेरे बूब्स की चारों तरफ गोलाइयों को अच्छी तरह नाप चुका था.
उसने अपने हाथ से हल्के से मेरे बूब्स को दबा दिया.
विलियम का हाथ मेरे बूब्स पर पड़ते ही और उसको दबाते ही मेरा भी दबाव उसके लण्ड पर हो गया, मैंने भी विलियम के लण्ड को जोरदार दबा दिया.
हम दोनों के मुंह से एक साथ आह … की आवाज निकली.
विलियम को अभी भी कुछ समझ नहीं पा रहा था कि मैं जगी हुई हूं या यह सब अनजाने में हो रहा है.
लेकिन उसके लण्ड का तनाव मुझे यह जरूर बता रहा था कि उसकी हालत बहुत खराब है अब!
जिस तरह मैंने उसके नंगे लण्ड को पकड़ा हुआ था, उसी तरह वह भी अब मेरे कपड़ों के अंदर घुसना चाह रहा था.
मेरे बूब्स से अपना हाथ हटाते हुए उसने मेरे कंधे के ऊपर से धीरे-धीरे मेरे कुरते के अंदर हाथ डालना शुरू कर दिया.
उसने मेरे दाएं कंधे से होते हुए अपना पूरा हाथ का पंजा मेरे कुर्ते में डाल दिया और मेरी ब्रा को हटाता हुआ उसने सीधा प्रहार मेरे नंगे बूब्स पर किया और झट से मेरे नंगे बूब्स को थाम लिया अपने हाथ में!
मेरी चुदास तो पहले से ही बहुत बढ़ी हुई थी. जैसे ही उसने मेरे बूब्स को अपने हाथ में भरा, मेरी चूत ने जवाब दे दिया, मेरी चूत का रस बहता हुआ मेरी टांगों तक जा पहुंचा.
मेरी चूत झड़ चुकी थी.
मैं अपनी जिंदगी में पहली बार चलती हुई बस में इस तरह झड़ी थी.
मेरी सांसें जोर-जोर से चल रही थी और ये सांसें मेरे बदन में उठे हुए तूफान की प्रतीक थी. मेरी सांसें विलियम के चेहरे पर उसको महसूस हो रही थी.
पहली बार किसी गोरे अंग्रेज का हाथ मेरे बूब्स था और मेरा हाथ उसके लंबे मोटे लण्ड पर!
मुझे विलियम पर बहुत प्यार आ रहा था क्योंकि उसने बिना सेक्स की ही मुझे झड़ा दिया.
मैं समझ नहीं पा रही थी कि यह विलियम के फॉरप्ले का कमाल है या किसी नए मर्द का और वह भी एक गोरे मर्द का साथ होने का अहसास होने की वजह से यह सब हुआ.
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