ट्रेन में मिली मस्त भाभी की चुदाई उनके घर में
(Desi Bhabhi Xx Fuck Kahani)
देसी भाभी Xx फक कहानी में मुझे ट्रेन में एक युगल मिला. भाभी बहुत सेक्सी थी. उनसे मेरी दोस्ती हो गयी. वे सेक्स में काफी खुले हुए थे, 3सम के लिए मुझे अपने घर ले गए.
मैं दीपक हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: भाभी ने पति के सामने चूत चुदवाई
यह नयी देसी भाभी Xx फक कहानी एक साल पुरानी है.
मैं ग्वालियर से भोपाल जा रहा था.
जैसे ही ट्रेन में चढ़ा, मेरी सीट पर एक कपल (जोड़ा) बैठा था.
मैंने उनसे कहा- ये मेरी सीट है. आप अपनी सीट पर जाइए.
उन्होंने कहा- मेरी सीट कन्फर्म नहीं है. हम दोनों को भोपाल तक जाना है.
वह दिन का टाइम था तो मैंने भी ज्यादा कुछ नहीं कहा.
उनके साथ जो भाभी थीं, वे बहुत सुंदर थीं.
मैंने सोचा कि भाभी को देखते हुए मेरा भी टाइम पास हो जाएगा.
मैं भी बैठ गया.
अब उस सीट पर हम तीन लोग थे.
धीरे धीरे उनसे बातचीत शुरू हुई तो पता चला कि वह ताजमहल देखने आगरा गए थे.
मैंने उनसे उनका नाम पूछा, तो उन्होंने अपना नाम विकास बताया और वह बैंक में काम करते थे.
उन्होंने मुझसे भी पूछा तो मैंने भी बता दिया कि मेरा नाम दीपक है और भोपाल किसी काम से जा रहा हूँ.
उन्होंने अपनी पत्नी से इंट्रोडेक्शन कराया.
भाभी का बदला हुआ नाम सुमन था.
मेरी ऐसे ही उनसे बात होने लगी.
भाभी के बारे में बता दूँ कि भाभी की उम्र 32 साल थी, लेकिन 25 साल की लग रही थीं.
उन्होंने खुद को बहुत ही ज्यादा मेंटेन किया हुआ था.
मैं भाभी को बार बार देख रहा था.
भाभी भी मुझे चोर निगाहों से देख रही थीं.
वे दोनों आपस में मजाक कर रहे थे.
मैं चुपचाप बैठा था.
तभी विकास बोला- क्या दीपक जी, आप तो कुछ बोल ही नहीं रहे.
सुमन भी बोलने लगी.
मैं बोला- आप दोनों तो …
वह बोले- तो क्या हुआ?
मैं उनसे भैया भाभी बोलने लगा.
भैया बोले- दीपक, आपकी भाभी तो मेरी बैंड बजा दी और हंसने लगे.
मैंने भी बोल दिया- आप भी घर पर जाकर भाभी की बैंड बजा देना.
हम तीनों हंसने लगे.
इतने में भाभी बोल पड़ीं- बैंड बजाने के लिए दम भी तो होना चाहिए!
इस पर भैया बोले पड़े- मैं और दीपक दोनों मिल कर बैंड बजा देंगे.
भाभी हंस कर चुप रह गईं.
मैं भईया की तरफ देखने लगा कि ये क्या बोल रहे हैं.
बात ऐसे ही चलती रहीं.
फिर भैया बोले- दीपक रात को कहां रुकोगे?
मैंने कहा- कि रात को किसी लॉज में रुकूंगा.
इतने में भाभी बोलीं- लॉज में क्यूं … मेरा इतना बड़ा घर किस लिए है?
भैया भी बोलने लगे- हां दीपक, घर चलना. सुबह मैं छोड़ कर आ जाऊंगा. वैसे भी आपको रात में कहां जाना है … और फिर रात को हम दोनों मिलकर भाभी का बैंड बजाएंगे!
मैं उनको देखता रह गया कि ये क्या बोल रहे हैं.
भईया बोले- इतना मत सोचो. हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुले हैं … और सच बताऊं तो मैं खुद ही थ्री-सम के लिए तीसरे आदमी को ढूंढ रहा हूँ.
अब बात खुल्लम खुल्ला होने लगी थी.
मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी भी मुस्करा रही थीं.
और उन्होंने बड़ी अदा से आंख दबा कर हां में सिर हिला दिया.
मैं तो समझो जन्नत में पहुंच गया था.
उन दोनों का ऑफर सुनते ही मैं सोचता ही रह गया.
भाभी बोलीं- क्या हुआ, कहां हो?
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
मैं बाथरूम में जाने लगा तो भाभी की नजर मेरे लंड पर पड़ गई.
वे खड़े लौड़े को देख कर मुस्करा उठीं.
मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा तो मेरे पीछे भाभी भी आने लगीं और उन्होंने मुझे रुकने के लिए इशारा भी किया.
मैं कोच के बाहर बाथरूम के पास रुक गया.
उधर कोई नहीं था.
करीब आते ही भाभी बोलीं- मुझे मालूम है कि आप कहां जा रहे हो.
मैं मुस्करा दिया.
तब तक भैया भी आ गए.
भाभी बोलीं- मुझे भी साथ में चलना है.
मैं बोला- कोई देख लेगा!
तो भैया बोले- आप दोनों जाओ, मैं हूं … बाहर कोई आएगा तो मैं बोल दूंगा या जब मैं 5 बार नोक करूं, तब खोल कर एक एक करके बाहर आ जाना.
मैं सोच रहा था कि मुझे ही जल्दी है लेकिन भाभी को मुझसे भी ज्यादा जल्दी थी.
मैंने आगे पीछे देखा और अन्दर घुस गया.
भाभी भी मेरे पीछे आ गईं.
हमने अन्दर से डोर लॉक किया.
फिर जैसे मक्खी गुड़ से लिपट जाती है, वैसे ही हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए. ऐसा लगा कि जैसे खोए हुए दो प्रेमी कई वर्षों बाद मिल रहे हों.
हम दोनों के होंठ आपस में कब मिल गए, कुछ पता ही नहीं चला.
मेरा एक हाथ देसी भाभी के बूब्स पर, एक हाथ गांड पर चल रहा था.
कुछ मिनट यही चला.
xx भाभी बोलीं- दीपक, जो करना है जल्दी करो. अभी पूरी रात बाकी है. बाकी का घर पर खुल कर मजे करेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने भाभी की साड़ी उठाकर उनकी पैंटी में हाथ डाल दिया. भाभी की चूत पानी छोड़ रही थी.
भाभी ने मेरे लोवर में हाथ डाला और झट से बाहर निकाल लिया.
मैं बोला- क्या हुआ भाभी?
वे बोलीं- है क्या इसके अन्दर?
मैं बोला- आप खुद ही देख लो.
मैंने यह कहते हुए लोवर नीचे कर दिया.
मेरे लौड़े को देखते ही भाभी के मुँह से आह निकल गई.
मैं बोला- क्या हुआ?
वे बोलीं- इतना बड़ा और मोटा!
तो मैं बोला- इतना तो सबका ही होता होगा!
भाभी बोलीं- नहीं, विकास का तो इसका आधा है.
भाभी देर न करती हुई नीचे बैठ गईं और लौड़े को मुँह में लेने की कोशिश करने लगीं.
लेकिन लंड मोटा होने की वजह से मुँह में जा नहीं रहा था.
भाभी उसको ऊपर से ही चाटने लगीं और हाथ से हिलाने लगीं.
मैं बोला- भाभी आप डॉगी बन जाओ. मैं पीछे से लंड आपकी चूत में डाल दूंगा.
भाभी बोलीं- नहीं दीपक, बहुत दर्द होगा … इसका मजा मैं घर पर खुल कर लूंगी. अभी ऐसे ही काम चला लो.
मैंने कहा- आप इधर ही बेसिन पर बैठ जाओ.
भाभी बोलीं- क्या करने वाले हो?
मैंने कहा- आप हो तो जाओ बस!
भाभी हो गईं.
मैंने अपना लंड भाभी के मुँह में दिया और साड़ी पेटीकोट को ऊपर कर दिया; पैंटी को साइड में किया तो भाभी चूत एकदम क्लीन शेव थी और किसी 18 साल की लड़की की तरह लग रही थी.
मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत पर रख दी और बाद में अपना लंड भाभी के मुँह में दे दिया.
मैं चूत में अपनी उंगली करने लगा.
साथ ही मैंने अपना लंड मुँह में घुसा दिया और जोर जोर से मुँह चोदने लगा.
कुछ ही मिनट बाद भाभी का शरीर अकड़ने लगा.
मैं समझ गया कि भाभी झड़ने वाली हैं.
मैंने अपनी जीभ को हटा लिया और उंगली को जोर जोर से चलाने लगा.
थोड़ी देर में भाभी का हो गया.
मैंने अपने झटके तेज कर दिए.
तब भी मेरा लंड पूरा अन्दर नहीं जा पा रहा था.
दस मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया था.
मैंने भाभी को इशारा किया.
भाभी ने लंड मुँह से निकाला और कमोड पर बैठ गईं.
वे बोलीं- दीपक, अपना पूरा लंड मेरे मुँह में डाल दो. जब तक पूरा न निकल जाए तब तक मत निकालना. चाहे मैं कितना भी छटपटाऊं.
मैं यह सुन कर और उत्साहित हो गया.
मैंने देर न करते हुए भाभी के मुँह में लंड ठूंस दिया.
भाभी के आंसू निकल आए.
मैंने सारा रस भाभी के गले के नीचे उतार दिया और लंड बाहर निकाला.
भाभी ने एक लंबी सांस ली और लंड पर लगे रस को चाटने लगीं. भाभी ने लंड चाट कर साफ कर दिया.
फिर हम दोनों खड़े हुए और कपड़े ठीक किए, गले मिले, किस किया.
भाभी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी.
वे बोलीं- दीपक, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा करूंगी. मुझे इतना मजा आएगा. विकास के बाद आप दूसरे मर्द हो. अब शायद कभी किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब चलते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.
तब मैंने विकास को कॉल किया.
विकास ने नोक किया तो हम दोनों बाहर आ गए.
आधा घंटा बाद हमारा स्टेशन आ गया.
विकास बोला- सुमन डिनर इधर ही करके चलते हैं. ताकि घर पर हमें मजा करने का पूरा समय मिलेगा.
भाभी बोलीं- हां इधर ही करके चलना … आज दीपक की पूरी रात मुझे चाहिए.
इतने में विकास ने कहा- अरे दीपक ऐसा क्या कर दिया … तेरी भाभी तो अभी से तुम्हारी दीवानी हो गई हैं!
भाभी बोलीं- रात को खुद देख लेना. आप भी दीवाने हो जाओगे.
हम तीनों ऐसे ही हंसते हुए रेस्टोरेंट गए, डिनर किया और घर के लिए ऑटो ले लिया.
बीस मिनट में घर पहुंच गए.
विकास ने दरवाजा खोला.
उनका बहुत अच्छा घर बना हुआ था.
मैंने अन्दर जाकर अपना सामान रखा और सोफे पर बैठ गया.
विकास बोला- दीपक, जाओ फ्रेश हो आओ और कपड़े चेंज कर लो.
भाभी बोलीं- आज कोई कपड़े नहीं पहनेगा.
मैंने कहा- ठीक है. पहले कौन चढ़ेगा?
भाभी बोलीं- पहले विकास आएगा.
विकास सूसू करने बाथरूम में चला गया.
भाभी मेरी गोद में आकर बैठ गईं और बोलीं- दीपक जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा है.
मैं बोला- भाभी रात अपनी है. आज आपको खुश कर दूंगा. आप टैंशन मत लो.
इतने में दीपक नंगा होकर बाहर आ गया.
जैसा कि भाभी ने पहले ही बताया था कि उसका छोटा सा है.
वह अपना छोटा सा लंड हिलाता हुआ आ गया.
फिर मैंने भाभी से कहा- अब आप भी बाथरूम हो जाओ.
भाभी गईं और दो मिनट बाद भाभी भी नंगी होकर बाहर आ गईं.
वे पूरी नंगी होकर सेक्स की देवी लग रही थीं.
क्या फिगर था भाभी का 34-28 -36 का फिगर एकदम मस्त था.
उनकी साढ़े पाँच फीट की हाइट भी अच्छी थी.
फिर मैं बाथरूम में गया.
मैं 15 मिनट बाद आया तो भाभी सोफे पर विकास का लंड चूस रही थीं.
विकास जोर से जोर से भाभी की चूत चाट रहा था.
जैसे ही मैं बाहर आया, विकास हट गया.
जब तक भाभी ने विकास का लंड चूस कर खाली कर दिया था.
मुझे देख कर भाभी खुश हो गईं और उठ कर मुझसे लिपट कर लिप किस करने लगीं.
वे मेरे लंड पर हाथ घुमाने लगीं.
लंड तो पहले से ही तैयार था.
अब ज्यादा देर न करते हुए सीधे भाभी को सोफे पर लिटा दिया.
विकास ये सब सामने वाले सोफे पर बैठ कर देख रहा था और बोल रहा था कि आज मेरी इच्छा पूरी गई.
मैंने भाभी की गांड के नीचे पिलो लगाया और उनके दोनों पैर ऊपर कर दिए.
फिर अपना मुँह भाभी की चूत पर रख दिया और चूत चाटने लगा.
मैं जीभ के साथ साथ उसमें अपनी एक उंगली भी कर रहा था.
भाभी बिना पानी के मछली की तरह तड़प रही थीं और बोल रही थीं- दीपक, डाल दो अपना मोटा लंड … बुझा दो मेरी प्यास.
मैं भाभी की बातों से और उत्तेजित हो गया.
मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और भाभी की चूत पर रख दिया.
विकास आया और उसने मेरा लंड पकड़ लिया कि कहीं फिसल ना जाए.
उनकी आपस की शर्त भी थी कि जब भी भाभी दूसरे लंड से चुदेगी तो विकास उनकी चूत पर अपने हाथ से लंड लगाएगा.
यह मुझे बाद में पता चला.
मैंने एक झटका मारा तो आधा लंड अन्दर घुस गया.
भाभी की चीख निकल गई और वे रोने लगीं- आह दीपक, निकालो बस अब नहीं सहा जाएगा!
विकास ये सब सुन कर खुश हो रहा था.
मैंने कुछ देर होल्ड किया और उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा.
तभी मैंने उसके निप्पल चूसने शुरू कर दिए.
वे फिर से तड़पने लगीं.
मैंने एक झटका और मारा तो मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर घुस गया.
वे फिर से रोने लगीं.
विकास ने भाभी के बूब्स चूसना शुरू कर दिए.
मैं धीरे धीरे झटके देने लगा.
कुछ मिनट के बाद भाभी को मजा आने लगा.
मैंने चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी.
बीस मिनट तक उसके मुँह से उह आह उह आह उह आह की आवाज निकलती रही.
उसके बाद भाभी ने मुझे जोर से पकड़ा और चिपक कर बोलीं- मेरा हो गया … बस करो.
मैं बोला- अभी नहीं.
मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से चूत में लंड डाल कर चोदने लगा.
भाभी को फिर से सेक्स चढ़ने लगा.
कुछ मिनट बाद भाभी बोलीं- दीपक जोर से करो … मेरा फिर से निकलने वाला है.
मैंने झटकों की स्पीड और बढ़ा दी.
पूरे रूम में फच फ़च की आवाज गूंज रही थी.
20 मिनट तक चोदने के बाद मैंने कहा- भाभी, कहां निकालूं?
भाभी बोलीं- सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दो.
मैंने भाभी की चूत में ही छोड़ दिया. कुछ अन्दर गया, कुछ बाहर टपकने लगा.
तीनों लोग बाथरूम में आ गए.
वहां भाभी ने खुद को और हम दोनों को साफ किया.
उस रात भाभी को अलग अलग पोजीशन में मैंने कई बार चोदा, भाभी की गांड भी मारी.
वह सेक्स कहानी में आपको दूसरी कहानी में बताऊंगा.
कैसी लगी मेरी सच्ची देसी भाभी Xx फक कहानी, मुझे जरूर बताएं.
मेरी मेल आईडी है
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