दिल्ली से लखनऊ के सफ़र में मिली छोकरी
(Delhi Se Lucknow Ke Safar Me Mili Chhokri)
दोस्तो, मेरा नाम रोहन है, मैं लखनऊ से हूँ और दिल्ली में रहता हूं। दिल्ली में अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ।
और मैं एक जिंगोलो हू ये काम मैं 1 साल से कर रहा हूँ। मैंने आज तक 100+ लड़कियां और औरतों के साथ सेक्स किया है। वो सभी मुझे सेक्स के लिए बुलाती रहती हैं। मेरे लिंग का साइज 8.3 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा हैं। मैं स्टोरी पे आता हूं।
फरवरी में एक दिन मैं अपने शहर लखनऊ आ रहा था मैंने अपना रिजर्वेशन पद्मावत ट्रेन में ए सी में कराया, शाम को ट्रेन पकड़ी और अपनी सीट पे बैठ गया.
थोड़ी देर में ट्रेन चलने लगी और एक लड़की दौड़ते हुए हमारे कंपार्टमेंट चढ़ गई फिर मेरे सीट के पास आकर बोली- हेल्लो मिस्टर, उठो ये मेरी सीट है।
मैं उसे देखता ही रह गया वो जीन्स टॉप और जैकेट पहने हुए थी, बहुत सुंदर लग रही थी।
मैं- नहीं मैडम, ये मेरी सीट है आप अपना सीट नंबर दोबारा चेक करो।
लड़की- मेरा सीट नंबर यही है, आप चेक करो।
मैंने अपना टिकट चेक किया मेरा टिकट में सीट नंबर यही था तो मैंने उनसे उनका टिकट मांगा तो उनका भी यही सीट नंबर था। लेकिन हमारी ट्रेन अलग अलग थी। उस लड़की का रिजर्वेशन वैशाली सुपर फास्ट में था और वो भी लखनऊ जा रही थी।
मैंने उसे ये बोलते हुए अपनी सीट दी कि ये आपकी सीट है आप बैठ जाइए। मैं गलत ट्रेन में चढ़ गया हूं.
मैंने उसे ‘सॉरी’ बोला. फिर मैंने उसका समान रखवाया. फिर वो चेंज करने बाथरूम चली गयी. थोड़ी देर में आई तो और वो बर्थ पर लेट गई और मैं उसके पैरों के पास जाकर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद उसने मेरा नाम, कहां से हो और कहां जा रहा हो, क्या करते हो, ये सब पूछा।
मैंने बताया- नाम रोहन है, लखनऊ से हूं, अपने घर लखनऊ जा रहा हूं और दिल्ली में पढ़ता हूं।
मैंने भी उससे यही सवाल किए तो उसने अपना नाम प्रिया बताया, वो मुंबई की है वहीं पढ़ाई करती है और नानी के घर जा रही है।
प्रिया- एक बात बताओ तुम पढ़ें लिखे हो, गलत ट्रेन में कैसे चढ़ सकते हो। अक्ल है या नहीं?
मैं- सॉरी गलती हो गई, दोबारा नहीं होगा।
प्रिया- चलो ठीक है, दोबारा ऐसी गलती मत करना।
मैं- ठीक है नहीं होगी।
मैं मन ही मन में मुस्कुरा रहा था।
फिर वो सो गई।
2 घंटे के बाद टीटी आया टिकट मांगा और मैंने अपना टिकट चेक कराया और मुझसे बोला तुम्हारी सीट में कौन है।
मैंने बोल दिया कि ये मेरी मंगेतर है।
मैंने उसे उठाया उससे टिकट दिखाने को कहा।
उसने टीटी को टिकट दिखाया और टिकेट गलत थी तो टीटी ने उसे फाइन भरने को बोला।
प्रिया- फाइन किस लिए?
टीटी- तुम गलत ट्रेन में चढ़ गई हो इसलिए।
प्रिया- नहीं, मैं सही ट्रेन में चढ़ी हूं।
टीटी- ये ट्रेन पद्मावत है और तुम्हारा रिजर्वेन वैशाली सुपर फास्ट का है।
प्रिया बहुत परेशान हो गई।
मैं टीटी को बाहर लेकर आया और समझाया कि मेरा रिज़रवेशन में साथ नहीं हो पाया और वो अकेले जाने में डर रही थी इसलिए मैंने उसे अपने पास बुला लिया।
टीटी बोला- ठीक है, कोई बात नहीं।
टीटी प्रिया के पास गया और बोला- कोई फाइन भरने की जरूरत नहीं है।
फिर जाते जाते बोला- तुम्हारा मंगेतर थोड़ी सी जगह में बैठा हुआ है और तुम आराम से लेटी हुई हो। शेम ऑन यू!
टीटी चला गया तो मैंने प्रिया की तरफ देखा, प्रिया मुझे घूर रही थी और गुस्से में थी। मैं सोने का नाटक करने लगा.
फिर प्रिया ने कहा- तुमने टीटी से ये क्यों कहा कि तुम मेरे मंगेतर हो।
मैं- वो इसलिए कि टीटी तुम्हें परेशान ना करे और तुम्हें फाइन ना देना पड़े।
प्रिया- जब तुम्हें पता था कि ये मेरी सीट नहीं है तो अपनी सीट क्यों दी?
मै- बताया तो है कि आपको दिक्कत ना हो इसलिए!
प्रिया- और तुम?
मैं- बैठे बैठे सो जाता. वैसे भी 11 बज चुके हैं और 5 बजे तक लखनऊ पहुँच जाऊंगा। और मुझे नींद भी नहीं आ रही है.
प्रिया मुस्कुराने लगी और बोली- तुम पागल हो, मेरी गलती की वजह से तुम परेशानी उठा रहे हो।
प्रिया- अब मुझे भी नींद नहीं आ रही है। चलो बात करते हैं, बोर नहीं होंगे।
मैं- ठीक है.
प्रिया- तुम क्या करते हो?
मै- बताया तो था कि पढ़ाई।
प्रिया- मैं भूल गई थी। तुम्हारी गर्लफ्रैंड है?
मैं- नहीं!
प्रिया- क्यों? काफी हैंडसम हो, फिर भी एक भी नहीं है हो ही नहीं सकता।
मैं- सचमें नहीं है. और आप जैसी खूबसूरत लड़की मिली ही नहीं!
प्रिया- दिल्ली में बहुत सारी खूबसूरत लड़कियां हैं फिर भी नहीं मिली?
मैं- नहीं मिली। और आपका बॉयफ्रेंड है?
प्रिया- नहीं है।
मैं- क्यों?
प्रिय- मुझे भी आपकी तरह कोई मिला ही नहीं।
हम दोनों हँसने लगे।
मैं- मुझे लेटना है।
प्रिया- तो फिर बातें कैसे होगी?
मैं- अगर बुरा ना मानो तो मैं अपना सिर आपके गोद में रख लेता हूं और आपसे बातें भी होती रहेंगी।
प्रिया ने थोड़ी देर सोचा, फिर बोली- ठीक है.
मैं उसकी गोद में सिर रख कर बातें करने लगा।
थोड़ी देर बात करने के बाद रोमांटिक बातें होने लगी वो अपना हाथ मेरे सीने पे घुमाने लगी।
मैं- तुम्हारे हाथ बहुत मुलायम है क्या लगाती हो?
प्रिया- बॉडी लोशन!
मैं भी उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर हाथ दबाने लगा।
फिर उसकी सुंदरता की बहुत तारीफ की- तुम बहुत सुंदर हो, तुम्हें देखते ही मेरा दिल बहुत तेज़ी से धड़कने लगा था।
प्रिया- झूठे!
मैं- सच बोलता हूँ पर कोई यकीन ही करता।
अचानक से उसने मेरे माथे पर किस किया।
मैं- किस क्यों किया?
प्रिया- तुम बहुत अच्छे हो इसलिये।
थोड़ी देर उसकी आँखों में देखा और उसके होठों पे किस करके दूर हट गया। वो मुझे घूरने लगी फिर वो मुझे किस करने लगी और मैं भी। हम दोनों का चुम्बन 15 मिनट तक चलता रहा, मैं बीच बीच में उसके बूब्स को दबाता रहा और वो मेरे लण्ड को दबाने लगी।
हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे। अब हम दोनों कम्बल में आ गए. फिर प्रिया ने मेरे लण्ड को पैंट खोल कर बाहर निकाल लिया और मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैंने प्रिया से कहा- हम दोनों उल्टा लेट जाते हैं.
मैंने अपना सिर उसके पैरों की तरफ कर लिया। मैंने उसकी कैपरी उतारी फिर पैंटी … फिर उसकी चूत पे किस करने लगा. और वो मेरे लम्बे मोटे लण्ड को आइसक्रीम की भान्ति चूसे जा रही थी। उसकी चूत बहुत टाइट थी. मैंने उसमें उंगली दी और अंदर बाहर करने लगा.
उसकी सांसें तेज़ हो गयी और वो मेरा हाथ पकड़ने लगी, उसने मुझे रुकने को कहा और मैं रुक गया।
वो अपने कपड़े पहनने लगी और बोली- बाथरूम में आ जाओ।
वह बाथरूम में चली गयी और मैं भी थोड़ी देर में बाथरूम में चला गया।
वो मेरे सारे कपड़े उतारने को बोली और कहने लगी- रात में कोई नहीं आएगा यहां!
और उसने खुद भी सारे कपड़े उतार दिए, हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।
उसका फिगर 34 28 36 दूध की तरह गोरा था। प्रिया मेरे लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी, कहने लगी बहुत बड़ा है तुम्हारा लण्ड।
थोड़ी देर बाद कहने लगी- मेरी चूत चाटो।
वो कमोड पे बैठ गयी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
5 मिनट तक मैंने उसकी चूत अच्छी तरह से चाटा. वो अहह ओहह हहह हाह करती रही, फिर मुझे उसकी चूत में लण्ड डालने को कहने लगी।
मैंने उसकी एक ना सुनी, मैं चूत चाटता रहा.
वो गिड़गिड़ाने लगी, उसका पानी निकल गया और वह हाँफने लगी। मैंने उसका पानी पी लिया।
वो मुझे किस करने लगी, फिर वो गर्म हो गयी।
अन मैंने उसको कमोड पर झुकाया, पीछे से उसकी चूत पे लण्ड रखा और आराम से उसके अन्दर धकेलते हुए ले गया, मेरा आधा लण्ड प्रिया की चूत में घुस गया, फिर जोर से झटका मारा और प्रिया जोर से चिल्लाई उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसे दर्द हुआ, वो लंड बाहर निकलने की कोशिश करने लगी और रोने लगी. उसकी आंखें लाल हो गई थी। जब प्रिया को राहत मिली तो मैं धीरे धीरे से चोदने लगा. अब उसे भी मजा आने लगा था और अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
हम दोनों दस मिनट तक चुदाई करते रहे. इस बीच प्रिया एक बार झड़ चुकी थी। मेरा निकालने वाला था तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूं?
प्रिया ने कहा- चूत में ही निकाल दो, यह मेरी जिंदगी का पहला सेक्स है, इसे ऐसे नहीं बर्बाद करना चाहती हूँ।
मैंने उसकी चूत में अपना पानी निकाल दिया।
फिर वो मुझे किस करके बोली- तुम पहले जाओ, मैं बाद में आती हूँ।
मैं कपड़े पहन कर बाहर आने लगा तो वो गिर गयी, उससे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था। फिर मैंने उसे खड़ा किया, उसे पैंटी ब्रा छोड़ सब पहनाया। उसे लेकर अपने सीट पे गया और लेटा दिया।
मैं उसकी बगल में बैठ गया, उसने मुझे अपने बगल में लेटने को कहा तो मैं लेट गया. फिर उसने मुझे बांहों में लेकर किस किया और फिर प्रिया ने ‘मुझे ई लव यू …’ बोला।
हम दोनों सुबह तक ऐसे ही लेटे रहे। हम दोनों अपना नम्बर एक्सचेंज किये।
फिर लखनऊ आ गया। हम साथ में उतरे.
उसके नाना उसे लेने आये थे, उसके नाना मुझे जानते थे, वो मेरे घर के पास ही रहते थे। हम दोनों नाना के कार से घर आ गए।
उसके बाद हम दोनों ने बहुत बार सेक्स किया।
मेरे प्यारे पाठको, मेरी कहानी पर अपनी राय मुझे जरूर बताएं ताकि मैं आपको अपनी और प्रिया की आगे की कहानी बता सकूँ।
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