भीड़ भरी लोकल ट्रेन

(Crowded Local Train)

शीला 2014-12-17 Comments

हाई जानू…अब तक मैंने तुम्हे वो सब बताया जो मैंने अपने मॉडलिंग करियर में एक्सपीरियेन्स किया।

मैंने जो सक्सेस पाई और उस दौरान जो खोया…वो सिर्फ़ तुम्हे बताया।

रीतिन ने मुझे धोखा दिया लेकिन मैं महक के लिए खुश थी।

उस दिन उन दोनो को बिस्तर में विटनेस करने के बाद मैं घर गयी और एक दो फोन कॉल किये।

अगले दिन मैंने महक को एक नोट लिखा, जिसमें मैंने उसे बताया कि मैं कुछ दिनो के लिए अपने गाँव जा रही हूँ।

मैं खुश हूँ उसके और रीतिन के लिए, गुड बाई।

मैं एक रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी थी।
शाम का वक़्त था और स्टेशन क्राउडेड था।

कुछ पेवेर्ट्स मुझे देख कर मेरे आस पास घूम रहे थे।

मैंने उन्हे थोड़ी देर इग्नोर किया और फिर एक ट्रेन आ गयी।

राहुल ट्रेन से उतरा, वही लड़का जिसके साथ मेरा एक शॉर्ट अफयेर चला था केरला में, और मुझे देख कर उसके चेहरे पर एक मुस्कान आई।

मैंने भी एक स्माइल दिया और उसे अपने पास आते हुए देखा।

राहुल जैसे ही मुझ तक पहुँचा उसने मुझे कस के गले लगाया और मैंने भी उसे एक वॉर्म हग दिया।

उसके बॉडी को अपने बॉडी पर फील करके मुझे वो वॉटरफॉल में उसके साथ बिताए पल याद आ गया।

राहुल ने मुझे वहाँ इतना प्यार किया और बदले में कुछ नही माँगा।

मेरा फ़र्ज़ है कि अब मैं भी उसके लिए वो करूँ जो उसने मेरे लिए किया।

मैं उसे अपने गाँव ले जाने वाली थी… उसके साथ मज़े करने।

हम अलग हुए और मैंने रियलाइज़ किया की हमने वहाँ कुछ ज़्यादा ही सेन्सुअली एक दूसरे को हग किया था जिस कारण रेलवे स्टेशन में मौजूद यात्री हमें घूर रहे थे।

राहुल ने पूछा कि अब कहाँ जाना है?

मैंने कहा- अभी एक लोकल ट्रेन से हमें कल्याण जाना है।

राहुल ने अपना बेग पिक अप किया और कुछ देर में ट्रेन आ गई।

राहुल को अकंपनी करना था वरना मैं वूमेन्स कम्पार्टमेंट में ही बैठती.

अभी हम क्राउड के साथ जनरल कम्पार्टमेंट में घुसे, क्राउड के पुस करने से हम अलग हुए और कुछ देर बाद जब ट्रेन स्टार्ट हुई राहुल को मैंने कुछ कदम दूर खड़ा देखा।

मैं पाँच या छह आदमियो के बीच थी।
कम्पार्टमेंट पूरा क्रेंप्ड था इसलिए वो मुझ से दबे हुए थे।
मैंने भी बिना सोचे स्लीवलेस ड्रेस पहनी थी और अब मेरे बड़े बदन को छूने का मौका मिल रहा था उन आदमियो को,

मैंने उन्हे इग्नोर किया और बस सफ़र के एंड का इंतज़ार करने लगी।

कुछ देर बाद मैंने कुछ फील किया… मेरे बैक पर किसी ने अपना हाथ रख दिया था। कुछ देर में वो हाथ मेरे वेस्ट के नीचे गया।
मैं उसे पलट कर थप्पड़ मारना चाहती थी लेकिन मैं जानती थी कि लोकल ट्रेन में ऐसा सीन क्रियेट करना मेरे लिए भी डेंजरस साबित हो सकता है इसलिए मैं चुप रही।

मैंने मुड़ के देखा तो जाना की यह कोई कॉलेज स्टूडेंट था मेरे मुड़ने से उसने हाथ हटा दिया।

लेकिन फिर पाँच मिनट बाद उसका हाथ मेरे वेस्ट पर आया.

मैंने जस्ट नॉर्मल कमीज़ पहनी थी जिस कारण वो मेरे फ्लेशी बदन को फील कर पा रहा था.

अचानक उसने मुझे वहाँ स्क्वीज़ किया। उसने हद पार कर दी थी लेकिन मैंने कुछ नही किया.

मैं अंदर से घबराई हुई थी लेकिन पता नही क्यूँ एक एक्साइटमेंट भी था उसमें।

उस लड़के ने फिर मुझे स्क्वीज़ किया और अपनी उंगली से वहाँ मुझे सहलाने लगा।

भीड़ इतनी थी कि नीचे क्या हो रहा है सिर्फ़ मुझे और उस लड़के को पता था।

उस लड़के ने कुछ देर तक अपनी उंगली से मुझे वहाँ छेड़ा और मैं आँख बंद करके थोडा मज़ा लेने लगी।

फिर थोड़ी देर उसने अपना हाथ मेरे अपर से हटाया और कुछ नही किया।

मुझे लगा की फाइनली छुटकारा मिला लेकिन ग़लत थी. कुछ देर के साइलेन्स के बाद वो मेरे और करीब आया और उसका स्टमक मेरे बैक पर था।
उसने अपनी बॉडी मेरे बैक पर प्रेस कर दी।
अब मैं उसे कंप्लीट्ली फील कर रही थी।

फिर उसने अपनी बॉडी से मेरे बॉडी को रगड़ना शुरू किया।

उसका फ्रंट मेरे बैक को रब कर रहा था। यह कुछ ज़्यादा हो गया इसलिए मैं पलटी और उसे फेस किया।

वो डर गया और उसने मुँह फेर लिया। मैंने उसे एक वॉर्निंग लुक देकर छोड़ दिया।

मुझे टेन्स्ड देखकर राहुल ने मेरी ओर बढ़ने की कोशिश की लेकिन कुछ लोगों ने उसे रोक दिया…मैं फिर उसकी ओर बढ़ी।

अब उन लोगों को कोई प्राब्लम नही थी क्यूंकि मेरी सेक्सी बॉडी उन्हे क्लोजली छू कर जा रही थी।

उनके हाथ मेरे बड़े स्किन को छूने लगे और मैं जल्दी से राहुल तक पंहुच गयी।

उसने मुझे एक स्माइल दे कर अपनी ओर खींचा।

हम दोनो एक दूसरे एक करीब खड़े थे और सब हमें ही देख रहे थे।

ट्रेन एक स्टॉप पर रुकी और कुछ और लोग अंदर आए, उस धक्का मुक्की में मुझे किसी ने पुश किया और मेरा सीना राहुल के चेस्ट पर क्रश हुआ, राहुल ने स्माइल करके कहाँ कि तुम्हारे उस सॉफ्ट टच को मैं अभी तक नही भूला।

मैंने कहाँ धीरे बोलो…कोई सुन लेगा।

राहुल ने कहा कि उसे कोई फ़र्क नही पड़ता।

उसके हाथ मेरे वेस्ट पर थे और वो मुझे वहाँ सहलाने लगा, उसके हार्ड मॅन्ली हाथ मेरे बदन को उस तीन टॉप के ऊपर से छू रहे थे और मैं अपनी आँखे बंद करके उसे फील कर रही थी.

अचानक उसने मेरे टॉप के अंदर हाथ डालने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे रोक दिया।

मैंने उसे कहा कि यह सब बाद में करना।

उसने रिप्लाई किया कि यह तो कुछ भी नही… वो मुझे किस भी कर सकता है।

मैंने उसे मज़ाक में लिया।

लेकिन ट्रेन जब नेक्स्ट स्टॉप में रुकी और सब तेज़ी से उतरने लगे राहुल ने मुझे एक स्विफ्ट्ली चूमा और पीछे हट गया।

लकिली किसी ने देखा नही और मैंने उसे प्लेफुली मारा, उसके किस करने से मेरे हाथो पर एक टिंगलिंग सेन्सेशन रह गया जिस कारण मैं विश करने लगी कि हम जल्दी उतऱ जायें ताकि मैं उसके हाथो का भरपूर आनंद ले सकूँ,

तो जानू, इस तरह दो मर्दो ने लोकल ट्रेन में मेरे साथ मज़ा किया, तुम कभी किसी लड़की को ऐसे मत छेड़ना…
जूते पड़ेंगे… हा हा!
गुड बाय… मुआह….

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