चूत एक पहेली -65

(Chut Ek Paheli- Part 65)

पिंकी सेन 2016-02-13 Comments

This story is part of a series:

अब तक आपने पढ़ा..

सन्नी- अच्छा.. तुम्हें शर्म आती है.. और तुमने कुछ नहीं देखा.. ये बातें किसी और को बताना.. तुमने दोनों की चुदाई बड़े आराम से देखी है और शायद मज़ा भी लिया है।
निधि- नहीं नहीं.. बाबूजी ये गलत है.. मैंने कुछ नहीं देखा और ये चुदाई क्या होती है.. मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं है।

निधि एकदम अनजान बनने की नाकाम कोशिश कर रही थी.. मगर सन्नी जैसे चालाक आदमी से वो जीत थोड़े ही सकती थी। वो ठहरा एक नंबर का कमीना आदमी.. उसकी आँखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी। निधि की बात सुनकर उसने निधि का हाथ पकड़ा सीधे उसके मम्मों पर हाथ रख दिया।

अब आगे..

सन्नी- अच्छा अगर तुम कुछ नहीं जानती.. तो तुम्हारी धड़कन इतनी तेज कैसे चल रही है।
निधि- बाबूजी आप ये क्या कर रहे हो.. अपना हाथ हटाओ यहाँ से.. मुझे अजीब सा लग रहा है।
सन्नी- ओ लड़की.. अब ज़्यादा नाटक मत कर.. सही-सही बता दे.. नहीं अभी का अभी धक्के मार कर यहाँ से निकाल दूँगा सबको..

सन्नी का गुस्सा देख कर निधि डर गई और तोते की तरह एक ही बार में सारी दास्तान उसको सुना दी।
सन्नी- वाह.. ये हुई ना बात.. अच्छा तुझे वो सब देख कर मज़ा आया ना..
निधि ने शर्माते हुए ‘हाँ’ में सर हिला दिया.. तो सन्नी का हौसला और ज़्यादा बढ़ गया।
सन्नी- अच्छा.. मेरे पास बैठ सिर्फ़ देखकर ही मज़ा लेगी क्या.. कभी खुद भी करके देख.. दुगुना मज़ा मिलेगा तुझे..

निधि ने शर्माते हुए कहा- मुझे ये मज़ा बहुत अच्छा लगता है.. मैंने बहुत बार मज़ा लिया है..
सन्नी- अरे तेरी की.. साली दिखने में तो तू छोटी सी बच्ची लगती है.. और लण्ड खा चुकी है.. तब तो ठीक है.. मैं तो सोच रहा था मेरा लौड़ा तू कैसे ले पाएगी। चल आज नए लौड़े का सवाद चख कर देख.. कितना मज़ा मिलेगा तुझे..

निधि- कैसी बात करते हो बाबूजी.. भाभी बाहर हैं और कुछ देर में अर्जुन भी आता ही होगा।
सन्नी- अरे भाभी तो चुदवा कर मज़ा ले चुकी है.. उसकी परवाह तू मत कर.. और अर्जुन का बंदोबस्त भी मैं कर दूँगा। वो इतनी जल्दी आने वाला नहीं है।

इतना कहने के साथ ही सन्नी ने निधि को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके नर्म होंठों को चूसने लगा।
निधि तो पहले से ही फुल गर्म थी.. वो सन्नी का विरोध कैसे करती। उसने अपने आपको ढीला छोड़ दिया और सन्नी का साथ देने लगी।

उधर बाहर भाभी को अहसास हुआ कि निधि सामान दिखाने गई थी.. कितनी देर हो गई.. अब तक आई क्यों नहीं.. तो उसने बिहारी से कहा- आपके दोस्त को गए बहुत देर हो गई है।
बिहारी- आप काहे चिंता करती हैं हमार दोस्त अच्छे से सब सामान देख रहा होगा.. हम बैठा हूँ ना यहाँ आपके पास.. हमसे बतियाय लो।

भाभी को शक हुआ कि कहीं वो निधि के साथ कुछ कर ना ले.. मगर फिर उसने सोचा वो कौन सी कुँवारी है.. अगर करता है तो करे.. उसको तो बिहारी ने सुकून दे ही दिया है।

दो मिनट के लंबे किस के बाद सन्नी अलग हुआ और निधि को बिस्तर पर उठा कर पटक दिया।
निधि- बाबूजी आप तो बहुत बेसबरे हो.. पहले भाभी और अर्जुन को तो देख लो..
सन्नी- तू बस दो मिनट रुक.. मैं अभी उनका इंतजाम करके आता हूँ।

सन्नी बाहर गया तो भाभी बस उसको देखने लगी और बिहारी जल्दी से उठकर सन्नी के पास गया। सन्नी ने बिहारी को समझा दिया कि उसको क्या करना है।

बिहारी के चेहरे पर चमक आ गई.. उसने कहा- तुम मज़ा करो बाकी मैं संभाल लूँगा।
सन्नी वापस अन्दर चला गया और बिहारी भाभी के पास आकर बैठ गया।
भाभी- क्या हुआ बिहारी जी.. क्या कहा आपके दोस्त ने आपसे?

बिहारी- तनिक सब्र तो करो मेरी जान.. बता दूँगा पहले एक फुनवा तो कर लूँ.. नहीं तो तोहार लाड़ला देवर वहाँ से खाना लेकर निकल जाएगा।

बिहारी ने एक फ़ोन किया और कहा- एक लड़का खाना लेने आएगा.. उसके नाम से उसको आराम से बैठा के रखना.. कम से कम आधा घंटा बाद ही उसको उसकी पसन्द का खाना देना.. समझ गए?

भाभी- यह अपने क्या किया.. अर्जुन को क्यों रोक दिया वहाँ?
बिहारी- इतनी भी भोली ना बनो मेरी जान.. हमार दोस्त का दिल तोहार ननदिया पर आ गया है। अब ऊ उसको चुदाई का खेल सिखाएगा।
भाभी- ये क्या बोल रहे हो आप.. वो अभी छोटी है.. भगवान के लिए ऐसा मत करो.. कहीं कुछ हो गया तो?

बिहारी हँसने लगा और भाभी के बाल पकड़ कर ज़ोर से खींच दिए।
बिहारी- अरे मेरी जान.. ऊ कोई नया खिलाड़ी नहीं है.. जो कछु हो जाएगा.. ऊ तो बहुत बड़ा खिलाड़ी है चूतों का.. अब ज़्यादा नाटक मत कर.. वो अन्दर मज़ा ले.. तब तक मेरा लौड़ा चूस कर मज़ा दे हमको.. ले चूस हमार लवड़ा..

भाभी ने थोड़ी देर ज़िद बहस की.. उसके बाद मान गई।
वैसे भी उसके मन में ये बात आई कि अर्जुन का लौड़ा जब निधि खा गई.. तो यह शहरी छोकरा उसका क्या बिगाड़ देगा। बस यही सोचकर वो बिहारी के लण्ड को चूसने लगी।

उधर सन्नी वापस अन्दर गया.. तो निधि बिस्तर पर बैठी हुई उसका इन्तजार कर रही थी, वो पहले ही गर्म थी और कुछ उसको सन्नी ने गर्म कर दिया था।

निधि- क्या हुआ बाबूजी.. कहाँ गए थे आप.. और भाभी कहाँ है?
सन्नी- अरे मेरी रानी.. सब ठीक हो गया। तेरा वो अर्जुन अब देरी से आएगा और तेरी भाभी तो शुरू हो गई बिहारी के साथ.. अब बस में तेरी चूत का मज़ा लूँगा। उफ़फ्फ़ साली तेरी चूत के बारे में सोच कर ही मेरा लौड़ा फनफ़ना गया।

निधि के गाल शर्म से लाल हो गए थे। वो मुस्कुराने लगी.. तो सन्नी उसके पास गया और उसको चूमने लगा।
कुछ ही देर में उसने निधि को नंगी कर दिया और उसके कच्चे अनारों को चूसने लगा। उसको निधि के मम्मों चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर उसने निधि की चूत को देखा.. तो देखता रह गया। बिना बालों की फूली हुई चूत.. उसके सामने थी। वो बस बैठाहाशा उसको चाटने लगा।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
निधि- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. बाबूजी.. मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ज़ोर से चाटो.. आह्ह.. आज ये बहुत तड़प रही है.. आह्ह.. इसको ठंडा कर दो आह्ह.. उफ़फ्फ़..
सन्नी- मेरी जान.. तेरे में तो बहुत गर्मी है.. आज कस के शॉट लगाऊँगा.. तो सारी गर्मी निकाल दूँगा तेरी मैं.. बाद में ना कहना दु:खता है.. निकाल लो..

निधि- मैंने जिस लौड़े से शुरुआत की है ना.. उससे बड़ा तो होगा नहीं आपका लौड़ा.. तो मुझे डर किस बात का?
सन्नी- मेरा लौड़ा देखेगी.. तो अपने यार का लौड़ा भूल जाएगी। लड़कियाँ देख कर डर जाती हैं समझी?
निधि- अच्छा ऐसी बात है.. तो दिखाओ..

सन्नी ने पैन्ट निकाल दी.. साथ में अंडरवियर भी हटा दी। उसका 8″ का लौड़ा फुंफकारता हुआ बाहर आ गया।
निधि- वाह.. बाबूजी.. ये तो बहुत अच्छा है.. मज़ा आ जाएगा.. मगर एक बात कहूँ.. मेरे वाले से छोटा है..

यह बात सुनकर सन्नी हैरान हो गया.. इत्ती सी छोकरी.. उसके लौड़े को छोटा बता रही है.. इसने किसका लौड़ा ले लिया.. जो उससे भी बड़ा होगा..
निधि- क्या सोचने लगे बाबूजी.. अपने लौड़े को मुझे चूसने नहीं दोगे क्या?
सन्नी- साली.. तू दिखती छोटी है.. मगर चुदक्कड़ बहुत बड़ी है.. पता नहीं किसने तेरी चूत को खोला होगा। साला जरूर कोई दमदार बंदा ही होगा.. जिसका मेरे से भी बड़ा है..

निधि बस मुस्कुरा के रह गई और जल्दी से सन्नी के लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी।
सन्नी- आह्ह.. साली.. मज़ा आ गया.. चूस और.. ले अन्दर.. आज तेरी चूत को इसका स्वाद भी चखा दूँगा.. आह्ह.. पहले तू इसका स्वाद ले ले..

निधि मज़े से लौड़े को चूसे जा रही थी और सन्नी उसके मुँह में झटके दे रहा था।
कुछ देर बाद सन्नी ने लौड़ा उसके मुँह से निकाल लिया और उसको नीचे लेटा कर उसके पैर मोड़ दिए।

सन्नी- वाहह.. मेरी जान बहुत मस्त चूसती है तू लौड़ा.. अब मेरी बारी है तेरी चूत को ठंडी करने की.. अब तेरी चूत में लौड़ा जाएगा.. तभी मज़ा डबल होगा।
इतना कहकर सन्नी ने लौड़े को चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मार दिया पूरा 8″ का लौड़ा सरसराता हुआ चूत में समा गया।

निधि- आइई.. रे.. मर गई रे.. बाबूजी.. एक साथ ही घुसा दिया.. आह्ह.. आराम से करते ना.. आह्ह..
सन्नी- क्यों साली.. तू तो इससे भी बड़ा लौड़ा खा चुकी है.. तो दर्द कैसा?
निधि- ऐसे एक साथ घुसाओगे तो दर्द होगा ही ना.. अब नहीं हो रहा.. चोदो आह्ह.. जल्दी-जल्दी से मुझे चोदो.. मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है।
सन्नी- अभी ले मेरी जान.. हावड़ा मेल अब तैयार है चलने के लिए..

इतना कहकर सन्नी स्पीड से निधि की ठुकाई करने लग गया, वो 10 मिनट तक उसकी ज़बरदस्त चुदाई करता रहा।
निधि- आ..आह्ह.. बाबूजी.. आह्ह.. मेरा रस निकल रहा है.. उई ज़ोर से करो.. आह्ह.. निकल गया.. आह्ह.. आह..
निधि गाण्ड को उठा कर झड़ने लगी।

सन्नी ने भी स्पीड कम कर दी, वो उसको प्यार से देखने लगा।
जब वो शान्त हो गई.. तो सन्नी ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।
सन्नी- तेरी चूत तो कमाल की है.. चल अब जल्दी से घोड़ी बन जा.. थोड़ा सवाद मेरे लण्ड को तेरी गाण्ड का भी चखने दे।

निधि को पता था.. सन्नी ऐसे जल्दबाज़ी क्यों कर रहा है.. ये वक्त और जगह ही ऐसी थी। उसने बिना कुछ कहे सन्नी की बात मान ली और घोड़ी बन गई।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।

कहानी जारी है।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top