दोस्त की बहनों को पटा कर चोदा- 3

(Chut Chut Chut Kahani)

चूत चूत चूत कहानी में मुझे एक के बाद एक चार चूतें मिली. उनमें से 3 तो मेरे दोस्त की सगी बहनें थी. और चौथी उनमें से एक की देवरानी थी.

फ्रेंड्स, मैं अपने दोस्त की बहनों की चुदाई की कहानी के अगले भाग के साथ एक बार पुन: हाजिर हूँ.

कहानी के पिछले भाग
दोस्त की बहन की चूत मारी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मोनू दीदी की चुदाई करने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया था और हम दोनों अलग होकर लंबी लंबी सांसें लेने लगे थे.

अब आगे चूत चूत चूत कहानी:

कुछ देर बाद हमारी फिर से चुदाई शुरू हुई.
इस तरह से उस रात हमने दो बार चुदाई की और एक दूसरे के बांहों में ही सो गए.

अगले दिन सुबा मोनू दीदी फिर से मुझे किस किए जा रही थीं.
मैं गहरी नींद से जागा.

दीदी ने मेरे होंठों को किस करते हुए कहा- उठो मेरी जान, बहुत देर हो गई. दस बज रहे हैं. हमें काम पूरा करके मॉम के घर भी जाना है.

मैंने उन्हें अपने ऊपर खींचते हुए कहा- तो सिर्फ़ दो गाँव ही बाकी हैं दीदी … यह काम अब एक दो घंटे में पूरा हो जाएगा और हम घर पहुँच जाएँगे. ज्यादा जल्दी करने की जरूरत क्या है? मैं तो आपको अभी और प्यार करना चाहता हूँ.

दीदी ने कहा- ओके, पहले फ्रेश हो जाते हैं, फिर जितना चाहो प्यार कर लेना. मैं तुम्हारी ही हूँ.
उन्होंने मुझे फिर से किस कर दी.

हम दोनों अभी भी नंगे ही थे.
वे वॉशरूम में चली गईं और मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया.

जब तक वे टाय्लेट से फ्री होतीं, मैंने ब्रश किया और नहा लिया.

जब तक मैं नहा रहा था.
उन्होंने भी ब्रश किया और नहाने में मेरे साथ आ गईं.

अब हम दोनों शॉवर के नीचे थे और हम दोनों के ऊपर पानी की बूंदें बरस रही थीं.
हम लोग फिर से स्मूच करने लगे और मैं आगे बढ़ता हुआ उनके दूध चूसने लगा.

मुझे दीदी के बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे.
उनके मम्मों पर पानी गिरते हुए निप्पल के जरिए मेरे मुँह में आ रहा था.

ऐसा लग रहा था जैसे दीदी के मम्मों से दूध निकल कर मेरे मुँह में आ रहा हो.
उन्होंने मेरे कान में सरसराते हुए कहा- बेडरूम में चलो.

यह कह कर दीदी ने शॉवर बंद कर दिया और मैं उन्हें गोदी में उठा कर बेडरूम में ले गया.

उधर उन्होंने नीचे उतर कर मुझे अपने बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और मेरा लंड चूसने लगीं.
हम दोनों ने कुछ ही देर में फिर से चुदाई शुरू कर दी.

चुदाई के बाद दीदी ने होटल से खाना ऑर्डर किया.
खाना आने तक हम लोग प्यार करते रहे.

हम दोनों ने लंच किया और फिर से एक बार और चुदाई करके अपने काम के लिए निकल पड़े.

रास्ते में जहां भी हमें अवसर मिलता, हम लोग किसिंग करते, प्यार करते और इसी तरह से हम लोग घर लौट आए.

इस तरह से अब तक में दो बहनों को चोद चुका था.

जैसे ही हम दोनों घर पहुंचे.
उन्होंने मां से कहा कि अब से शादी होने तक ये भी हमारे घर में ही रहेगा. बहुत से काम हैं, तो ये हमें मदद कर देगा.
यह कह दीदी ने मुझे आंख मार दी.

अब मुझे नेहा को चोदना था, जो मैंने दीदी को बता दिया था.
वे बोलीं- यह तुम पर है कि तुम उसे कैसे मनाते हो.

उसी दिन शाम में मैंने नेहा से बात की तो उसने कहा- मैं कुछ प्लान बनाती हूँ.

उसने दूसरे दिन अपनी मां से बात की कि उसे घर से कपड़े लेने हैं और कुछ सामान भी समेटना है, इसलिए वह मुझे साथ ले जाना चाहती है.
उसकी मां ने कहा- जल्दी से सब काम निपटा कर आ जाना.

ये बात जैसे ही मोनू दीदी ने सुनी, वे मुझे देखने लगीं.

मैंने उन्हें आंख मारी, तो वे मुस्कुरा दीं.

कुछ देर बाद जब दीदी अकेली मिलीं, तो मुझसे बोलीं- तुम बहुत तेज हो … आज तुम इसकी भी लोगे!
तो मैंने कहा- डरो नहीं दीदी, आपकी प्यारी बहन को मैं बहुत प्यार से चोदूंगा.

यह कह कर मैंने उन्हें किस किया और उनका एक दूध दबा कर आगे बढ़ गया.

शाम के 4 बजे में नेहा को उसके घर ले जाने लगा.
उस समय नेहा ने ब्लू कलर का पंजाबी ड्रेस पहनी थी, हल्का सा मेकअप भी किया था जिसमें वह गजब की माल लग रही थी.

मैंने बाइक चलाते हुए उससे कहा- क्यों तड़फा रही हो जान!
उसने कहा- तड़फ तो मैं भी रही हूँ. तुम सामने होकर भी नहीं मिल सके. तभी तो आज मैंने ये प्लान बनाया. देखो आज मैं तुम्हारी हूँ. तुम जैसे चाहो मुझसे प्यार करो.

फिर जैसे ही उसके घर पहुंचे.
तुरंत घर के अन्दर जाकर दरवाजा बंद कर दिया.

मैंने वहीं दरवाज़े पर नेहा को दबोच लिया और उसको किस करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा.
वह भी मुझे जम कर चूस चूम रही थी.

उसने कहा- चलो बेडरूम में चलते हैं.

मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसे वहीं सोफे पर पटक दिया, उसके जिस्म से उसके कपड़े उतारने लगा.

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने रूम में ले जाकर बेड पर धकेल दिया.
मेरे बेड पर गिरते ही वह मुझ पर टूट पड़ी, मुझे किस करने लगी और मेरे कपड़े उतारने लगी.

जल्दी ही वह मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
उसके लंड चूसने से मैं भी जोश में आ गया और उसका सूट उतार दिया.

अब वह सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में ही मेरी बांहों में थी.
हम दोनों एक दूसरे को चूसे जा रहे थे.

फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाली.
अब मैं उसके बूब्स चूसने लगा.

वह कहने लगी- आह चूस ले मेरी जान और मुझे संतुष्ट कर दे … मैं बहुत प्यासी हूँ … तू मुझे बस प्यार करता रह!

मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.
अब वह मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.

मैं उसकी चूत में अपनी ज़ुबान डाल कर चूत चूसने लगा.

इससे वह तड़पने लगी ‘एयाया … आहह … हम्म …’

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं उसकी चूत चाट रहा था और वह मेरा लंड चूस रही थी.

अब मैंने उसे फिर से अपने नीचे ले लिया और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया.

उसने लंड को हाथ से पकड़ कर अच्छे से चूत पर सैट करते हुए मुझसे कहा- अब देर ना करो … मुझसे रहा नहीं जाता … जल्दी से डाल दो अन्दर!
मैंने अपना लंड नेहा की चूत में पेल दिया.

‘एयेए … मैं मर गई … आह धीरे धीरे डालो … आआह … आहिस्ता आहिस्ता …’
फिर कुछ देर बाद वह भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.

उसकी चूत में मेरा लंड अन्दर बाहर हो रहा था.
वह मस्ती में कह रही थी- आह … उह … आह मजा आ रहा है.

इसी बीच उसने एक बार अपनी चूत का पानी छोड़ा.
लेकिन मेरा लंड पूरे जोर से अन्दर बाहर हो रहा था.

अब तक दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी.
वह कहने लगी- और कितनी देर तक चोदोगे मेरे राजा … मैं मर जाऊंगी, तुमने तो मुझे थका ही दिया.

अब वह ढीली पड़ने लगी थी लेकिन मैंने अपना काम चालू रखा और धक्के देते गया.

आख़िरकार धक्के देते हुए मैं भी छूटने वाला था.

वह समझ गयी कि मेरा अब छूटने वाला है तो वह गांड उठा कर बोली- अपना माल मेरी चूत के अन्दर ही छोड़ना मेरी जान!
मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.

उसकी चूत मेरे पानी से भर कर बहने लगी.

उसने एक लंबी किस लेते हुए कहा- आज पहली बार मैं इस तरह से चुदी हूँ. पूरा थक गई हूँ.

चुदाई के बाद हम दोनों फ्रेश हुए.
उसने कहा- तुम कुछ देर आराम करो, मैं ऊपर वाली फ्लोर से अपनी देवरानी से मिल कर आती हूँ.

वह बाहर चली गयी और मैंने मोनू दी को कॉल करके बता दिया- आपकी बहन आप से भी ज्यादा पॉवरफ़ुल है दीदी.
मैंने उन्हें सारी चुदाई तफ़सील से बता दी.

वे कहने लगीं- अब तो तुम्हारी लॉटरी लगी है. उसकी देवरानी भी बहुत सेक्सी है और चुदक्कड़ भी है. मुझे लगता है आज तुम्हारा उसके ऊपर भी चढ़ने का चान्स बनेगा.
मैंने हंस कर कहा- देखता हूँ.

कुछ देर बाद नेहा वापस आई और मुझसे कहने लगी- आज डिनर करने होटल चलेंगे. क्योंकि साइमा भाभी (नेहा की देवरानी) भी आज ही आई हैं.
वे अपने पीहर से अपने बेटे की छुट्टियां बिताने गयी थीं.

जब वे वापस आईं तो अकेली ही आई थीं क्योंकि उनके भी फ्लैट की सफाई करवानी थी.
फ्लैट की सफाई का काम अभी खत्म हुआ था इसी वजह से उन्होंने डिनर नहीं बनाया.

अब जब हम होटल के लिए बाइक से निकले तो मेरे पीछे नेहा बैठी. उसके पीछे साइमा भाभी बैठ गईं.
हम लोगों ने होटल में डिनर किया और उसके बाद हम सभी बीच पर घूमने चले गए.

उस वक्त रात के 9 बजे थे लेकिन जब हम बीच पर जाने लगे तो नेहा ने साइमा भाभी को मेरे पीछे बिठाया.
नेहा साइमा भाभी के पीछे बैठ गयी.

जैसे ही साइमा भाभी मेरे पीछे बैठीं तो मुझे झटका सा लगा क्योंकि उनके सॉफ्ट बूब्स मेरे पीठ से चिपक गए थे.
इसी से मेरे अन्दर का मर्द जागने लगा.

कुछ तो मोनू दीदी ने साइमा भाभी के चुदक्कड़ होने का कह दिया था.
सच में मस्त बूब्स थे उनके!

फिर हम तीनों बीच आए तो मैंने भाभी पर नजर डाली और उनके फिगर को आंखों से चोदने लगा.

वे एक दिलकश जिस्म वाली लड़की लग रही थीं, जिनका फिगर 36-30-38 का रहा होगा.

जब मैं उन्हें देख रहा था, तब उन्हें देखते हुए नेहा ने मुझे देख लिया और एक स्माइल पास की.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.

हम लोग घर लौटे तो साइमा भाभी ने कहा- चलो कुछ देर मेरे फ्लैट में चल कर डांस करते हैं. इससे खाना पच जाएगा. फिर सोने का देख लेंगे.
मैं नेहा के साथ भाभी के फ्लैट में गए, जो बहुत ही मस्त सजा हुआ था.

उन्होंने अपने हॉल में लगा होम थियेटर चालू किया.
उसमें मर्डर मूवी का गाना चल रहा था.

वे दोनों डांस किए जा रही थीं.
मैं साइमा भाभी के मादक मम्मों और उनकी थिरकती हुई गांड पर नजरें जमाए बैठा था.

अचानक से नेहा के पति का कॉल आया और वह दूसरे रूम में जाने लगी.
उसने मुझे साइमा भाभी को कंपनी देने को कहा और साइमा भाभी आगे बढ़ कर मेरा हाथ थामती हुई मुझे अपने साथ डांस करने को कहने लगीं.

वे मुझसे चिपक चिपक कर डांस कर रही थीं.
उनके हाथ मेरे जिस्म पर ऐसे दौड़ रहे थे, जैसे मल्लिका और इमरान हाशमी का रोमान्स चल रहा हो.

तभी उन्होंने मेरी टी-शर्ट निकाल कर फेंक दी और मेरे सीने पर किस करने लगीं.
उसी वक़्त मैंने उन्हें वहीं दीवार पर टिका कर दबोच लिया.
बिल्कुल ऐसे जैसे मर्डर फिल्म में इमरान हाशमी मल्लिका को दबोच लेता है.

हमारी लंबी किसिंग शुरू हुई.
हम दोनों एक दूसरे को जम कर किस किए जा रहे थे.

तब मैं साइमा भाभी को उठा कर बेडरूम में ले गया और हम दोनों भरपूर किस करने लगे.

हम दोनों एक दूसरे को काफी देर तक प्यार करते रहे.
मैंने उनके बूब्स भी खूब दबाए.

भाभी के बूब्स ख़ासे बड़े थे.
मैं उन्हें मस्ती से मसल रहा था और उनके मज़े लूट रहा था.

भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं.
फिर धीरे धीरे हम एक दूसरे के जिस्म से कपड़े उतारने लगे.

उन्होंने मेरे जिस्म पर सिर्फ़ अंडरवियर ही बाकी रखा था.
मैंने भी उन्हें सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में छोड़ा.
उन्होंने सेक्सी ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.

वे उस गोल्डन रंग की ब्रा पैंटी में क़यामत ढा रही थीं.
मैं उन्हें ऊपर से नीचे तक चूम चाट रहा था.

वे भी मुझ पर ऐसी टूट पड़ी थीं, मानो वे जन्म जन्म की प्यासी हों.
कुछ देर बाद भाभी ने मेरी अंडरवियर उतार दी और मेरे लंड को चूसने लगीं.

वे लंड को ऐसे चूस रही थीं जैसे गन्ना चूस रही हों.
कुछ देर के बाद मैंने अपना सारा माल भाभी के मुँह में ही छोड़ दिया.
वे लंड रस को पी गईं और मेरे लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया.

मैंने भाभी की चूत हाथ फेरा और उनकी चूत को सहलाने लगा.
कुछ देर चूत चाटने के बाद भाभी चुदने के मचलने लगीं.

मेरा लंड भी एकदम से खड़ा हो गया था.
मैं भी भाभी को चोदने के लिए तैयार था.

मैंने अपने लंड को भाभी की चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दे दिया.
वे एकदम से तड़फ उठीं ‘आआ हह … दर्द हो रहा है …’

मुझे ऐसा लगा मानो वे आज पहली बार कोई लंड अपनी चूत में ले रही हों.
उन्हें बहुत तक़लीफ़ होने लगी.

वे कहने लगीं- मुझे नहीं चुदवाना … लंड निकालो … बहुत दर्द हो रहा है … आआह.
मैंने थोड़ा सा लंड बाहर निकाला और वापस कुछ देर बाद उन्हें चोदना शुरू कर दिया.

वे तड़फती रहीं मगर मैं उन्हें चोदता रहा.
काफी धक्के मारने के बाद भाभी को भी मज़ा आने लगा और वे भी मेरा साथ देने लगीं.

मैं लगातार धक्के मारता जा रहा था और वे चिल्लाती हुई मज़े ले रही थीं ‘आआह … एयाया चूत चूत चूत … स्स्स म्म्म्म म … उउह …’

हमारी चुदाई चल ही रही थी कि तभी नेहा ने भी हमें जॉइन किया और हम लोगों ने थ्री-सम सेक्स किया.

मैंने उन दोनों की एक साथ में चुदाई की.
चुदाई के बाद हम तीनों एक दूसरे की बांहों में सो गए.

अगले दिन हम लोग नेहा की मां के घर आ गए.
बाद में दोस्त की शादी के दौरान उसकी बहनों ने जब चाहा, मुझसे चुदवाया.

इस तरह से मुझ पर चूत का भूत सवार हुआ था.
मेरे नसीब में अब धड़ाधड़ चूत मिलने लगी.

मैं कई बार नेहा के फ्लैट पर जाता. कभी साइमा भाभी को तो कभी नेहा को चोद लेता.
कभी दिल करता तो असमा को चोद लेता और कभी मोनू दीदी की चुदाई कर लेता.

बाद में तो मुझे दोस्त की दूसरी वाइफ भी बोनस के तौर पर मिली.
उसकी सेक्स कहानी बाद में सुनाऊंगा.

तो दोस्तो, मेरी चूत चूत चूत कहानी आपको कैसी लगी. प्लीज मुझे अपना फीडबक जरूर दें.
[email protected]

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