चूत चुदाई की मस्ती रात भर बस में
(Chut Chudai Ki Masti Rat Bhar Bas Me)
दोस्तो.. मैंने अन्तर्वासना की सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। आज मैं भी आपको अपनी सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ।
मैं अपना नाम तो नहीं बताऊँगा.. बस आप मुझे लेडी लवर के नाम जान सकते हो.. मैंने कई लड़कियों के साथ सम्भोग किया है। मुझे सेक्स करना अच्छा लगता लगता है।
बात उन दिनों की है.. जब मैं रायपुर के एक कॉलेज में पढ़ता था.. एक एग्जाम के कारण मुझे नागपुर जाना पड़ा।
मैंने नागपुर के लिए महिंद्रा ट्रेवल की बस ली.. रात को ग्यारह बजे मेरी बस रायपुर से निकली.. मैं बस स्टैंड से बस में बैठा था। जल्दबाज़ी की वजह से मुझे ऊपर वाली बर्थ मिली.. जो 2 लोगों के लिए थी।
आराम से नींद आ जाए.. ये सोचकर मैंने एक पैग चढ़ा लिया था.. जैसे ही बस घड़ी चौक के पास पहुँची.. मेरी बर्थ पर एक लड़की आकर चढ़ी। क्या मस्त माल थी वो.. लगभग 24-25 साल की रही होगी.. मस्त फिगर.. बड़े-बड़े चूचे.. क्या मस्त उठी हुई गांड थी उसकी.. मतलब आप यूं समझ लीजिए कि किसी का भी उसे देखते ही लौड़ा खड़ा हो जाए।
मेरी तो निकल पड़ी थी.. मैंने सोचा अगर आज इसे चोदने का मौका मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए…
थोड़ी देर में हमारी बस रायपुर से बाहर निकल आई थी.. वो अपना चादर लेकर आई थी.. शायद उसे पता चल गया था कि मैंने शराब पी हुई है.. मैं उससे बात करने की थोड़ी देर तक हिम्मत जुटाता रहा था.. फिर मैंने हिम्मत जुटा कर उससे कहा- आपको सोने में कोई तकलीफ तो नहीं हो रही है?
उसने कहा- नहीं..
तब फिर मैंने कहा- मेरी वजह से अगर कोई प्रॉब्लम हो.. तो बता देना..
उसने ‘हुउऊहह..’ कर दिया… बस की लाइटें अब बंद हो गई थीं… मेरी बॉडी उसकी बॉडी को टच कर रही थी। मेरा तो लौड़ा खड़ा हो रहा था।
मैंने उससे पूछा- क्या आप भी एग्जाम देने जा रही हो?
उसने ‘हाँ’ में सर हिला दिया।
फिर हम लोगों ने एक-दूसरे का परिचय लिया.. उसने अपना नाम बताया.. पर मैं वो सब यहाँ नहीं बता सकता..
हमारी बस अब भिलाई के आस-पास रही होगी.. उसने बताया कि वो भोपाल की है यहाँ एनआईटी में पढ़ती है..
मैंने हिम्मत उससे पूछा- कोई बॉयफ्रेंड है.. कि नहीं?
तो हँसने लगी और बोली- नहीं है..
फिर उसने मुझसे पूछा.. तो मैंने भी नहीं कहा।
हालांकि मेरी तो कई जुगाड़ें हैं.. पर मैंने बताया नहीं..
अचानक मेरे मुँह से निकाल गया कि क्या आज रात के लिए मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी..?
ये सुन कर वो भड़क गई.. मैं तो एकदम डर गया। थोड़ी देर बाद मैंने उससे ‘सॉरी’ बोला और कहा- तुम हो ही सुन्दर कि कोई भी तुम्हारा बॉयफ्रेंड बनना चाहेगा।
तब वो मुस्कुरा दी.. उसने फिर सर हिला कर हामी भरी.. मैंने उससे कहा- अगर हम बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड हैं.. तो वो करते हैं जो एक बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड मिलने पर करते हैं।
उसने इठला कर कहा- क्या करते हैं?
मैंने बस में हमारी बर्थ के परदे ठीक किए.. सब लोग सो रहे थे..
उसने कहा- बताओ न क्या करते हैं?
तब मैंने उसे पकड़ कर एक जोरदार किस किया.. उसके होंठ एकदम मुलायम थे.. एकदम रुई की तरह.. वो भी मेरा साथ देने लगी। तब मैंने उसको एक झटके में अपने ऊपर कर लिया.. उसके चूचे मेरे सीने से टिक गए थे।
मुझे तो एकदम जन्नत के जैसा एहसास हो रहा था। मैंने उसको गर्दन पर किस किया.. तो वो एकदम से सिहर सी गई.. मुझे लग रहा था कि वो भी चुदासी हो रही है..
मैंने उसको किस करते हुए अपने दोनों हाथ उसकी चूतड़ों पर रख कर जोर-जोर से दबाने लगा।
अब मैंने अपना हाथ उसके चूचों पर रख दिया और दबाने लगा.. एकदम कसाव से भरे हुए चूचे थे उसके… वो गर्म हो रही थी।
मैंने मौका देखा और उसका हाथ अपने लौड़े पर लगा दिया.. वो मेरे लौड़े के साथ खेलने लगी..
अब मैंने कहा- मुझे कुछ करना है।
तो उसने मुझसे कसते हुए कहा- मेरे राजा.. जो करना है.. कर डालो आज के लिए मैं पूरी तुम्हारी हूँ..
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और सलवार को उतार दिया। उसकी चादर हमारे ऊपर थी..
मैं उसकी चूत की तरफ मुड़ा और उसकी चूत को चाटने लगा.. मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है। वो सिसकारने लगी.. उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
करीब दस मिनट तक एक-दूसरे के सामान को चूसने के बाद हम दोनों झड़ गए..
उसने मुझसे कहा- ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला.. क्या चुदाई में भी ऐसा मज़ा दे सकते हो?
मैंने कहा- चोदने में तो मैं मास्टर हूँ.. देखना चाहती हो क्या?
उसने कहा- हाँ.. मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली घुसा दी और एक हाथ से उसके चूचों को दबाने लगा और किस भी करने लगा। वो फिर से गरम हो गई.. उसने कहा- अब इंतज़ार नहीं हो रहा है.. चोद डालो मुझे..
मैं उसके ऊपर आ गया और अपना लौड़ा उसकी चूत कि दरार में रख कर धीरे से धक्का मारा… वो एकदम टाईट थी.. फिर एक बार धक्का मारा तो मेरा लौड़ा पूरा चूत के अन्दर चला गया।
उसकी चीख निकलने वाली थी.. मैंने अपने होंठ उसके होंठ से मिला दिया और धक्के लगाने लगा। थोड़ी देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैं भी झड़ने वाला था.. उसने कहा- अन्दर डाल दो.. मैं गोली ले लूँगी.. नहीं तो मेरी चादर ख़राब हो जाएगी..
मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में डाल दिया..
फिर हमने अपने कपड़े ठीक किए और सो गए। रात में मैंने एक बार और उसकी चुदाई की।
नागपुर पहुँच कर हमने एक ही होटल में एक ही कमरा लिया और एग्जाम देने गए.. एग्जाम देकर हम नागपुर घूमे.. रात में फिर बस थी। शाम को होटल जाकर फिर चुदाई की और रात में बस में भी खेल खेला। एग्जाम में सिलेक्शन तो नहीं हुआ.. पर उससे दोस्ती हो गई और हमने कई रातें हसीन की।
अब उसकी शादी हो गई है।
मुझे मेल करें, यह कहानी कैसी लगी, जरूर बताईएगा।
आपका लेडी लवर
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