चूत चुदाई चांदनी रात में जंगल में
अन्तर्वासना डॉट कॉम के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम।
सबसे पहले मैं अपना परिचय आपको देना चाहता हूँ। मेरा नाम सुमित है और मैं पर्वतीय क्षेत्र में रहता हूँ जो रेगिस्तान के कश्मीर के रूप में जाना जाता है।
मैं लम्बे समय से अन्तर्वासना डॉट कॉम का नियमित पाठक हूँ और आने वाली सभी रोचक कथाओं को पढ़ता हूँ। मैं भी मेरी एक मदमस्त करने वाली कहानी आपके समक्ष रख रहा हूँ। जो आपको अच्छी लगेगी। मेरी उम्र 25 वर्ष है यह बात करीब एक वर्ष पुरानी है।
मेरे शहर की सर्द रात का समय था और मैं अपनी बाइक पर सवार होकर झील के किनारे सर्द रातों का लुत्फ़ उठा रहा था और मैंने बाइक को झील के किनारे पर पार्क कर दी तथा झील की मुंडेर पर बैठा था।
रात के करीब 9 बजे एक गुजरात नम्बर की बड़ी सी कार मुझ से कुछ दूरी पर आकर रूकी और उसमे दो खूबसूरत लड़कियाँ नीचे उतरीं। वे बीयर पीने का आनन्द ले रही थीं। वे करीब वहाँ आधे घण्टे तक रूकी रहीं। मैं भी अपनी मस्ती में मस्त होकर सिगरेट पीने का मजा ले रहा था। उन दोनों ने अपनी बीयर खत्म कर दी और वहीं दीवार के किनारे पर बैठ गईं।
उसमें एक लड़की उठ कर मेरे पास आई और कहा- क्या आपके पास दो सिगरेट होगीं?
मैंने थोड़ी देर सोचा और उन्हें सिगरेट दे दी। उस लड़की ने सिगरेट ली और अपने होंठ में दबा कर कहा- आपके पास लाईटर है उससे सिगरेट जला दो प्लीज..
तो मैंने उसे सिगरेट जला कर दी, उसने शुक्रिया कहा और अपनी दोस्त के पास चली गई और बड़े ही मतवाले ढंग से सिगरेट के कश लगा रही थी।
कुछ ही देर बाद वापस मेरे पास आई और मेरा नाम पूछा तो मैंने अपना नाम सुमित बताया।
मैंने कहा- आपका क्या नाम है?
तो उसने कहा- मेरा नाम कोमल है और मैं गुजरात की रहने वाली हूँ।
तो मैंने कहा- आपकी दोस्त का नाम क्या है?
वही मीठे अन्दाज में उसने कहा- रूचि है और वह मेरे साथ पढ़ती है।
तो मैंने कहा- आप क्या करती हैं?
तो जवाब दिया- मैं पढ़ाई करती हूँ।
तो मैंने कहा- आप दोनों अकेले यहाँ पर घूमने आए हो?
तो उसने ‘हाँ’ में जबाब दिया।
हम दोनों के बीच बातों का दौर चलता रहा और हम दोनों कुछ ही पलों में दोस्त बन गए।
कोमल ने कहा- आपके शहर में रात को क्या देखने को मिलेगा?
तो मैंने कहा- हमारे शहर में रात को तो जंगली जानवर ही देखने को मिलते हैं।
कोमल ने कहा- क्या आप हमें जंगली जानवर दिखा सकते हो।
मैंने कुछ देर सोचा और ‘हाँ’ कर दी, फिर मैंने पूछा- आपकी दोस्त भी साथ चलेगी?
तो उसने कहा- हाँ।
मैंने कहा- आप मेरी बाइक के पीछे आओ, मैं बाइक शहर के चौराहे पर पार्क करता हूँ। वहाँ से हम साथ में चलेंगे।
वहाँ बाइक पार्क की और उसने कहा- आप कार चलाना जानते हो?
तो मैंने ‘हाँ’ कर दी और मैंने कार चलाना शुरू कर दिया। शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर जाना था।
मैं अब आप को कोमल के फिगर के बारे में बताता हूँ कोमल 22 साल की थी और एकदम पतली कमर की लड़की थी और उसके स्तन मदमस्त करने वाले थे।
उसने गुलाबी रंग का टॉप और जीन्स पहनी हुई थी। देखने में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी जो मैं बता ही नहीं सकता और रूचि 23 साल की थी और थोड़ी मोटी थी उसके स्तन भी भरे-भरे थे।
जैसे ही कार चल रही थी और आगे वाली सीट पर कोमल बैठी हुई थी कि अचानक उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा, तो मैं भी चौंक गया और उसकी तरफ देखा तो वो अन्जान बन रही थी।
तो मैंने कहा- कोमल जी आपका हाथ शायद गलत जगह पर है।
कोमल बोली- सॉरी.. मुझे ध्यान नहीं रहा।
फिर कार आगे अपनी मंजिल की ओर बढ़ी जा रही थी। मैंने उसे जंगली भालू दिखाया जो रोड पर हमारी कार के आगे चल रहा था। उसे देखकर वह भी रोमांचित हो उठी। कुछ देर में भालू जंगल की ओर चला गया।
तो कोमल बोली- क्या यहाँ पर ऐसी कोई जगह है जहाँ हम बैठ सकते हैं?
‘हाँ’ करते हुए मैंने कहा- है ना..
‘तो चलो।’
मैंने कार को साईट में पार्क कर दी और कहा- आईए हम चलते हैं।
इतने में रूचि बोली- तुम और सुमित जाओ, मैं तो थक गई हूँ। यहीं गाड़ी में बैठी हूँ।
मैं और कोमल गाड़ी से नीचे उतरे और पहाड़ की ओर चल दिए। उस दिन चांदनी रात थी, हल्का-हल्का उजाला हो रहा था।
कोमल ने कहा- मेरा हाथ पकड़ कर चलना, नहीं तो मैं कहीं गिर जाऊँगी। जैसे ही मैंने कोमल का हाथ पकड़ा तो मानो मैं जन्नत का सफर करने लगा था।
उसके हाथ का नर्म स्पर्श क्या था, जैसे कोई मखमल का रूमाल पकड़ कर रखा हो। कुछ देर चलने के बाद हम पहाड़ी के ऊपर पहुँचे और बैठ गए और एक ही सिगरेट में दोनों कश लगाने लगे।
कोमल का एक हाथ मेरी जांघ पर था और कोमल बोली- क्या विचार कर रहे हो सुमित?
मैं बोला- एक लड़की के साथ इस चांदनी रात में बैठने का मजा ही अलग है।
तो वह बोली- क्या बैठे ही रहोगे?
मैं यह सुन कर चौंक गया और कोमल मुझसे लिपट गई तो मैं भी गर्म होने लगा और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। करीब पांच मिनट तक होंठों का चुम्बन करने के बाद मैंने अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल दिया और उसके स्तनों को दबाने लगा।
वो भी मदमस्त होने लगी और और उसका हाथ मेरे लण्ड पर था और वो उसे धीरे-धीरे दबा रही थी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
आप यह कहानी अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट उतार दी। उस चादनी रात में कोमल ब्रा में कयामत ढहा रही थी और मैं लाल रंग की ब्रा के ऊपर से स्तन दबाने के मजे ले रहा था।
फिर मैंने धीरे से उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी पैन्ट को नीचे खिसका दिया। उसकी लाल रंग की पैन्टी भी क्या खूब लग रही थी।
मैंने अपना हाथ उसकी पैन्टी में डाल दिया और चूत को ऊँगली से सहलाने लगा।
वह गीली हो चुकी थी और कोमल ने लम्बी सिसकारी भरी ‘आह.. आह.. सी.. आह सी.. सुमित अब रहा नहीं जाता..’
उसने जल्दी से मेरी टी-शर्ट और पैन्ट को उतार दिया और मेरी जॉकी अन्डरवियर के ऊपर से लण्ड को सहलाने लगी थी।
मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया था और कोमल ने मेरी जॉकी को उतार दिया और लौड़े को अपने होंठों से चूसने लगी।
मैं भी सिसकारी लेने लगा- आहह.. कोमल और जोर से आह..हह.. आह..
मैंने उसकी लाल रंग की पैन्टी भी उतार दी और 69 की अवस्था में आ गया। अब मैं उसकी चूत को चाटने लगा। दोनों ही चांदनी रात में नंगे होकर चुदाई का मजा ले रहे थे।
कोमल बोली- अब रहने दो नहीं तो मैं झड़ जाऊँगी, अब जल्दी से अपना ये सात इंच का लण्ड अन्दर डालो, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
मैं भी जल्दी से उठा और उसकी दोनों टांगों को ऊपर किया और लण्ड को चूत पर रख कर जैसे ही अन्दर डाला वो चीख पड़ी- सुमित… रूको.. आह.. हह.. सी.. आह दर्द हो रहा है।
मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और लण्ड को एक साथ अन्दर पेल दिया। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया कुछ ही मिनट में वह ढीली पड़ने लगी और मैंने अपनी गति को बढ़ा दिया।
करीब दस मिनट तक उसको जम कर चोदा। दोनों ने ही चुदाई का जम कर मजा लिया और मैंने पानी चूत में ही छोड़ दिया। कुछ देर ठहरे और कपड़े पहन कर वापस नीचे आए और कार लेकर शहर की ओर आने लगे।
रूचि कार में ही सो रही थी। शहर में जैसे ही आने वाला था तो रूचि उठ गई और बोली- दोनों का काम हो गया क्या?
और हँसने लगी।
शहर में पहुँचने के बाद कोमल ने कहा- हम दो दिन और रूकेंगे।
हम दोनों ने अपने-अपने नम्बर दिए और वह चली गई।
आपको यह कहानी कैसे लगी जरूर लिखें।
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