सहेली के बेटे के लम्बे लंड से चुद गयी

(Big Lund Sex Kahani)

बिग लंड सेक्स कहानी मेरी सहेली के बेटे से अपनी चूत चुदाई की है. मेरी सहेली का बेटा मेरे घर में था। इस बीच कुछ ऐसा हुआ कि मैं खुद को रोक न पाई और सारी हदें पार कर गई।

दोस्तो, मेरा नाम अंकिता राठौर है। मैं लखनऊ की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 41 साल है और मेरा फिगर 32-30-34 है।

मेरे पति की कपड़ों की एक छोटी सी दुकान है और मेरा एक पार्लर है।

यह बिग लंड सेक्स कहानी मेरी और मेरी सबसे अच्छी सहेली और उसके बेटे की है।

मेरी सहेली का नाम शोभा है।
शोभा का फिगर 32-32-34 है और उम्र 42 साल है।

उसके बेटे का नाम आर्यन है।
उसकी उम्र 24 साल है।

शोभा के पति की मौत करीब 8 साल पहले हो गयी थी। उसके पति सरकारी नौकरी करते थे। पत्नी को जॉब मिल गयी तो कभी उसे पैसे की कोई प्रॉब्लम नहीं थी।

जो कहानी मैं बताने जा रही हूं, ये बात 2 साल पहले की है।

उसके भाई की शादी थी लखनऊ से … लेकिन उसके भाई बाहर जॉब करते थे और वहीं रहते थे।

उसने मुझे बताया कि भैया की शादी है और मेहमानों के रुकने के लिए जगह कम पड़ेगी।
वो मुझसे जगह के लिए पूछने लगी तो मैंने कह दिया कि मैं अपने यहां ऊपर वाला हॉल खाली करवा दूंगी।

शोभा ने कहा- ठीक है यार, थैंक्स।
मैंने कहा- पागल है क्या … मुझे थैंक्स बोलेगी?

मैंने बोला- तू हॉल की चाबी कल ले लेना। मैं उसे आज खाली कर दूंगी।
वो बोली- चाबी मुझे दे देगी तो तू कैसे आएगी-जायेगी?
मैंने कहा- यार मेरे रूम से अटैच बीच में एक और दरवाजा है।

शोभा बोली- तो ठीक है, फिर तो दिक्कत नहीं है।
फिर वो चली गयी।

मैं भी काम में बिजी हो गई।

शाम को मैंने अपने पति के साथ मिलकर हॉल खाली कर दिया और बीच वाला दरवाजा अपनी तरफ से बंद कर लिया।

अगले दिन शोभा को मैंने चाबी दे दी।

एक हफ्ते बाद शादी थी।
उसके वहाँ मेहमान आने शुरू हो गए थे और अब शादी में सिर्फ 2 दिन ही बाकी थे।

आधे मेहमान मेरे यहाँ रुके हुए थे।
कभी कोई दिन में आता तो कोई रात में यहीं सो जाता।

हॉल के बीच वाले रूम से सभी की आवाज़ आती रहती थी।

ऐसे ही एक दिन दोपहर की बात है, हॉल पूरा खाली था तो मैंने सोचा कि जाकर नहा लेती हूं, कोई है भी नहीं।
मैं अपना टॉवल लेकर चल पड़ी।

बाथरूम में मैं पूरी नंगी होकर आराम से नहाने में लगी थी।

थोड़ी देर बाद जब मैं बाहर आई तो देखकर मेरे तो होश उड़ गए।
शोभा का बेटा आर्यन पूरा नंगा होकर फर्श पर लेटा हुआ मुठ मारने में लगा हुआ था।
उसका लंड देखकर ही पता चल रहा था कि 7 इंच का तो होगा ही।

मैं उसे बचपन से देखती आ रही थी।
मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था इसका इतना बड़ा लंड हो गया होगा।

मैं सोचने लगी कि बेटे का इतना बड़ा है तो फिर शोभा के पति का कितना बड़ा रहा होगा।

मन तो कर रहा था कि जाकर अभी चूस लूं।

मैं तौलिये में थी, वो आंखें बंद कर लंड हिलाने में लगा था।

तो मैं उसके पास में जाकर खड़ी हो गई।

जैसे ही उसे अहसास हुआ कि कोई पास में है तो उसकी आंखें खुलीं और ऐसे ही फटी रह गईं।
उसके गर्म गर्म माल की धार इतने में ही मेरे पैरों पर गिरी।
मेरा तौलिया भी उसके वीर्य में सन गया।

वो शर्म की वजह से कुछ नहीं बोल पा रहा था; बस उठकर चुपचाप खड़ा हो गया।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे प्रतिक्रिया दे।
बस उसका चेहरा लाल हो गया था और माथे पर पसीना बह रहा था।

मैंने देखा कि उसके लंड से अभी भी माल रिस रिस कर बाहर टपक रहा था।
उसका लंड पूरा माल से सन चुका था जिसे वो अपने हाथों से छुपाने की कोशिश कर रहा था।

मैंने स्थिति को संभालते हुए कहा- बेटा, शर्माने की कोई बात नहीं है और घबराओ भी मत। तुम्हारी उम्र के लड़के ये सब करते हैं, मैं भी अच्छी तरह से जानती-समझती हूं। लेकिन इस सब में अपनी लाइफ को बर्बाद मत करो. वरना शादी के बाद आपकी वाइफ को फिर खुश नहीं रख पाओगे, और वो किसी और के साथ ये सब किया करेगी।

फिर मैंने उसको एक कपड़ा दिया और कहा- लंड को पौंछ लो।
कांपते हाथों से कपड़ा लेते हुए उसने कहा- आंटी … प्लीज … मम्मी को कुछ मत बताना।
मैंने कहा- ठीक है, नहीं कहूंगी। लेकिन एक शर्त है मेरी!

उसने सवालिया निगाह से देखा तो मैंने कहा- मुझे देखकर बताओ कि मैं दिखने में कैसी लगती हूं।
उसके मुंह से निकलने वाला था- एकदम माल … लेकिन उसने आधा ही बोला और बाकी का शब्द मुंह में खा गया।

मैंने कहा- मैं तेरा लंड चूस कर साफ करूं?
उसने हैरानी से देखा और फिर मेरे तौलिया में लिपटे बदन पर मेरी चूचियों को घूरने लगा।

शायद वो मेरी प्यास भांप गया था। वो बोला- हां आंटी, बिल्कुल।

उसके हां कहते ही मैं भूखी कुतिया की तरह उसके घुटनों में बैठ गई और उसके लंड को मुंह में भर लिया।
उसके लंड पर माल लगा हुआ था।
मैंने माल को पूरा चाट चाटकर साफ कर दिया।

मैं इतनी जोर से लंड चूसने में लगी हुई थी कि वो कहने लगा- आह्ह आराम से आंटी … खा ही लोगी क्या लंड को!
सिसकारियां भरते हुए वो मेरे मुंह में धक्के लगाते हुए जैसे मेरे मुंह को चोदने की कोशिश कर रहा था।

अब हम दोनों गर्म हो चुके थे और मैं खड़ी हो गई।

वो मेरे बदन से लिपटकर अपने खड़े लंड को चूत के ऊपर रगड़ने की कोशिश करते हुए मेरे होंठों को चूसने लगा और मैं भी उसके रसीले होंठों को खाने लगी।
उसने होंठ चूसते हुए मेरे तौलिया को खोल दिया और मैं पूरी नंगी हो गई।

वो मेरे पूरे जिस्म को रगड़-रगड़ कर नोंच रहा था।

हांफते हुए वो बोला- आह्ह … आंटी … चूत चाटने दो!
मैं अपना भोसड़ा फैलाकर उसके सामने पसर गई और वो मेरी चूत में मुंह लगाकर पागल सा हो गया; मेरी गीली चूत को खाने लगा।

वो चूत को ऐसे चाट रहा था जैसे न जाने कितनी चूतों को चोद चोदकर उनका पानी निकाल चुका हो।

अब वो अपना 7 इंच लंड मेरी चूत में पेलने के लिए तैयार हो गया।
वो बोला- आंटी घोड़ी बन जाओ।

मैं फौरन घोड़ी बन गयी।
उसने मेरी चूत पर थूक लगाया और अपने लंड पर भी थूक लगाया।
फिर एक झटके में आधा टोपा अंदर कर दिया।

उसके लंड का टोपा इतना मोटा था कि चूत को फाड़कर अंदर घुसा और मैं चिल्ला उठी।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
उसका बहुत मोटा था।

एक मिनट रुकने के बाद उसने एक झटके में पूरा लंड अंदर कर दिया।
मुझे दर्द के मारे ऐसा लगा कि किसी ने मेरे चूत से लेकर गले तक कोई चीज फंसा दी हो।
लंड पूरा अंदर तक घुसाकर वो मुझे तेजी से चोदने लगा।

वो ऐसे चोद रहा था जैसे कोई घोड़ा किसी घोड़ी पर चढ़ने के बाद पेलम-पेल चुदाई कर देता है।

चुदते हुए मैं चिल्लाये जा रही थी लेकिन उसे कोई फ़र्फ़ नहीं पड़ रह था।
उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को चीरने फाड़ने पर लगा था।

बीच-बीच में वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ लगा रहा था जिससे मेरा जोश और बढ़ रहा था।

मैं दीवार के सहारे दोनों हाथों को रखे हुए थी और आर्यन पीछे से मेरी चूत चोदने में लगा हुआ था।
उसने मेरे बाल पकड़ रखे थे और उनको अपने हिसाब से कभी तेज तो कभी धीमे खींच रहा था।

मैं सब तरफ से बस दर्द से तड़प रही थी लेकिन मुझे मजा भी इतना रहा था कि मैं बता नहीं सकती।
मेरे बेटे की उम्र का लड़का मेरी चूत मार रहा था।
मैं दर्द से तड़प रही थी और वो चोदे जा रहा था।

आह्ह … आह्ह करते हुए मैं चुदती जा रही थी और दर्द में चिल्लाए जा रही थी और लंड के धक्कों को बर्दाश्त करते हुए चुदने का अहसास भी ले रही थी।

कुछ देर बाद मेरी चूत का दर्द बर्दाश्त के बाहर हो गया और मैं लंड निकालने के लिए कहने लगी।
मैं गाली देने लगी तो उसका जोश और भी बढ़ गया।

एकदम से वो बोला- रंडी की औलाद … साली तू बहुत बड़ी रंडी है … और ले … घच-घच … घचाघच ले मेरा लंड … साली चुदक्कड़ औरत।

वो बुरी तरह से मेरी चूत को पेल रहा था और मेरी चूत व उसके लंड से निकलता चिपचिपा पदार्थ अब चूत में पच-पच की ध्वनि पैदा करने लगा था।

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उसने अचानक लंड को बाहर निकाल लिया।

वो बोला- अब मेरे लंड की सवारी कर रांड … इस पर बैठ जा!
मैं समझ गयी कि ये मुझे अपने ऊपर बैठा कर चोदने को कह रहा था।
वो लेट गया तो मैंने पहले थूक लगा कर उसके लंड को थोड़ा गीला किया।

मेरा मन उसे और चूसने को किया तो मैं उसके लंड के साथ उसके टट्टे भी चूसने लगी।
आर्यन ने बिल्कुल जोश में मेरा सिर दबा दिया।
उसे गुदगुदी हो रही थी।

फिर मैं उसके लंड पर बैठी और एक झटके में पूरा लौड़ा अंदर ले लिया और कूदते हुए चुदने लगी।
वो नीचे से धक्के पेल रहा था और मैं घुटनों की मदद से आगे पीछे हो रही थी।
इस टाइम मुझे बिल्कुल जन्नत का सुख मिल रहा था।

इतना मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकती।

उसने मेरे चूतड़ों पर तमाचे लगाने शुरू कर दिए।
मेरी गांड पूरी लाल हो गई थी।

अब तक मैं 2 बार झड़ चुकी थी और दर्द से कराह रही थी।
अब आर्यन बोला- आंटी, मेरा माल निकलने वाला है।
मैंने बोला- मुँह में निकालना।

जल्दी से मैं लंड से उठकर घुटनों के बल बैठ गयी।
वो खड़ा होकर मेरे मुँह के पास लंड लाकर तेजी से मुठ मारने लगा।
मैंने मुंह खोल लिया और जीभ निकाल कर उसके लंड के गाढ़े चिपचिपे माल का इंतजार करने लगी।

अगले कुछ ही पलों के बाद उसके 7 इंची लंड से जोरदार पिचकारी निकल कर मेरे मुंह में गिरने लगी।
उसने एकदम से लंड मुंह में दिया और कई झटकों के साथ वो मेरे मुंह में खाली हो गया।

मैंने एक एक बूंद अमृत समझ कर पी ली।

साथ में मैं उसका गर्म और लंबा लौड़ा चूसे जा रही थी।
उसका लौड़ा मैंने चाट चाट कर पूरा साफ कर दिया।

लेकिन फिर भी मुंह में लेकर बैठी रही।

वो हांफने लगा और कुछ पल ऐसे ही लंड को मुंह में दिए खड़ा रहा।
फिर वो बोला- आंटी, मैं मूतकर आता हूं।
मैंने बोला- रुको, मेरे मुंह पर ही मूतना है।

हम दोनों बाथरूम के पास गए और मैं दरवाजे में बैठ गई।
उसने लंड को मेरे मुंह के ऊपर कर लिया।

वो मूतने की कोशिश करने लगा लेकिन कुछ देर तो उसका मूत ही नहीं निकला।
फिर काफी कोशिश करने के बाद धीरे धीरे मूत की धार लंड से चलने लगी और उसका गर्म गर्म मूत मेरे मुंह पर गिरने लगा।

मैंने उसके मूत से अपने चेहरे को धो लिया और बाकी का मूत मैं पी गई।
एकदम गर्म और नमकीन मूत था आर्यन का।

मैंने उसके लंड को मुंह में लिया और फिर से चूस कर बोली- आज तक ऐसा बिग लंड नहीं देखा आर्यन!
वो मेरी ओर देख कर बोला- आंटी, आज से ये आपका गुलाम है।
फिर हम दोनों मुस्कराने लगे।

फिर मैंने बोला- चलो साथ में नहाते हैं।
हम लोग नहाने लगे।

जैसे ही मैं और आर्यन नहा कर बाहर आये तो मैं टॉवल से पैर पौंछ रही थी।
उसने मेरी झुकी हुई गांड पर 4-5 तमाचे एक साथ लगा दिए जिससे मुझे मजा तो बहुत आया लेकिन दर्द भी बहुत हुआ।

मैं बोली- अभी मन नहीं भरा है क्या मेरी जान?
वो बोला- आपको अब जिंदगी भर चोदूंगा, फिर भी मन नहीं भरेगा मेरी रांड।
रांड सुनकर मुझे फिर जोश चढ़ने लगा।

हम दोनों ही गर्म हो गए और एक बार फिर हमने चुदाई का मजा लिया।
फिर थोड़ा आराम किया।

तब वो बोला- आगे से चुदाई की एक शर्त होगी मेरी!
मैं बोली- हां, कहो।

उसने जो शर्त बताई उसे सुनकर मेरी तो गांड ही फट गई।
वो सब बातें मैं आपको अपनी आने वाली कहानी में बताऊंगी।
इस कहानी में सारी बात बताना संभव नहीं है।

दोस्तो, अभी इस कहानी को यहीं विराम दे रही हूं।
आपको मेरी चुदाई की ये बिग लंड सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं? मुझे अपने मेल में जरूर लिखें।
मैं आप सबके मैसेज का इंतजार करूंगी। मेरी अगली कहानी का इंतजार करें।
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