बेरोजगारी ने बनाया चूत सेवक

Berojgari ne Banaya Choot Sewak
बेरोजगारी आदमी को किस हद तक ले जा सकती है यह आप इस कहानी के माध्यम से जानेंगे।

मैं पिछली जुलाई में अपनी इंजीनियरिंग पूरी करके नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था।

यहाँ नौकरी मिलना कितना मुश्किल है यह तो आप जानते ही हो।
मैंने कई जगह इंटरव्यू दिए पर मेरा कहीं भी नहीं हुआ।

ऐसे ही एक शाम मैं अपने रूम को लौट रहा था तो बहुत देर इन्तजार करने पर भी मुझे ऑटो नहीं मिल रहा था।

तभी बहुत देर से पीछे खड़ी एक कार मेरे सामने आकर रुकी और अन्दर बैठी एक 30-32 साल की खूबसूरत और गदराये बदन वाली औरत ने पूछा- आज तो किसी नेता जी की रैली है, सारे ऑटो उधर ही गए हुए हैं, अन्दर आ जाओ, मैं इसी तरफ जा रही हूँ, तुम्हें छोड़ दूँगी।

मैंने भी आव न देखा ताव, तुरंत कार की अगली सीट पर बैठ गया।

उसने मुझसे पूछा- कहाँ तक जाना है?

मैंने कहा- किसी भी मेट्रो स्टेशन पर उतार देना मुझे!

उसने कहा- दिल्ली में नए आये हो लगता है?

मैं– हाँ, जॉब की तलाश कर रहा हूँ और अभी तक कोई मिली नहीं।

उसने कहा- हाँ, आजकल जॉब मिलना तो बहुत मुश्किल हो गया है पर पैसे कमाने के तो बहुत तरीके हैं।

ऐसा कहते हुए वो मुझे पूरी तरह से निहार रही थी।

मैंने पूछा- बताओ क्या है?

उसने जवाब दिया- मेरे पास एक वेकेंसी है अगर तुम करना चाहो तो?

मैंने कहा- आप काम तो बताओ, मैं करने के लिए तैयार हूँ, मेरे पास अभी गुजारा करने के लिए भी पैसे नहीं है, आप जो भी काम दोगी मैं कर लूँगा।

उसने कहा- पक्का करोगे ! फिर मुकर तो नहीं जाओगे।

मैंने कहा- बिल्कुल मैडम, मुझे पैसे की सख्त जरुरत है।

उसने कहा- ठीक है, फिर चलो मेरे साथ अभी, समझो मैंने तुम्हें काम पर रख लिया, मुझे तुम्हारी थोड़ी सी मदद चाहिए।

मैंने कहा- आप बताइए, आपके लिए तो जान हाजिर है, आपने मेरी इतनी बड़ी मदद की है।

उसने कहा- घर चलो, फिर बताती हूँ।

थोड़ी ही देर में एक अपार्टमेंट आ गया, उसकी पार्किंग में उसने कार रोकी और फिर वो मुझे अपने फ्लैट में ले गई।

ताला खोलकर हम अन्दर आ गये, तो मैंने पूछ लिया- आप यहाँ अकेली ही रहती हैं क्या?

तो उसने कहा- हाँ, अभी तुम फ्रेश हो लो, मैं भी चेंज करके आती हूँ।

मैं फ्रेश होकर वापिस लौटा तो वो भी चेंज करके आ गई थी, वो नाइटी पहने हुए थी और उसमें क्या कयामत लग रही थी !

उसकी मोटी भरी हुई जांघें, गोल गोल चूतड़, नशीली आँखें और बड़े बड़े दूद्दू को देखकर मेरा लंड महाराज तो कब से सलामी दे रहा था पर नौकरी के चक्कर में मैंने किसी तरह अपने आप पर काबू किया हुआ था।

वो आकर मेरे पास सोफे पर बैठ गई और मुझसे बात करने लगी।

मैंने उससे फिर पूछा तो उसने बताया कि उसका एक साल पहले तलाक हो चुका है इसलिए वो अपने पति से अलग रहती है। वो गुड़गाँव में एक कंपनी में HR मेनेजर है।

उसने बताया कि उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं है, पर कोई प्यार करने वाला नहीं है।
उसने मेरे सामने खुला ऑफ़र रखा- तुम मुझे प्यार दो, मैं तुम्हेँ पैसे दूंगी और तुम्हारी नौकरी लगवाने में भी मदद करुँगी।

मैंने तुरंत हाँ कर दी तो वो जन्मों से सेक्स की प्यासी औरत की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी और झमाझम चुम्बनों की बौछार कर दी और मैं इस अचानक हुए हमले से संभल पाता, उससे पहले ही उसने मेरे शर्ट के बटन खोलकर मेरी छाती पर चूमना शुरू कर दिया।

और हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे को चूमने लगे।

उसने अपनी नाइटी भी उतार फेंकी।

मैं उसके नाजुक और गोरे बदन को देखकर दंग रह गया उसने नीचे कुछ भी नहीं पहना था।

मैं भी अब उसके गुलाबी और रसीले होंठों से अपनी जीभ छुड़ाकर उसकी गर्दन और पीठ को चूम रहा था तो दूसरी तरफ मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स को मसल रहे थे।

पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूँज रहा था- आह उह ओह ओह उम् उम्म्म !

अब वो अचानक से पलटी और बूब्स को मेरी छाती पर रगड़ने लगी तो मैं भी उसके चूतड़ को मसल मसल कर सहलाने लगा।

और बच्चे की तरह उसके उरोजों से दूध पीने की कोशिश करने लगा, बीच बीच में उसे कहीं पर काट देता तो वो भी मेरी छाती या गाल पर काट देती।

अब धीरे धीरे मैं उसके नाभि पर अपनी जीभ घुमा घुमा कर उसके अन्दर की उत्तेजना को और बढ़ा रहा था।
मेरा एक हाथ उसकी छाती पर था दूसरा हाथ उसकी क्लीन शेव मुलायम चूत तक पहुँच चुका था।

वो भी एक हाथ को मेरी पेंट की अन्दर डालकर अपनी कोमल उंगलियों से मेरे हथियार को सहला रही थी।

अब हम दोनों ने 69 की अवस्था ले ली थी हम दोनों पूरी तरह से निर्वस्त्र हो चुके थे।

मेरा मुंह उसकी चूत पर था और उसका मुंह मेरे 9 इंच लम्बे और मोटे तगड़े लंड को चाट रहा था।

उसकी चूत से रिस रहे कामरस को मैं चाट चाट कर अपनी जीभ से उसका चूत चोदन कर रहा था, साथ साथ उसकी जाँघों को भी अपने हाथों से थपथपा रहा था।

इस बीच वो कई बार झड़ चुकी थी, मेरा भी एक बार हो चुका था पर उसने मेरा सारा गाढ़ा वीर्य चाट लिया था और लिंग को चाट चाट कर पुनः उत्तेजित कर दिया था।

उसने मुझसे कहा- अब और मत तड़पाओ मेरे राजा ! आज मेरी प्यास बुझा दो !

मैंने भी कुछ देर तक उसकी चूत पर लंड को रगड़ा जिससे वो जोर जोर से सिसकारियाँ निकालने लगी।

मैंने एक जोरदार धक्का लगाया पर पहली बार में लंड फिसल गया।

उसकी चूत शादी के बाद भी इतनी टाईट थी। वो क्रीम की वजह से थी जो उसने मुझे बाद में बताया था।

इस बार उसने अपनी चूत की फांकों को हाथों से अलग किया और लंड को रास्ता बनाने में मदद की तो एक ही झटके में मैंने पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।

उसकी जोरदार चीख निकल पड़ी।

मैं कुछ देर के लिए रुक गया और थोड़ी देर बाद मैंने फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये, वो अपने चूतड़ उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी, हर धक्के के साथ उसकी आह की सिसकारी मुझे और मदहोश कर रही थी।

15 मिनट तक धक्के लगाने के बाद मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और एक जोरदार चीख के साथ हम दोनों चरम सीमा को प्राप्त हो गए थे।

उसके चेहरे पर संतुष्टि का भाव था जो उसकी ख़ुशी से झलक रहा था।

कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे।

फिर हमने साथ में शॉवर लिया।
वहाँ भी मैंने उसकी चूत को चाटा और उसने मेरे लंड को चूसा।

फिर हमने नंगे नंगे ही खाना बनाया और खाया।

उस रात मैंने उसे 4 बार चोदा, फिर हम निढाल होकर सो गए थे।

सुबह 11 बजे मेरी नींद खुली तो वो कॉफ़ी लिए मेरे सामने खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी।

कॉफ़ी पीने के बाद मैंने जाने की इजाजत मांगी तो उसने मुझे अपने पर्स से 2000 रूपये निकाल कर दिए और कहा- और जरूरत हो तो मांग लेना। मैं तुमसे बहुत खुश हूँ। मैं जब भी तुम्हें बुलाऊँ तुम आते रहना।

फिर मैंने उससे विदा ली। उस दिन के बाद मैं कई बार उसके बुलाने पर उसकी चूत की सेवा करने के लिए गया।

अभी कुछ दिनों पहले ही उसका ट्रांसफर मुंबई हो गया तो उसने आखिरी बार मुझे बुलाया और दो दिन तक मैं उसे दिन रात चोदता रहा।

उसने कहा- जब भी दिल्ली आऊँगी, तुम्हें मुझे चोदने के लिए आना होगा।

उसके जाने के बाद मैं भी कई दिनों से खाली बैठा हूँ कि फिर कोई औरत/लड़की मिल जाए जिसको खुश करके मैं अपना गुजारा कर सकूँ।

आप सभी की प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा।

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