बस में मिली चूत चोदी

(Bas Me Mili Chut Chodi)

दोस्तो, एक बार फिर मैं अपनी नई कहानी लेकर आपके सामने आया हूँ। इस बार मैंने जब अपनी जॉब चेंज की.. तो मुझे अब नॉर्थ इंडिया में यात्रा करनी होती है..

इसी जॉब के चलते इस बार हिसार जाते हुए जब मैं बस में बैठा था.. तो मैं कैथल से बैठा था.. वहाँ से एक मस्त माल मेरे साथ ही बस में बैठ गई थी, वो मेरे साथ की सीट पर ही बैठी थी।
फिर बस चल पड़ी.. कैथल से हिसार जाने में कोई 2 से 2.5 घन्टे लगते हैं.. मैं बैठा रहा।

आगे चलने पर किसी कारण बस की चेकिंग हुई और क्योंकि मेरे पास सामान थोड़ा ज्यादा था.. तो उस लेडी ने मुझे हेल्प ऑफर की.. मैं एक शरीफ दिखने वाला बंदा हूँ.. सो जैसे ही उसने कहा.. और मैंने उसकी मदद ले ली।
अब जब चेकिंग खत्म हुई.. तो मैं वापस सीट पर बैठ गया।

इतने में बस वाले ने एक मूवी लगा दी.. ‘दिल धड़कने दो..’ फिल्म शुरू हुई.. कुछ मदमस्त सीन आना शुरू हुए।

उधर चूंकि वो माल किस्म की औरत जो कि एक चुस्त सूट पहने हुई थी.. वो मुझसे बोली- बस का एसी कुछ ज्यादा ही ठंडा हो रहा है.. आपके पास कोई चादर है?
मैंने एक चादर निकाली और उसे हम दोनों ने ओढ़ ली।
अब हमारी कहानी शुरू हो चली थी।

वो मेरे कंधे पर सिर रख कर मूवी देखने लगी और उसके बाद जब भी हँसती.. तो अपना हाथ मेरे हाथ में दबा देती और एक ऊँगली मेरी हथेली में चला देती। मैंने कुछ समझते हुए उसकी तरफ देखा.. तो उसने मुझे एक कातिलाना स्माइल दी और मेरा हाथ उठा कर अपने मम्मों के ऊपर रख दिए।

मैंने काफ़ी देर तक अपने हाथों को ऐसे ही रखा.. तभी उसका हाथ मेरे लण्ड पर आ गया।
अब मैंने खुल कर उसके क्लीवेज और उसे ऊपर की गोरी और चिकनी चमड़ी पर अपना हाथ फेरना चालू कर दिया था।
वो ‘आँहें..’ भरते हुए होंठ काट रही थी और उसने गरम होकर अपने सूट की ज़िप खोल दी।

उस समय 8:30 बजा था। लगभग सभी का ध्यान मूवी देखने में लगा हुआ था।
मैंने अपना ट्राउज़र खोल दिया.. कच्छे को भी नीचे कर दिया और मैंने उसे स्मूच किया और उसका टॉप कर उतार दिया।

अब वो ऊपर से सिर्फ़ ब्रा में थी। मैंने बड़े प्यार उसकी ब्रा की बद्दियों को एक एक करके एक तरफ को किया और ब्रा को नीचे कर दिया।

वो मदमस्त होकर अपनी आँखें बंद कर चुकी थी और मेरे सहलाने का मज़ा ले रही थी। मैंने उसके बालों से होते हुए उसके चेहरे पर जैसे ही उंगली घुमाई तो उसने मुँह में मेरी उंगली ली और चूसने लगी।

अब मैं उसके मम्मों पर हाथ फिराने लगा और और उसकी मम्मों को दबाने लगा।
मैंने उसकी सलवार खींच दी.. कहा- इसे उतार दो..

उसने सलवार नीचे को की.. मैंने उसकी चूत में उंगलियां घुसेड़ दीं।
चूत पर हाथ लगते ही.. वो मचल गई.. लेकिन अपने ऊपर मैंने कंट्रोल किया।

तभी उसने मेरे लौड़े को अपने हाथों में ले लिए और जोर से मुठियाने लगी.. मैं आँखें मूँदे मस्त हो रहा था। तभी उसके बाद वो नीचे को झुकी.. खुद थोड़ा नंगी हुई और मेरी ऊँगली को चूत में घुसने का रास्ता दे कर.. मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैंने उसकी गाण्ड दबा दी.. सब लोग मूवी देखने में मस्त थे।

इतने में हिसार आ गया और मैंने उसे कपड़े पहनने को बोला और बस से उतर गए।
बस से उतरते ही मैंने ऑटो किया और एक होटल में चले गए। होटल मेरा पहचान वाले का था.. सो कोई दिक्कत नहीं थी।

मैंने खाना मँगवाया और साथ में आइस क्रीम.. उसके बाद कमरे की लाइट बंद की.. हम दोनों ने चुदास के चलते जल्दी जल्दी में कपड़े उतारे.. और पिल पड़े।

मैंने उसकी चूत और चूचुकों में आइस क्रीम लगा कर चाटना शुरू की.. वो कलप गई।
बस फिर घमासान चुदाई चालू हो गई.. इस तरह मैंने अपने चोदू हुनर के चलते उसे करीब आधा घंटे तक हचक कर चोदा।

मैंने उसकी चीखों के वजह से उसके मुँह पर एक पट्टी बाँध दी थी.. ताकि उसकी आवाजें बाहर ना जा पाएँ।
पहली चुदाई के बाद जब हम दोनों झड़ गए तो चिपक कर लेट गए।

थोड़ी देर बाद उसको मैंने अपने मुँह पर बिठाया और उसकी गाण्ड और चूत चाटता रहा।
काफ़ी देर तक उसकी चूत को चाट चाट कर चबूतरा बना दिया।
मैं आप सभी रसीले पाठकों से कहना चाहता हूँ कि मैं किसी भी चूत को घंटों तक लगातार चाट सकता हूँ।
जिस तरह से उसकी चूत चाटी वो कहने लगी कि आज जीवन में इतनी देर तक कभी भी चूत नहीं चटवाई।

फिर मैंने उसको कुतिया बना कर उसके बाल पकड़ कर उसको धकापेल चोदता रहा.. चोदता ही रहा।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उसके बाद मैंने उसको अपनी बाजुओं में उठाया और लंड को नीचे से उसकी चूत में पेल दिया, वो रो रही थी लेकिन मैं चोदता ही रहा।
थोड़ी देर में उसकी ‘आहें’ आनी शुरू हो गईं और मैंने उसको काफ़ी देर बाद जब नीचे लिटाया.. तो वो थक चुकी थी और हाँफ रही थी।
मैंने फिर से उसके मम्मों को पकड़ा। उसके मम्मे भी 38 साइज़ के थे.. पूरे खरबूजे जैसे.. उन पर ब्राउन पिंक निपल्स जैसे सजे हुए से थे।

मैं 10 मिनट तक चूचों को दबा-दबा कर चूसता रहा और अपने दाँतों से उसके निपल्स काट लिए। उसको लव बाइट्स दीं।
अब उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.. वो बहुत ही मस्त तरह से चूसती रही और आधे घंटे बाद मेरा जिस्म अकड़ गया और मैंने स्खलित होते हुए बहुत सारा माल उसके मम्मों पर छोड़ दिया।
वो मेरे पास ऊपर चढ़ गई और हम लिपट कर सो गए।

रात में करीब 2 बजे आँख खुली तो देखा वो मेरा लवड़ा चाट चुकी थी.. उसने सारा माल साफ कर दिया था और वो नंगी होकर मेरे ऊपर लेटी हुई थी।
मैंने हाथ लगा कर उसकी प्यारी सी चूत टटोल कर देखी.. जो अभी भी गीली थी.. सो मैंने नीचे से अपना लंड उसकी बुर में पेल दिया.. और चूत में लौड़ा डाले रखा और सो गया।

सुबह 4 :40 पर मैंने देखा वो मेरे लंड पर अपनी गाण्ड हिला रही है.. सो हमने फिर से जबरदस्त चुदाई की.. और फिर सो गए।

फिर सुबह हुई.. तो मैंने सारा दिन काम किया और शाम को वापस आया तो वही थी नाईटी में.. मैं उसके लिए ब्रा पैंटी और नाइटी वगैरह लाया था।
उसे ब्रा-पैन्टी पहनाई और उसको अपनी गोद में बिठा कर रात भर खूब चोदा।
फिर नंगे ही सो गए.. सुबह उठ कर नहाए और उस दिन वो अपने घर चली गई।

उसे मैंने इस मुलाक़ात के पूरे समय में लगभग 9 बार चोदा और हर बार कम से कम देर देर तक ठोका होगा।

वो आजकल यूएस में है और अभी भी उससे मेरी ऑनलाइन बात होती है।

यह मेरी बस में मिली औरत के साथ सच्ची चुदाई की कहानी थी मुझे उम्मीद है कि आप सभी को पसंद आई होगी।
मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा।
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