बारिश में भीगी नारी की चुदाई गाथा
(Barish Me Bhigi Nari Ki Chudai Gatha)
अंतर्वासना के सारे पाठकों को रश्मि शर्मा का नमस्कार। दोस्तों इस के पहले मेरी एक कहानी
मुझे दूध वाले ने चोदा
अंतर्वासना पर प्रकाशित हो चुकी है, और इसके जवाब में मुझे दो हजार से भी ज्यादा पाठकों के मेल मिले हैं।
अंतर्वासना के पाठकों की डिमांड पर मैंने एक और कहानी लिखी है। लेकिन जहां मेरी पहली कहानी मेरा सच्चा अनुभव थी वहीं यह दूसरी कहानी काल्पनिक है। इसमें सिर्फ मेरे नाम और मेरे शहर के नाम को छोड़कर सभी कुछ काल्पनिक है।
तो ज्यादा वक्त ना लेते हुए मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलती हूं।
मेरा नाम रश्मि है, मैं नासिक में रहती हूं। मेरी उम्र 24 साल है और मेरा फिगर 34c -29-36 है। मैं जब चलती हूं तो लड़कों के लंड खड़े हो जाते हैं।
मुझे अपने बॉयफ्रेंड से चुदने में बहुत मजा आता है। पोर्न मूवी देखना मुझे बेहद पसन्द है। मोटे और लंबे लंड मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। मुझे साफसुथरा रहना पसंद है और मैं हमेशा अपनी चूत के बाल हटा कर चूत को चिकना करके रखती हूँ।
दोस्तो, एक दिन की बात है, मैं किसी काम से कहीं जा रही थी। मैंने लाल रंग का टॉप तथा नीले रंग की जीन्स पहन रखी थी। अन्दर मैंने काले रंग की ब्रा और काली ही पारदर्शी पैंटी पहनी हुई थी।
अचानक जो़रदार बारिश होने लगी और मैं पूरी तरह से भीग गई। मुझे एक मकान के बरामदे में शरण लेनी पड़ी। मेरे कपड़े मेरे बदन से पूरी तरह चिपक गए थे और मेरा पूरा फिगर स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
तभी घर के अंदर से एक सुंदर नौजवान बाहर निकला और मुस्कुरा कर मुझसे बोला- मैडम, वैसे तो आप इन भीगे हुए कपड़ों में बेहद खूबसूरत लग रहीं हैं, लेकिन फिर भी यह नज़ारा बाकी लोगों को नहीं दिखाई दे, इसलिए कृपया घर के अंदर आ जाइये।
दोस्तो, मालूम नहीं उसके शब्दों में क्या जादू था कि मैं खींची हुई घर के अंदर चली गई।
उसने मुझे बैठने के लिए एक कुर्सी दी और एक तौलिया दिया अपना बदन को पौंछने के लिए।
वह नौजवान फिर बोला- मैडम, आप तो पूरी तरह भीग गई हैं, और मेरे पास लड़कियों के कोई कपड़े भी नहीं है। कृपया बतायें कि मैं किस तरह आपकी मदद कर सकता हूं?
मैं नजरें नीची करके बोली- अगर संभव हो तो आपका कोई टीशर्ट मुझे पहनने के लिए दे दीजिए।
उसने मुस्कुराकर अपना एक टी-शर्ट मुझे दिया और इशारे से वॉशरूम का रास्ता बताया।
मैंने वॉशरूम जाकर अपना टॉप और जींस उतारे, लेकिन मेरी ब्रा और पैंटी भी भीग गए थे। मुझे उनको भी उतारना पड़ा। पूरा बदन पौंछकर मैंने उस लड़के का टीशर्ट पहन लिया। टी शर्ट मेरी जांघों तक आ रहा था। मैं अपने भीगे हुए कपड़े तथा तौलिया लेकर बाहर आ गई।
मैंने उस लड़के से पूछा- मैं अपने गीले कपड़े कहां सुखा सकती हूं?
उसने मुस्कुरा कर कहा- मैडम, मेरा नाम रवि है।
और मेरे हाथ से कपड़े लेकर उसने वहीं कमरे की सेंटर टेबल पर फैला दिये।
मुझे सिर्फ टीशर्ट में रवि के सामने शर्म तो आ रही थी लेकिन मन ही मन मैं भी उससे प्रभावित होकर उसे लाईक करने लगी थी।
उसने मुझसे पूछा- मैम आपका नाम क्या है?
मैंने उसे अपना नाम बताया।
अब उसने मुझसे पूछा- रश्मि, अगर आप इजाज़त दें तो आपके अंडरगारमेंट्स ट्रैवलिंग आयरन से सुखा कर आप को दे दूं?
इसके पहले कि मैं कुछ बोल पाती, उसने मेरी ब्रा और पैंटी को उठाकर अपनी ट्रैवलिंग आयरन से प्रेस करना शुरू किया लेकिन उसकी ट्रैवलिंग आयरन भी खराब पड़ी थी।
मैं उसके सामने के सोफा पर बैठ गई और बैठने के कारण टीशर्ट थोड़ा और ऊपर की तरफ सरक गया था जिसकी वजह से मेरी जांघें और ऊपर तक दिखने लगी। शायद रवि को मेरी चूत देखने की इच्छा थी, इसलिए उसने जानबूझकर मेरी ब्रा और पैंटी को मुझे लौटाने समय नीचे गिरा दिया और उठाने के बहाने नीचे झुक कर मेरी जांघों को देखने लगा।
शायद उसे मेरी चूत दिखाई दे गई। वो मुस्कुराकर मेरी पैंटी की तरफ इशारा करते के धीरे से बोला- हे भगवान! इस छोटे से कपड़े को आपकी कितनी प्यारी सी चीज़ को छिपाने का सौभाग्य मिला है। रश्मि, अगर आप अनुमति दें तो क्या मैं आपकी इस प्यारी सी चीज़ का एक बार दर्शन कर सकता हूँ?
मैंने शर्माते हुए अपना सिर हाँ में हिलाया।
रवि ने तुरंत ही मेरी टी शर्ट को नितंब तक ऊपर उठा दिया और मेरी चिकनी चूत देखने लगा। मैंने शरमा कर अपनी आँखों को बंद कर लिया।
रवि के कहने पर मैंने आँखें खोली।
मेरी आंखों में आंखें डाल कर वो बोला- रश्मि, तुम्हारी चूत तो बेहद चिकनी है। क्या मैं इसे एक बार चूम सकता हूं?
मैं धीरे से ‘जी’ बोलकर रह गई।
इतना सुनते ही उसने मुझे नितम्ब से पकड़कर खींचा और मुझे सोफे पर लेटा कर मेरी चूत पर अपने अधर रख दिये और चूत को चूसने लगा।
मैं बहुत उत्तेजित होने लगी और मैंने अपने हाथों से उसके सिर को अपनी चूत में दबाना शुरू किया, तथा उसके बालों में अपनी उंगलियां घुमाने लगी। कुछ ही सेकंड्स में उसने मेरा टी शर्ट उतार कर मुझे पूरी नंगी कर दिया और अपने कपड़े उतार कर खुद भी नंगा हो गया।
अब रवि मुझे हाथ से पकड़ कर बोला- जानेमन, इसके आगे का काम … चलो मेरे बेडरूम में चल के करते हैं।
मैं मंत्रमुग्ध सी पीछे पीछे उसके साथ बेडरूम में चली गई।
उसके बेडरूम में एक बड़ा सा बेड था और एक फुल साइज का मिरर भी लगा हुआ था, जिसमें हम दोनों पूरे नंगे दिख रहे थे। रवि का लंड पूरी तरह तना हुआ था और लगभग 8 इंच लंबा तथा अच्छा मोटा भी था। उसने मेरे बूब्स को मसलते हुए मुझे बिस्तर पर बैठाया और मेरे लिप्स को चूमने लगा।
दोस्तो, उसके मोटे लंड को देख कर मेरी चूत में पानी उतर आया।
रवि ने अब मुझसे पूछा- रश्मि, तुम मेरा लंड मुँह में ले सकोगी?
मैंने बिना किसी संकोच के उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया और उसके सुपारे को मुँह में लेकर चूसने लगी। उसका लंड बहुत मोटा था और मैं बहुत मुश्किल से उसे मुँह में ले पा रही थी।
लगभग आधा लंड मुँह में ले कर मैंने अपनी ज़बान सुपारे के आसपास घुमाना शुरू किया।
रवि तो मेरी इस हरकत से बहुत गर्म हो गया और मेरे सिर को पकड़ कर मेरे मुख को चोदने लगा। मुख चोदन के दौरान मैं मुश्किल से सांस ले पा रही थी।
रवि का लंड अब और भी तगड़ा हो गया था।
अब वह बेड पर लेट गया और उसने मुझे अपने मुँह पर बैठने के लिए इशारा किया। मैं रवि के मुख पर अपनी चूत रख कर बैठ गई। रवि ने मेरे मम्मों को हाथों में पकड़ कर अपनी ज़बान मेरी चूत में डालकर चूसना शुरू किया। मैं उत्तेजित होकर अपनी चूत उसके मुख पर रगड़ने लगी। बहुत जल्दी ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे रवि ने चाट लिया।
अब रवि के कहने पर मैं नीचे लेट गई और अपनी टांगों को फैला दिया। वह मेरी टांगों के बीच बैठ गया और अपने सुपारे को मेरे छोटे से भगांकुर पर रगड़ने लगा। सुपारे की रगड़ से मेरी चूत में कामोत्तेजना के विस्फोट होने लगे और मेरे मुँह से सीत्कार निकलने लगी।
“डार्लिंग, और मत सताओ, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डालकर चोद दो मुझे।” उत्तेजना में मेरे मुँह से ये शब्द निकल गए।
यह सुनते ही रवि ने लंड को मेरे छोटे से सुराख पर रखा और जोर से धक्का दिया।
मोटे लंड के घुसने से मेरी चूत फैलने लगी, रवि ने लगातार धक्के मारकर पूरा 8 इंच लंड मेरे अंदर घुसेड़ दिया और थोड़ी देर के लिये रुक गया।
मुस्कुराहट के साथ रवि ने अब मुझसे कहा- जानेमन चुदाई शुरू करें?
मैंने भी पूरी बेशर्मी से जवाब दिया- बोल तो इस तरह से रहे हो जैसे अगर मना कर दूंगी तो अपना लंड बाहर निकाल लोगे। अगर मेरी चूत को फाड़ कर भोंसड़ा बनाने के लिये इज़ाज़त चाहिये तो मेरा यह मत है कि इस शुभ कार्य में बिल्कुल विलंब मत करो।
इतना सुनते ही रवि को जोश आ गया और वो मेरे ऊपर ही लेट गया। अब मेरे अधरों को चूसते हुए उसने तेजी से अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू किया। उसने मेरी गर्दन, बूब्स, निप्पल और अधरों पर कामोत्तेजना में बाईट भी किया।
मैं भी पूरी बेशर्मी से अपने चूतड़ उछाल उछाल कर अनुभव का साथ देने लगी।
मुझे चुदाई में इतना मजा पहले कभी नहीं आया था। मेरे बॉयफ्रेंड ने भी मुझे इतनी कुशलतापूर्वक कभी नहीं चोदा था। कमरे में अब चूत में लंड के अंदर बाहर होने पर फच फच की आवाज़ गूंज रही थी। बाहर बारिश हो रही थी और अंदर हमारी सेक्स स्टोरी चल रही थी। मैं कामोत्तेजना में बहुत जो़रों से सीत्कार करने लगी थी।
लगभग दस मिनट के मुझे चोदने के बाद रवि मेरे कान में बोला- जानेमन, तुझे अब कुतिया की तरह चोदूंगा।
मुझे कुछ भी समझ नहीं आया लेकिन अब रवि ने चूत से अपना लंड बाहर निकाला और मुझे पलट कर कुतिया की तरह एडजस्ट किया। मेरा सिर नीचे और हिप्स ऊपर करके पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर उसने मेरी चूत में लंड घुसाया। मेरी चूत अबतक उसके लंड के साईज़ के हिसाब से फैल चुकी थी इसलिए बड़ी आसानी से उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया।
अब रवि ने पीछे से मेरे मम्मों को पकड़ लिया और बेतहाशा मुझे चोदने लगा। मैंने सिर थोड़ा सा राइट साइड घुमा कर आईने में देखा कि रवि का लंड मेरी चूत में अंदर बाहर होते हुए साफ दिख रहा था। यह दृश्य देखते ही मुझे भी जोश आ गया और मैं अपनी गांड आगे पीछे करके चुदवाने लगी।
थोड़ी देर इसी तरह चोदने के बाद रवि मेरे कान में बोला- रश्मि जान, मैं अपना माल तेरे मुंह में डालना चाहता हूं।
इतना बोल कर उस ने अपना लंड बाहर खींच लिया और मुझे बैठा दिया। उसने मेरे मुंह में अपना लंड घुसेड़ दिया और मुख चोदने लगा।
कुछ ही सेकंड में उसका गर्म गर्म वीर्य मेरे मुंह में गिरने लगा। दोस्तो, इसके पहले मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे मुंह में कभी भी अपना माल नहीं गिराया था। मैंने आज पहली बार वीर्य का स्वाद चखा। रवि के सारे वीर्य को मैंने गटक लिया और चाट चाट कर उसके लंड को साफ कर दिया। मुझे इसमें बहुत मजा भी आया।
अब हम दोनों पसीने पसीने नंगे ही एक दूसरे से बातें करने लगे।
रवि ने मुझसे पूछा- रश्मि तुम्हें कैसा लगा?
मैंने उससे शरमाते हुए कहा- आज जैसा मजा़ किसी चुदाई में नहीं आया।
तब उसने पूछा- पहले किसी से चुदाई हुई है क्या?
मैंने उसे बताया- मेरा एक बॉयफ्रेंड है जिससे मैं मौका पाने से चुदवाती हूँ।
फिर रवि ने मुझसे पूछा- क्या आज की घटना के बारे में तुम अपने बॉयफ्रेंड को कुछ बताओगी?
मैंने सोच कर अपना सर इंकार में हिलाया।
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने साथ साथ नहाए। क्योंकि मेरे कपड़े अभी भी पूरा गीले थे, इसलिए नहा कर मैंने दोबारा रवि का टीशर्ट पहन लिया और रवि सिर्फ चड्डी में था।
हम दोनों एक दूसरे से लगभग घंटे भर तक बतियाते रहे। इसके बाद रवि ने फिर से संभोग की इच्छा जाहिर की। मैंने तुरंत अपनी टी शर्ट उतार दी और नंगी हो कर बिस्तर पर लेट गई। मुझे नंगी देखकर रवि ने भी अपनी चड्डी उतार दी और नंगा हो गया। अब वो मुझ से सट कर लेट गया।
रवि मेरे कान में बोला- रश्मि, इस बार कुछ अलग तरीके से चुदाई करते हैं।
मैंने सर हिला कर सहमति दे दी।
इस बार रवि ने मुझे मेरे पैरों की उंगलियों की तरफ से चूमना शुरू किया और टांगों को चूमते चूसते धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़ने लगा। उसने मेरी जांघों को चूसा और कामोत्तेजना में मेरी चूत के आसपास बाइट भी किया।
वह मेरी चूत के अंदर तक अपनी जुबान डाल कर चाटने लगा। उसकी ज़ुबान के स्पर्श से मैं मछली की तरह छटपटाने लगी।
रवि अब मेरी नाभि तथा कमर के आसपास चूमने और काटने लगा। मैं बुरी तरह कामोत्तेजित होकर सीत्कार करने लगी। लगभग 15 मिनट तक इसी तरह मेरे अंगों को रवि चूसता रहा।
अब रवि मुझसे बोला- रश्मि, इस बार तुम्हारी गांड मारूंगा।
दोस्तो, मेरी गांड वर्जिन थी, मैंने रवि को मना किया लेकिन उसने प्यार से बोला- कुछ नहीं होगा डार्लिंग, सिर्फ सुपारे के अंदर घुसते समय थोड़ा दर्द होगा लेकिन बाद में बहुत ज्यादा मज़ा आएगा। आखिर में डरते हुए मैंने उसे अपनी सहमति दे दी।
अब रवि ने उठकर गया और सरसों के तेल की शीशी लाया, अपने लंड पर तेल डालकर उसे चिकना करने लगा। लंड के चिकना होने के बाद उसने मुझे फिर से डॉगी स्टाइल में एडजस्ट किया और मेरी गांड के छेद को थोड़ा सा फैला कर धीरे धीरे तेल मेरी गांड में टपकाने लगा। छेद में जब थोड़ा तेल अन्दर तक चला गया, तब उसने अपनी एक उंगली को तेल से भीगा कर मेरी गांड में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
गांड के छेद के थोड़ा खुल जाने के पश्चात उसने ज्यादा तेल मेरी गांड में डाला और दो उंगलियाँ मेरी गांड में डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा। छेद को अंदर तक तेल से चिकना करने के पश्चात उसने मेरे बूब्स पर बचा हुआ तेल लगा दिया।
अब वह मेरे पीछे आ गया और मेरी गांड के छेद पर उसने अपना सुपारा रख दिया। मुझे कमर से पकड़ कर उसने मेरी गांड के छेद पर दबाव बनाना शुरू किया। उसका मोटा सुपारा मेरी गांड में घुसने के लिए छेद को फैलाने लगा। मुझे थोड़ा दर्द होने लगा और मैं दर्द से कराहने लगी इसलिए रवि ने सुपारा बाहर निकाल कर और तेल मेरे अंदर डाला। मुझसे हिम्मत रखने के लिये बोल कर उसने फिर से सुपारा घुसाने का प्रयास किया।
गांड के छेद पर थोड़ा दबाव बढ़ा कर प्रयास करने से इस बार रवि का सुपारा मेरी गांड में घुस गया।
सुपारा घुसाने के बाद रवि थोड़ी देर इसी तरह रूका रहा, फिर उसने हल्के से धक्के मारना शुरू किया और हर धक्के के साथ उसका लंड थोड़ा और अधिक अंदर घुसने लगता था।
लगभग दस बारह धक्कों में रवि अपना आधे से ज्यादा लंड मेरी गांड में डालने में सफल हो गया।
मुझे दर्द ज़रूर हो रहा था लेकिन ज्यादा नहीं।
अब रवि ने मेरी कमर को पकड़ कर लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया। हर धक्के के साथ उसका लंड थोड़ा और अधिक अंदर तक घुस जाता था।
रवि अब मुझसे बोला- डार्लिंग, मेरा पूरा लंड अब तेरे अंदर घुस गया है। तुझे ज्यादा दर्द हो रहा है क्या?
मैं उससे धीरे से बोली- दर्द नहीं हो रहा है बल्कि मुझे अच्छा लग रहा है।
रवि खुश होकर पीछे से मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गांड मारने लगा। मैं भी नीचे से अपनी गांड उछाल कर रवि के साथ सहयोग करने लगी। रवि ने धीरे धीरे गांड मारने की रफ्तार तेज़ कर दी और मेरे सीत्कार की आवाज़ भी बहुत तेज़ हो गई।
रवि ने अचानक मेरी पसली के नीचे से अपना बाँया हाथ निकाला और मेरे दाहिने बूब को पकड़ कर मसलने लगा। अपना दाहिना हाथ उसने मेरे भगांकुर पर रखा और उसे सहलाने लगा। भगांकुर पर रवि की उंगलियों के स्पर्श से मेरी कामोत्तेजना बहुत अधिक हो गई और मैं अपने सीत्कार रोकने में पूरी तरह से असमर्थ हो गई।
रवि ने अपना लंड फंसे हुए ही मुझे करवट से लिया और मेरे बूब को मसलना जारी रखते हुए मेरी गर्दन को पीछे की ओर घूमने को कहा।
अब उसने मुझे चारों ओर से अपनी गिरफ्त में लेकर बूब के साथ साथ अधर चूसना शुरू कर दिया। साथ ही पीछे से गांड मारना तो जारी रखा ही लेकिन अपने दाहिने हाथ की गिरफ्त में मेरी चूत को लेकर उंगलियों से चूत की चुदाई भी करने लगा।
अब मेरी परिस्थिति कुछ ऐसी हो गई कि मेरा हर छेद चुदाई के मजे ले रहा था।
मुझे याद नहीं कि कामोत्तेजना में मैं कितनी बार झड़ गई लेकिन रवि ने मुझे आधे घंटे तक चोदना जारी रखा और बाद में वह मेरी गांड में ही स्खलित हो गया।
स्खलन के बाद भी उसने अपना लंड मेरी गांड में ही फंसाये रखा।
बाद में उसका लंड नर्म हो कर मेरी गांड से बाहर निकला। रवि ने मेरी गांड से बाहर निकलने वाले वीर्य को मेरे बूब्स पर लगा कर मालिश की।
हम दोनों फिर से साथ साथ नहाए।
कुछ समय बाद रवि ने ढूंढ कर एक आयरन निकाली और मेरी जींस और टॉप को प्रेस करके सुखा दिया।
मेरी ब्रा पैंटी मैंने रवि के घर में ही रवि के आग्रह पर छोड़ दी।
बाद में रवि मुझे बाइक से मार्केट ले गया और हम दोनों ने साथ साथ एक रेस्टोरेन्ट में खाना खाया। हम दोनों ने अपने मोबाइल नंबर एक दूसरे को दे दिये। फिर रवि ने मुझे मेरे होस्टल के बाहर छोड़ दिया।
मैं चुपचाप अपने कमरे में दाखिल हुई और कमरे की बत्ती गुल कर के वॉशरूम में गई। मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और खुद को आईने में देखा। आईने में खुद को देख कर मुझे खुद से शर्म आ गई क्यों कि मेरे अधरों और गर्दन के आसपास लाल लाल निशान हो गए थे, जो मेरी चुदाई की चुगली कर रहे थे। मेरा दाहिना निप्पल सूज कर मोटा हो गया था। कमर, जांघों और नाभि पर बहुत सारे निशान चूसने के कारण बन गए थे। मेरी मासूम चूत भी फैल कर मुस्कुरा रही थी। मीठा दर्द मेरी गांड में भी हो रहा था।
स्वयं के चुदे हुए बदन को देख कर मुझे खुद से रश्क होने लगा। मैंने मन ही मन बारिश का धन्यवाद किया जिसके कारण मुझे अपनी भरपूर चुदाई का मौका मिला।
तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की दास्तान।
रवि के साथ और क्या क्या किया बाद में, वो सब अगली कहानी में।
अपने कमेंट मुझे [email protected] पर भेजें।
धन्यवाद।
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