बारिश में भीगती अनजान लड़की

(Barish Me Bheegti Anjan Ladki)

कपिल साथी 2016-04-01 Comments

नमस्कार पाठको.. मेरा नाम कपिल है और मैं 5.11 फुट का एक अविवाहित युवक हूँ और जिम का शौकीन हूँ जिसके चलते मेरा शरीर काफी भरा हुआ और अच्छा दिखता है।
अन्तर्वासना मेरी पसंदीदा साइट है जहाँ मैं अपनी वासना की भूख को कई बार शांत कर चुका हूँ और इसी भूख के कारण एक दिन मेरे साथ एक ऐसी घटना घटी जो मुझे भुलाए नहीं भूलती.. उसी घटना को आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ..

बात उस दिन की है जब मैं अपना बी.ए. फाइनल का एग्जाम देने मेरठ से गाजियाबाद आ रहा था। मौसम खराब था और आधे रास्ते में ही बारिश शुरु हो गई थी लेकिन एग्जाम जरूरी था इसलिए रुक कर इंतजार करने का कोई विचार ही नहीं था मेरे मन में.. बारिश भी धीरे धीरे तेज हो रही थी और सड़क पर इक्का दुक्का वाहन ही दिख रहे थे।

चलते चलते बीच रास्ते में पक्की सड़क खत्म हो गई और एक कच्ची पगडंडी शुरु हो गई जो बारिश के कारण चलने के लायक नहीं बची थी और तेज हवा के झोंके सफर को और भी मुश्किल बना रहे थे।
फिर भी धीरे धीरे मैं बाइक को लेकर उस कच्ची पगडंडी के सुनसान से रास्ते पर चलता रहा..

कुछ दूर चलने पर देखा कि कोई इंसान छतरी लेकर शायद किसी की मदद का इंतजार कर रहा है..
थोड़ा पास पहुंचा तो पता चला छतरी के नीचे कोई लड़की खड़ी है शायद उसकी स्कूटी खराब हो गई है और वो किसी की मदद पाने के लिए वहाँ बारिश में खड़ी हुई है।
उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका.. मैं बाइक को एक तरफ लगाकर उसके पास गया..

पास आकर लड़की बोली- जी मेरी स्कूटी में पानी चला गया है जिसकी वजह से यह स्टार्ट नहीं हो रही है.. आप प्लीज एक बार देख लीजिए शायद आप मेरी कुछ मदद कर पाएँ.. मेरा एग्जाम है गाजियाबाद में..
तो मैंने कहा- मैं भी वहीं जा रहा हूँ.. आप घबराइये मत.. मैं देख लेता हूँ..

दोस्तो, लड़कियाँ तो बहुत देखी थी लेकिन ऐसी लड़की जिसके बारे में सपने ही देखा करता था आज वैसी ही लड़की मेरी आँखों के सामने खड़ी बारिश में भीग रही थी.. दूध जैसा रंग था जिस पर उसके भीगे हुए बाल देखकर लग रहा था जैसे अभी नहाकर आई है..

मोटी मोटी काली आँखें और बारिश के पानी के बोझ से बार बार झपकती पलकें उसको और मासूम बना रही थीं.. ठंड की वजह से कांपते गुलाबी होंठों से पानी की बूंदें टपकती हुई उसकी ठोडी से होती हुई गले तक जा रही थीं..

उसने सफेद रंग का सूट पहन रखा था जो बारिश में बिल्कुल भीग चुका था..और उसके नीचे पहनी गुलाबी रंग की ब्रा में उसके उभार कसे हुए थे.. उसके उभारों को संभालने के लिए ब्रा छोटी पड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी भीगी हुई वक्षरेखा ऊपर तक दिखाई दे रही थीं.. जिनमें उसकी होठों से आता हुआ पानी जा रहा था… और उसकी चूचियों को और भी सेक्सी बना रहा था।

कंधे पर लाल रंग का दुपट्टा था जो उसके एक उभार पर से होता हुआ दाएं घुटने तक जा रहा था.. नीचे सफेद रंग की कसी हुई पजामी पहनी थी जो बारिश में उसकी त्वचा से चिपक गई थी और कूल्हों पर सूट के कट में से उसकी गुलाबी पैंटी भी नज़र आ रही थी..

उसने दोबारा कहा- क्या आप मेरी मदद करेंगे प्लीज़..
मैं ख्यालों की दुनिया से निकला और स्कूटी की तरफ बढ़ा..

चाबी लेकर तेल की टंकी चैक करने के लिए झुका तो वो भी मेरे ऊपर छाता लेकर कर खड़ी हो गई..एका एक तेज हवा का झोंका आया और छतरी हवा में उड़ गई और उसका दुपट्टा उसके मुंह पर जा चिपका और सूट ऊपर हवा में उड़ गया जिससे उसका पेट नंगा हो गया और सफेद पजामी में चिपकी गुलाबी पैंटी में बनी उसकी शेप भी नजर आने लगी..

मेरे लंड में एक हलचल सी हुई एक हल्का झटका सा लगा.. लेकिन मैंने भावनाओं को काबू में रखा..
उसने खुद को संभाला और दुपट्टे को ओढ़ा और सूट को नीचे किया.. शर्म से उसका मुंह लाल हो गया.. और वो टूटी हुई छतरी उठाने के लिए झुकी तो उसके कूल्हों की शेप ने तो कहर ही ढहा दिया.. उसका कमीज चूतड़ों के बीच की दरार में फंस हुआ था।

वो उठी और मेरे पास आकर खड़ी हो गई.. अब तक मेरी ब्लू जींस और व्हाइट टी शर्ट भी बिल्कुल भीग चुकी थी और पानी से तर बतर मेरी चेस्ट की शेप ऊभर कर आ रही थी जिसमें से होता हुआ पानी मेरे अंडरवियर तक को भिगा चुका था..और मेरे लंड का उभार भी जींस में से साफ दिख रहा था।

मैंने कहा- हम कहीं पेड़ के नीचे खड़े हो जाते हैं, बारिश बहुत तेज हो गई है.. पास खडे पेड़ के नीचे जाने लगे तो अचानक उसका पैर फिसला और उसको संभालने के चक्कर में मैं भी उसके ऊपर जा गिरा और हम पेड़ से लग गए.. वो नीचे मैं ऊपर.. अपना वजन रोकने के लिए मैंने पेड़ को पीछे से पकड़ा जिससे मेरी बाहों ने उसको घेर लिया और उसकी बाहें मेरी कमर पर थीं.. मेरी छाती उसकी छातियों को दबा रही थी और मेरी एक टांग उसकी भीगी जांघों के बीच में घुस चुकी थी..

हमारी नजरें मिलीं और कुछ ही सेकेंड्स में होंठ भी मिल गए.. मैं बेतहाशा उसके होठों को चूसने लगा और मेरे हाथ अपने आप ही उसकी छातियों को दबाने लगे.. वो मेरा सिर पकड़ कर मेरे होठों को चूस रही थी और हम एक दूसरे में खोते जा रहे थे..

होठों को छोड़ अब मैंने अपना मुंह उसकी चूचियों में दे दिया और उसकी ब्रा को दांतों से नीचे खींचने लगा.. और हाथों से उसकी गांड को दबाने लगा।
वो अपने हाथों से मेरा मुँह चूचियों में घुसा रही थी..

अब मैंने शर्ट को गले तक ऊपर उठाया और जिससे उसकी भीगी हुई गुलाबी ब्रा सामने आ गई और उनमें से तने हुए निप्पलों को मैंने चुटकी से मसल दिया, जिसके परिणाम में उसने मेरा लंड पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया.. जिससे मुझे और जोश चढ़ा और मैंने शर्ट को निकाल कर ब्रा को सरका दिया और वो ऊपर से नंगी हो गई।

अब मैं पूरे जोश के साथ उसकी चूचियों को चूसने और काटने लगा. .वो मदहोश होने लगी और मेरी टी शर्ट को निकालने की कोशिश करने लगी…

मैंने टी शर्ट निकाली और वो मेरी चेस्ट को चूमने लगी.. और मैं उसके चूतड़ों को मसलने लगा..
अब मैंने उसे पेड़ के सहारे टिकाया और नीचे बैठकर पजामी निकाल दी.. जिससे गुलाबी पैंटी में भीगी उसकी चूत की शेप साफ दिखने लगी।

मैंने उस पर मुंह रख दिया.. तो उसने एक टांग उठाकर मेरे कंधे पर रख दी.. मैंने हाथों से पैंटी नीचे खींची तो उसकी लाल चूत मेरी आँखों के सामने थी जो पानी से तर बतर थी..
मैंने जीभ को पैना किया और चूत में घुसा दी.. उसकी सिसकी निकल गई और उसने पूरे जोर के साथ मेरा मुंह चुत में घुसा दिया..
और मैं उसकी चूत को चाटने लगा..

उसको इतना सेक्स चढ़ चुका था कि उसने दोनों हाथों को पीछे करके पेड़ को पकड़ लिया और वो पूरी नंगी होकर अपनी चूत को मेरे मुंह में धकेले जो रही थी.. आह..आह..की आवाजों में बारिश का शोर सुनना बंद हो गया था..

मैं खड़ा हुआ तो जींस में से लंड का डंडा बना चुका था बार बार झटके मार रहा था.. मैंने बटन खोलकर जींस जांघों तक सरकाई तो जॉकी के सफेद अंडरवियर में मेरा लंड उफान मार रहा था।
उसने अंडरवियर पर हाथ रख कर लंड को दबाया तो मैं बेकाबू हो गया और उसकी चूचियों को दबाते हुए होठों को चूसने लगा।

इस दौरान मैं अंडरवियर में से ही उसकी चूत में धक्के मार रहा था।
उसने अपने हाथों से अंडरवियर को नीचे कर दिया तो मेरा लंड चूत से टकराने लगा और अंदर जाने का रास्ता बनाने लगा..
दोनों के जननांगों से निकलते रस की वजह से पच-पच की आवाज आने लगी..

अब उससे रहा नहीं गया और उसने अपने हाथ से लंड को चूत के छेद पर रखा और मेरे होठों को चूमते हुए दोनों हाथों से मेरे कूल्हों को अपनी चूत की तरफ धकेल दिया..
और मैंने भी पूरी ताकत के साथ धक्का मारा तो लंड चूत को चौड़ी करते हुए अंदर तक जा फंसा।

अब मैंने आव देखा ना ताव और उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी चूत को चोदने लगा..
वो पागल होने लगी..
मेरी स्पीड धीरे धीरे बढ़ रही थी..
आह.. आह.. प्लीज.. आह.. जान.. कहते हुए वो चुदे जा रही थी और मैं पागलों की तरह उसको चोद रहा था..

क्या गर्म चूत थी और ऊपर से बारिश में भीगते हमारे नंगे बदन..
कुछ देर बाद उसने मेरा मुंह अपनी छाती में दबा दिया और उसकी चूत से रस निकलने लगा जिसने मेरे लंड को भिगा दिया।
अब मुझे और जोश चढा़ और दोगुनी स्पीड से चूत मारने लगा।

वो एक टांग को मेरे कूल्हों पर रखे हुए मुझसे लिपटी हुई चुद रही थी.. मन कर रहा था चूत को फाड़ दूं..
और 5 मिनट बाद मेरे लंड ने अपना रस उसकी गर्म चूत में छोड़ दिया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर निढाल हो गए..
2 मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद फटाफट कपड़े पहने और उसे भी पहनाए।

मैं एग्जाम के लिए जाने लगा और उसको भी अपने साथ चलने के लिये कहा लेकिन वो स्कूटी छोड़ कर जाने को तैयार नहीं हुई।

उसको सॉरी बोलकर जाते हुए नाम पूछा तो बोली- अर्पणा..
कहते हुए उसकी आंखों से आँसू आ गए..

ना चाहते हुए भी मुझे उसको छोड़कर जाना पड़ा..
लेकिन उसके वो आँसू आज भी मेरे लिए एक सवाल बने हुए हैं..
मैं कई बार उस रास्ते पर गया भी लेकिन वो मुझे कभी नहीं मिली..

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आपका साथी..
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