अंजू की चूत, गाण्ड और झांटों की सुगन्ध -1
(Anju Ki Choot Gaand Aur Jhanton Ki Sugandh-1)
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मेरे प्रिय पाठको, यह एक ताज़ी ताज़ी घटना है जिसमें मुझे अन्तर्वासना की एक और पाठिका को चोदने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मैंने अपनी पिछली कहानी में आप सब पाठकों को बताया था कि कैसे सलोनी गौड़ (नाम बदल दिया गया है) नाम की एक पाठिका ने ‘चूत चुदाई चंदा रानी की‘ जो मेरी पहली कहानी छपी थी, पढ़ कर मेरे से चुदाई करवाने का इरादा ज़ाहिर किया था।
कुछ ही दिनों में उसका यह इच्छा पूरी हो गई जिसका वर्णन विस्तार से मैंने अपनी कहानी ‘सलोनी रानी की चुदाई‘ में किया है।
सलोनी रानी से सम्बंध बने हुए हैं और जब भी अवसर मिलता है हम मिलकर खूब चुदाई कर लेते हैं।
खैर सलोनी रानी को फिलहाल छोड़ कर मैं नई घटना के बारे में लिखता हूँ।
हुआ यूँ कि सलोनी रानी की ही तरह एक और पाठिका की मेल आई जो उसने नीलम रानी की चुदाई की कहानी पढ़ कर लिखी थी।
उसने लिखा- चूतेश जी, मैं भी नीलम रानी जैसे जॉब के बदले में चुदवाना चाहती हूँ। उसका नाम अंजू शर्मा है (नाम बदल दिया गया है)
मैंने पूछा कि तुम सिर्फ जॉब लेने के लिये चूत मरवाना चाहती हो या तुम्हें वैसे भी चुदास बहुत तेज़ उठा करती है।
उसने कहा- नहीं चूतेश जी, मेरा बहुत दिल करता है कि मैं रोज़ रोज़ चुदूं… अगर चुदाई के साथ साथ जॉब भी मिल जाये तो एक पंथ दो काज…
मैंने पूछा- अंजू रानी, तुम पहले कभी चुदाई है?
बोली- हाँ, मैंने कई बार अपने बॉय फ्रेंड को चोदा है लेकिन अब उसकी शादी हो गई है किसी और लड़की से, तो मैं पिछले तीन महीनों से सूखी पड़ी हूँ, उसने शादी के बाद दुबारा मिलने की कोशिश की थी लेकिन मैंने उस धोखेबाज़ को गालियाँ देकर भगा दिया।
मैंने पूछा- क्या तुम सेक्रेटरी का काम कर सकोगी?
उसने जवाब दिया- हाँ, वैसे कभी किया तो नहीं है लेकिन मेरा वर्ड और एक्स्सेल में अच्छा हाथ सेट है तो कर लूँगी।
मैंने फिर पूछा- रानी, तुमको मुझसे भी चोदना होगा और मेरे उस फ्रेंड से भी जो तुम्हें जॉब देगा।
उसने कहा- मैं तो इतनी प्यासी हूँ कि जितना भी चोदी जाऊँगी उतना ही आनन्द आयेगा मुझे… आप दोनों खुशी से मेरी चूत मारिये!
उसकी इतनी रंगीली और लंड, चूत जैसे शब्दों से भरी हुई भाषा सुन कर मैं दंग रह गया।
आमतौर पर लड़की ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करती हैं, और यदि करती भी हैं तो चुदाई के वक्त ना कि आम बोलचाल में…
अंजू रानी तो सलोनी रानी से भी एक कदम आगे थी।
लेकिन उसके मुख से ये शब्द सुन कर बेहद मज़ा भी आया, खासकर जब कि उसकी आवाज़ ही बहुत मीठी थी, बिल्कुल यूं लगता था कि कोई दूर कहीं बांसुरी बजा रहा है।
पलक झपकते ही ये चूतेश मस्ता गया।
मैंने अपने कुछ सहयोगियों से मालूम किया तो तीन लोगों को सेक्रेटरी की ज़रूरत थी और जब पता चला कि यह सेक्रेटरी काम के साथ साथ चूत भी देगी तो सभी फौरन मान गये और एक ने तो सबसे आगे बढ़ते हुए बिना किसी इंटरव्यू के उसे जॉब का ऑफर भेज दिया, तनख्वाह भी बढ़िया लगा दी, Rs 18000 प्रति माह…
अन्तर्वासना की जो भी पाठिका चुदक्कड़ हो और सेक्रेटरी का जॉब करना चाहती हो उसके लिये मैं जॉब का इंतज़ाम कर सकता हूँ।
जॉब मिल जाने के बाद अंजू रानी ने फोन किया- चूतेश जी, बताईये कहाँ और कैसे मिलेंगे? आपने मेरी जॉब लगवाई है उसका आपसे चुद कर धन्यवाद देना है आपको…
मैंने अंजू रानी को गुड़गाँव अपने घर का पता देकर वहीं पर ही आने को कहा।
मेरी पत्नी जूसी रानी चार पांच दिन के लिये अपनी बहन के घर फ़रीदाबाद गई हुई थी।
अपनी बीवी के बिस्तर पर दूसरी लड़की को भोगने में मज़ा ही कुछ अलग होता है।
अंजू रानी अगले दिन सुबह 11 बजे मेरे घर पर पहुँच गई।
उसे मैंने ड्रॉइंग रूम में बिठा दिया।
वो सिकुची सी सोफे के सिरे पर बैठ गई।
अंजू एक फैशनेबल लड़की है, सांवला रंग, बड़ी बड़ी सुन्दर सी आँखें, झक सफेद दांत और कंधों पर लहराते हुए गहरे काले बाल।
मस्त फिगर जिसमें बड़ी बड़ी चूचियाँ ऐसी कि बंदा टकाटक घूरे ही जाये। उसकी चूचियाँ कम से कम 36C साइज़ की होंगी। गोल गोल मदमस्त उसकी टॉप को फाड़ के बाहर कूदने को तैयार !
अंजु रानी ने एक हलके नीले रंग का स्लीवलेस टॉप और उसके नीचे एक बड़े घेरेदार प्रिंट वाली स्कर्ट पहन रखी थी जो उसके घुटनों के नीचे तक पहुंच रही थी।
पैरों में ऊंचे हील की खूबसूरत सैंडल थी।
सैंडल और स्कर्ट के बीच में अंजु रानी की सुडौल, चिकनी टांगें और सुन्दर से पैर दीख रहे थे।
उसके एक हाथ में एक बढ़िया बैग और दूसरे हाथ में एक फोल्डर था।
अंजु रानी का चेहरा बहुत सुन्दर तो नहीं था लेकिन दिलकश ज़रूर है।
उसे देख कर अच्छा लगता था और नज़र हटाने को बिल्कुल भी दिल नहीं करता।
कद था कोई 5 फुट 5 इंच…
ज़्यादा खूबसूरत ना होते हुए भी अंजू रानी बहुत आकर्षक और सेक्सी लगती है।
मैंने कहा- रानी ज़रा चल के तो दिखाओ?
बोली- क्या देखना चाहते हो? मैं लंगड़ी तो नहीं हूँ?
मैं बोला- नहीं अंजू रानी, मैं तो तुम्हारे गोल गोल नितम्ब चलते हुए कैसे झूमते हैं, ये देखना चाहता था।
अंजु रानी खिलखिला कर हंसी…
क्या मनलुभावनी हंसी है इस सेक्स बम की !!!
उठ के अंजु रानी हँसते हँसते एक मॉडल की तरह कमर लहरा लहरा के चल के दिखाने लगी।
मैं भी हंसा लेकिन साथ साथ उसके मदमस्त चूतड़ों के उछल कूद से मैं मोहित भी हो गया।
चूतेश… साले चोदू, कितना मज़ा आयगा जब ये मस्त नितम्ब चाटने को, हाथ फेरने और चूमने को मिलेंगे !!!
दस कदम चल कर अंजु रानी ने मुझे मंत्रमुग्ध कर डाला।
वो वापिस आकर सोफे पर बैठ गई. इस बार वो सिकुची सिकुची नहीं बल्कि ठीक से आराम से बैठी, मुस्कराते हुए बोली- चूतेश जी आपसे मिलने के लिये मैंने काफी तैयारी की है।
मैं बोला- रुक ज़रा… सबसे पहले तो मुझे चूतेश जी कहना बंद कर.. मेरे दोस्त मुझे राजे कहते हैं और तू कह के संबोधित करते हैं। तू भी राजे कह और तू से बात कर!
अंजु रानी ने इतरा के मेरे कान में शहद घोला- मैं ना कहूँगी राजे… मैं तो राजा कहूँगी…हाँ तू कह सकती हूँ।
मैंने पूछा- अंजू रानी, तो बता क्या तैयारी की है?
अंजू रानी बोली- राजा…मैंने तेरी सब कहानियाँ पढ़ी हैं… उन्हें पढ़ के मैंने यह अन्दाज़ लगाने की कोशिश करी कि तू किन किन हरकतों से खुश होकर चुदासा होता है… लड़की क्या क्या करे जिससे तेरी ठरक अंधाधुंध बढ़े… इस पर मैंने बड़े ध्यान से रिसर्च की और उसी हिसाब से तैयारी की।
मैं बोला- अंजू रानी, माना तू बड़ी रिसर्च स्कॉलर है, पर अब बता तो सही क्या होम वर्क करके आई है?
अंजू रानी खिलखिला के हंसी और बोली- तुझे लड़की का सारा बदन चाटने का बड़ा शौक है… इसलिये मैं अपनी टांगें और बाहें वेक्सिंग करवा के आई…
वैसे मेरे बाल बहुत थोड़े हैं फिर भी मैंने सोचा कि चूतेश को मैं एकदम चिकनी मिलूं…
लेकिन झांटें पूरी की पूरी जंगल समान रहने दीं क्योंकि तू उनमें मुंह रगड़ता है…
बगल के बाल भी यूं ही रहने दिये…
मेरी समझ में आया कि चूतेश लड़की के पैरों और हाथों को चाट के बहुत उत्तेजित होता है इसलिये मैंने पेडीक्यूर और मैनीक्यूर करवाया…
चूतेश को लड़की का स्वर्ण रस पीने में मज़ा आता है तो इसलिये मैं सुबह 5 बजे उठी और टोइलेट से फ्री हो गई ताकि मेरे राजा को कम से कम 6 से 7 घंटे का जमा किया हुआ अमृत तो मिले…
नई सैंडल खरीदी ऐसे डिज़ाइन की जिसमें तू मेरे पैर तकरीबन पूरे अच्छे से हर समय देख सके…
मैंने लिपस्टिक भी नहीं लगाई जिससे राजा को मेरे होंठ चूसने से पहले उन्हें पोंछना न पड़े क्योंकि राजा को होंठों का स्वाद पसंद है न कि लिपस्टिक का…
फिर मैंने यह स्कर्ट और टॉप खरीदी जिसे उतारने में ज़रा भी दिक्कत ना हो…
यार चूतेश मेरे पांच हज़ार खर्च हो गये तेरे को खुश करने की तैयारी में… सच सच बता मेरी रिसर्च सही है कि नहीं?
मुझे मानना पड़ा कि हाँ अंजू रानी का होम वर्क एकदम पर्फेक्ट है, मैं हंस के बोला- अंजू रानी बिल्कुल सही…यार तू कहानी पढ़ती थी या मुझे?
उठकर मैं अंजू रानी के नज़दीक गया और उसे सोफे से उठाकर उसे आलिंगन में कस के बाँध लिया।
मैं उसके खूबसूरत चेहरे को निहारता हुआ बोला- रानी तूने तो मुझे मोहित कर लिया है यार… तू सच में एक सेक्स बॉम्ब है…तू पांच हज़ार की चिंता न कर, मैं दे दूंगा।
अंजू रानी थोड़ी उदास होकर बोली- नहीं राजा, तू सरासर झूठ बोल रहा है…तू कोई मेरे ऊपर मोहित वोहित नहीं हुआ… मेरे जैसी काली लड़की पर कौन मोहित होगा… यही तो ट्रैजेडी है मेरी कि मैं काली हूँ… मुझे मालूम है तू मेरा दिल रखने के लिये कह रहा है।
मैं उसकी चुम्मी लेकर बोला- रानी, कौन चूतिया कहता है कि तू सुन्दर नहीं है… इतनी काली भी तू नहीं है जितना तू समझती है… तेरा रंग उत्तर भारत के एक आम हिन्दुतानी जैसा है… गोरा नहीं है लेकिन काला भी नहीं है… थोड़ा सांवला है… तेरा हर अंग खूबसूरत है… तेरा चेहरा कितना खिला खिला एक हंसते हुए फूल जैसा है… तू अंजू रानी सुन्दर ही नहीं बहुत सुन्दर है… ले अब मेरी चुम्मी ले।
अंजू रानी ने खुश होके मुझे बड़े प्यार से मुंह पर चूमा और बोली- राजा…तू बहुत चूतिया बनाता है लड़कियों को पर तेरी बातें सुन के अच्छा भी लगता है… आज कुछ ऐसा करेंगे जो तेरी किसी भी कहानी में नहीं किया गया… मैं प्लानिंग कर के लाई हूँ… बताऊँ या ससपेन्स रहने दूं तेरे लिये?
मैंने कहा- नहीं, बताने की ज़रूरत नहीं है, ये ससपेन्स रहे तो ज़्यादा मज़ा आयेगा।
अंजू रानी ने कहा- मैं एक गाना मोबाइल पर बजाऊँगी… उस गाने पर हम दोनों अपना एक एक कपड़ा उतार के फेंक देंगे… मैं टॉप उतारूं तो तू शर्ट उतारना… मैं स्कर्ट उतारूं तो तू अपनी पैंट उतारना… सिर्फ उतारना नहीं है बल्कि उतार के दूर फेंकना है… जब तक गाना खत्म होगा हमें पूरा नंगा हो जाना है… ठीक है न?
मैं बोला- हाँ ठीक है।
उसकी चुदाई के लिये की गई इतनी प्लानिंग से मैं बहुत प्रभावित था और मुझे दिख रहा था कि यह लड़की बेतहाशा मज़ा देने वाली है।
अंजू रानी चहक के बोली- देख राजा… दो गाने हैं जो मर्द में कामवासना इतनी ज़्यादा भड़काते हैं जिसकी कोई हद नहीं… मैं बहुत गाने सुनती हूँ लेकिन आदमी की गोलियों में आग लगाने वाले ये ही दो गाने मुझे सबसे अधिक पसंद हैं. तुझे बस यह चूज़ करना है कि किस गाने पर कपड़े उतारते हुए डांस करूं और किस पर नंगी होकर…
मैं बोला- रानी, गाने कौन से हैं ये तो बताओ तभी तो चूज़ करूंगा।
अंजू रानी ने बताया- एक गाना है- हुस्न के लाखों रंग कौन सा रंग देखोगे, आग है ये बदन कौन सा अंग देखोगे।
और दूसरा है- अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान, जलने लगी है काया जलने लगी है जान!
दोनों ही गाने गज़ब के लंड खड़ा कर देने वाले हैं… अब जल्दी से बता राजा पहले किस गाने पर नाचूँ?
मैंने कुछ देर सोचा, मैंने दोनों गाने सुने हुए थे हालांकि काफी पुराने समय के थे… फिर मैंने फैसला किया कि ‘हुस्न के लाखों रंग’ गाना नंगे डांस के लिये बेहतर रहेगा और यही मैंने अंजू रानी को कह दिया।
अंजू रानी ने गाना चालू किया और लगी डांस करने…
एक कैबरे डांसर की तरह वो बड़ा भड़कीला डांस कर रही थी…
उसकी भाव भंगिमायें और मुद्राएं उत्तेजित करने वाली थीं।
अंजू रानी की ज़बरदस्त चूचियाँ अंजू के नाचते हुए खूब उछल कूद कर रहे थे जिन्हें देख कर मैं पागल हुए जा रहा था।
अचानक अंजू रानी ने नाचते नाचते अपनी स्कर्ट नीचे की और वैसे ही नाचते हुए पैर स्कर्ट से बाहर निकाल लिये, उसने एक किक जो मारी है स्कर्ट को तो वो दस गज़ दूर जाकर गिरी।
मैंने भी झट से अपनी पतलून उतार के दूर कहीं को उछाल फेंकी।
अंजू रानी खूब मस्त होकर डांस कर रही थी।
फिर उसने अपनी टॉप भी नाचते हुए उतारी और दूर फेंक दिया।
अब अंजू रानी केवल ब्रा और चड्डी में थी…
क्या मस्त फिगर थी यार अंजू रानी की…
और चूचों का तो कहना ही क्या !!!
ऐसे गज़ब के चूचे मैंने तो कभी नहीं देखे थे।
मेरा अंदाज़ गलत था, उसके चूचों के साइज़ के बारे में… मैंने लिखा था कि कपड़े पहने हुए अंजू रानी के चूचुक 36C के होंगे लेकिन अब मुझे लगने लगा कि ये मतवाले चूचे 38C होने चाहियें।
अंजू रानी के डांस के साथ ये भी नाच रहे थे और देखने वाले इस चूतेश की गांड फाड़े डाल रहे थे।
तभी अंजू रानी ने अपनी ब्रा को उतार के जाने कहाँ फेक दिया और अपनी आलीशान चूचियों को जैसे क़ैद से आज़ाद कर दिया।
बड़ी बड़ी गोल गोल मतवाली चूचियाँ ब्रा के हटते ही कूद के बाहर को निकलीं।
ओओओओओ…..ओहहह !!!!
यार चूचे हों तो अंजू रानी जैसे हों… उसके चूचे देख के मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे ही रह गई, गला सूख गया और माथे पर पसीना छलक उठा, बदन एकदम से मानो चार पांच डिग्री गरम हो गया।
मस्त चिकनी चूचियाँ ! खूब बड़े बड़े, उठे हुए गहरे काले निप्पल और हर निप्पल का एक एक बड़ा सा दायरा जिसका रंग हल्का काला !
अभी मैं खुद को संभाल भी नहीं पाया था कि अंजू रानी ने अपनी पतली सी चड्डी भी उतार दी और उसे नाचते नाचते मेरे पास लाकर मेरी नाक को चड्डी में घुसा दिया।
फिर उसने चड्डी को मेरी नाक और मुंह से खूब ज़ोर ज़ोर से रगड़ा।
उसकी चड्डी सूंघ के यारों मज़ा आ गया ! लुत्फ आ गया !! स्वाद आ गया !!! मुझे एक साथ अंजू रानी की चूत, गाण्ड और झांटों की सुगंध मिल रही थी।
थोड़ी सी गंध उसके पसीने की भी इन सभी गंधों में मिली हुई थी।
एक चुदास से लबालब भरी हुई लड़की के बदन की अंतरंग सुगंधें एक साथ पहली बार मैंने सूँघी थीं।
‘अब बहनचोद मुझे देखेगा भी या मेरी कच्छी ही में घुसा रहेगा… खायेगा क्या इसे? …एक लड़की नंगी नाच रही है और एक गांडू चड्डी से खेले जा रहा है?’ अंजू रानी की फटकार ने मुझे जैसे सोते से जगाया।
कहानी जारी रहेगी।
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