अनजानी रिया की चुदने की चाहत
(Anjani Riya ki Chudne ki Chahat)
मैं अजय पटेल हूँ 33 साल का हूँ और सूरत से हूँ। मैं पहली बार यहाँ पर अपनी कहानी लिख रहा हूँ।
मैंने आज से पहले कभी कोई कहानी नहीं लिखी, पर मैं यहाँ कई कहानियां पढ़ चुका हूँ। तो मेरे मन में भी विचार आया कि मैं भी अपनी सच्ची घटना आप सब को बताऊँ।
यह बात लगभग 3 महीने पहले की है, मैं अपने दोस्त को कॉल करने के लिए मोबाइल से कोशिश कर रहा था, पर घन्टी जाती रही किसी ने भी मेरी कॉल का उत्तर नहीं दिया।
मैंने सोचा थोड़ी देर बाद कॉल करूँगा।
फिर करीब 30 मिनट बाद उधर से फोन आया, तो कोई महिला बोल रही थी।
उसने मुझसे कहा- आपने मेरे नम्बर पर थोड़ी देर पहले कॉल किया था, आप को किससे काम था?
तो मैंने कहा- सॉरी.. मैंने अपने दोस्त को कॉल किया था।
तो उसने कहा- आप के दोस्त का नाम क्या है?
मैंने कहा- उसका नाम महेश है।
तो उसने कहा- महेश तो इधर कोई नहीं है, आप कहाँ से बोल रहे हो?
तो मैंने कहा- मैं सूरत से हूँ और आप कहाँ से हैं?
तो वो बोली- मैं भी सूरत की ही रहने वाली हूँ, पर अभी मैं काम की वजह से अपने गाँव आई हुई हूँ। आप को कॉल करना हो तो आप 4 दिन के बाद मुझे सुबह 9 से शाम 7 बजे तक ही कॉल करना।
ऐसा कह कर उसने कॉल काट दिया।
तो मैं सोच में पड़ गया कि उसने मुझसे ऐसा क्यों कहा?
मैंने फिर से उसी नम्बर पर कॉल की, तो उसी ने कॉल उठाया और कहा- वापस कॉल क्यों किया? मैंने आपसे कहा ना कि 4 दिन के बाद कॉल करना।
तो मैंने कहा- हाँ.. मैंने सुना है, पर मैं आप का नाम चाहता था?
उसने कहा- हाँ.. सॉरी मेरा नाम रिया है और आप का?
मैंने कहा- अजय।
उसने पूछा- आप की उम्र?
तो मैंने कहा- 33 साल.. और आपकी?
उसने कहा- मेरी उम्र 30 साल है।
उसने कॉल काट दिया।
फिर 4 दिन के बाद सुबह ही मैंने रिया को कॉल लगाया तो फोन बन्द आ रहा था। फिर दोपहर 2 बजे उसका कॉल आया।
‘हाय अजय जी कैसे हो.. पहचाना?’
मैंने कहा- हाँ पहचाना… सुबह मैंने लगाया था पर आप का फोन बन्द था।
वो बोली- आज सुबह ही मैं सूरत आ गई थी, पर नींद आ रही थी, तो मैं अपना सेल बन्द करके सो गई थी।
मैंने कहा- तो अब तो तुम फ्रेश हो गई होगी?
तो कहा- हाँ.. मैं तो फ्रेश हो गई हूँ। आप कैसे हो?
मैंने कहा- मैं ठीक हूँ।
फिर मैंने उससे पूछा- आपके बच्चे कहाँ गए?
तो वो थोड़ी परेशान सी हो गई और बोली- मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ, मेरी शादी को 9 साल हो चुके हैं। आप के कितने बच्चे हैं?
तो मैंने कहा- मेरे 2 बच्चे हैं।
फिर उसने मुझे सीधा पूछा- क्या आप मुझसे दोस्ती करोगे?
तो मैंने कहा- पर हम एक-दूसरे को जानते नहीं हैं तो दोस्ती कैसे संभव है?
तो उसने कहा- उसमें क्या बड़ी बात है.. तुम अभी फ्री हो?
मैंने कहा- हाँ मैं फ्री हूँ, क्यों?
तो वो बोली- चलो मैं 20 मिनट के बाद तुम्हें रेलवे स्टेशन पर मिलती हूँ। तुम भी वहीं आ जाओ।
तो मैंने कहा- हाँ.. ठीक है मैं आता हूँ।
कोई 20 मिनट के बाद हम रेलवे स्टेशन पर मिले, हमने फोन से एक दूसरे को पहचाना। वो पीले रंग की साड़ी में वहाँ आई थी।
करीबन 5 फिट 4 इन्च की थी, एकदम गोरा रंग और उसका भरा हुआ कामुक बदन था।
उसने कहा- चलो तुम्हारी बाइक पर कहीं घूमने चलें।
तो मैंने अपनी बाइक चालू की और वो पीछे बैठ गई। फिर हम सूरत से थोड़ी दूर चले गए। सुनसान इलाका आ गया, थोड़ी झाड़ियाँ और खेत शुरू हो गए, तो वो मुझसे चिपकने लगी।
मैंने कहा- क्या बात है रिया? आप तो रोमांटिक मूड में हो।
तो वो बोली- हाँ यार.. तुम्हें देख कर मुझे आज रोमांस करने का मूड हो गया है।
मैंने कहा- क्यों.. ऐसा क्या मुझमें खास है?
वो बोली- अरे हीरे को कभी पता होता है उसकी कीमत क्या होती है?
तो मैंने कहा- हाँ.. वो बात तो सही है।
वो एकदम से मुझे चिपक गई और उसके बड़े-बड़े मम्मे अब मेरी पीठ पर दबने लगे।
मैं भी उसके पपीतों की मुलायमियत से थोड़ा गर्म हो गया।
मुझे भी उसकी यह हरकत देख कर मज़ा आ रहा था।
फिर अचानक उसने कहा- अपनी बाइक को रोको।
मैंने अपनी बाइक रोक दी और पूछा- क्या हुआ? क्या वापस ले लूँ.. सूरत।
तो उसने कहा- ना.. वापस नहीं पर पीछे एक मोड़ निकल गया है.. वहाँ ले लो।
मैंने अपनी बाइक मोड़ ली और उस जगह पर वापस आ गया।
उसने कहा- यहाँ अन्दर को चलो।
मैंने वहाँ अन्दर अपनी बाइक ले ली। वहाँ थोड़ी झाड़ियाँ थीं।
उसने कहा- यहीं बाइक खड़ी कर दो… हम थोड़ी देर यहीं बैठ कर बातें करेंगे, फिर चले जाएँगे।
तो मैंने वहाँ झाड़ियों के पीछे अपनी बाइक खड़ी कर दी और वो बाइक पर एक-दूसरे की तरफ मुँह करके बैठ गए। मैं वहाँ उस के सामने था।
मैंने कहा- हाँ बोलो रिया अब.. क्या बात है.. तुम तो यार बहुत ही खूबसूरत हो।
तो उसने बोला- हाँ मैं तो खुबसूरत हूँ ही, पर तुम भी कुछ कम नहीं हो।
तो मैंने कहा- नहीं.. तुम्हारे जितना तो नहीं हूँ।
उसने कहा- अब हम दोनों दोस्त हैं ना..?
तो मैंने कहा- हाँ हैं…
उसने कहा- मैं तुम्हें एक सरप्राइज़ देना चाहती हूँ। अपनी आँखें बन्द कर लो।
तो मैंने अपनी आँखें बन्द कर लीं।
उसने बाइक से नीचे उतर कर मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख कर एक लंबी चुम्मी कर दी।
मैं तो दंग रह गया कि ये उसने क्या कर दिया…??
पर सच कहूँ यारों.. मैं तो पूरे रास्ते यही सोचता आया था कि काश इसको मैं चुम्बन कर पाता।
मैं कुछ कर ही नहीं पाया और उसने मुझे सामने से चुम्बन कर दिया।
तो अब मैं भी उसे दूर करने के बहाने उसके मम्मों पर हाथ रख कर उसे पीछे ठेलने के लिए झूठ-मूठ का धक्का देने लगा।
तो वो और जोरों से मेरे होंठों को चूसने लगी।
फिर मैंने भी उसे कस कर पकड़ लिया और उसके ऊपर वाले होंठों को चूसने लगा। वो और गर्म हो गई और मैंने एक हाथ से उसके ब्लाउज पर से ही उसकी तनी हुई चूचियों को मसलने लगा।
वो ज़ोर से ‘आहह’ कर उठी और उसने कहा- धीरे यारर.. दर्द होता है।
मैं भी गर्म हो गया और अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ कर जोरों से भींचने लगा।
उसे मज़ा आ रहा था और वो अब पूरी तरह गर्म हो गई थी।
मैंने उसके ब्लाउज के ऊपर के 2 बटन खोल दिए और उसके मम्मों को बारी-बारी चूसने लगा।
वो ‘आहह आहह’ की आवाजें अपने मुँह से निकाल रही थी।
फिर मैं अपना एक हाथ उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूत पर फेरने लगा, तो वो मचलने लगी।
मैं समझ गया कि यह अब पूरी चुदासी हो चुकी है, तो मैंने झट से अपना हाथ उसके पेटीकोट में घुसेड़ दिया।
उसने नीचे कुछ नहीं पहना था, सीधा मेरा हाथ उसकी चूत पर गया, उसकी क्लीन चूत एकदम चिपचिपी हो गई थी। मैंने उसकी चूत को मसलना शुरू किया और वो तड़पने लगी। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी बुर में डाल दी।
वो ‘उई.. माँ..आ’ कह कर चिल्लाई और मेरा मुँह अपने मम्मों पर दबाने लगी।
अब मैंने अपने दो ऊँगलियां उसकी चूत में पेल दीं, तो वो ‘अहह आआहह’ करके अपनी गाण्ड को आगे-पीछे करने लगी और ज़ोर-ज़ोर से सीत्कारें भरने लगी।
मैंने उसके मम्मों को छोड़ कर उसकी चूत पर चुम्बन कर दिया, तो वो चौंक गई और कहने लगी- अरे अजय तुम्हें मेरी चूत का जूस पसंद है? तो पीलो मेरे यार.. मैं भी तुम्हें जी भर कर पिलाना चाहती हूँ, आज तक मैंने अपना जूस किसी को नहीं पिलाया…।
मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, वो अब सातवें आसमान में थी। थोड़ी ही देर मे वो झड़ गई और मेरा सर अपनी जाँघों के बीच दबा लिया।
मैं खड़ा हो गया और उसने सीधी होकर मेरे पैन्ट की चैन खोल कर मेरा 7 इंच का लंड निकाला ओर उसके साथ खेलने लगी।
मैंने कहा- तुम अब इसे नहीं चूमना चाहोगी?
तो उसने कहा- अरे नहीं मुझे गंदा लगता है।
मैंने कहा- अरे यार तुम कभी अपने मुँह में लेकर तो देखो.. तुम्हें 7 वें आसमान का मज़ा आ जाएगा।
उसने कहा- चलो आज तुमने मुझे खुश किया तो मैं भी तुम्हारे लिए इतना तो कर ही सकती हूँ।
वो मेरे लंड पर चुम्बन करने लगी।
अब मैंने भी मौका देखा और झटका देकर मेरा आधा लंड उसके मुँह में डाल दिया और अपने दोनों हाथों से उसका सर जोरों से पकड़ कर उसका मुँह चोदना आरम्भ कर दिया।
वो छूटने के लिए मचल रही थी, पर मैं भी अपना लंड उसके मुँह में आगे-पीछे करने लगा। थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो बड़े प्यार से मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
करीब 10 मिनट उसने मेरा लंड चूसा और मैं अब झड़ने वाला था तो उसका सर पकड़ कर मैं जोर-जोर से आगे-पीछे हो रहा था और एकदम ही मैंने अपना सारा रस उसके मुँह में डाल दिया।
उसका सर पकड़ कर मैंने अपना पूरा लंड उसके हलक तक पेल दिया, तो ना चाहते हुए भी उसके मुँह में सारा वीर्य चला गया और वो पी गई। फिर मैंने अपने मजबूत पकड़ ढीली की और उसे मेरे सामने खड़ा कर दिया।
वो बोली- अरे यार मुझे आज तक पता ही नहीं था कि ये रस इतना स्वादिस्ट होता है।
तो मैंने उसके सामने मुस्कुरा कर कहा- क्या तू कभी अपने पति का मुँह में नहीं लेती?
तो वो बोली- ना.. मैंने कभी नहीं लिया और न ही कभी उसने मेरी चूत का रस पिया, ये सब पहली बार ही हुआ है। सच कहूँ अजय, आज के बाद तुम कभी मुझे ना छोड़ना और मैं तुम्हें नहीं छोड़ूँगी.. वादा करो। अब मैं पूरी तरह तुम्हारी हूँ, तुम जैसे चाहो.. जहाँ चाहो.. मुझसे चुदाई कर सकते हो… हाँ मैं अपने पति से ख़ुश नहीं हूँ, वो महीने में एक बार भी मुझसे चुदाई नहीं करते और मैं हमेशा प्यासी सो जाती हूँ, पर आज तुम मिले और पहली ही बार में मैं पागल हो गई.. अजय अब मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ.. आज इस खुली जगह में तो हम ये कर नहीं सकते, पर प्लीज़ तुम अपने किसी दोस्त के कमरे पर मुझे ले चलो.. हम वहाँ चुदाई की खूब मस्ती करेंगे।
तो मैंने उससे कहा- हाँ.. क्यों नहीं, जरूर जाएँगे।
फिर हमने अपने कपड़े ठीक किए और वहाँ से चले आए। मैंने उसके घर तक उसे छोड़ दिया। उसके बाद फोन पर बातें करने लगे।
यह मेरी सच्ची कहानी है आपको पढ़ कर कैसी लगी मुझे जरूर बताइएगा।
हाँ.. दोस्तों अब रिया को कैसे और कहाँ किस तरह चुदाई की, उसकी कहानी फिर कभी लिखूँगा।
आप अपने विचार मुझे जरूर भेजना।
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