अमीरजादी भाभी की चुदाई-सन्तुष्टि
(Ameerjadi Bhabhi Ki Chudai-Santushti)
दोस्तो, मैं गणेश राजस्थान के उदयपुर से हूँ। यह मेरी पहली कहानी है।
एक दिन मैं फेसबुक चला रहा था.. उसी समय मुझे एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई.. तो मैंने उनको अपनी मित्रता सूची में जोड़ लिया। फिर उनका मैसेज आया और उन्होंने मुझसे मेरे बारे में पूछा। इस प्रकार हमारी बातचीत शुरू हो गई।
मैंने उन्हें अपने विषय में बताया और उन्होंने मुझे खुद के बारे में बताया, वो एक शादीशुदा गृहणी थीं।
इस तरह उनसे मेरी बातचीत 5 दिन तक चलती रही।
फिर हम लोग अपनी बातचीत में खुलने लगे और मुझे लगा कि ये एक चुदासी औरत है.. तो मैं उससे खुल कर चूत चुदाई की बातें करने लगा। परिणाम स्वरूप एक दिन उन्होंने मेरे साथ चुदाई करने की इच्छा जाहिर की। वो भाभी भी उदयपुर की ही थी.. और वो अपने पति से संतुष्ट नहीं थी।
मैंने उनका मोबाइल नम्बर ले लिया और उनको कॉल किया.. तो उन्होंने मेरा कॉल तुरन्त पिक किया और उन्होंने मुझे हैलो किया। उनकी आवाज़ बहुत ही स्वीट थी। फिर फोन पर भी उन्होंने मेरे साथ एक बार सेक्स करने की इच्छा जाहिर की.. तो मैंने तुरंत ‘हाँ’ कर दी। उनका नाम अनीता था (नाम बदला हुआ है)
उन्होंने मुझसे पूछा- क्या तुम मुझ को संतुष्ट कर पाओगे?
तो मैंने बोला- मैं आप चिंता मत करो.. अगर आपने मेरे साथ एक बार सेक्स कर लिया तो आप भी मान जाओगी कि आपने आज तक सेक्स का असली मज़ा नहीं लिया।
फिर उन्होंने मुझसे कहा- मैं एक सम्भ्रान्त परिवार से हूँ.. और ये बात हम दोनों के बीच में ही रहनी चाहिए।
मैंने उनको भरोसा दिलाया कि यह बात हम दोनों के बीच ही गुप्त रहेगी।
फिर उन्होंने मुझे मिलने को कहा।
मैंने उन्हें रविवार को मिलने को कहा तो उन्होंने मुझे बताया- रविवार को तो उनके पति घर में ही रहते हैं.. रविवार को मिलना संभव नहीं है।
‘ओह्ह..’
फिर उन्होंने मुझे सोमवार को आने को कहा.. क्योंकि सोमवार को वो अकेली अपने घर में ही रहेगी।
मैंने कुछ सोचकर सोमवार के लिए ‘हाँ’ कर दी और मैंने सोमवार की कॉलेज से छुट्टी ले ली और फिर सोमवार को मैंने उन्हें एक मॉल में बुलाया।
निश्चित दिन जैसे ही वो मॉल में मुझसे मिलने आईं.. तो मैं तो उन्हें देखता ही रह गया.. क्या गरम माल थी वो..
उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया।
फिर वो वहाँ से मुझको अपनी कार से घर ले गईं। हम घर के अन्दर गए और उन्होंने दरवाजा बन्द कर लिया।
वो करीब 40 साल की एकदम चिकनी औरत थी.. उसका जिस्म बहुत ही गोरा और चिकना था। वो देखने में 28-29 साल से अधिक लगती ही नहीं थी। उसकी उठी हुई गाण्ड बिल्कुल सोनाक्षी सिन्हा जैसी थी। उन्होंने उस वक्त साड़ी पहनी हुई थी।
फिर उन्होंने मुझे बैठने को कहा और अन्दर जाकर मेरे लिए कोल्ड-ड्रिंक ले आईं।
एक गिलास उन्होंने मुझे दिया और एक गिलास खुद लेकर मेरे बगल में सोफे पर बैठ गईं।
अब हम दोनों नॉर्मल बातें करने लगे.. उसने मेरे कॉलेज और मेरे परिवार के बारे में पूछा। फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और उसको सहलाने लगी।
मैंने उनकी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो वो अपने हाथ को मेरी पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
उनके छूने से ही मेरे लण्ड खड़ा हो गया। मैंने भी उनको अपनी तरफ खींच कर उनके होंठों को अपने मुँह में लेकर चूमने लगा। उनके होंठ बड़े ही मुलायम और रसीले थे.. मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डालकर उनकी जीभ को पूरी मस्ती से चूसने लगा।
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। हमने करीब 20 मिनट तक चूमा-चाटी की.. फिर मैंने उनकी साड़ी के पल्लू को अलग करके उसके मम्मों को अपने हाथों से मसलने लगा। उसके मम्मे इतनी उम्र में भी बड़े और एकदम सख्त थे।
मैंने उनको तेज़ी से मसल रहा था और वो सिसकारियाँ भर रही थी।
फिर मैंने उसके ब्लाउज को खोल कर अलग कर दिया। उसने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी और वो इस लाल ब्रा में बड़ी ही कामुक लग रही थी, फिर मैंने उसके मम्मों को उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया।
दोस्तों क्या बताऊँ.. उसके मम्मे बड़े ही मादक थे.. एकदम उठे हुए.. जरा भी ढलकाव नहीं था.. शायद वो अपने फिगर का खूब केयर करती थी।
उसका फिगर 34-30-34 का था.. उसके निपल्स एकदम गुलाबी थे और मम्मे एकदम गोल-मटोल और बड़े-बड़े थे।
अब उसके मम्मों को देखकर मुझसे रुका नहीं जा रहा था। मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा और उसके एक मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को अपने हाथ से लगातार मसल रहा था। जो संतरा मेरे मुँह में था मैं उसका निप्पल चूस रहा था और हल्के से काट भी रहा था..
मेरी इन हरकतों से उसकी साँसें लगातार तेज होती जा रही थीं और वो सिसकारियाँ भर रही थी, मैं बारी-बारी से उसके दोनों मम्मों को चूस रहा था, मैंने करीब 40 मिनट तक उसके मम्मों और होंठों को चूसा.. वो मेरी चुसाई से ही बहुत अधिक बेताब हो चुकी थी।
फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी, अब वो मेरे सामने मात्र पेटीकोट में खड़ी दिख रही थी और साली बड़ी ही कामुक लग रही थी।
फिर उसने मेरी शर्ट को निकल दिया और मेरी पैन्ट को भी अलग कर दिया।
अब उसने मेरे लण्ड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ लिया और तेज़ी से सहलाने लगी। मेरा लौड़ा एकदम से सीधा खड़ा था.. उसने एकदम से मेरी अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे लण्ड को बड़े अचरज से देखने लगी।
उसने मेरे लण्ड को अपने हाथों में लेकर सहलाया और कहने लगी- तुम्हारा लण्ड तो बड़ा ही लंबा और मोटा है.. मैं हमेशा से ही ऐसे ही लण्ड को लेने की कल्पना करती थी…
फिर मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
वो बड़े ही अच्छे तरीके से मेरा लण्ड को चूस रही थी और वो मेरे लण्ड अपने हाथों से आगे-पीछे करके बड़े मज़े से चूस रही थी। मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था.. वो मेरे लण्ड अपने मुँह के अन्दर तक डालकर बड़े ही मज़े से चूस रही थी। उसने करीब 15 मिनट तक लण्ड चूसा।
फिर मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया। उसने लाल रंग की पैन्टी पहनी हुई थी। अब वो पैन्टी में मेरे सामने खड़ी थी। क्या मस्त माल लग रही थी.. जैसे मिस इंडिया का टॉपलेस बिकनी शो चल रहा हो।
फिर उसने मुझे बेडरूम में चलने को कहा.. तो मैं उसको अपनी बाँहों में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया जहाँ उसने एसी ऑन करके पूरी कूलिंग पर कर दिया.. उसका बेडरूम बड़ा ही अच्छा था..
फिर मैंने उसकी चूत को उसकी पैन्टी के ऊपर से ही सहलाया.. तो वो एकदम से सिहर उठी। फिर मैंने उसकी पैन्टी को निकाल दिया। उसकी चूत अब मेरे सामने थी.. वाऊ.. क्या चूत थी उसकी… एकदम क्लीनशेव.. फूली हुई.. जैसे कि कोई ताज़ी पावरोटी हो, उसकी दोनों टांगों के बीच में चूत खिले हुए फूल की तरह मचल रही थी।
मैंने उसकी कोमल चूत को अपने हाथ से सहलाया.. हय.. क्या चूत थी उसकी.. मन तो कर रहा था कि अभी उसकी चूत को खा जाऊँ।
फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को थोड़ा फैला कर अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को ऊपर से चाटने लगा।
वो एकदम से सिहर उठी और सिसकारियाँ भरने लगी.. वो मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी।
फिर मैंने उसकी चूत का छेद थोड़ा सा खोल कर अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में पेल दी और चाटने लगा।
वो तेज़ी से सिसकारियाँ लेने लगी- अहह.. आह्ह..
मैं अब तेज़ी से उसकी चूत को चाटने लगा। पूरा बेडरूम ‘सपक.. सपक…’ की आवाजों से गूँज रहा था।
फिर तभी उसने मुझे रुकने को कहा.. मैं रुक गया।
वो उठी और फ्रिज के पास जाकर फ्रिज में से स्लाइस की एक बोतल निकाल लाई और वो बोतल उसने मुझे देकर कहा- आज मैं अपनी जिन्दगी का फुल एंजाय करना चाहती हूँ.. प्लीज़ इस बोतल के जूस को मेरी चूत पर डाल कर चाटो।
मैं तुरंत उसको लिटाकर स्लाइस को उसकी चूत के अन्दर-बाहर डालकर मैंगो जूस को अपनी जीभ से चाटने लगा। ऐसे करते-करते मैंने पूरी बोतल खाली कर दी इस दौरान वो दो बार झड़ भी गई थी। मैं मैंगो जूस के साथ उसका पानी भी पी गया.. क्या स्वाद था मैंगो और उसकी चूत के मिले-जुले रस का बड़ा ही मज़ा आया।
मैंने उसकी चूत करीब 60 मिनट तक चाटी।
फिर उसने मुझसे बोला- प्लीज़ अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है.. प्लीज़ अब अपना लण्ड मेरी चूत में डाल कर मुझे चोदो..
मैंने उसको डॉगी स्टाइल में खड़े होने को कहा.. तो वो तुरन्त चुदासी कुतिया बन गई.. मैंने उसके पीछे जाकर अपने हाथ से अपना लण्ड उसकी चूत पर सैट करके अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में एक बार में ही पेल दिया।
वो एकदम से घबरा गई.. और चिल्लाने लगी- प्लीज़ जान.. धीरे डालो.. तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है.. आह्ह..
मैंने उसकी बिना सुने उसको चोदने लगा। उसकी चूत में अपना पूरा लण्ड डालकर उसको पेलने लगा।
शुरुआत में तो उसे थोड़ा दर्द हुआ.. फिर उसे भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गाण्ड को पीछे करके मेरा साथ देने लगी।
‘अहह.. ओह..ऊऊऊहह..’
उसकी मादक सिस्कारियां सुनकर मैं अपना लण्ड उसकी चूत में और तेज़ी से पेलने लगा।
पूरा कमरा चुदाई की आवाजों से गूँज रहा था।
मैंने उसको करीब 20 मिनट तक लगातार चोदा.. और हम दोनों एक साथ ही झड़ गए।
हम दोनों झड़ने के बाद बिस्तर पर निढाल होकर लेट गए।
वो मेरे बगल में लेटकर मेरे बालों को सहला रही थी और कह रही थी- गणेश आज मैंने पहली बार इतना सुख पाया है।
फिर वो उठी और मेरा लण्ड को दुबारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी ही देर बाद मेरा लण्ड फिर से पहले से भी ज़्यादा कड़क हो गया। फिर मैं भी उसकी चूत को चाटने लगा, अब उसकी चूत पहले से भी ज़्यादा टेस्टी लगने लगी थी। मैं उसकी चूत को चाटे जा रहा था और वो भी मेरा लण्ड बड़े मज़े से चाटे जा रही थी।
हम फिर से चुदाई के लिए तैयार थे.. मैंने उसको अपने ऊपर आने को कहा। मैं बिस्तर पर लेट गया.. वो मेरे ऊपर आकर मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालकर उस पर बैठ गई, मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था। अब वो मेरे लण्ड ऊपर-नीचे होकर मुझे चोद रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी।
वो लगातार मेरे लण्ड पर ऊपर-नीचे हो रही थी.. बड़ा मज़ा आ रहा था।
ऐसे ही हमने करीब 20 मिनट तक चुदाई का मजा लिया और हम दोनों साथ-साथ झड़ गए और हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए।
मुझको उसके घर आये हुए करीब 6 घंटे हो गए थे.. इसलिए हमने अपने कपड़े पहने.. और वॉशरूम में जाकर अपने आप को ठीक किया और मैं ड्रॉइंग रूम में आकर बैठ गया। वो मेरे लिए चाय बना कर लाई.. फिर हमने चाय पी।
अब मैंने उससे वापस जाने को बोला.. तो उन्होंने कहा- तुमको जाने देने का मन तो नहीं हो रहा है.. फिर भी जाना तो पड़ेगा ही।
फिर उसने मुझे 5 हजार रूपए दिए और एक दीर्घ चुम्बन करके मुझे विदा किया।
मैं अपने घर के लिए निकल गया.. उसके बाद हमारा कभी संपर्क नहीं हुआ.. ना उन्होंने मुझे कॉल किया.. ना मैंने उनको कॉल किया।
तो दोस्तो, यह है मेरी सत्य घटना, प्लीज़ मुझे ज़रूर ईमेल करना कि आपको यह रियल इन्सिडेन्स कैसा लगा।
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