ससुराल में जीजा साली की अन्तर्वासना -2
(Sasural Me Jija Sali Ki Antarvasna- Part 2)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left ससुराल में जीजा साली की अन्तर्वासना -1
-
keyboard_arrow_right ससुराल में जीजा साली की अन्तर्वासना -3
-
View all stories in series
अब तक आपने पढ़ा है कि विकास अपने सास ससुर की देखभाल करने के लिये देहरादून जाता है, यहाँ उसकी सास विकास की साली नीति को भी बुला लेती हैं।
विकास को उसकी साली बताती है कि उसकी ढाई महीने से चुदाई नहीं हुई है। इसके बाद साली ही पहल करती है और विकास को चुदाई का मौका देती है।
अब आगे…
विकास तो अब सातवें आसमान पर उड़ रहा था। उसे शादी के बाद का समय याद आ रहा था जब वो अपनी पत्नी अंशिका की चुदाई करता था।
नीति की चुदाई में भी उसे वैसा भी मजा आया था।
अब वो दिन में दो बार नीति को चोद रहा था। रात के समय नीति उसके लिये गिलास में दूध लेकर आती थी लेकिन उसे पीने से पहले वो नीति की चूचियाँ पीता था।
रात में सास ससुर के सोने के बाद नीति चुपचाप उसकी बिस्तर पर आ जाती थी जहाँ दोनों कुश्ती करते थे।
एक हफ्ते तक लंड पीने और चूत में लंड डलवाने के बाद नीति ने कहा- जीजू, कुछ नया करो! तुम तो कमीने खिलाड़ी हो।
विकास ने कहा- कल एक साथ नहाएंगे।
अगले दिन मौका मिलने पर विकास और नीति एक साथ नहाये।
नहाते समय विकास ने नीति की चूत शैंपू से साफ कर दी इसके बाद उसने नीति की गांड को भी शैंपू से चमका दिया।
नीति ने कहा- जीजू क्या कर रहे हो?
इस पर विकास ने कहा- चुपचाप देखती रहो!
नहाने के बाद विकास ने नीति को चूमना शुरू कर दिया, उसके होंठ, पेट, चूत और पैर चूम लिये।
इसके बाद उसने नीति को उलटा कर दिया और पीठ चूमनी शुरू कर दी, धीरे धीरे उसकी जीभ नीचे की तरफ जा रही थी।
विकास ने उसके चूतड़ चूमे और अचानक उसकी गांड का छेद फैलाकर उसके भीतर जीभ घुसा दी।
गांड में जीभ के घुसते ही नीति जोर से कूदी और विकास की जीभ उसकी गांड के ज्यादा भीतर तक घुस गई।
नीति चहक कर बोली- जीजू, क्या कर रहे हो?
विकास ने कहा- इस छेद का भी इस्तेमाल होता है।
उसने गांड को चूमने की रफ्तार बढ़ा दी।
इसके बाद उसने शैंपू लगाकर नीति की गांड को चिकना किया और उसमें धीरे धीरे लंड घुसाना शुरू किया।
लंड के घुसते ही नीति की गांड में दर्द हुआ और वो चिल्ला कर बोली- जीजू, दर्द हो रहा है।
विकास ने पूछा- जब पहली बार चूत में लंड घुसा था तब दर्द हुआ था क्या?
नीति का जवाब था- हाँ तब हुआ था लेकिन अब तो जन्नत के नजारे देखने को मिलते हैं।
विकास ने उसकी चूचियाँ दबाते हुए कहा- वैसे ही पहली बार गांड में घुसने पर भी दर्द होता है। एक बार रास्ता बन गया तो मस्ती ही मस्ती।
विकास का आधा लंड नीति की गांड में घुस चुका था।
वो उसे बातों में उलझाये हुआ था, उसने नीति से कहा- पता है साली जी.. तुम्हारी दीदी की गांड मारने की दो साल से कोशिश कर रहा हूँ लेकिन अभी तक उतना लंड भी नहीं घुसा है जितना अब तक तुमने डलवा लिया है।
इतना सुनते ही नीति ने जोश में आकर झटका मारा और पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया।
किसी की गांड मारने की विकास की तमन्ना पूरी हो रही थी।
उसने पूरी ताकत के साथ नीति को झटके मारने शुरू कर दिये वो नीति की चूचियों को दबा भी रहा था।
बीच बीच में नीति ने फिर दर्द की बात कही लेकिन उसने एक नहीं सुनी और थोड़ी देर में ढेर सारा पानी नीति की गांड में छोड़ दिया।
रात के समय में भी नीति ने गांड ही मरवाई।
अब नीति का कहना था कि चूत चाटने की लिये और गांड मारने के लिये होती है।
नीति की चुदाई करते करते एक महीना कब निकल गया पता ही नहीं चला।
अब विकास की वापसी का समय हो चला था।
नीति कुछ उदास थी।
आखिरी दिन नीति ने कहा- जीजू, अगर पंद्रह दिन और रुक जाओ तो आखिरी दिन एक गिफ्ट दूंगी।
उसकी आंखों की चमक देख कर विकास मना नहीं कर सका और उसने हाँ कर दी।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments