साली ने जीजा को सेक्स का नया पाठ सिखाया
(Sali Ne Jija Ko Sex Ka Naya Path Sikhaya)
साथियो, मेरी सेक्स स्टोरी में आप सभी का एक बार फिर स्वागत है।
छोटी साली नीला न जाने क्यों मेरी शादी से पहले से ही मुझ पर बड़ी मेहरबान थी। उस वक्त वह काफी छोटी थी। उसकी छाती का हिस्सा एक पुरूष की तरह बिल्कुल सपाट था। चूचियों की जगह दोनों बाजू बेर जैसे दो छोटे-छोटे दाने दिखाई देते थे। मेरा उसकी ओर आकर्षित होने की कोई वजह नहीं थी, हालांकि वो देखने में मेरी बीवी से ज्यादा खूबसूरत थी। कभी-कभी मैं उसके गोरे-चिट्टे गालों को सहलाकर कुछ मजे का अनुभव कर लेता था।
उसके जवानी में कदम रखते ही उसकी फिगर में काफी कुछ बदल गया था। अब उसके मम्मे भी मानो पककर बड़े आम जैसे हो गए थे, जिनको देखना और छूना मेरी चाहत बन गई थी। लेकिन ये सब मेरी फितरत में नहीं था, मैं ऐसा मानकर चलता था।
लेकिन अब बात कुछ अलग हो गई थी। वह अकसर मेरे घर आती थी। उसकी शादी हो चुकी थी, इसके बाद भी यह सिलसिला जारी था। शुरू से ही वह किसी न किसी बहाने मेरे पास आती थी। मुझे छूने का प्रयास करती थी। शादी के बाद अपने पति और अन्य लोगों की मौजूदगी में भी वह बिंदास मेरी गोद में सर रखकर लेट जाती थी।
शादी के पहले तो एक बार उसने हद ही कर दी थी। मेरे माता-पिता और मेरी सास के सामने वह आकर मेरी बाजू में सो गई थी। रिश्ते में वह मेरी साली थी, इस नाते हम दोनों के बीच मस्ती मजाक होना सहज बात थी।
लेकिन न जाने क्यों.. उसका ध्यान सदा से ही मेरे इर्द-गिर्द ही लगा रहता था।
जब वह मेरे घर आती थी, तो रात भर सोती नहीं थी। वो बिस्तर में पड़ी चुपचाप अपने जीजू और दीदी की चुदाई यानि मेरा मेरी बीवी के साथ सम्भोग देखने का मजा लूटती थी।
शायद वो हम दोनों मियां-बीवी के सेक्स के बारे में ही सोचती रहती थी। मैंने उसको ये सब देखते हुए कई बार चैक किया था और उस वक्त मुझे मेरी बीवी को चोदने में और भी मजा आ जाता था।
एक बार मेरी बीवी तबियत की वजह से जल्दी सो गई थी। इसी कारण चुदाई की छुट्टी हो गई थी। जबकि मैं मासिक के दिनों के अलावा एक दिन भी अपनी बीवी को चोदे बिना नहीं रह पाता था।
उस दिन भी मेरे कुछ फासले पर पलंग पर नीला सोई हुई थी, वह जाग रही थी। यह देखकर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। उस वक्त उसने एक नजर अपनी दीदी को देखा। उसकी आँखें मानो मुझे चोदने के लिए आमंत्रित कर रही थीं। मैं सीधा उसके पलंग पर आकर उसके बगल में लेट गया। उसके मौन ने ही मुझे यह मानने पर उकसाया था कि ये चुदने को तैयार है.. और नीला सच में मुझसे चुदवाना चाहती थी।
मैं सीधा ही उसके शरीर पर चढ़ गया। मेरा लंड उसकी चूत पर टक्कर देने लगा था।
मैंने उसके होंठों को चूमते हुए उसके ब्लाउज में हाथ डालकर उसकी नर्म चूचियों को पकड़कर मसलना शुरू कर दिया। उसने बिना कुछ कहे अपना ब्लाउज ऊपर करके अपने दोनों मम्मे मेरे सामने खोल दिए।
उसने ब्लाउज के अन्दर कुछ भी नहीं पहना था। मैंने उसके एक बूब को हाथ में लेकर उसकी दूसरी चूची को मसलना शुरू किया और अगले ही पल मेरा मुँह उसकी दूसरी चूची को मुँह में लेकर उसका दूध पीने लगा।
उसने अपना स्कर्ट निकाल दिया.. नीचे उसने चड्डी भी नहीं पहनी थी। चूंकि आज उसकी दीदी की तबियत ठीक नहीं थी। इसलिए आज नीला ने मेरी रोज चोदने की आदत को भांपते हुए उसकी खुद की चुत को चुदवाने की तैयारी कर ली थी।
इस वक्त वह बिल्कुल नंगी थी। उसे नंगा देखकर मेरा लंड टाईट हो गया था। मैंने अपने दूसरे हाथ की उंगलियों को उसकी गांड में घुसेड़ दिया।
दस मिनट तक लगातार उसकी चूचियां पीने के बाद मैंने अपना लंड उसकी प्यासी चूत में डालने की कोशिश की, तो उसने मुझे रोककर कहा- पहले मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.. जीजू!
यह कहकर वह फौरन मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने में लग गई।
मुझे पेशाब लगी थी, मैंने उसे रोका और बाथरूम में आया तो साली नीला भी मेरे पीछे आ गई, उसने मुझे कहा- जीजू तुम अपना पेशाब जाया मत करो। दीदी की तरह मुझे भी तुम्हारा पेशाब पीना है। मैं तुम्हारे मूत से अपने शरीर को नहलाना चाहती हूँ।
मैंने अपने लंड की पिचकारी से नीला का सारा बदन अपने पेशाब से गीला कर दिया।
बाद में बिस्तर पर 69 की पोजीशन में आकर मैंने नीला को सेक्स का नया अनुभव दिलाया। वह मेरे लौड़े को.. और मैं उसकी चूत को चूस रहा था।
अब सेक्स की मजा लेते हुए नीला ने सच्चाई पर से परदा हटा दिया था।
‘मैं आज दिन तक तुम से नाराज थी जीजू।’
‘क्यों?’
‘तुमने मेरी प्यास को कभी तवज्जो ही नहीं दी।’
मैं हंसते हुए उसको अपने पैरों के बीच औंधी लिटाकर पीछे से उसके दोनों चूचों को बेरहमी से मसलने लगा।
इसी बीच मेरे दिमाग में नीला को चोदने के लिए कुछ नैतिकता उबाल मारने लगी थी। मैं सोचने लगा कि मैंने भला कौन सा अपराध कर डाला? क्या एक लड़की को सेक्स के लिए उकसा कर उसे गर्म करके ऐसे प्यासी ही छोड़ देना उचित होता?
‘जीजू तुमने कोई जबाव नहीं दिया?’
‘तुम क्या कहना चाहती हो? मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं।’
‘आज के पहले मैंने मेरी चुदाई के कितने मौके गंवा दिए हैं? हर बार तुमने थोड़ी छेडखानी करके, मेरे मम्मों को पकड़कर, उनको दबोचकर, चूमकर मेरी चूत पर केवल लंड दबाकर मुझे उत्तेजित करके छोड़ दिया है। तुमको मालूम है कि कोई भी स्त्री अपने मम्मे को हाथ लगाने नहीं देती। अगर वह ऐसा करती है तो इसका एक ही मतलब निकलता है कि वह आप से चुदवाना चाहती है। मैंने तुम्हें मेरे मम्मों को छूने का मेरे ब्लाउज में हाथ डालने का अधिकार दिया था। फिर भी तुमने अपने कदम आगे नहीं बढ़ाए और मुझे तड़पता छोड़ दिया।’
‘तुम मेरी साली हो। साली माने बहन होती है। मैं भला तुम्हारे साथ ऐसी-वैसी हरकत कैसे कर सकता था?’
‘साली का दूसरा मतलब आधी घरवाली भी होता है। इस नाते हम कुछ भी कर सकते थे। किसी को इस बात का संदेह भी नहीं होता।’
उसकी बातें सुनकर मैं चकित हो गया। मैं उसका जवाब दूँ.. उसके पहले उसने मेरे लौड़े को कुतिया की तरह काटते हुए मुझसे कहा- जीजू.. तुम बिल्कुल चूतिया हो.. इशारों में कुछ समझते नहीं हो। मैं शादी के बाद भी तुमसे चुदवाने को तैयार थी। याद है एक बार मैंने तुम्हारी सरलता के लिए मेरी साड़ी और पेटीकोट को जांघों तक लाकर मेरी चड्डी का नजारा दिखाया था। तुम्हें केवल उसको खींचना भर था। उसमें इलास्टिक लगा हुआ था.. मेरी चड्डी आसानी से निकल जाती। मैं तुम्हें अपना दूध पिलाना चाहती थी। लेकिन तुम तो बिल्कुल कायर निकले।
मैं नीला की जुबानी अपनी चूतियाई की दास्तान सुन रहा था।
‘मैं अपनी आँखें बंद कर के सोच रही थी। तुम मेरी चड्डी निकाल रहे हो। मुझ से अपना ब्लाउज खोलने की गुजारिश कर रहे हो। लेकिन तुम में तो मेरे करीब आने का मुझे छूने का भी साहस नहीं था। तुमने आकर मुझे जरा सा छुआ भी होता तो मैं बाकी का काम तुम्हारे लिए आसान कर देती थी। अब तुम ही बताओ मुझे गुस्सा आएगा या नहीं?’
‘हाँ नीला.. मैं वाकयी में सबसे बड़ा बेवकूफ था। इसी लिए तुम से पहले दो लड़कियों को चोदने का मौका भी खो चुका हूँ। मुझे याद है कि तुमने मेरी बीवी की तरह मेरी ही मौजूदगी में अपने बेटे को स्तनपान कराते हुए मुझे उकसाया भी था। उसके बाद जानबूझ कर मुझे दिखाने के लिए तुमने अपने एक स्तन को खुला छोड़ दिया था। मैं तुम्हारे पास आ रहा था। यह जानते हुए भी तुमने अपने स्तन को ढकने का प्रयास नहीं किया था। उस वक्त मानसिक तौर पर मैं तुम्हारी चूचियों को मुँह में लेकर तुम्हारा दूध पी रहा था। लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं कर पाया था।
‘जीजू.. तुम सोचोगे भला एक शादीशुदा लड़की.. और वह भी एक साली ऐसा क्यों कर रही है? मेरा पति और तुम्हारा साढू भाई तुम्हारी तरह रोज नहीं चोदता है, वो लंबे अरसे तक मुझे चोदता ही नहीं है। इस वजह से मेरी सेक्स की भूख पूरी नहीं हो पाती थी और मैं तुम्हें उकसाने का प्रयास करती रहती थी।’
‘नीला.. मैंने तुम्हारे पति द्वारा तुम्हारी चुदाई का नजारा अपनी आँखों से देखा है।’
‘देखो इस मामले में तुम्हारी मेरे ऊपर अपना हक जताने की भावना गलत होगी। अगर तुम चाहो तो मुझे चोदने से मना कर सकते हो। मैं किसी और के पास चली जाऊंगी। बस उसमें हमारे परिवार की बदनामी होगी। शायद मेरी शादी भी टूट सकती है। लेकिन तुम चाहो तो इसे बचा सकते हो। बाकी यह एक सत्य है कि आजकल के आधुनिक युग में कोई भी स्त्री या पुरूष किसी एक से शारीरिक संबंध बनाकर सुखी नहीं रह सकता। परदे के पीछे ऐसे कितने नाजायज रिश्ते जन्म लेते हैं, जो अपनी शादी की बुनियाद को टूटने नहीं देते। तुम चाहो तो मेरी दीदी के साथ मुझे भी तुम्हारी सेक्स पार्टनर बना सकते हो। बस इतना यकीन दिला दो.. कि हम जब भी दीदी की गैरमौजूदगी में मिलेंगे, तुम दीदी की तरह मेरी भी चुदाई करोगे। मुझे भी तुम अपनी पेशाब और मलाई का प्रसाद दोगे। मुझे अपने हाथ से नंगा करके मेरी चूत में लंड डालकर मेरी घंटों तक चुदाई करोगे। दीदी की तरह तुम्हारा एक हाथ मेरे मम्मे पर होगा और दूसरी चूची को अपने मुँह में लेकर मेरा दूध पीते रहोगे। तुम चूचियां को चूसने में माहिर हो। तुमको एक साथ मेरी भी डेयरी का दूध हासिल होगा, जिससे तुम्हारा स्वास्थ्य भी सुधर जाएगा।
‘ओके जान डन.. हमारे विचार अब समान हैं। हम दोनों चुदाई की एक नई मिसाल कायम करेंगे।’
‘हाँ लेकिन हमारे रिश्ते की किसी को भनक भी लगनी नहीं चाहिए।’
‘ठीक है डार्लिंग.. जब तक है जान हम मिलते रहेंगे, चुदाई करते रहेंगे।’
ये थी मेरी जीजा साली की चुदाई पर आधारित सेक्स स्टोरी.. उम्मीद है आपको पसंद आई होगी.. मेल कीजिएगा।
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