साली की चुदाई करके बीवी को पड़ोसी से चुदवाया-2
(Sali Ki Chudai Karke Bivi Ki Padosi Se Chudwaya- Part 2)
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अब उसके बाद मनस्वी और माधुरी की फोन पर रोज ही बातें होने लगी। पंखुड़ी को कुछ अंदाज नहीं था। मनस्वी आगरा रहता था और माधुरी दिल्ली, दोनों ही तड़फ रहे थे।
अगले महीने माधुरी ने मनस्वी को बताया कि मोहित दो दिन के लिए चेन्नई जा रहा है। वो चाहती थी कि मनस्वी दिल्ली आ जाये पर मनस्वी अपना ऑफिस छोड़ कर जा नहीं सकता था, तो क्या करे!
मनस्वी ने एक ड्रामा बनाया, उसने पंखुड़ी को कहा कि उसे दिल्ली एक पार्टी से मिलना है इसलिए वो शाम को ऑफिस जल्दी बंद कर के 5 बजे दिल्ली जायेगा और रात को ही वापस आ जायेगा, अगर लेट हो गया तो होटल में रुक कर सुबह जल्दी आ जायेगा।
पंखुड़ी ने यह बात माधुरी को फोन पर बताई कि परसों तेरे जीजू दिल्ली आयेंगे पर शाम को ही आयेंगे और रात को ही वापस आ जायेंगे।
इस पर दिखावा करते हुए माधुरी नाराज हुई कि जीजू से कहना रात को मेरे पास रुकेंगे और सुबह चले जायेंगे।
माधुरी ने पंखुड़ी को यह नहीं बताया कि उस दिन मोहित भी नहीं होगा।
अब अपने प्लान से मनस्वी रात को 8 बजे दिल्ली पहुँच गया, माधुरी उसे बाहर ही मिली। क्या ग़ज़ब ढा रही थी माधुरी आज… उसने स्कर्ट और टाइट टॉप पहना था जिसमें उसके मम्मे बाहर आने को बेताब थे। हाई हील और ऑरेंज नेल पेंट में सजी वो कॉलेज गर्ल का लुक दे रही थी।
दोनों ने एक रेस्तराँ में खाना खाया और घूम फिर कर 10 बजे तक घर पहुंचे।
बीच में एक बार माधुरी ने पंखुड़ी को फोन करके पूछा कि मनस्वी कब तक आएगा और वो जरूर उसके घर ही ठहरे।
पंखुड़ी ने जब मनस्वी से पूछा कि वो कहाँ है तब मनस्वी ने कह दिया कि होटल में क्लाइंट के साथ हूँ, देखता हूँ कहाँ ठहरूंगा क्योंकि अब रात को तो आना संभव नहीं है।
इस पर पंखुड़ी ने मनस्वी से कहा- माधुरी के घर ही चले जाना, वर्ना वो बुरा मानेगी!
खैर दोनों लैला मजनूं घर पहुंचे और दरवाजा बंद होते ही चिपट गए। माधुरी तो मानों मनस्वी को खा जाना चाहती थी, दोनों के जिस्म से कपड़े उतरते चले गए और बेताबी इतनी कि बेडरूम तक जाने की भी जरूरत नहीं समझी और लॉबी में ही कपड़ों को अलविदा कह दिया गया, वहीं पड़ी सेट्टी पर दोनों गुत्थम गुत्था हो गए।
मनस्वी मजबूत कद काठी का था और माधुरी पतली… मनस्वी ने माधुरी को जांघों से उठा लिया और नीचे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया।
माधुरी को यह स्टाइल बहुत पसंद आया, उसने भी अपनी बाहें मनस्वी के गले में डाल दी और चुदाई का मजा लेने लगी। उसने मनस्वी के कान में फुसफुसा कर कहा- जीजू, चलो बेडरूम में..
मनस्वी ने उसे नीचे उतार दिया और बेड रूम की ओर चल दिए।
माधुरी ने मनस्वी को बेड पर धक्का दिया और उसका मोटा लंड अपने मुँह में ले लिया, वो पागलों की तरह लंड को ऐसे चूस रही थी कि मानो लोलीपॉप हो।
मनस्वी छटपटा रहा था, उसने माधुरी को नीचे किया और उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी। माधुरी की चूत तो बहुत गीली हो रही थी। अब मनस्वी को भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने माधुरी की टांगों को ऊपर करके चौड़ा किया और अपने कंधे पर रख कर अपना लंड एक ही झटके नें अंदर पेल दिया।
अब तो माधुरी चीखने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मजा आ गया जीजू.. तुम कहाँ थे अब तक.. आज मेरी चूत तो फाड़ ही डालोगे.. और जोर से करो ना जीजू…
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मनस्वी की स्पीड राजधानी मेल से कम नहीं थी.. उसने एक जोर का धक्का लगते ही सारा माल माधुरी की चूत में ही भर दिया और अपना लंड माधुरी के मुँह में कर दिया।
माधुरी को एकबारगी तो ख़राब सा लगा पर उसने फटाफट मनस्वी का लंड चाट कर साफ़ कर दिया।
मनस्वी निढाल होकर बेड पर पड गया.. दोनों नंगे ही चिपट कर सो गए।
रात को 3 बजे मनस्वी की आँख खुली, माधुरी उसका लंड चूस रही थी.. मनस्वी को जगा देखकर माधुरी उसके ऊपर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और फुदक फुदक कर मनस्वी को चोदने लगी।
अब तक मनस्वी की भी नींद उड़ चुकी थी, उसने नीचे से धक्के देने शुरू कर दिए। सुबह के सेक्स का मजा कुछ और ही होता है। अब मनस्वी ने माधुरी को नीचे पलटा और घोड़ी बना कर उसकी गांड में लंड पेलना चाहा तो माधुरी दर्द से कराह गई, तो मनस्वी ने उसकी चूत में ही पेल दिया और आगे झुक कर उसके मम्मे मसलने लगा।
उसका लंड छूटने का नाम ही नहीं ले रहा था।
अब उसने माधुरी को नीचे लिटाया और उसकी टांगें ऊपर कर के पिलाई जोर से करनी शुरू की। अब दोनों हांफ रहे थे, एक झटके में ही मनस्वी ने अपना माल माधुरी की चूत और उसके मम्मों पर छोड़ दिया। माधुरी ने अपने मम्मे उसके वीर्य से मालिश की और अपनी उंगलियाँ चाट ली।
मनस्वी ने वाशरूम से टॉवल लाकर माधुरी का पेट और अपना लंड पौंछा और एक नींद लेने के लिए लेट गया।
सुबह दोनों साथ नहाये और नाश्ता करके मनस्वी 8 बजे तक निकल लिया।
जीजा साली की चूत चुदाई की कहानी अगले भाग में क्या रंग लाती है?
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