सेक्स के अनोखे रंग- 1

(Romantic Couple Sex Kahani)

सनी वर्मा 2024-09-22 Comments

रोमांटिक कपल सेक्स कहानी में दो जुड़वां बहनों की शादी हुई तो वे इकट्ठे हनीमून पर गये. मस्ती में दोनों बहनों ने हमशक्ल होने का फायदा उठाकर एक दूसरे के पति यानि जीजू से सेक्स कर लिया.

दोस्तो,
मेरी पिछली कहानी थी: रईस बाप की बिगड़ी हुई औलाद

आज की कहानी बिल्कुल मेरे नजदीक हुई घटना पर आधारित है.
इस फिल्म का कोई सीन मेरे सामने शूट नहीं हुआ पर जानकारी इतनी विश्वसनीय और सटीक थी कि मेरे को शब्दों में पिरोकर कहानी बनाने में देर नहीं लगी.

रोमांटिक कपल सेक्स कहानी में एक युगल अंकुर और रिया हैं.
दोनों जवानी की दहलीज़ पार कर चुके हैं.
जवानी में लव मैरिज हुई.

उनकी केवल एक ही बिटिया है वह भी बाहर विदेश में अपनी मौसी के पास रहती और पढ़ती है.
वह अपनी मौसी के पास क्यों गयी … यह कहानी लम्बी है.
फिलहाल बस इतना जान लें कि खुद रिया को नहीं मालूम कि उसके बच्चे का बाप कौन है अंकुर या रिया का बहनोई दीपक.

असल में रिया और उसकी जुड़वां बहन टीना का आपसी प्यार इतना गहरा था कि दोनों बहनों की शादी एक ही मंडप में हुई और दोनों ही एक साथ हनीमून पर गयीं.

दोनों बेहद चुलबुली थीं तो कितनी ही बार अपने पतियों को हमशक्ल होने से बेवकूफ बना चुकी थीं.

और यही हंसी-मजाक उन पर एक रात ऐसा भारी पड़ा कि मजाक-मजाक में दोनों एक दूसरे के पतियों से चुद लीं.

सुबह जब दोनों ने आपस में ये सच बताया तो एक सच ये भी था कि दोनों को मजा भी बहुत आया.
फिर तो हनीमून में दो तीन बार दोनों बहनों ने आपसी सहमति से रात के अँधेरे में पति बदल कर जम कर चुदाई की और जैसा कि उनकी प्लानिंग में था कि अगले महीने दोनों की रिपोर्ट पोसिटिव आयीं और दोनों गर्भवती थीं.

अब समय चक्र चलता रहा.
टीना और उसका पति दीपक अमेरिका में सेटल हो चुके थे.
रिया और अंकुर यहीं भारत में.

गर्भ के सातवें महीने अचानक एक रोड एक्सीडेंट में टीना का गर्भ गिर गया और यही नहीं डॉक्टर्स को उसकी जान बचने के लिए उसकी बच्चेदानी भी निकालनी पड़ी.
इतना बड़ा आघात टीना नहीं सह पा रही थी, वह डिप्रेशन में चली गयी.

उसके मां बाप उसे कुछ महीनों के लिए भारत ले आये.

इधर अगले महीने रिया ने एक स्वस्थ बिटिया को जन्म दिया जो बिल्कुल मां-मौसी की शक्ल पर थी.
नाम भी उसका दोनों बहनों के सम्मिलित नाम पर रीना रखा गया.

पर रिया का ओपरेशन हुआ था और उसकी डॉक्टर ने उसे यह सलाह दी कि अगले बच्चे की वह कोशिश न करे तो अच्छा है; वरना उसकी जान को ख़तरा है.

टीना तो अपनी भांजी पर जान छिड़कती थी. वह उसे छोड़ना ही नहीं चाहती थी.

जब दो महीनों के बाद दीपक जबरदस्ती टीना को अमेरिका ले गए तो वहां वापिस टीना डिप्रेशन में रहने लगी.

वह रात में सोते समय रीना का नाम ले लेकर बड़बड़ाती थी.
जैसे तैसे दो साल खींचे, टीना सूख कर काँटा हो गयी.

फिर जब एक बार रिया और अंकुर घूमने अमेरिका गए तो टीना ने रो रो कर रिया से रीना को मांग लिया.
रिया उससे कुछ न कह पायी और बस खाली हाथ भारत लौट आई.

कुछ दिन तो बहुत उदास रही पर जब दीपक बताते कि अब टीना बहुत खुश है और वह उसका अहसान कभी नहीं भूलेंगे तो रिया ने इसे नियति मान लिया और अपने को अंकुर के प्यार में समर्पित कर दिया.

अंकुर वैसे तो बैंक मेनेजर था पर उसके पास शहर में पुश्तैनी संपत्ति बहुत थी जिनसे उसे खासी मासिक किराए की आमदनी होती थी.

शहर के पोश इलाके में उसकी पुश्तैनी कोठी थी.
कुल मिलाकर उसकी गिनती शहर के पुराने रईसों और शौक़ीन लोगों में होती थी.

पर अंकुर बहुत मिलनसार नहीं था.
उसकी दुनिया तो केवल रिया तक ही केन्द्रित थी.

हाँ शौकीन पूरा था तो ऐशो आराम की हर चीज़ उनके पास थी.
और पुरानी कहावत है कि जब दौलत साथ हो तो हर चीज़ मज़ा देती है.

रिया भी अंकुर के लिए पलकें बिछाये रहती.
उसे मालूम था कि अंकुर को सेक्स का बहुत शौक है तो वह हर रात उसे सेक्स नए ढंग से परोस कर देती.

रिया ने अपने को बहुत मेन्टेन भी किया हुआ था.
उसका ड्रेस सेंस भी लाज़वाब था.

छोटे से छोटे कपड़ों से लेकर वक़्त और फेशन के हिसाब की हर ड्रेस उसके पास होती और वह शादी ब्याहों या पार्टियों में अलग ही नजर आती.

उसके ये सारे शौक केवल तभी तक, जब तक अंकुर बैंक में रहे, उसके बाद तो अंकुर के घर आने के बाद रिया हर समय अंकुर से लटकती रहती.

पर उन रोमांटिक कपल सेक्स लाइफ में फूहड़पन नहीं था, शालीनता थी.
बिस्तर पर रिया अंकुर को हर सुख देती और अंकुर भी इतना फुर्तीला सेक्स करता कि रिया तृप्त हो जाती.

रिया के पास एक फुल टाइम बिहारी मेड थी जो कोठी में ही बने क्वार्टर में रहती थी.
पर अचानक वह काम छोड़कर अपने गाँव चली गयी तो रिया ने एक एजेंसी से मेड के लिए कहा.

उन्होंने कई मेड दिखायीं पर रिया को कोई पसंद नहीं आई.

एक दिन अंकुर ने रिया को बताया- आज बैंक में एक लेडी आई जिनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गयी थी एक डेढ़ साल पहले. भरा पूरा घर था, कोई बच्चा नहीं था उनके. पर पति की मृत्यु के बाद कुछ दिन पहले ही उसके ससुराल वालों ने उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया और घर से निकाल दिया. अच्छी पढ़ी लिखी और सौम्य है. उसके और उसके पति की एक जॉइंट एफ डी थी जो उसे उसके ससुराल वालों को नहीं मालूम थी. उसी विषय में बैंक आई थी. तो मैंने उसकी मदद करके वह एफ़ डी उसके खाते में ट्रांसफर करवा दी. वह कोई नौकरी ढूंढ रही थी. मेड का काम तो शायद वह न करे पर इस समय तो तो पेट पालने के लिए वह घर के हर काम के लिए वह तैयार है.

रिया ने अंकुर को चूमते हुए कहा- तुम चाहो तो अपने घर पर रख लो. झाड़ू पौंछा और बर्तन मांजने के लिए तो मैंने एक औरत रख ली है जो सिर्फ एक घंटे को आएगी.

अगले दिन दोपहर को रिया झपकी ले रही थी कि डोर बेल बजी.
रिया ने गेट खोला तो उसके सामने एक सूती साड़ी में लिपटी अस्त व्यस्त सी वही औरत खड़ी थी.

वह सकुचाते हुए बोली- बैंक से मेनेजर साहब ने जॉब के लिए भेजा है.
उसकी नजरें झुकी हुई थी.

रिया घर में अक्सर शॉर्ट्स या स्कर्ट में होती तो आज भी उसने शोर्ट और टी शर्ट डाली हुई थी.

रिया उसे देख कर चौंक गयी और चीखी- मीनू तू?
उसने मीना को अंदर किया और गेट बंद किया.

रिया ने मीना को गले लगाया.
पर मीना उससे छिटक कर अलग ही रही.

रिया ने उसका हाथ पकड़ा और अंदर कोठी में ले आई.
और पहले तो उसे पीने को पानी दिया फिर सोफे पर पसरते हुए उसे बैठने को कहा.

मीना रो पड़ी और बोली- अगर मुझे मालूम होता कि ये आपका घर है तो मैं जॉब के लिए नहीं आती. आपके पति तो भगवान हैं मेरे लिए!

रिया ने उसे पुचकारा और जबरदस्ती सोफे पर बिठाया और कहा- मीनू, तू सही जगह आई है. वक्त ने तेरे साथ बहुत बुरा किया पर अब तेरे दिन फिरेंगे. तू मेरे घर में ही रहेगी, मेरा घर संभालेगी, पर मेड बनकर नहीं.

मीनू रोती हुई बोली- मैं नहीं चाहती आपके घर में रहना! पर जाऊं तो जाऊं कहाँ! बाहर सभी गन्दी नजरों से देखते हैं.

अब बारी रोने की रिया की थी.
उसने मीनू को अपने से चिपटा लिया, बोली- अब तू ये आप-आप कहना बंद कर. पहले जैसे मुझे दीदी दीदी बोलती थी वही बोल! अब तुझे कहीं जाने की जरूरत नहीं है. मैं भी अकेले बोर हो जाती हूँ. दोनों मिलकर घर संभाल लेंगी.

अब मीनू थोड़ी संतुलित हुई.
उसने रोते रोते अपनी कहानी रिया को सुना दी थी तो उसका मन हल्का हो गया.

वह बचपन से ही सुंदर और चुलबुली थी. वह रिया से जूनियर थी पर कॉलेज के हर लड़के की ड्रीम गर्ल थी.
उसकी शोख अदाओं पर रीझकर मनोज, जो एक रईस घराने का था, उससे घर वालों की मर्जी के बिना प्रेम विवाह किया.

मीनू के मायके वालों ने तो उसी दम जिंदगी भर के लिए उससे सम्बन्ध तोड़ लिए.

हालाँकि बाद में ससुराल वालों ने उसे बुझे मन से स्वीकार कर लिया था.
पर उसे उस घर में स्नेह कभी नहीं मिला.

मनोज उस पर जान छिड़कता था. दोनों सेक्स के बेहद शौक़ीन और एक दूसरे को समझने वाले थे.

पर नियति के आगे किसकी चली.

अब मीनू बस बार बार कह रही थी- मुझे तो एक ठिकाना चाहिए और पेट भरने को दो रोटी! मुझे कहीं और काम पर रखवा देना.
रिया बोली- तू बहुत बोल ली. अब मेरी सुन! मैं तेरे मन की समझ रही हूँ. तू भूल जा कि तू मुझे जानती है. मैं तो एजेंसी वालों को एक साफ़ सुथरी फुल टाइम हेल्पर के लिए बोल ही रखा है. झाड़ू पौंछा बर्तन के लिए मेरे पास मेड है. अब वह एजेंसी वाले जो मेड मुझे दिखा रहे हैं, वह मुझे पसंद नहीं हैं. उनकी तनख्वाह वह दस हजार बताते हैं. तू मेरे घर की हाउसकीपर बन कर काम कर. कपड़े अच्छे से पहन. तेरे ससुराल वालों को भी बाद में देख लेंगे, तेरा हिस्सा दिलवाएंगे उनसे. मैं तुझे पंद्रह हज़ार रुपया तो सैलरी दूँगी. खाना तू मेरे साथ ही खाएगी. पूरा घर तुझे संभालना है. मुझे साफ़ सफाई का मैनिया है. जो रूपये तुझे मैं दूँगी, वह बचा कर रखना. बाद में काम आयेंगे. कोई नहीं जानेगा हम तीनों के अलावा कि तू मेरी बचपन की सहेली है. तू मुझे दीदी बोलना और इन्हें सर. बस बात खत्म.

मीनू की फिर रुलाई छूट पड़ी. वह रिया के पैरों पर गिर पड़ी और बोली- यह एहसान मैं जिन्दगी भर नहीं भूलूंगी.
रिया ने उसे गले से लगा लिया और कहा- चल तेरा सामान ले आते हैं.

सामान क्या था, एक बैग और एक अटेची थी जिसमें उसके कुछ कपड़े थे.

वह अपने किसी दूर के रिश्तेदार के पास रह रही थी एक सप्ताह से!

रिया ने मीनू को घर लाकर पुरानी मेड वाले रूम में सेट किया और उसे जबरदस्ती अपने कुछ सलवार सूट दे दिए और बोली- मेरा साइज़ और तेरा फिगर एक सा है. मेरे सारे कपड़े तुझे आ जायेंगे. एक दो दिन में बाज़ार चलकर तेरे लिए नए कपड़े ले लेंगे. अब फटाफट नहाकर कपड़े बदलकर आ. फिर खाना खाते हैं. और हाँ, लिपस्टिक पाउडर क्रीम जो चाहिए मुझ पर एक्स्ट्रा बहुत रहता है, मैं दे देती हूँ.

नहाकर तैयार होकर जब मीनू आई तो एकदम बदली हुई थी.
उसने सलवार सूट पहना था, पैरों में उसने जूती पहनी थीं, बालों की जूड़ी बनाकर आँखों में काजल और होठों पर लाल लिपिस्टिक लगाई हुई थी.
ऐसा लग रहा था कि किसी फ्लाइट की अटेंडेंट हो.

खूबसूरत तो वह थी ही, आज एक सहारा मिलने से उसके चेहरे पर चमक आ गयी थी.

रिया उसे देखते ही बोली- अरे तू तो बिल्कुल बदल गयी. अंकुर तो पहचान ही नहीं पायेंगे तुझे!

मीनू का गला भर आया, उसने सिर्फ इतना ही कहा- बस अब मुझे बेसहारा मत करना.
रिया ने उसे गले लगा लिया.

अब गले लगाते हुए रिया को उसके गदराये बदन और मांसल मम्मों का अहसास हुआ.
उसने उसे छेड़ते हुए कहा- मनोज ने तुझे निखार दिया है. कुछ दिनों बाद तेरी शादी करा देते हैं.

मीनू ने आँखों में आंसू भर कर कहा- अब शादी के नाम से भी मैं घबराती हूँ. कभी जिक्र भी न करना इसका. और अब मुझे अपना घर सँभालने दो. कभी कोई काम बताने में संकोच मत करना, वरना मैं रह नहीं पाऊंगी आपके साथ. आप सर को भी यही कहना कि बस आप मुझे जानती थीं. मुझे आप दोनों ऐसे ही काम बताना जैसे आप अपनी बिहारी हेल्पर को बताती थीं. मुझे आप लोगों के लिए कुछ भी करने में अच्छा लगेगा. मैं रसोई से लेकर साफ़ सफाई सबकी जिम्मेदारी लेती हूँ. दीदी, अब आप आराम करो. मैं फटाफट लंच बना कर लाती हूँ.

लंच से निबटकर रिया बोली- मुझे दोपहर को सोने की आदत है. तुम भी आराम करो. अंकुर शाम को 6 बजे तक आते हैं. आकर उन्हें चाय और कुछ नाश्ता देती हूँ. हाँ, अंकुर के आने के बाद बस मैं उसी की होकर रह जाती हूँ. हमारे कपड़े देखकर हैरान मत होना. अंकुर को बहुत कम कपड़े पहनने और पहनाने अच्छे लगते हैं. हमारी पुरानी बिहारी हेल्पर को तो हमें इसे देखने की आदत पड़ गयी थी.

मीनू मुस्कुरा कर बोली- दीदी, आप चिंता मत करो, मैं आप लोगों को आपस में टाइम बिताने के लिए बिल्कुल फ्री रखूंगी. सर को बढ़िया चाय नाश्ता कराने के बाद डिनर तक आपको डिस्टर्ब नहीं करुँगी. और हाँ, मुझे आज के पतियों के प्यार का अंदाज़ है. मनोज तो मुझे कपड़े पहनने ही नहीं देता था. इसीलिए उसके घर वाले मुझसे चिढ़ते थे कि मैं मनोज के आने के बाद कमरे से निकल ही नहीं पाती थी. जबकि रात का पूरे घर का खाना मैं उसके आने से पहले बना देती थी. मनोज महीने में दो तीन बार ड्रिंक का मूड बना लेता था, तो उस समय भी मैं उसका साथ देती थी.

रिया सुन कर जोर से हंस पड़ी और बोली- बिल्कुल यही स्थिति मेरे साथ भी है. अंकुर हर शनिवार को टेबल सजवाते हैं बाहर लॉन में! और फिर हम दोनों एक दो घंटा वहीं गप्पें मारते हैं. उस रात हमारा डिनर बाहर से आता है या हम बाहर जाते हैं.

मीनू ने कहा- आपके बाल बहुत खराब हो रहे हैं, मैं फटाफट तेल लगा कर मसाज दे देती हूँ. सर के आने से पहले आप धो लेना.

रिया देखती रह गयी कि कितने सलीके से मीनू ने उसके तेल लगाया और हेड एंड शोल्डर मसाज दी.
उसे तो वहीं सोफे पर ही नींद आ गयी.

रिया शाम को 5 बजे सोकर उठी तो मीनू किचन में थी.

रोमांटिक कपल सेक्स कहानी 6 भागों में चलेगी.
आप हर भाग पर अपनी राय मुझे बताते रहिएगा.
[email protected]

रोमांटिक कपल सेक्स कहानी का अगला भाग: सेक्स के अनोखे रंग- 2

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top