गांव की रिश्ते की साली को चोदा-1
(Gaon Ki Rishte Ki Sali Ko Choda- Part 1)
दोस्तो, मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूं.
मेरी उम्र इस वक्त करीब 42 वर्ष की है लेकिन यह बात अब से 10 साल पुरानी है. तब मेरी शादी को हुए 5 साल बीत चुके थे. उस वक्त हमारे एक छोटा बेटा लगभग 2 साल का था.
गांव की रहने वाली एक लड़की जिसका नाम नीरू था, जो रिश्ते में मेरी साली लगती थी क्योंकि उसकी मम्मी और मेरी पत्नी एक ही गांव से थी तो वह मुझे जीजू कह कर बुलाने लगी. उसकी उम्र उस वक्त करीब 18 साल होगी. उसका हमारे यहां आना जाना कुछ ज्यादा ही शुरू हो चुका था लेकिन उस वक्त मैं उसकी नियत नहीं समझ पाया था.
लेकिन एक रोज मेरे मकान का लिंटर डल रहा था, मेरी पत्नी ने काम में हाथ बटाने के लिए नीरू को भी बुला लिया. मैंने नोटिस किया कि वह मुझे बार-बार घूर रही थी और मुझसे हंसी मजाक भी कर रही थी.
जब शाम को सारा काम खत्म हो गया तो वह मेरे पास बैठ गई. मैं खाना खा रहा था, उसने भी मेरी कटोरी में ही खाना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- यह क्या हो रहा है?
नीरू ने कहा- क्यों? मैं आपकी साली हूं, आधा अधिकार तो मेरा भी आप पर है!
बातों बातों में हंसी मजाक बढ़ने लगी.
तभी मेरी पत्नी भी आ गई.
दोस्तो, मैं आपको बताना भूल गया कि मेरी पत्नी बहुत खुले विचारों की है, हम दोनों किसी भी विषय पर खुलकर बात कर लेते हैं. बातों बातों में वह भी नीरू की नियत को भाम्प चुकी थी. मेरी पत्नी ने मुझसे इशारों इशारों में कहा कि लाइन क्लियर है ट्राई करके देख लो.
पत्नी बात समझकर मैंने नीरू को बोला- आज रात यहीं पर रुक जाओ, काफी काम पड़ा है. अपनी मम्मी को बोल दो कि मैं नहीं आऊंगी.
उसने अपनी मम्मी को फोन करके बोल दिया- मम्मी, मैं आज रात दीदी के पास ही रहूंगी.
हम सबने खाना खाया और हम बेड पर लेट गए. हम तीनों एक ही बेड पर लेटे हुए थे. मैंने नीरू को धीरे से हाथ लगाया तो उसने कोई विरोध नहीं किया, वह सोने का नाटक कर रही थी. लेकिन हम दोनों पति-पत्नी जानते थे कि वह जाग रही है और सोने का नाटक कर रही है.
मेरी पत्नी ने मुझे इशारा किया कि आप इसको थोड़ा छेड़ो तो सही!
मैंने धीरे से उसके पेट पर हाथ लगाया उसने कोई विरोध नहीं किया. मैंने अपना हाथ धीरे से उसके बूब्स की तरफ बढ़ाया. क्या गजब बूब्स थे, उसका रंग बिल्कुल गोरा चिट्टा था. हमारे गांव में इतनी सुंदर कोई दूसरी लड़की नहीं थी. उस पर बहुत से लड़के लाइन मारते थे लेकिन वह किसी को घास नहीं डालती थी.
मैंने धीरे धीरे उसके शर्ट को ऊपर उठाया और उसके नंगे बूब्स को छुआ. कितने सुडौल और गोल बूब्स थे. मैंने उनको थोड़ा सा दबाया तो उसने दूसरी तरफ करवट ले ली. मैंने समझा कि वह मेरी पत्नी की वजह से शर्म कर रही है. तभी मेरी पत्नी ने मुझसे बतलाया कि यह मेरे सामने नहीं कराएगी. उसके बाद मैंने से अधिक छेड़छाड़ नहीं की.
लेकिन मुझे नींद कहां आ रही थी, कुछ टाइम बाद लगभग रात के 1:00 बजे जब मेरी पत्नी सो गई तो मैंने उसको धीरे से कान में कहा- नीरू, अब तुम्हारी दीदी सो गई है.
उसने कोई उत्तर नहीं दिया लेकिन मैं अपने पर काबू नहीं कर पा रहा था, मैंने धीरे से उसकी टांगों पर हाथ रख कर ऊपर से ही चलाना शुरू कर दिया.
उसने मेरा विरोध नहीं किया तो मेरा कुछ साहस बढ़ा और मैंने अपने हाथ को धीरे से उसकी पेंटी के अंदर घुसा दिया. दोस्तो क्या बताऊं … मैंने अब से पहले कई लड़कियों की चुदाई की थी लेकिन मैं पहली बार देख रहा था उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. मैंने नोट किया कि उसकी चूत में पानी आ रहा है.
मैंने उसकी चूत को थोड़ा सहलाया तो उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और उसने मुझसे धीरे से कान में कहा- जीजू, मैं फिर किसी दिन आऊंगी. आज मुझे बहुत डर लग रहा है.
उसके बाद मैंने उसके होंठों पर किस किया और मैंने उसकी बात मान ली.
उस दिन के बाद करीब 5 दिन के बाद वह दिन के समय हमारे घर पर आई. मैं और मेरी पत्नी दोनों घर पर ही थे, हम आपस में तीनों हंसी मजाक करने लगे. बातों बातों में हम काफी खुल गए. अपनी पत्नी का इशारा पाकर मैं उसको बेडरूम में ले गया और मैंने जाते ही उसको किस किया. मैं उसका नंगा बदन देखने को बेताब हो रहा था. मैंने जाते ही उसको बेड पर लिटा दिया और उसको किस करने लगा, वह भी मेरा साथ देने लगी.
वह उस दिन सलवार सूट पहने हुई थी. उस टाइम एक दूसरे को किस करने के बाद मैंने उसके कमीज को ऊपर कर उसके बूब्स नंगे कर दिए. दोस्तो, क्या बूब्स थे … सफेद दूध जैसे!
बहुत छोटे छोटे निप्पल देखकर मुझसे रुका नहीं जा रहा था, मैंने उसके बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. अब उसको भी पूरा मजा आने लगा था, नीरू ने धीरे से मेरे लोअर में हाथ डालकर मेरे लंड को छुआ. इसी बीच मैंने मौका देखकर उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार को नीचे कर दिया.
अब वह पेंटी में थी. उसके बाद मैंने उसका शर्ट और ब्रा निकाल दी और मैं उसके पूरे बदन को चूमने लगा. वह पूरी गर्म हो चुकी थी. मैंने उसकी जांघों पर किस करना शुरू किया तो वह आहें भरने लगी और मुंह से सिसकारियां निकाल रही थी, बोल रही थी- जीजू, क्या आज मार ही डालोगे?
इस बीच मैंने उसकी पैंटी को नीचे खींच कर निकाल दिया, वह बिल्कुल नंगी हो चुकी थी. मैंने उसकी चूत पर नजर डाली. दोस्तो, आपको विश्वास नहीं होगा कि उसकी चूत पर एक भी बाल तक नहीं था बिल्कुल चिकनी चूत … अपने जीवन में मैंने पहली बार ऐसी चूत देखी थी बिना बाल वाली! बिल्कुल चिकनी गोरी चिट्टी छोटी सी!
इसी बीच मैं उसकी टांगों के बीच आया और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी. जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाई, उसकी सिसकारी निकलने लगी और वह उछल पड़ी. मैं उसकी चूत को लगातार चाटता रहा. इसी बीच उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने मेरे सिर को अपने हाथों से अपनी चूत पर दबा लिया और ‘जीजू … मैं मर गई! जीजू मैं मर गई!’ कहते हुए उसने पानी छोड़ दिया और वह शांत पड़ गई.
इस बीच मैंने अपने बदन के सारे कपड़े उतार दिए और मैं भी नंगा होकर उसकी बगल में लेट गया और उसको सहलाना शुरु कर दिया.
करीब 20 मिनट के बाद नीरू दोबारा से तैयार हो चुकी थी और वह मेरे से लिपटने लगी. मैंने उसके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. दोस्तो, मेरा लंड करीब 7 इंच लंबा है और काफी मोटा है. वह मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर बोली- हाय जीजू, आपका तो बहुत बड़ा है, मैं कैसे ले पाऊंगी?
मैंने अपनी साली को समझाया- तू डर मत … कुछ नहीं होगा, बहुत प्यार से करूंगा. जैसे तू चाहेगी वैसे! और अगर कोई परेशानी हो तो मैं तेरी जीजी को बुलवा लूंगा, वह तेरी सहायता कर देगी.
तो वह बोली- कैसी बात करते हो जीजू आप भी? मैं दीदी के सामने कैसे करूंगी? मेरा पहली बार है, मुझे तो वैसे ही शर्म आ रही है.
इसी बीच वह दोबारा पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, मैंने उसको कहा- नीरू, मेरे लंड को मुंह में लेकर मजा दो ना!
उसने कहा- नहीं जीजू, मुझसे नहीं हो पाएगा!
लेकिन मेरे काफी समझाने के बाद उसने मेरे लंड को मेरे से मुंह में लिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उसने कुछ टाइम मुंह में लेने के बाद निकाल दिया और बोली- जीजू, मेरा मुंह दुख रहा है. बहुत मोटा है.
अब मैंने उसको सीधा किया और उसके बूब्स को चूसने लगा.
करीब 10 मिनट तक उसके बूब्स पीने के बाद मैंने उसकी चूत को थोड़ा खोला तो उसकी चूत में बिल्कुल भी जगह नहीं थी, बिल्कुल बंद चूत … सफेद चिट्टी बहुत छोटी सी … देख कर कितना मजा आ रहा था, मैं उसको बयां नहीं कर सकता.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, अतः मैंने धीरे से उसकी टांगों को खोला और अपने लंड के सुपारी को उसकी चूत पर सटा दिया. मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाकर उसकी चूत पर लाकर अंदर करना चाहा तो मेरा लंड अंदर नहीं जा सका, चूत बहुत टाइट थी और वह उछल पड़ी. मैंने दो तीन बार प्रयास किया लेकिन मेरा लंड नीरू की चूत में नहीं घुस पा रहा था और वह घबराहट के मारे बार-बार उछल रही थी.
काफी देर प्रयास करने के बाद जब मुझे सफलता नहीं मिली तो मैंने उसकी चूत को दोबारा से चाटना शुरू किया कि वह गर्म हो जाए तो शायद उछल कूद बंद कर दे.
कुछ देर तक उसकी चूत चूसने के बाद वह सिसकारियां भरने लगी और पूरी गर्म हो गई. मैंने फिर अपने लंड को साली की चूत में डालना चाहा तो वह मारे डर के अंदर नहीं जाने दे रही थी.
तभी मैंने अपनी पत्नी को आवाज लगाई. मेरी आवाज लगाते ही पत्नी तुरंत कमरे में आ गई और वहाँ हम दोनों जीजू साली को पूरी नंगी हालत में देख कर मेरी पत्नी ने कहा- ओ माय गॉड …
कहानी जारी रहेगी.
आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है? मुझे मेल करके जरूर बताएं.
[email protected]
कहानी का अगला भाग: गांव की रिश्ते की साली को चोदा-2
What did you think of this story??
Comments